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शुक्रवार, फ़रवरी 23, 2018

तालिमी मरकज़ में नियोजित मुस्लिम समुदाय के सामान्य कोटि के स्वयं सेवक को हटाया जाना उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग बिहार के संकल्प का उल्लंघन है - मोहम्मद कमरे आलम

तालिमी मरकज़ में नियोजित मुस्लिम समुदाय के सामान्य कोटि के स्वयं सेवक को हटाया जाना उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग बिहार के संकल्प का उल्लंघन है - मोहम्मद कमरे आलम
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मोहम्मद कमरे आलमने कहा है कि तालिमी मरकज़ में नियोजित मुस्लिम समुदाय के सामान्य कोटि के स्वयं सेवक को हटाया जाना उच्च जातियों के विकास के लिए राज्य आयोग बिहार के संकल्प का उल्लंघन है। मोहम्मद कमरे आलम ने कहा है कि उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग बिहार के संकल्प के मुख्य विंदू "2" शिक्षा के अवसर में स्पष्ट है कि उच्च जाति के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग सरकार के विद्यालय ,चर्चा केंद्र, प्रयास केंद्र, मकतब मदरसा ,नवाचारी केंद्र, तालिमी मरकज़ का लाभ ले सकते हैं।वहीं निदेशक जन शिक्षा शिक्षा विभाग बिहार पटना द्वारा 30 जनवरी 2018 को आहूत राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता को निर्देशित किया गया है कि अगर तालिमी मरकज़ में अगर मुस्लिम समुदाय के सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवक बहाल हो गए हैं तो उनसे स्पष्टीकरण की माँग करते हुए चयन मुक्त कर रिपोर्ट राज्य कार्यालय को दें ।निदेशक के निर्देश का अनुपालन साक्षरता के डी पी ओ द्वारा शुरु कर दिया गया है और मुस्लिम समुदाय के सामान्य कोटि के स्वयं सेवक से स्पष्टीकरण की माँग कर चयन मुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।मालूम हो की तालिमी मरकज़ का आगाज़ बिहार के सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2008 में नीतीश कुमार की सरकार ने शुरू किया था ।

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