आप हमें आवाज़ दें, हम आपकी आवाज़ बनेंगें,उठें जागें और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करें।
"" कुफ़्र की हकुमत चल सकती है लेकिन ज़ुल्म की नहीं ""
।। बिना चिंगारी के आग नहीं लग सकती ।।
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सोमवार, दिसंबर 28, 2015
उदास लम्हें
आज मैं काफी उदास हूँ क्योंकि मेरा सबसे छोटा लड़का मो अरसलान पिछले सात दिनों से बीमार चल रहाहै ।
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