शुक्रवार, दिसंबर 23, 2016

तालिमी मरकज़ के शिक्षा स्वयं सेवी को शिक्षक के पद पर समायोजित किया जाए - संघ

कटिहार। बिहार राज्य तालीमी मरकज शिक्षक संघ की जिला इकाई की बैठक हरिशंकर नायक उच्च विद्यालय प्रांगण में जिलाध्यक्ष मो. मुख्तार आलम की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश अध्यक्ष मो. अबूजर, प्रदेश महासचिव मो. तारिक अनवर, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मो. शमशाद आलम भी मौजूद थे। बैठक को संबोधित करते हुए संघ के नेताओं ने कहा कि सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। अगर सरकार तालीमी मरकज शिक्षकों का समायोजन नहीं करते हैं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। सरकार जो वादा किया था जिसमें शिक्षा स्वयं सेवकों, टोला सेवकों आदि का शिक्षक में समायोजन की बात थी, लेकिन सरकार अपने वादे से मुकर रही है।

गुरुवार, दिसंबर 22, 2016

छात्र हैं पर सभी छात्रों को छात्रवृत्ति नही मिलती

नुरानी फातिमा
सीतामढ़ी( बिहार)
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कुछ समय पहले आई खबर के अनुसार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने कहा कि “दिस देश में शिक्षा की पूंजी होती है वह देश तेजी से विकास करता है। उन्होने आगे कहा आज देश में 15 लाख विद्धालय, 38 हजार महाविद्धालय, तथा 700 विश्वविद्धालय संचालित हैं”। स्पष्ट है शिक्षा के आधार पर ही देश तरक्की कर सकता है। जिसे सरल बनाने के लिए छात्रवृत्ति जैसे विकल्प भी उपलब्ध कराएं गए हैं ताकि छात्र शिक्षा से सीधे रुप में जुड़ सके। लेकिन इस संबध मे बात बिहार की कि जाए तो स्थिति कुछ अच्छी दिखाई नही देती।
उदाहरण है पुपरी अनुमंडल क्षेत्र के भिट्टा धरमपूर पंचायत का “उत्क्रमित मध्य विद्धालय कुशैल” जहां छात्रों से बात करने पर पता चला कि बड़ी संख्या मे यहां  छात्र तो हैं पर उनके लिए उचित रुप से छात्रवृत्ति की व्यवस्था नही है।         
इस संबध में जब नौवीं कक्षा की छात्रा मधु कुमारी से बात की तो मधु ने बताया “दो साल से मुझे छात्रवृत्ति नही मिल रही है” हर बार यही सुनते हैं कि अब आएगा, अब आएगा लेकिन आता नही है। वहीं कक्षा 6 की छात्रा पूजा कुमारी का भी ये कहना है “कि हमलोगो को समय पर छात्रवृत्ति नही मिल रहा है बस इंतजार ही कर रहें हैं। 7वीं की छात्रा करिशमा कुमारी ने बताया “जब भी मैडम से छात्रवृत्ति के बारे पूछते हैं तो कहती हैं कि मिल जायेगा”। कक्षा 6 के पंकज कुमार पिता कमेश राय ने कहा “हमलोग को पोशाक का 700 और छात्रवृत्ति 1200 मिलता है। लेकिन हमलोग को आधा पैसा ही दिया जाता है मैडम से पूछते हैं कि बाकी पैसा कब मिलेगा तो कुछ ठिक - ठिक नही बताती”।
छात्रों के साथ साथ अभिभावक भी इस कारण परेशान हैं कुछ अभिभावक ने कहा “हमरा बच्चा चार साल से पढ़े छे, मगर पैसा दो बार ही मिलल है”। इसी संबध में अभिभावक लक्ष्मण महतो ने बताया “कुछ बच्चो को छात्रवृत्ति और पोशाक राशि मिलती है, और कुछ को नही मिलता, समझ मे नही आता इ का बात है”। आंसमा खातून के पिता ने कहा “हमारा बच्चा तीन साल से पढ़ रहा है मगर छात्रवृत्ति एकही बार मिली है”।एक अन्य अभिभावक ने बताया “मेरा बच्चा 4 साल से पढ़ रहा है। मगर पैसा दो बार मिला है”।  कुछ अभिभावको ने ये भी कहा कि “जो बच्चा कभी स्कूल नही जाता उसको भी पैसा मिलता है”। 60 वर्षिय महिला रीता देवी ने बताया “हमहुं कलकीन मैडम के कब मिलबे पैसा त मैडम कहनी कि जब आबत त देब। दो साल भई गईल हमरा बच्चा के कुछियो न मिलल”।
मामले की गंभीरता जानने के लिए जब प्रधानाचार्य मंजु देवी से बात की तो उन्होने साफ शब्दों में बताया “अक्टुबर 2015 से कार्यभार संभाला है और स्कूल की देख रेख कर रही हूँ। अभी छात्रवृत्ति की 50 प्रतिशत राशि बच्चों को दिया जाता है। और 50 प्रतिशत बच्चों के खाते में जाएगा। मेरी तो इच्छा है कि यहां हाई स्कूल भी हो जाए ताकि बच्चो को दूर - दूर पढ़ने के लिए जाना न पड़े। और बच्चों को पूरी सुविधा मिल सके। बाकी सभी बच्चों को छात्रवृत्ति मिल जाए इसके लिए मैं पूरी कोशिश करुंगी। आप चाहें तो प्रखंड शिक्षा अधिकारी से भी बात कर सकती हैं क्योंकि वास्तविक स्थिति से तो वही अवगत कराएंगे”। 
अंततः प्रखंड शिक्षा अधिकारी रघु से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उन्होनें कोई जानकारी न देते हुए सीधे फोन काट दिया।
आपको बतातें चलें कि पिछले कई दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी निश्चय यात्रा में बिहार की शिक्षा व्यवस्था को उत्तम से सर्वोत्तम बनाने पर जोर दे चुकें हैं। लेकिन इस विद्धालय और शिक्षा प्रतिनिधियों का रवैया देखकर तो नही लगता कि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार सचमुच उत्त्म से सर्वोत्म तक का सफर तय कर पाएगा।
(चरखा फीचर्स)  
Pic1- लेखिका बच्चों से बात करती हुई।
Pic 2- विद्धालय परिसर में बच्चें ।  

