शुक्रवार, दिसंबर 16, 2016

परिहार के पुराने पैक्स गोदाम की लकड़ी गायब करने का आरोप

परिहार उत्तरी पैक्स के सदस्यों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी परिहार से परिहार उत्तरी पैक्स अध्यक्ष और तत्कालीन अध्यक्ष(सम्प्रति परिहार पैक्स)पर लाखों रुपए के लकड़ी को गायब कर देने का आरोप लगाया है।सदस्यों ने कहा है कि परिहार उतरी पैकस के पुराने गोदाम को तोड कर लाखो रुपया का सखुआ का लकडी ,ईंट इत्यादि को वर्तमान अध्यझ और उनके भाइ तत्कालीन अध्यक्ष अजीम आलम ने  गायब कर दिया।
            

Daily chingari चिंगारी چنگاری: बिहार में बदतर शिक्षा का दोषी कौन ?

Daily chingari चिंगारी چنگاری: बिहार में बदतर शिक्षा का दोषी कौन ?

मर्द और औरत के बीच की ग़ैर बराबरी ख़त्म होनी चाहिए

मेहजबीन

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"दुश्मन न करे दोस्त ने ये काम किया है। 
उम्र भर का ग़म हमें ईनाम दिया है" 

शाम को बीवी का हंसता मुस्कुराता चेहरा  दिन भर की थकान से, शौहर को हस्सास बशास कर देता है। क्या यही बात शौहर पर लागू नहीं होनी चाहिए, क्या सिर्फ दिन भर शौहर ही काम करता है ?मेहनत करता है ?बीवी कुछ भी नहीं करती ? बल्कि वो तो घर के अंदर - बाहर, सास - ससुर, बच्चों की देखभाल भी करती है दिन भर, और फिर रात को भी खटती है, सुबह बिस्तर से उठकर फिर रात को बिस्तर पर जाकर ही, फुर्सत मिलती है। अगर बीवी के मुस्कुराते चेहरे को देखकर शौहर को सकून व आराम मिलता है तो, फिर बीवी भी तो आराम और सकून की तलबग़ार है, वो भी तो किसी की मुस्कान देखना चाहती है, होता यह है कि दिनभर बाहर, दफ्तर बस, मेट्रो, कामकाज़  सहकर्मियों के साथ हुई तू - तू, में - में की भड़ास मर्द घर आकर अपनी औरतों पर उतारते हैं, यानी उसी औरत की मुस्कान से अपनी थकान भी दूर करनी है, और उसी को गालियाँ सुनाकर अपनी दबी हुई भड़ास भी निकालनी है। ऐसे में पति के घर आते ही गालियाँ सुनने के बाद, बुरा भला सुनने के बाद, वो औरत कैसे मुस्कुराएगी ? किस मन से मुस्कुराएगी? शौहर के पैरों के नीचे जन्नत है, और उस जन्नत को पाने के लिए, हंसने की ऐक्टिंग ही तो करेगी बेचारी, असली हंसी तो नहीं हंसेगी न। कुछ घरों में शायद ऐसा न होता हो, जहाँ पति - पत्नी एक दूसरे को बराबर का दर्ज़ा देते हों, समझते हों, मुहब्बत करते हों, सुलझे हुए हों,एक दूसरे को अहमियत देते हों, मगर ज़्यादा तर घरों में तो ग़ैरबराबरी ही होती है। 

बीवी हमेशा जी हुज़ुरी में रहे, शौहर के लिए सजे संवरे, मुस्कुराती रहे और शौहर तानाशाह की तरह उसे सिर्फ अपनी ज़रूरत पुरी करने का ज़रिया ही समझे। इंसान नहीं समझे, अल्लाह की मख़लूक़ नहीं, हमसफर नहीं, दोस्त नहीं। शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी पुरुषों के अंदर से पुरुषवादी मानसिकता समाप्त नहीं हुई। वो सिर्फ पैसा कमाने की मशीन ही बने, ऐसे ही महिलाएं भी शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी, सिर्फ पैसा ही जुटा सकी हैं, मध्यकालीन सोच से उन्हें राहत नहीं मिल सकी है। सास - बहू, ननद - भाभी, देवरानी-जेठानी की सियासत उनपर आज भी हावी है, औरत ही औरत की दुश्मन बनी हुई है, फिर पुरुषों से संवेदना कहां से मिले? 

उर्दू साहित्य की  रचनाकार इस्मत चुग्तई जी की कहानी 'छुईमुई'(टच मी नॉट )  भी कुछ ऐसे ही विषय पर लिखी गई है। कि औरत सिर्फ शोहर के सकून आराम के लिए है, उसके मनोरंजन के लिए, उसकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए, और उसके ख़नदान को वारिस देने के लिए है, सिर्फ बच्चे पैदा करने की मशीन है। और इन सब ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उसे कुछ भी करना पड़े, चाहे जितने भी दु:ख झेलने पड़े, और इन सब दु:ख तक़लीफों में उसे सजे- संवरे भी रहना है, मुस्कुराते भी रहना है, अपनी परेशानी को ज़याहिर नहीं करना है, चेहरे पर मनहूसियत नहीं लानी, चाहे जो कुछ भी हो जाए, चेहरा दमकता - चमकता रहना चाहिए, और बच्चे पैदा करने के लिए सदाबहार बने रहना चाहिए। यही है औरत की दुनिया, और जन्नत। उसकी अपनी कोई ज़रूरत नहीं, खुशी नहीं, सोच नहीं, वज़ूद नहीं? शादी से पहले भाईयों के लिए क़ुर्बानियां देती रहे, लिंगभेद की मार झेलती रहे, और शादी के बाद शोहर के पुरे परिवार के झंडे के निचे रहे। और सिर्फ शोहर की खुशी के लिए जिये, और ऐसे ही एक दिन अपनी सारी आरज़ूएं दिल में लिए क़ब्र में चली जाए। एक थी शबनम एक थी पूनम, दोनों  यूं ही मर गई, ख़त्म कहानी।

"अल्लाह अल्लाह ख़ैर सल्लाह" 

