"कौन कहता है कि अश्मा में सुराग हो नहीं सकता,
एक पत्थर तो तबियत से ऊछालों यारों ।।"
कुछ ऐसा ही किया है सीवान के हसनपुरा प्रखंड के शेखपुरा निवासी मीर मोहम्मद के पुत्र मुजफ्फर इलियास ने...
सीवान के इस लाडले ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है जो अंधा व दिव्यांग जिसका हाथ नही है वह भी कंप्यूटर आसानी से चला सकते हैं, मुजफ्फर इलियास वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी के बी-टेक फाइनल इयर के छात्र है, दिव्यांगो व अंधे के लिए भवाईस शाफ्ट वेयर
बनाकर एक मिशाल कायम की है, या यू कहे कि दिव्यांगो व अंधे के लिये अनमोल तोहफा पेश किया है, इलियास ने दिव्यांगो के लिए विशेष सॉफ्टवेयर का निर्माण करने के बाद कहा है इस शाफ्ट वेयर से अंधे और हाथों से दिव्यांग भी कंप्यूटर को बोल कर ऑपरेट कर सकेंगे , हालांकि इलियास ने इस सॉफ्टवेयर का कोई नाम नही दिया हैं, वही मुजफ्फर इलियास का पिता मीर मोहम्मद सलाउद्दीन पेशे से ट्रक ड्राईवर है और उन्होंने बेटे की प्रतिभा को देखते हुए उसे उच्च शिक्षा दिलाने में भरपूर सहयोग किया, तीन भाई बहन के बीच के मुजफ्फर इलियास जनपत श्री वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी में बी-टेक के छात्र है,बड़ी बहन राशिदा खातून की शादी हो चुकी जबकि छोटा भाई रेहान राजा अभी पढ़ाई कर रहा हैं, मुजफ्फर इलियास बी-टेक मकैनिकल से के रहे कंप्यूटर से उनका वास्ता भी नही है ,लेकिन दिव्यांग लोगो की परेशानी देखते हुए उनके लिए विशेष सॉफ्टवेयर बनाने में सफलता हासिल की हैं,इस काम में उनके गुरु जानो ने भरपूर सहयोग किया श्री इलियास ने बताया की जो आदमी देख भी नही सकता है वह आसानी से कंप्यूटर चला सकता हैं, जिन लोगो के हाथ नही है वह भी किसी कीबोर्ड और माउस के बगैर कंप्यूटर चला सकते है,वही विश्वविधालय परबंधन ने भी हर संभव मदद का एलान किया हैं, इलियास के इस बड़ी उपलब्धि पर सीवान के कई प्रबुद्ध लोगो ने बधाई दे ते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है । मुजफ्फर इलियास को बधाई ।
आप हमें आवाज़ दें, हम आपकी आवाज़ बनेंगें,उठें जागें और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करें। "" कुफ़्र की हकुमत चल सकती है लेकिन ज़ुल्म की नहीं "" ।। बिना चिंगारी के आग नहीं लग सकती ।।
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