बुधवार, दिसंबर 21, 2016

घर में गरीबी आने के असबाब

घर में गरीबी आने के असबाब ये हैं लिहाज़ा इनको करने से अपने आप को रोकें:-                    
1= गुस्ल खाने में पैशाब करना           
2= टूटी हुई कन्घी से कंगा करना
3= टूटा हूआ सामान इस्तेमाल करना
4= घर में कूडा़ करकट रखना
5= रिश्तेदारो से बदसलूकी करना
6= बांए पैर से पेैजामा पहनना
7= मगरीब ईशा के बीच सोना
8= मेहमान आने पर नाराज होना
9= आमदनी से ज्यादा खचॆ करना
10= दाँत से रोटी काट कर खाना
11= चालीस दिन से ज्यादा जेरे नाफ के बाल रखना
12= दांत से नाखून काटना
13= खडे़ खडे़ पेजामा पहनना
14= औरतो का खडे होकर बाल बांधना
15 = फटे हुए कपड़े जिस्म पर पहनना
16= सुबह सूरज निकलने तक सोना
17= दरख्त के नीचे पैशाब करना
18= बैतुल खला में बाते करना
19= उल्टा सोना
20= कब्रिस्तान में हसना                      21= पीने का पानी रात में खुला रखना
22= रात में सवाली को कुछ ना देना
23= बुरे ख्यालात करना
24= बगैर वजू के कुरआन पड़ना
25= इस्तंजा करते वक्त बाते करना
26= बगैर हाथ धोए खाना शुरू करना
27= अपनी औलाद को कोसना
28= दरवाजे पर बैठना
29= लहसुन प्याज के छीलके जलाना
30= फकीर से रोटी या फिर और कोई चीज खरीदना
31= फुक से चिराग बुझाना
32= बगैर बिस्मिल्लाह पडे़ खाना शुरू करना
33= झूठी कसम खाना
34= जूता चप्पल उल्टा देख कर सीधा नही करना
35= हालात जनाबत मे हजामत करना
36= मकड़ी का जाला घर में रखना
37= रात को झाडू लगाना
38= अन्धेरे में खाना
39= घड़े में मुंह लगाकर पीना
40= कुरआन न पड़ना