तीन तलाक़ के विषय पर बहस हो रही है.... आजकल, कितनी भी बहस हो ले, इस मसले पर, तानाशाही हकूमत में कोई फर्क़ पड़ने वाला नहीं है..... लानत है उन तानाशाहों पर, कि जिन्होंने हर वक्त उनकी जीहूजीरी में, मातहती में गुज़ारा है, और उन्होंने एक झटके में तलाक़ तलाक़ तलाक़ कहकर फैसला सुना दिया.... अल्लाह तआला का अर्शे अज़ीम हिला दिया..... एक लफ्ज़ का जब चाहे ग़लत इस्तेमाल कर लिया, लानत है ऐसे दकियानूसी, पुरुषवादी मानसिकता पर....... ऐसे लानत याफ्ता तानाशाहों के निकाह के अंदर रहें, या बाहर.... फज़ीहत तो होनी ही है, औरत की... निकाह के अंदर हैं तो, सिर पर मुसल्लद तानाशाह जीने नहीं देता.... और निकाह के बाहर रहो तो, लोग और परिवार वाले, अपने खून के ही रिश्ते, जीना दुश्वार कर देते हैं....

तलाक़ कहां जायज़ है, और कहां नाजायज़ है सबसे पहले यह समझने की ज़रूरत है, तलाक़ केवल मर्द ही नहीं दे सकते हैं, ज़रूरत पड़ने पर, औरतें भी ले सकती हैं, यदि किन्हीं कारणों से औरत अपने शोहर से खुश नहीं है, जुल्म सहती है, दबाई जाती है, मानसिक, शारीरिक, आर्थिक तकलीफों से गुजरती है, उसके साथ परिवार (ससुराल ) में ग़ैरबराबरी होती है, तो औरत भी तलाक़ ले सकती है, उसके माता-पिता, भाई-बहन  को जबरदस्ती रिश्ता निभाने के लिए मज़बूर नहीं करना चाहिए। और खुला लेने की इजाज़त देनी, चाहिए उसे मानसिक, आर्थिक, शारीरिक सपोर्ट करना चाहिए। लेकिन अफसोस माँ-बाप, भाई - भाभी  उसे उसी नर्क में धकेल देते हैं सिसक- सिसक के मरने के लिए। तलाक़ देने लेने का हक़ मर्द और औरत को बराबर है, इस्लाम में। लेकिन समाज - परिवार में फैली ग़ैरबराबरी के कारण होता यह है कि मर्द तो बीवियों की छोटी-छोटी सी ख़ताओं के लिए, अपनी जरूरतों के लिए तलाक़ दे देते हैं, अपनी बीवियों को। और  औरत का कोई सहारा नहीं वो एक छत के नीचे रहने के लिए, शोहर की और उसके परिवार की जादतीयों को सहती रहती है, क्योंकि ऐसी स्थिति में उसके मायके वाले भी साथ छोड़ देते हैं। आज अत्याधुनिक - डीजीटेल होने के बाद भी लोग, सड़ी गली मानसिकताओं को ढो रहे हैं। मौलाना तारीक़ जमील का ब्यान इस तरह की समस्याओं पर बहुत सटीक है, तलाक़ जैसे मसलों पर और मर्द - औरत के हक़ूक़ जैसे मसलों में, ग़ैरबराबरी दूर करने की ज़रूरत है। कुर्आन को पढ़ने से ज्यादा समझने की ज़रूरत है, अगर सही तफसीर (व्याख्या ) को समझकर उसपर अम्ल किया जाए तो, बहुत कुछ अच्छा हो सकता है, लेकिन अफसोस  ज्यादातर मुसलमान अर्बी भाषा की रीडिंग ही कर रहे हैं, अर्थ को मंतव्य को समझने की कोशिश नहीं करते हैं।

       मेहजबीं
( ये लेखक की अपनी राय है  )

गुरुवार, दिसंबर 15, 2016

बिहार में बदतर शिक्षा का दोषी कौन ?

1.शिक्षक
2.छात्र
3.अभिभावक
4.सरकार की नीति
5.पदाधिकारी
           अपनी बेबाक राय पूर्ण विवरण के साथ दें।

बी डी ओ परिहार पर विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए -राकेश कुमार सिंह

एक्शन फ़ॉर जीरो टॉलरेंस के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने अखबारी बयान जारी कर बी डी ओ परिहार निरंजन कुमार पर विभागीय कार्यवाही की मांग जिला प्रशासन से की है उन्होंने कहा कि नरगां पैक्स चुनाव में बी डी ओ के स्तर से अनियमितता बरती गई थी जिस में जाँच पदाधिकारी ने दोषी पाया था।उक्त पैक्स चुनाव में बरती गई अनियमितता की शिकायत जिला पदाधिकारी सीतामढ़ी से की गई थी जिला पदाधिकारी के आदेश पर तीन सदस्यी टीम ने जाँच किया था जिस का नेतृत्त्व ए डी एम हरि शंकर राम ने किया था और दो पदाधिकारियों बी सी ओ ,बी डी ओ परिहार निरंजन कुमार को दोषी पाया और दोनों पदाधिकारियों पर प्रपत्र' क'गठित कर विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा की गई थी जिस में बी सी ओ परिहार पर प्रपत्र क गठित कर कार्यवाही तो की जा रही है वहीँ पर बी डी ओ परिहार पर प्रपत्र क गठन की कार्रवाई लम्बित है।

बुधवार, दिसंबर 14, 2016

3 शिक्षकों के जिम्मे 616 बच्चों के पढाई की ज़िम्मेदारी

मोहम्मद राशिद

बिहार

वो दोपहर लगभग 12 बजे का समय था जब मैं स्कूल के पास पहुँचा। जैसे जैसे स्कूल की तरफ बढ़ रहा था स्कूल की दयनीय स्थिति साफ होती जा रही थी। कुछ आगे बढ़ने पर गाय- भैंस के दर्शन भी हो गए जो स्कूल परिसर में ही बंधी थी और बार बार आवाज पर आवाज लगा रही थी। क्या मालुम स्कूल के बच्चो को बुला रही थी या शिक्षको को, तभी अचानक स्कूल के बोर्ड पर नजर पड़ी जहां लिखा था“उत्क्रमित मध्य विद्धालय कुशैल”।

