प्रखण्ड परिहार का विकास कैसे होगा

परिहार प्रखण्ड का विकास कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
1. शिक्षा: शिक्षा का विकास, जिसमें स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों की स्थापना और सुधार।
2. स्वास्थ्य: स्वास्थ्य सेवाओं का विकास, जिसमें अस्पताल, क्लिनिक और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना।
3. बुनियादी ढांचा: सड़कें, पुल, बिजली, पानी और संचार की सुविधाओं का विकास।
4. आर्थिक विकास: उद्योग, व्यापार और रोजगार के अवसरों का विकास।
5. सामाजिक विकास: सामाजिक सेवाओं, जैसे कि महिला और बाल विकास, वृद्धावस्था पेंशन आदि का विकास।
6. कृषि विकास: कृषि उत्पादन, बीज, उर्वरक और कृषि शिक्षा का विकास।
7. पर्यावरण विकास: पर्यावरण संरक्षण, वनस्पति और जीव-जन्तुओं का संरक्षण।

इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

1. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना।
2. स्थानीय स्तर पर सामुदायिक भागीदारी।
3. गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की सहायता।
4. निजी क्षेत्र की भागीदारी।
5. स्थानीय स्तर पर नेतृत्व और प्रबंधन का विकास।

Parihar Block के विकास के लिए एक विस्तृत योजना बनाना आवश्यक है, जिसमें स्थानीय समुदाय की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखा जाए।
" विजय कुमार के अनुसार प्रखण्ड परिहार के विकास के लिए निम्न कार्य किए जा सकते हैं :-
             परिहार का विकास के लिए यह सभी बहुत सुन्दर विचार है। नदी के पार नरगां को प्रखंड, थाना, बिजली का पावर ग्रिड स्टेशन, परवाहा-लालबंदी ,परिहार-भुतही पथ का स्टेट हाइवे ,दोस्तिया वाया नरगां-मलाही -खैरवा होते हुए मनपौर सड़क का लोकनिर्माण विभाग के जरिए निर्माण कार्य तथा परिहार को अनुमंडल का दर्जा देने पी एच सी परिहार, मचपकौनी को रेफरल तथा ए पी एच सी नरगां को पी एच सी बनाने, गांधी उच्च विद्यालय को डिग्री काॅलेज में उत्क्रमित करने तथा अधवारा समूह की नदियों का एकीकरण कर उसके दोनो ओर तटबंध बनाकर उसपर एक जलाशय (डैम) से विद्युत पैदा करने से विकास अवश्य होगा। 

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