हदीस में है कि जो दूसरो का भला करता है । अल्लाह उसका भला करता है।                      
पड़ कर दुसरो को भी सुनाओ
[कुरआन ए पाक के 5 रुकू हर रोज पडने से साल मे 3 कुरआन ए पाक मुकम्मल हो जाती है , जब आप ये मेसेज आगे भेजने लगेंगे तो, शैतान आपको रोकेगा आपके ज़हन मे ख्याल डालेगा की अबी नही बादमे देखेंगे , पर आपने ईस साजीश को नाकाम करना है, इस मेसेज को आगे ईतना फैलाए जीतना आप कुरआन ए पाक  से मोहब्बत करते हो

मंगलवार, दिसंबर 20, 2016

शौचमुक जागरूकता अभियान को लेकर प्रभात फेरी निकला

शौचमुक जागरूकता अभियान को लेकर प्रा○वि○एकडंडी उर्दू कन्या परिहार के प्रधानाध्यापक इफफत आरा बेगम के नेतृत्व में प्रभात फेरी निकला गया जिस में सभी शिक्षक शिक्षिका और छात्र /छात्राओं  ने हिस्सा लिया

रविवार, दिसंबर 18, 2016

क्या हिंदुस्तान और पाकिस्तान के सम्बन्ध को ठीक नहीं किया जा सकता ?

क्या हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बाहमी तायल्लुकात को हम्वार नहीं किया जा सकता  ? ये ऐसे सवालात हैं जिस पर हिन्द व पाकिस्तान में  अवामी बहस होनी चाहिए मगर ऐसे मुद्दों पर दोनों ममालिक में बात नही होती, आखिर क्या वज्हें हैं  ? दोनों ममालिक के कायदो को क्या बखूबी अंदाजा है कि अगर रिश्ते हम्वार हो गए तो चुनावी सियासत की बिसात बिखर जाएगी  ?

शनिवार, दिसंबर 17, 2016

मेरे सवाल और क़ुरान के जवाब

🔵मैंने कहा: तेरी मदद कैसे मिलेगी या रब?
जवाब मिला:
🔴सब्र और नमाज़ से मदद लिया करो।

🔵मैंने कहा: मैं बहुत गुनाहगार हूँ।
जवाब मिला:
🔴अल्लाह की रहमत से मायूस न हो अल्लाह सब गुनाह बख़्श देगा।

🔵मैंने कहा: मेरे दिल को सुकून नहीं है।
जवाब मिला:
🔴बेशक़ अल्लाह की याद से ही दिल को इतमिनान है।

🔵मैंने कहा: मैं बहुत अकेला हूँ।
जवाब मिला:
🔴बेशक़ हम राग़-ए-जान से भी ज़्यादा क़रीब हैं।

🔵मैंने कहा: मुझे कोई याद नहीं करता।
जवाब मिला:
🔴तुम मुझे याद करो मैं तुम्हें याद करूँगा।

🔵मैंने कहा:
मेरी राहों मे बहुत परेशानियाँ हैं।
जवाब मिला:
🔴जो अल्लाह से डरता है, अल्लाह उसकी निजात की सूरत निकाल देता है।

🔵मैंने कहा: मेरे बहुत से अधूरे ख्वाब हैं।
जवाब मिला:
🔴मुझसे दुआ करो मैं कुबूल करूँगा।