ये बिहार के जिला सीतामढ़ी मुख्यालाय से लगभग 31किलोमीटर दूर पूरब में पुपरी अंचल के भिट्ठा धरमपुर पंचायत के कुशैल गांव के वार्ड नंबर 14 में स्थित है। लगभग 6 कट्ठे में फैले दो मंजिल विशाल इमारत को देख कर ही लग रहा था कि यहां सब कुछ विशेष होगा। इसी विशेषता को जानने की उत्सुकता लेकर विद्धालय में प्रवेश किया। सबसे पहले मेरी मुलाकात विद्धालय की प्रधान अध्यापक श्रीमती मंजू कुमारी से हुई। विद्धालय की जानकारी लेते हुए मैंने पुछा विद्धालय की हालत ऐसी क्यों दिख रही है। क्या आप लोगो को इससे परेशानी नहो होती?थोड़े गुस्से और थोड़ी विनम्रता के साथ उन्होने जवाब दिया “वो तो होगी ही आप ही देखिये विद्धालय के चारो ओर दिवार नही है। इसका अपना रास्ता भी नही है जिससे बारिश के मौसम में हमलोगों को आने जाने में बहुत दिक्कत होती है। 616 बच्चों पर सिर्फ दो चापाकल लगा हैं जिसमें से एक खराब है। 7 कमरे हैं एक कमरे को हम ऑफिस की तरह इस्तेमाल करते हैं”। स्कूल का अपना ऑफिस नही है क्या?पुछने पर मंजू कुमारी कहती हैं“होता तो हम ऐसा क्यों करते”। अच्छा कितने शिक्षक हैं यहां।“सिर्फ तीन एक मैं, दुसरे शिक्षक श्री राजेश दास जो आजकल अपनी ड्यूटी बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) के कार्य़ालय में दे रहे हैं। जबकि तीसरी शिक्षिका शीला कुमारी आज नही आई हैं”। मंजु कुमारी ने जवाब दिया।

बच्चें 616 और शिक्षक सिर्फ तीन?चौंक कर मैने ये सवाल किया।“नही नही रोज सारे बच्चे थोड़े आते है कम ज्यादा तो होते ही रहता है”। घबराते हुए मंजु कुमारी ने कहा।

तब भी बच्चों को संभालना मुश्किल तो होता होगा? पुछने पर बताया हां ऑफिस से जब लोग आए थें तो बोले थें कि और शिक्षक सब आएगा लेकिन अभी तक कोई आया नही ता हम का करें। जब भी बीईओ के ऑफिस से कोई आता है तब हम सारी समस्याओं को बताते हैं लेकिन कोई कुछ कर ही नही रहा है। ओह और बच्चों का वजन और लंबाई तो बराबर चेक होता होगा ? “हां हर तीन महिने पर तौल लेते हैं अब सभी काम का हम हीं लोग करेंगें”।       

फिर स्कूल की वास्तविक स्थिति जानने के लिए कुछ बच्चों से बात की। जब चौथी कक्षा के सुनील कुमार से पुछा कि “आज कौन सा दिन है” तो वो गुरुवार को शनिवार कह रहा था। दुसरे छात्र ईद मुबारक हुसैन ने बताया कि “यहां पर पढ़ाई ठिक से नही होती है। हमलोगो का अलग अलग क्लास रुम नही है। जो स्कूल नही आता है उसकी भी हाजिरी बन  जाती है”।  

सांतवी मे पढ़ने वाले सतीश कुमार कहता है “स्कूल मे पहले तीन शिक्षक थें अब दो ही हैं शिक्षक की कमी के कारण सब बच्चों को किसी तरह दो ही क्लास मे पढ़ाया जाता है। इससे हमें बहुत परेशानी होती है। बाकी की कमरा खाली पड़ा है। जिसमें गंदगी के सिवा कुछ भी नही है।  विद्धालय परिसर में बहुत कुड़ा कचरा पड़ा रहता है। विद्धालय के चारो ओर दिवार भी नही है जिस कारण सुरक्षा तो दूर की बात है आस-पास के लोग गाय- भैंस को लाकर विद्धालय परिसर में बांध देते हैं, और गंदगी होती है”।

सांतवी कक्षा मे पढ़ने वाली करिशमा कुमारी जिसकी उम्र 14 वर्ष है कहती हैं “यहां लड़कियों के लिए अलग से शौचालय नही है। हमें बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। एक ही शौचालय है लेकिन उसमें पानी ले जाने के लिए न तो बाल्टी है न ही मटका। शौचालय से आने के बाद हाथ धोने के लिए साबुन भी नही है”।

 13 वर्ष के पप्पु ने बताया  “स्कूल में बिजली है, सब कमरें में वाईरिंग भी है लेकिन सिर्फ ऑफिस मे पंखा और बल्ब लगा हुआ है।“

मधु कुमारी कक्षा आठ की छात्रा उम्र 14 वर्ष कहती है “मैडम छोटे बच्चों को तो पढ़ाती ही नही और बड़े बच्चों को थोड़ा बहुत पढ़ाती है होम वर्क देने के बाद 6-7 दिनों के बाद ही चेक करती है। रोज रोज नही करती”।

विद्धार्थी संजीव कुमार ने बताया"दो वर्षो में मुश्किल से हमलोगो का वजन तौला जाता है। विनोद, रिंकु-कुमारी ने भी यही बताया कि“वजन सही से नही तौला जाता। रिंकु ने ये भी कहा कि "हम लोगो को मिड डे मिल रुटीन के हिसाब से नही मिलता है। जिस जिन दाल, चावल, सब्जी बनाना होता है उस दिन चोखा खीचरी बनता है। और खाना भी भर पेट नही दिया जाता है। दाल भी बहुत पतली होती है जो खाने में अच्छा नही लगता। सब्जी भी सही से नही बनती है। चावल से कभी कभी बदबु आती है"।

