आप हमें आवाज़ दें, हम आपकी आवाज़ बनेंगें,उठें जागें और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करें। "" कुफ़्र की हकुमत चल सकती है लेकिन ज़ुल्म की नहीं "" ।। बिना चिंगारी के आग नहीं लग सकती ।।
शनिवार, नवंबर 11, 2017
करोड़ों की राशि ख़ज़ाने में आ सकती है अगर
करोड़ों की राशि सरकारी ख़ज़ाने में आ सकती है अगर सरकार सक्रिय हो। मध्याह्न भोजन योजना शिक्षा विभाग का गठन से पहले मध्याह्न योजना का संचालन बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के ही अधीन हुआ करता था सम्पूर्ण बिहार में शिक्षा गारंटी योजना, योजनान्तर्ग बिहार शिक्षा परियोजना परिषद(सर्व शिक्षा अभियान) के द्वारा लोक शिक्षण केन्द्र का संचालन किया गया था केन्द्र पर पढ़ने वाले बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध हो इस के लिए सरकार ने मध्याह्न भोजन के संचालन के लिए प्रत्येक केन्द्र के हिसाब से प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से ग्राम पंचायतों को बर्तनों की खरीदारी और MDM के संचालन हेतु राशि उपलब्ध करवाई गई थी।लोक शिक्षण केन्द्र का संचालन ग्राम पंचायतों के अधीन था परन्तु सम्पूर्ण बिहार में किसी भी लोक शिक्षण केंद्र पर MDM का संचालन नही हुआ था और वह करोड़ों की राशि आज भी ग्राम पंचायतों के खाते में पड़ी हुई है अगर सरकार ग्राम पंचायतों से वह राशि सूद समेत वापस ले लेती है तो करोड़ों की राशि ख़ज़ाने में आ जाएगी।
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