ख़ुशनसीब हूँ मैं, क्योंकि मुसलमान हूँ।

🔷किसी को सलाम करूँ तो नेक़ी,
🔷किसी को मुस्कुराकर देखूँ तो नेक़ी,
🔷कोई काम से पहले बिसमिल्लाह पढ़ूँ तो नेक़ी,
🔷गुस्सा पी जाऊँ तो नेक़ी,
🔷सीधे हाथ से पानी पीऊँ तो नेक़ी,
🔷किसी को सही पता बताऊँ तो नेक़ी,
🔷किसी का हक़ अदा करूँ तो नेक़ी,
🔷कुरान सुनूँ या सुनाऊँ तो नेक़ी,
🔷माँ बाप को के देखूँ तो हज का सवाब,
🔷ये सब बात किसी को बताऊँ तो नेक़ी,
🔷वो अमल करे तो भी नेक़ी।

अल्लाह तो लुटा रहा है बस, हम लेने वाले बन जाएँ।
आमीन!

जब हम क़ुरान पाक़ उठाते हैं तो शैतान के सर में दर्द होता है,
जब हम क़ुरान पाक़ खोलते हैं तो वो परेशान हो जाता है,
जब हम क़ुरान पाक़ को पढ़ते हैं तो वो कमज़ोर हो जाता है,
तो चलो, आओ क़ुरान पाक़ पढ़ें ताकि वो कमज़ोर हो जाए।
इतना कमज़ोर कि एक दिन ऐसा आए कि वो उठ भी न सके।
और क्या आप जानते हो?
कि आप इस मैसेज को फाॅरवर्ड करने का इरादा करोगे तो शैतान तुम्हारे इरादे को कमज़ोर करने की कोशिश ज़रूर करेगा।
मगर आप अपने इरादे को कमज़ोर न होने देना।

शुक्रवार, दिसंबर 16, 2016

परिहार के पुराने पैक्स गोदाम की लकड़ी गायब करने का आरोप

परिहार उत्तरी पैक्स के सदस्यों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी परिहार से परिहार उत्तरी पैक्स अध्यक्ष और तत्कालीन अध्यक्ष(सम्प्रति परिहार पैक्स)पर लाखों रुपए के लकड़ी को गायब कर देने का आरोप लगाया है।सदस्यों ने कहा है कि परिहार उतरी पैकस के पुराने गोदाम को तोड कर लाखो रुपया का सखुआ का लकडी ,ईंट इत्यादि को वर्तमान अध्यझ और उनके भाइ तत्कालीन अध्यक्ष अजीम आलम ने  गायब कर दिया।
            

Daily chingari चिंगारी چنگاری: बिहार में बदतर शिक्षा का दोषी कौन ?

Daily chingari चिंगारी چنگاری: बिहार में बदतर शिक्षा का दोषी कौन ?

मर्द और औरत के बीच की ग़ैर बराबरी ख़त्म होनी चाहिए

मेहजबीन

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"दुश्मन न करे दोस्त ने ये काम किया है। 
उम्र भर का ग़म हमें ईनाम दिया है" 

शाम को बीवी का हंसता मुस्कुराता चेहरा  दिन भर की थकान से, शौहर को हस्सास बशास कर देता है। क्या यही बात शौहर पर लागू नहीं होनी चाहिए, क्या सिर्फ दिन भर शौहर ही काम करता है ?मेहनत करता है ?बीवी कुछ भी नहीं करती ? बल्कि वो तो घर के अंदर - बाहर, सास - ससुर, बच्चों की देखभाल भी करती है दिन भर, और फिर रात को भी खटती है, सुबह बिस्तर से उठकर फिर रात को बिस्तर पर जाकर ही, फुर्सत मिलती है। अगर बीवी के मुस्कुराते चेहरे को देखकर शौहर को सकून व आराम मिलता है तो, फिर बीवी भी तो आराम और सकून की तलबग़ार है, वो भी तो किसी की मुस्कान देखना चाहती है, होता यह है कि दिनभर बाहर, दफ्तर बस, मेट्रो, कामकाज़  सहकर्मियों के साथ हुई तू - तू, में - में की भड़ास मर्द घर आकर अपनी औरतों पर उतारते हैं, यानी उसी औरत की मुस्कान से अपनी थकान भी दूर करनी है, और उसी को गालियाँ सुनाकर अपनी दबी हुई भड़ास भी निकालनी है। ऐसे में पति के घर आते ही गालियाँ सुनने के बाद, बुरा भला सुनने के बाद, वो औरत कैसे मुस्कुराएगी ? किस मन से मुस्कुराएगी? शौहर के पैरों के नीचे जन्नत है, और उस जन्नत को पाने के लिए, हंसने की ऐक्टिंग ही तो करेगी बेचारी, असली हंसी तो नहीं हंसेगी न। कुछ घरों में शायद ऐसा न होता हो, जहाँ पति - पत्नी एक दूसरे को बराबर का दर्ज़ा देते हों, समझते हों, मुहब्बत करते हों, सुलझे हुए हों,एक दूसरे को अहमियत देते हों, मगर ज़्यादा तर घरों में तो ग़ैरबराबरी ही होती है। 