उशा कुमारी चौथी की छात्रा कहती है कि “मीड डे मील सही से नही मिलता खाना अच्छा नही लगता।प्लेट इतना गंदा होता है कि हम लंच के समय घर से ही प्लेट ले आते हैं।स्कूल में साफ सफाई भी नही रहता है  बरसात के मौसम में बहुत बदबू आती है"।

पता करने पर पाया कि विद्धालय में खाना बनाने के लिए पांच रसोईयों की नियुक्ति की गई थी। जिसमें से दो रसोईयाँ ही उपस्थित थें। उन्होने कहा कि "स्कूल की हेडमास्टर स्कूल से घर चली जाती हैं और हमलोग चार बजे तक रहते हैं”।  

60 वर्ष के लक्षमण महतो कहते हैं“हमारे तीन बच्चें पढ़ने जाते हैं लेकिन पढ़ाई नही होती। 45 वर्षिय राखी देवी कहती हैं “मास्टर है ही नही है ता पढ़ाई कैसे होगा। मेरे पोते राहुल, और सुरज वहीं पढ़ने जाते हैं। और पोती कहती है कि दादी हम खुद से ही प्लेट धोते हैं”।भिट्ठा धरमपुर पंचायत के उपमुखिया राम नाथ यादव ने कहा कि “अभी शिक्षक की कमी है उसी हिसाब से पढ़ाई होती है”।

प्रधान अध्यापक  की बातें और छात्रों की बातों के बीच का अंतर ये समझने के से काफी है कि स्कूल की वास्तविक स्थिति क्या है।      यूँ तो देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉक्टर ए.पी.जे अबदुल कलाम आजाद ने सोचा था कि हमारे देश का हर एक नागरिक शिक्षित बने पर“उत्क्रमित मध्य विद्धालय कुशैल”का हाल देखकर ऐसा लगता है कि ये सपना उस समय तक पूरा नही हो सकता जबतक शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ा हर एक व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार न बन जाए। (चरखा फीचर्स)

पटना हाई कोर्ट ने दिया टीईटी शिक्षकों के पक्ष में फैसला

माननीय हाइकोर्ट ने दिया बिहार के सभी डीईओ को निजी कॉलेज से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों को सवैतनिक अवकाश व बकाया वेतन देने का आदेश
~प्रदेश सचिव आनंद जी ने जीत का श्रेय जमुई, बांका के सभी 75 याचिकाकर्ताओं व बिहार के समस्त शिक्षकों को दिया है।
~न्याय देने के लिए प्रदेश सचिव ने माननीय हाइकोर्ट के प्रति जताया आभार, कोर्ट के निर्णय पर जताया पूर्ण आस्था
~ बिहार के सभी टीईटी शिक्षक के सवैतनिक अवकाश को रद्द करने के खिलाफ सबसे पहले मुकदमा दायर कर पूरे बिहार में माननीय न्यायालय से सवैतनिक अवकाश वेतन सहित लागु करवाने का आदेश आज दिलवा दिया, बिहार सरकार की हुई हार।

आज दिनांक 14 दिसम्बर 2016 को माननीय हाईकोर्ट में सवैतनिक अवकाश रद्द करने के मामले में जमुई डीईओ व सरकार के खिलाफ वरीय अधिवक्ता श्री पी के शाही व अधिवक्ता श्री मृत्युंजय कुमार के द्वारा किया गया जोरदार बहस के बाद बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव भाई आनंद कौशल जी के नेतृत्व में दायर याचिका CWJC 16775/2016 उत्तम कुमार & 75 शिक्षक में सफलता पूर्वक जीत हासिल हो गई है । जमुई डीईओ के सवैतनिक अवकाश को रद्द करने वाली पत्र को बिहार के सभी शिक्षकों की दुआ से माननीय न्यायमूर्ति ए के त्रिपाठी जी ने रद्द करते हुए निजी कॉलेज से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी टीईटी शिक्षक सवैतनिक अवकाश देने का आदेश बिहार सरकार दिया है । जो BPNPSS के द्वारा बिहार के सभी टीईटी शिक्षक के लिए अथक प्रयास कर नए साल 2017 के पूर्व दिया गया शानदार गिफ्ट है और सरकार को शिक्षक विरोधी नीति के खिलाफ आरपार के लड़ाई का शंखनाद है ।
BPNPSS संघ ने जीत लिया टीईटी शिक्षकों के पक्ष में मुकदमा
प्रदेश सचिव आनंद जी ने जीत का श्रेय जमुई, बांका के सभी 75 याचिकाकर्ताओं व बिहार के समस्त शिक्षकों को दिया है।
साथ ही न्याय देने के लिए प्रदेश सचिव ने माननीय हाइकोर्ट के प्रति जताया आभार, कोर्ट के निर्णय पर जताया पूर्ण आस्था ।

सोमवार, दिसंबर 12, 2016

फौकानिया और मौलवी के परीक्षा फॉर्म भरने की तारिक़ में विस्तार

बिहार राज्य मदरसा बोर्ड ने नोट बन्दी से छात्रों को हो रही परेशानी को देखते हुए फौकानिया और मौलवी के परीक्षा फॉर्म भरने की तारिक़ में विस्तार कर विना लेट फाइन के 24 दिसम्बर और फाइन के साथ 30 दिसम्बर 2016 कर दिया है इस से पूर्व भी फॉर्म भरने की तिथि में विस्तार किया गया था। मालूम हो की एक्शन फ़ॉर जीरो टॉलरेंस के महा सचिव मो●कमरे आलम ने तिथि विस्तार की मांग चेयरमैन मदरसा बोर्ड बिहार से की थी।

रविवार, दिसंबर 11, 2016

15 दिसम्बर तक सीतामढ़ी के सभी सरकारी ग़ैर सरकारी स्कूलों में पठन पाठन रहेंगे बन्द

