पेयजल समस्या से जूझ रहे बिहार को बचाने के लिए सीतामढ़ी के डीएम ने बल दिया है. उनके मेहनत और कार्यउर्जा के बदौलत उन्होंने एक दिन में जिले भर में 2168 सोख्ते (शोक पिट) का निर्माण कर एक रिकॉर्ड बनाया है जो की सराहनीय है. आज देश के कई इलाके सूखे के संकट से जूझ रहे है यहाँ तक की पीने तक का पानी आसानी से नहीं मिल रहा है ऐसे में बिहार के सीतामढ़ी जिले में जल संरक्षण को लेकर जिलाधिकारी ने एक अनूठी पहल की है.

महाराष्ट्र के लातूर जिले में आए जलसंकट को देखते हुए सीतीमढ़ी जिला के जिलाधिकारी ने यह बड़ा कदम उठाया है जिसकी चारों तरफ इसकी सराहना हो रही है. 21 अप्रैल को सीतामढ़ी जिले में जिला प्रशासन, जिला जल व स्वच्छता समिति और यूनिसेफ बिहार की मदद से एक साथ जिले भर में 2168 सोक पिट (सोख्ता) का निर्माण कराया गया. इस पहल के अंतर्गत जिले के सभी सरकारी स्कूलों, मदरसों, निजी स्कूलों, आंगनबाडियों, स्वास्थ्य केंद्रों, थानों और प्रखंड कार्यालयों को शामिल किया गया.
समय से पूर्व किये गये इस काम से सीतामढ़ी को तो बहुत राहत मिलेगी. इस योजना में जिले भर में 2168 जगहों पर चापाकल और नलों के पास सोख्ते के निर्माण करवाने की योजना बनाई, जिसके लिए यूनिसेफ के तरफ से तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया. इन शोक पिटों के निर्माण से गंदगी के कारण फैलने वाले रोगों पर भी अंकुश लगेगा तथा पानी के लेवल में भी सुधार होगा.
तिरहुत कमिश्नरी के कमिश्नर अतुल प्रसाद ने इस कार्य का पूरा श्रेय जिलाधिकारी को जाता है. उनके अर्जावान कार्यक्षमता के बदौलत आज सीतामढ़ी जिला ने बिहार ही नहीं देशभर को जल संरक्षण के लिए मार्ग प्रशस्त किया है. क्योंकि यह एक ऐसा प्रयास है जिससे कि कम लागत में बड़े पैमाने पर जल का संचय किया जा सके.
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