बीवी हमेशा जी हुज़ुरी में रहे, शौहर के लिए सजे संवरे, मुस्कुराती रहे और शौहर तानाशाह की तरह उसे सिर्फ अपनी ज़रूरत पुरी करने का ज़रिया ही समझे। इंसान नहीं समझे, अल्लाह की मख़लूक़ नहीं, हमसफर नहीं, दोस्त नहीं। शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी पुरुषों के अंदर से पुरुषवादी मानसिकता समाप्त नहीं हुई। वो सिर्फ पैसा कमाने की मशीन ही बने, ऐसे ही महिलाएं भी शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी, सिर्फ पैसा ही जुटा सकी हैं, मध्यकालीन सोच से उन्हें राहत नहीं मिल सकी है। सास - बहू, ननद - भाभी, देवरानी-जेठानी की सियासत उनपर आज भी हावी है, औरत ही औरत की दुश्मन बनी हुई है, फिर पुरुषों से संवेदना कहां से मिले? 

उर्दू साहित्य की  रचनाकार इस्मत चुग्तई जी की कहानी 'छुईमुई'(टच मी नॉट )  भी कुछ ऐसे ही विषय पर लिखी गई है। कि औरत सिर्फ शोहर के सकून आराम के लिए है, उसके मनोरंजन के लिए, उसकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए, और उसके ख़नदान को वारिस देने के लिए है, सिर्फ बच्चे पैदा करने की मशीन है। और इन सब ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उसे कुछ भी करना पड़े, चाहे जितने भी दु:ख झेलने पड़े, और इन सब दु:ख तक़लीफों में उसे सजे- संवरे भी रहना है, मुस्कुराते भी रहना है, अपनी परेशानी को ज़याहिर नहीं करना है, चेहरे पर मनहूसियत नहीं लानी, चाहे जो कुछ भी हो जाए, चेहरा दमकता - चमकता रहना चाहिए, और बच्चे पैदा करने के लिए सदाबहार बने रहना चाहिए। यही है औरत की दुनिया, और जन्नत। उसकी अपनी कोई ज़रूरत नहीं, खुशी नहीं, सोच नहीं, वज़ूद नहीं? शादी से पहले भाईयों के लिए क़ुर्बानियां देती रहे, लिंगभेद की मार झेलती रहे, और शादी के बाद शोहर के पुरे परिवार के झंडे के निचे रहे। और सिर्फ शोहर की खुशी के लिए जिये, और ऐसे ही एक दिन अपनी सारी आरज़ूएं दिल में लिए क़ब्र में चली जाए। एक थी शबनम एक थी पूनम, दोनों  यूं ही मर गई, ख़त्म कहानी।

"अल्लाह अल्लाह ख़ैर सल्लाह" 

तीन तलाक़ के विषय पर बहस हो रही है.... आजकल, कितनी भी बहस हो ले, इस मसले पर, तानाशाही हकूमत में कोई फर्क़ पड़ने वाला नहीं है..... लानत है उन तानाशाहों पर, कि जिन्होंने हर वक्त उनकी जीहूजीरी में, मातहती में गुज़ारा है, और उन्होंने एक झटके में तलाक़ तलाक़ तलाक़ कहकर फैसला सुना दिया.... अल्लाह तआला का अर्शे अज़ीम हिला दिया..... एक लफ्ज़ का जब चाहे ग़लत इस्तेमाल कर लिया, लानत है ऐसे दकियानूसी, पुरुषवादी मानसिकता पर....... ऐसे लानत याफ्ता तानाशाहों के निकाह के अंदर रहें, या बाहर.... फज़ीहत तो होनी ही है, औरत की... निकाह के अंदर हैं तो, सिर पर मुसल्लद तानाशाह जीने नहीं देता.... और निकाह के बाहर रहो तो, लोग और परिवार वाले, अपने खून के ही रिश्ते, जीना दुश्वार कर देते हैं....