जिला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी ने ज्ञापाक 2634 दिनांक12/12/2016 जारी कर सीतामढ़ी के सभी सरकारी ग़ैर सरकारी स्कूलों में पठन पाठन शीत लहर को देखते हुए स्थगित रखने का आदेश 15 दिसम्बर तक दिया  है।ठण्ड को देखते हुए 9/10/11/13 दिसम्बर को भी शिक्षण कार्य स्थगित किया गया था। जिला पदाधिकारी के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी  ने 1से 8 तक के सभी विद्यालयों में शिक्षण कार्य बंद किया गया है,परन्तु सभी शिक्षक शिक्षिका विद्यालय में हाज़िर रहकर सरकार को भेजे जाने वाले प्रतिवेदन तथा सर्व शिक्षा अभियान की गतिविधियों उपयोगिता प्रमाण पत्र तैयार करेंगे।

गुरुवार, दिसंबर 08, 2016

सामाजिक सुरक्षा पेन्शन भोगियों की परेशानियों को अतिशीघ्र हल किया जाए -मोहम्मद सऊद आलम

नोट बन्दी के कारण केंद्र सरकार व राज्य सरकार से वृद्धावस्था पेंशन/लक्ष्मी बाई पेंशन/इंद्रावस्था पेंशन भोगियों को राशि हासिल करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है मालूम हो की उक्त कल्याणकारी योजनायों की राशि पेन्शन भोगियों के बैंक अकाउंट में भेज दिया गया है मगर पेंशन भोगियों को राशि मिल नही रहा है एक्शन फ़ॉर जीरो टॉलरेंस के संयोजक मोहम्मद सऊद आलम ने प्रेस वार्ता कर जिला प्रशासन से मांग किया है कि सभी बैंकर्स को आदेश दिया जाए कि विशेष व्यवस्था कर सबसे पहले पेंशन भोगियों को तिथि का निर्धारण कर पेंशन की राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाए क्योंकि ये पेंशन पाने वाले लोग वृद्ध हैं या अबला महिलाएं।

ठंड को देखते हुए तत्काल विद्यालय बन्द किया जाए -प्रकाश कुमार

प्रकाश कुमार जिला अध्यक्ष नगर पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संघ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी को आवेदन दे कर जिला में पड़ रहे ठण्ड को देखते हुए सभी विद्यालयों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का अनुरोध किया है उन्होंने पत्र में लिखा है सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे ग़रीब तबके के होते हैं जिन के पास कपड़े की समुचित व्यवस्था नही होती है जिस से बच्चों के सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ने का खतरा है।उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज़ में आगे लिखा है अगर आवेदन पर कार्रवाई नहीं होती है और किसी तरह की अप्रिय घटना होती है तो इस के लिए शिक्षक समुदाय और संगठन ज़िम्मेदार नहीं होगा ।

मंगलवार, दिसंबर 06, 2016

बैंक कर्मी शिक्षकों की समस्याओं का करें निराकरण- प्रकाश कुमार

प्रकाश कुमार जिला अध्यक्ष बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ ने बैंक के अधिकारी से विनम्रता पूर्वक अनुरोध किया है कि स्थापना कार्यालय से जो भी पोजेटिभ बैंक मे महीनों से पड़ा हुआ है उस पर  अबतक कोई कारवाई भवदीय स्तर से नहीं किया जा रहा है।ज्ञातव्य हो कि पोजेटिभ सूची मे भी शिक्षकों का वेतन भुगतान ही होता है।एक तो सरकार द्वारा समय पर वेतन नहीं दिया जाता है , जब वेतन आता भी है तो बैंक के द्वारा भी टालमटोल कर भुगतान किया जाता है।इस संदर्भ मे कई बार रौशन जी एवं कुशल अधिकारी सुशांत बाबू को  कहा  है। 5.12.2016 को नवंबर माह के वेतन हेतु राशि भी स्थापना कार्यालय से बैंक को भेजा जा चुका है।बावजूद अबतक पोजेटिभ अथवा वेतन भुगतान के लिए पहल नहीं किया जाना बेहद ही दुखद है साथ ही जिले के कई ब्रांच से शिकायत आ रही है की बैंक अधिकारी शिक्षकों के साथ अमर्यादित व्यवहार कर रहे हैं।छेत्रीय अधिकारी से आग्रह है कि सभी बैंक के मैनेजर के साथ बैठक कर शिक्षकों को सम्मानित करने का पाठ पढाएं।उपरोक्त समस्याओं का निराकरण हेतु यदि पहल नहीं किया जाता है तो संगठन बाध्य होकर शिक्षक हित के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के माध्यम से निराकरण करेगा।जिसकी सारी जबावदेही बैंक अधिकारियों की होगी।

शुक्रवार, दिसंबर 02, 2016

नोट बन्दी के 24 दिनों बाद भी आम लोगों की समस्या बरक़रार

नोट बन्दी के 24 दिनों बाद भी आम लोगों की समस्या बरक़रार है।नोट बन्दी का प्रभाव सबसे ज्यादा आम लोगों पर पड़ रहा है आम लोगों को पूरी तरह हिला कर रख दिया है नियत वेतन भोगी कर्मी के चूल्हे ठंढे पड़ने लगे हैं।

 

केंद्र सरकार के द्वारा नोट बन्दी का फैसला सही तो है लेकिन सही व्यवस्था नही होने के कारण आम जनता, खास कर ग़रीबों, दैनिक मज़दूर, नियत वेतन भोगी के जीवन को ज़्यादा बुरी तरह प्रभावित किया है और कर रहा है ऐसे लोगों का तो और बुरा हाल हो गया है जिन लोगों का बैंक खाता सहकारी बैंक और छेत्रीय बैंकों में है, उनको तो जीवन की नैय्या पार लगाना दुश्वार हो गया है।
अपनी मेहनत की कमाई भी बैंक से निकलने में मुशक़्क़त करनी पड़ रही है लोग अपनी राशि निकलने के लिए सुबह होते ही बैंक की लाइनों में खड़े हो जाते हैं उस के बाद भी ये ये तय नहीं है की उन्हें राशि मिल ही जाए।बैंक की लाइनों में आधी आबादी की लाइन भी कम नहीं होती है मगर महिला पुलिस की कोई व्वस्था नही होने के कारण दुर्व्यवहार का शिकार हो रही है पुलिस की बर्बरता, दुर्व्यवहार बैंक की लाइनों में खड़े लोगों को झेलना पड़ रहा है।

MD Qamre Alam Ekdandi parihar sitamarhi

मंगलवार, नवंबर 29, 2016

शिक्षकों के राशि भुगतान को लेकर संघ ने कड़ी आपत्ति जताई

जिलाध्यक्ष प्रकाश कुमार के साथ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक को समस्याओं से अवगत कराया गया।जिले के सभीक्ष ग्रामीण बैंक मे शिक्षकों वेतन की राशि भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा जिससे तमाम शिक्षकों मे आक्रोश व्याप्त है।जिलाध्यक्ष ने कड़े शब्दों मे क्षेत्रीय प्रबंधक को अविलंब इस संदर्भ मे ठोस पहल करने का मांग किया।जिस पर उन्होंने सकारात्मक रुख अख्तियार करते हुए कहा कि हम भी आप सभी के लिए चिंतित है ।जल्द ही सभी बैंक को राशि उपलब्ध कराया जाएगा।मौके पर परिहार प्रखंड अध्यक्ष फिरोज आलम ,परिहार प्रखंड कोषाध्यक्ष बिजय जी एंव कन्हैया जी मौजूद थे।

मंगलवार, नवंबर 15, 2016

परिहार प्रखण्ड के पाँच पंचायतो के पंचायत शिक्षको को माह अगस्त 16 का वेतन भुगतान नही

परिहार प्रखण्ड के पाँच पंचायतो के पंचायत शिक्षको को माह अगस्त 16 का वेतन भुगतान नही मिलने से शिक्षक आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं।मालूम हो कि अक्टूबर महीने में परिहार प्रखण्ड के पंचायत शिक्षको को दो महीने का अगस्त और सितंबर का वेतन भुगतान किया गया था मगर परिहार उत्तरी, लहुरिया,बाया ,धनहा, और परिहार दक्षिणी  के पंचायत शिक्षकों को सिर्फ एक महीने का ही वेतन भुगतान किया गया।राशि के अभाव में जान के लाले पड़ गए हैं
सोचनीय पहलू ये है कि आवंटन प्राप्ति के बाद भी राशि कम कैसे पड़ जाती है ?

गुरुवार, नवंबर 10, 2016

तालीमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी को नौ महीने से मानदेय भुगतान नही, भूखमरी के शिकार

सीतामढ़ी जिला में जनवरी 2016 से जुलाई 2016 तक में बहाल शिक्षा स्वयं सेवी का मान देय लंबित है, मानदेय लंबित होने से भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
निदेशक जन शिक्षा बिहार पटना से सहानुभूति पूर्वक ध्यान देते हुए लंबित मानदेय राशि विमुक्त करने का अनुरोध मो०कमरे आलम
परिहार, सीतामढ़ी, बिहार, ने ईमेल भेज कर किया है।

मंगलवार, अक्तूबर 18, 2016

झारखंड के दुमका प्रमंडल की पुलिस का गौरक्षा के नाम पर आतंक

मुसलामानों के विरुद्ध नफरत एवं अन्याय का पाठ पढने वालों के हाथों में जब हिंदुत्व के मुद्दे पर सत्ता हो तो उसकी क्रूरता एवं दबंगई को कौन रोक सकता है : यहाँ हम आपको दुमका प्रमंडल की पुलिस की गाय के नाम पर गुंडागर्दी की आँखों देखी तस्वीर पेश करते हैं (यह सच घटना पर आधारित है और मुस्तकीम सिद्दीकी के भावनाओं से जुडी है ):

एक सप्ताह पहले मिन्हाज़ अंसारी को गाय के नाम पर दुमका प्रमंडल की पुलिस ने पुलिस थाने में इतनी द्रन्द्गी , क्रूरता एवं अमानवीय तरीके से पिटती है के हॉस्पिटल में उसकी मौत हो जाती है , लेकिन दुमका प्रमंडल की पुलिस गाय के नाम पर किस तरह गुंडागर्दी कर रही है अगर इसके विरुद्ध हम आज आवाज़ नही उठाएंगे तो मिन्हाज़ अन्सारी की तरह कितनी माएं अपनी जवान बेटे को खो देगी | यहाँ हम आपको दुमका प्रमंडल की पुलिस की गाय के नाम पर गुंडागर्दी की आँखों देखी तस्वीर पेश करते हैं :

आज से लगभग डेढ़ महीने पहले 26 अगस्त 2016 को रात्री 3:45 बजे मेरा एक मित्र अख्तर हुसैन मुझे फोन करता है के आप कहाँ हों और किया कर रहे हो , चुनके मैं रात में लम्बे सफ़र से आकर थका गहरी नींद में घर पर सो रहा था, गुस्से में मैंने जवाब दिया सब्जी मंडी में बैगन खरीद रहा हूँ लेकिन उसने मेरी गुस्से भरी बातों को नज़र अंदाज़ करते हुए बड़े गंभीर होकर बोला के मैं आपके घर पर 15 मिनट में पहुँच रहाँ हों आप को पुलिस स्टेशन चलना है चुनके आपके मित्र रजा मुराद खान और कुछ साथियों को पुलिस ने गौ तस्कर के आरोप में पकड़ कर देवघर जिला (झारखंड) के सारठ थाना में बंद रखा हुआ है | इससे पहले की मैं कुछ समझ पता मुझे लगातार उनके घर वालों और रिश्तेदारों के फ़ोन आने शुरू हो गए के ऐसा कैसे हो सकता है के रजा मुराद खान गौतस्करी कराये और मैं भी बहुत अचंभित था के रजा मुराद खान ऐसा काम कर ही नही सकता है तो फिर पुलिस ने उसे क्यूँ , कहाँ और कैसे गिरफ्तार किया ,  फिर भी मैंने फ़ौरन अधिकारिक पुष्टी कर ली और जब पुलिस उपाधीक्षक से इस बारे में बात किया के आप की पुलिस ने झुटा आरोप लगा कर गिरफ्तार किया है , अत: उन्हें छोड़ दिया जाए तो पुलिस उपाधीक्षक क्रोधित होकर इस तरह फटकार लगा रहां था जैसे हम उनकी अपनी अम्मा के कातिल को छोड़वाने की बात कर रहे है| सुबह सवेरे हम पुलिस स्टेशन जा कर थाना प्रभारी को समझाने की कोशिश कर रहे थे के यह लोग गौतस्कर नहीं है लेकिन थाना प्रभारी भी अनाप सनाप तरीके से बेहूदगी पर उतर आया था और वर्दी की गर्मी को हम पर निकालने की धमकी देने लगा , हमने साफ़ साफ़ शब्दों में उन्हें संदेश दे दिया के अगर वह गलत तरीके से मुझ पर या हमारे लोगों पर किसी भी तरीके का अत्याचार करेगी या अपनी शक्ती का दुरूपयोग हमारे लोगों या मुझ पर करने की कोशिश करेंगे तो थाने पर हजारों की भीड़ इकट्ठा हो कर पुलिसिया अत्याचार एवं दबंगई को बेनकाब कर देगी और यह आन्दोलन का रूप ले लेगी |