तलाक़ कहां जायज़ है, और कहां नाजायज़ है सबसे पहले यह समझने की ज़रूरत है, तलाक़ केवल मर्द ही नहीं दे सकते हैं, ज़रूरत पड़ने पर, औरतें भी ले सकती हैं, यदि किन्हीं कारणों से औरत अपने शोहर से खुश नहीं है, जुल्म सहती है, दबाई जाती है, मानसिक, शारीरिक, आर्थिक तकलीफों से गुजरती है, उसके साथ परिवार (ससुराल ) में ग़ैरबराबरी होती है, तो औरत भी तलाक़ ले सकती है, उसके माता-पिता, भाई-बहन  को जबरदस्ती रिश्ता निभाने के लिए मज़बूर नहीं करना चाहिए। और खुला लेने की इजाज़त देनी, चाहिए उसे मानसिक, आर्थिक, शारीरिक सपोर्ट करना चाहिए। लेकिन अफसोस माँ-बाप, भाई - भाभी  उसे उसी नर्क में धकेल देते हैं सिसक- सिसक के मरने के लिए। तलाक़ देने लेने का हक़ मर्द और औरत को बराबर है, इस्लाम में। लेकिन समाज - परिवार में फैली ग़ैरबराबरी के कारण होता यह है कि मर्द तो बीवियों की छोटी-छोटी सी ख़ताओं के लिए, अपनी जरूरतों के लिए तलाक़ दे देते हैं, अपनी बीवियों को। और  औरत का कोई सहारा नहीं वो एक छत के नीचे रहने के लिए, शोहर की और उसके परिवार की जादतीयों को सहती रहती है, क्योंकि ऐसी स्थिति में उसके मायके वाले भी साथ छोड़ देते हैं। आज अत्याधुनिक - डीजीटेल होने के बाद भी लोग, सड़ी गली मानसिकताओं को ढो रहे हैं। मौलाना तारीक़ जमील का ब्यान इस तरह की समस्याओं पर बहुत सटीक है, तलाक़ जैसे मसलों पर और मर्द - औरत के हक़ूक़ जैसे मसलों में, ग़ैरबराबरी दूर करने की ज़रूरत है। कुर्आन को पढ़ने से ज्यादा समझने की ज़रूरत है, अगर सही तफसीर (व्याख्या ) को समझकर उसपर अम्ल किया जाए तो, बहुत कुछ अच्छा हो सकता है, लेकिन अफसोस  ज्यादातर मुसलमान अर्बी भाषा की रीडिंग ही कर रहे हैं, अर्थ को मंतव्य को समझने की कोशिश नहीं करते हैं।

       मेहजबीं
( ये लेखक की अपनी राय है  )

गुरुवार, दिसंबर 15, 2016

बिहार में बदतर शिक्षा का दोषी कौन ?

1.शिक्षक
2.छात्र
3.अभिभावक
4.सरकार की नीति
5.पदाधिकारी
           अपनी बेबाक राय पूर्ण विवरण के साथ दें।

बी डी ओ परिहार पर विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए -राकेश कुमार सिंह