थाना प्रभारी मेरे बातों को गंभीरता से लेते हुए बोला के हम जानते हैं के यह लोग गौतस्कर नही हैं फिर भी मुझे पुलिस उपाधीक्षक ने कुछ लोगों को गौतस्कर के नाम पर पकड़ने का आदेश दिया है , इसलिए हमारी मजबूरी है के हमें जो भी रास्ते में मिले उसे गौ तश्कर समझ कर गिरफ्तार कर लेते है |

इसी बिच इस झूटे आरोप को इतना गंभीर एवं सन्वेदनशील बना दिया गया के कुछ ही घंटों में यह संप्रादायीक रूप ले चुका था और झारखंड राज्य के कृषी मंत्री श्री रणधीर सिंह जो उसी छेत्र से आते हैं उसकी भूमिका इस झूटे बेबुनियाद मुद्दे को अशांत रूप धारण करवाने की ओर बढ़ चुका था हालांकी उसी छेत्र से चुन्ना सिंह जैसे जमीनी नेता का बहुत ही सराहनीये योगदान रहा और थाने पर जाकर खुद इस बात की पुष्टी की के रजा मुराद खान एक समाजसेवी एवं अच्छी छवी का व्यक्ती है , अत : इनलोगों को गलत तरीके से पुलिस फ़साने का षडयंत्र न रचे लेकिन मुसलामानों के विरुद्ध नफरत एवं अन्याय का पाठ पढने वालों के हाथों में जब हिंदुत्व के मुद्दे पर सत्ता हो तो उसकी क्रूरता एवं दबंगई को कौन रोक सकता है , उसके शातिर ब्र्ह्मंवादी विचारों को कौन बदल सकता है शकील बदायुन्वी के शब्दों में :
हालात मिटा दे हाथों की तहरीर बहुत ही मुस्किल है |
तदबीर बदल दे इंसान की तक़दीर बहुत ही मुश्किल है |

यह जानते हुए के मेरे दोस्त एवं कुछ और लोगों को मुसलमान होने के नाते एक षडयंत्र कर गौतस्कर के रूप में फसाया जा रहा है , उन्हें मुसलमान होने की सजा दी जा रही हैं , उसे शातिर ब्र्ह्मंवादी के शाज़िशों का शिकार होना पड़ रहा है और मैं कुछ भी करने में असहाय हूँ तब पुरे शांत मन एवं ठंडे विचार से मैंने फैसला लिया के हम इस षडयंत्र का पर्दा जल्द ही फास करेंगे और गौतस्कारों में जो लोग भी संलिप्त है उसके ठिकानों का पता लगा कर सच्चाई सामने लायेंगे अन्यथा मेरे मित्र की तरह न जाने कितने ओर युवक इस तरह बली का बकरा बनता रहेगा | लेकिन सबसे पहले मैंने फैसला किया के कानूनी तरीके से अपने मित्र का बेल कराया जाए चुनके इनके ऊपर पश्चिम बंगाल के रस्ते बंगलादेश में अवैध रूप से गौतस्कारी , पशु उत्पीडन , पशु हत्या , पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत कई आरोप लगाकर देवघर जेल भेज दिया गया था | राजा मुराद खान को उनके सामाजिक कार्यों के आधार पर ३० अगुस्त २०१६ को यानी ३ दिनों के अन्दर ही बेल दे दिया गया |

(रजा मुराद खान प्रस्तावित मैथन यूनिवर्सिटी एवं अल अंसार फाउंडेशन के कोषाध्यक्ष हैं एवं Mustaqim Siddiqui के मित्र हैं |)

शनिवार, अक्तूबर 15, 2016

सुना है कि स्कूल से ग़ायब शिक्षकों पर ऑनस्पॉट फैसला किया जायेगा-मोहन मुरारी

दोस्तों बलि बकड़े की दी जाती है अतः जो बकड़े हैं वो कटने को तैयार हो जाएँ और जो शेर हैं वो प्रण लें कि निरीक्षण करने वालों पर ऑनस्पॉट फैसला लें। निरीक्षण कर्ता को ऐसा सबक सिखाएँ कि दुबारा किसी विद्यालय में निरीक्षण करने का सोंचे तक नहीं।
यह सब शिक्षा के गुणवत्ता के लिये नही हो रहा बल्कि अधिकारियों और मंत्रियों का जेब भरने के लिये हो रहा है।

और यदि वास्तव में सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लाना चाहती है तो मैं दावे के साथ कहता हूँ मेरे बताये रास्ते पर चले सरकार तो न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लक्ष्य पूरा होगा बल्कि अरबों खरबों रूपये जो प्रतिमाह सरकार विद्यालयों में खर्च करती है उस दुरूपयोग को भी रोका जा सकता है।
इसके लिए सरकार को चाहिये कि एक ऐसा कानून लागू करे(जैसे शराबबन्दी के लिये लाया गया) जिसके अन्तर्गत सभी सरकारी कर्मचारियों;पंचायत प्रतिनिधियों;  विधायकों; सांसदों और मंत्रियों के बच्चों का नामांकन उसी सरकारी विद्यालय में हो जिस विद्यालय की स्थिति ठीक करनी हो।
उसके बाद न तो विद्यालय में MDM की आवश्यकता होगी न छात्रवृति और पोशाक योजना की और न ही किसी औचक निरीक्षण की आवश्यकता होगी।

यदि किसी शिक्षक मित्र का ऊपर तक पहुँच हो तो कृपया मेरा ये idea शिक्षामंत्री तक पहुंचा दें।
फ़िर मैं देखना चाहूँगा कि वाकई सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहती है या केवल ग़रीब जनता को दग़ा दे रही है।
मोहन मुरारी

शुक्रवार, अक्तूबर 14, 2016

परिवर्तनकारी प्रारम्भिक शिक्षक संघ की बैठक 15नवम्बर को होगी

परिवर्तनकारी प्रारम्भिक शिक्षक संघ की जिला कमिटी की ओर से दिनांक 15 अक्टूबर 2016 दिन ,  शनिवार
समय :- 1:30 पूर्वाह्न , स्थान:-  गीता भवन ,  डुमरा ( कुमार चौक के समीप ) सीतामढ़ी में अति आवश्यक बैठक का आयोजन किया जा रहा है । जिसमें जिला कार्यकारणी के सभी सम्मानित प्रतिनिधिगण , सभी प्रखंड अध्यक्ष , महासचिव एवम सभी सम्मानित प्रतिनिधिगण की उपस्थिति अनिवार्य है । आप सभी  प्रतिनिधियों से आग्रह है की ससमय उपस्थित होकर बैठक को सफल बनाएँ ।
     कृपया इसे सर्वोच्य प्राथमिकता देगें ।

बुधवार, अक्तूबर 05, 2016

ब्रेकिंग न्यूज़ /डीपीई से सम्बंधित याचिका कोर्ट ने किया ख़ारिज

माननीय हाइकोर्ट ने इग्नू से डीपीई व सम्बर्धन करने वाले नियोजित शिक्षक को प्रशिक्षित शिक्षक की मान्यता दे दी है ।
इस कोर्स के मान्यता को रद्द करने की याचिका को आज माननीय हाइकोर्ट पटना ने ख़ारिज कर दिया गया है।

शनिवार, अक्तूबर 01, 2016

Virasat

AZIZ BURNEY
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Rishtey khoon k,sukoon k,junoon k
Ji han aaj m aap k darwaze par ek naye rishtey ka paigham lekar aaya hun ji nahi ye us rishtey ka paigham nahin h Jo do afraid ya do khandanon k darmyan hota h
M us rishtey ka paigham lekar aaya hun Jo poori Qom aur tamam ham khyal logon k darmyan ho
Hamara ek chota pariwar WO pariwar hota h jin se hamara khoon ka rishta hota h Jo hamare khoon se paida hain ya ham jin k khoon se paida hain
Hamara ek barha pariwar WO pariwar ho sakta h jinse hamara sukoon ka rishta h jinhen ham khud qayam karte hain jinse hamara dil ka rishta h Jo hamare hamkhyal hain moonh bole aur god liye rishtey bhi isi dayre m aate hain inki tadad LA mehmood ho sakti h
Jin se aapka khoon ka rishta h WO aapki khandani virasat k haqdar hain aur jinse aapka sukoon w junoon ka rishta h WO aapki amli virasat k haqdar hain aaj meri virasat do hisson m bati h ek WO Jo mitti ki virasat h jise ek din mitti m mil Jana h WO zamin zaydat eint pathar k makanat Jo mitti k siwa kuch nahin
Meri ek virasat WO h Jo meri shanakht h Jo meri qalmi aur amli tehreek h jis k haqdar aap sab ho sakte hain bal k aap us k haqdar hain
Aaj m aapse isi rishtey ki bat karne aap k pas aaya hun tehreek e aazadi kisi ek khandan ki virasat nahin UN hazaron lakhon khandanon ki marhoone minnat h jinka khoon is aazadi ki tehreek m shamil h
Junoon ka rishta
Aaj ek bar phir m ek naye junoon k sath maidane amal m aaya hun Jo mere nazdeek zehni aazadi ki tehreek h haqiqi aazadi ki tehreek h m jis media team ki bat kar raha hun WO team h jis se mera junoon ka rishta h meri amli virasat ka hissa h is tehreek ko hamesha hamesha mere bad bhi UN k bad bhi zinda rehna h kya qayam hoga aap se mera ye junoon ka rishta kya banenge aap is tehreek ka hissa
Agar han to azrahe karam mere is rishtey k paigham ko qubool kar Len Jo aaj m aapki khidmat m lekar aaya hun aur pahuncha den ye paigham UN sab tak jin k sath sukoon ka aur junoon ka rishta qayam ho sakta h
Mujhe aap sab k jawab ka bahut besabri k sath intzar rahega m bat khatm karne se qabl ye arz kar dena chahta hun k Maine aaj tak ki zindgi m UN sab k sath apne rishtey ko poori imandari se nibhaya h jinse mera khoon ka rishta nahin h aur inshallh aage bhi isi imandari aur mohabbat se nibhane k azm k sath aaj k is paigham ko tamam karta hun .
aapka
Aziz Burney

अन्याय की कोख से क्रांति का जन्म होता है

बादशाह सदाक़त
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राजद के राष्टीय नेता डा.मोहम्मद शहाबुद्दीन को महज एक व्यक्ति समझकर नितीश जी और महागठबंधन के तथकथित नेताओं ने भारी भूल की है।अदालत को गुमराह करके उनको जेल भिजवाकर इन नेताओं ने बिहार के मुस्लिम समाज के दिलों पर ठेस पहुंचाई है।इसका परिणाम आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा।शहाबुद्दीन आज की तारीख में व्यक्ति नहीं ,संस्था का नाम हो चूका है।जिन विधायकों की नसीब मुस्लिम मतदाता लिखने का काम करते हैं ,उनके सामने भविष्य की चिंता आ खड़ी हुई है।इस मामले में सरकार ने राज धर्म का अपमान किया है।शहाबुद्दीन को जेल में बन्द करके मुसलमानों पर राज करने का सपना देखने वाले यह मत भूलें कि जुल्म और अन्याय की कोख से ही परिवर्तन की क्रांति का जन्म होता है।