एक्शन फ़ॉर जीरो टॉलरेंस के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने अखबारी बयान जारी कर बी डी ओ परिहार निरंजन कुमार पर विभागीय कार्यवाही की मांग जिला प्रशासन से की है उन्होंने कहा कि नरगां पैक्स चुनाव में बी डी ओ के स्तर से अनियमितता बरती गई थी जिस में जाँच पदाधिकारी ने दोषी पाया था।उक्त पैक्स चुनाव में बरती गई अनियमितता की शिकायत जिला पदाधिकारी सीतामढ़ी से की गई थी जिला पदाधिकारी के आदेश पर तीन सदस्यी टीम ने जाँच किया था जिस का नेतृत्त्व ए डी एम हरि शंकर राम ने किया था और दो पदाधिकारियों बी सी ओ ,बी डी ओ परिहार निरंजन कुमार को दोषी पाया और दोनों पदाधिकारियों पर प्रपत्र' क'गठित कर विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा की गई थी जिस में बी सी ओ परिहार पर प्रपत्र क गठित कर कार्यवाही तो की जा रही है वहीँ पर बी डी ओ परिहार पर प्रपत्र क गठन की कार्रवाई लम्बित है।

बुधवार, दिसंबर 14, 2016

3 शिक्षकों के जिम्मे 616 बच्चों के पढाई की ज़िम्मेदारी

मोहम्मद राशिद

बिहार

वो दोपहर लगभग 12 बजे का समय था जब मैं स्कूल के पास पहुँचा। जैसे जैसे स्कूल की तरफ बढ़ रहा था स्कूल की दयनीय स्थिति साफ होती जा रही थी। कुछ आगे बढ़ने पर गाय- भैंस के दर्शन भी हो गए जो स्कूल परिसर में ही बंधी थी और बार बार आवाज पर आवाज लगा रही थी। क्या मालुम स्कूल के बच्चो को बुला रही थी या शिक्षको को, तभी अचानक स्कूल के बोर्ड पर नजर पड़ी जहां लिखा था“उत्क्रमित मध्य विद्धालय कुशैल”।

ये बिहार के जिला सीतामढ़ी मुख्यालाय से लगभग 31किलोमीटर दूर पूरब में पुपरी अंचल के भिट्ठा धरमपुर पंचायत के कुशैल गांव के वार्ड नंबर 14 में स्थित है। लगभग 6 कट्ठे में फैले दो मंजिल विशाल इमारत को देख कर ही लग रहा था कि यहां सब कुछ विशेष होगा। इसी विशेषता को जानने की उत्सुकता लेकर विद्धालय में प्रवेश किया। सबसे पहले मेरी मुलाकात विद्धालय की प्रधान अध्यापक श्रीमती मंजू कुमारी से हुई। विद्धालय की जानकारी लेते हुए मैंने पुछा विद्धालय की हालत ऐसी क्यों दिख रही है। क्या आप लोगो को इससे परेशानी नहो होती?थोड़े गुस्से और थोड़ी विनम्रता के साथ उन्होने जवाब दिया “वो तो होगी ही आप ही देखिये विद्धालय के चारो ओर दिवार नही है। इसका अपना रास्ता भी नही है जिससे बारिश के मौसम में हमलोगों को आने जाने में बहुत दिक्कत होती है। 616 बच्चों पर सिर्फ दो चापाकल लगा हैं जिसमें से एक खराब है। 7 कमरे हैं एक कमरे को हम ऑफिस की तरह इस्तेमाल करते हैं”। स्कूल का अपना ऑफिस नही है क्या?पुछने पर मंजू कुमारी कहती हैं“होता तो हम ऐसा क्यों करते”। अच्छा कितने शिक्षक हैं यहां।“सिर्फ तीन एक मैं, दुसरे शिक्षक श्री राजेश दास जो आजकल अपनी ड्यूटी बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) के कार्य़ालय में दे रहे हैं। जबकि तीसरी शिक्षिका शीला कुमारी आज नही आई हैं”। मंजु कुमारी ने जवाब दिया।

बच्चें 616 और शिक्षक सिर्फ तीन?चौंक कर मैने ये सवाल किया।“नही नही रोज सारे बच्चे थोड़े आते है कम ज्यादा तो होते ही रहता है”। घबराते हुए मंजु कुमारी ने कहा।

तब भी बच्चों को संभालना मुश्किल तो होता होगा? पुछने पर बताया हां ऑफिस से जब लोग आए थें तो बोले थें कि और शिक्षक सब आएगा लेकिन अभी तक कोई आया नही ता हम का करें। जब भी बीईओ के ऑफिस से कोई आता है तब हम सारी समस्याओं को बताते हैं लेकिन कोई कुछ कर ही नही रहा है। ओह और बच्चों का वजन और लंबाई तो बराबर चेक होता होगा ? “हां हर तीन महिने पर तौल लेते हैं अब सभी काम का हम हीं लोग करेंगें”।       

फिर स्कूल की वास्तविक स्थिति जानने के लिए कुछ बच्चों से बात की। जब चौथी कक्षा के सुनील कुमार से पुछा कि “आज कौन सा दिन है” तो वो गुरुवार को शनिवार कह रहा था। दुसरे छात्र ईद मुबारक हुसैन ने बताया कि “यहां पर पढ़ाई ठिक से नही होती है। हमलोगो का अलग अलग क्लास रुम नही है। जो स्कूल नही आता है उसकी भी हाजिरी बन  जाती है”।  

सांतवी मे पढ़ने वाले सतीश कुमार कहता है “स्कूल मे पहले तीन शिक्षक थें अब दो ही हैं शिक्षक की कमी के कारण सब बच्चों को किसी तरह दो ही क्लास मे पढ़ाया जाता है। इससे हमें बहुत परेशानी होती है। बाकी की कमरा खाली पड़ा है। जिसमें गंदगी के सिवा कुछ भी नही है।  विद्धालय परिसर में बहुत कुड़ा कचरा पड़ा रहता है। विद्धालय के चारो ओर दिवार भी नही है जिस कारण सुरक्षा तो दूर की बात है आस-पास के लोग गाय- भैंस को लाकर विद्धालय परिसर में बांध देते हैं, और गंदगी होती है”।

सांतवी कक्षा मे पढ़ने वाली करिशमा कुमारी जिसकी उम्र 14 वर्ष है कहती हैं “यहां लड़कियों के लिए अलग से शौचालय नही है। हमें बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। एक ही शौचालय है लेकिन उसमें पानी ले जाने के लिए न तो बाल्टी है न ही मटका। शौचालय से आने के बाद हाथ धोने के लिए साबुन भी नही है”।

 13 वर्ष के पप्पु ने बताया  “स्कूल में बिजली है, सब कमरें में वाईरिंग भी है लेकिन सिर्फ ऑफिस मे पंखा और बल्ब लगा हुआ है।“

मधु कुमारी कक्षा आठ की छात्रा उम्र 14 वर्ष कहती है “मैडम छोटे बच्चों को तो पढ़ाती ही नही और बड़े बच्चों को थोड़ा बहुत पढ़ाती है होम वर्क देने के बाद 6-7 दिनों के बाद ही चेक करती है। रोज रोज नही करती”।

विद्धार्थी संजीव कुमार ने बताया"दो वर्षो में मुश्किल से हमलोगो का वजन तौला जाता है। विनोद, रिंकु-कुमारी ने भी यही बताया कि“वजन सही से नही तौला जाता। रिंकु ने ये भी कहा कि "हम लोगो को मिड डे मिल रुटीन के हिसाब से नही मिलता है। जिस जिन दाल, चावल, सब्जी बनाना होता है उस दिन चोखा खीचरी बनता है। और खाना भी भर पेट नही दिया जाता है। दाल भी बहुत पतली होती है जो खाने में अच्छा नही लगता। सब्जी भी सही से नही बनती है। चावल से कभी कभी बदबु आती है"।

उशा कुमारी चौथी की छात्रा कहती है कि “मीड डे मील सही से नही मिलता खाना अच्छा नही लगता।प्लेट इतना गंदा होता है कि हम लंच के समय घर से ही प्लेट ले आते हैं।स्कूल में साफ सफाई भी नही रहता है  बरसात के मौसम में बहुत बदबू आती है"।

पता करने पर पाया कि विद्धालय में खाना बनाने के लिए पांच रसोईयों की नियुक्ति की गई थी। जिसमें से दो रसोईयाँ ही उपस्थित थें। उन्होने कहा कि "स्कूल की हेडमास्टर स्कूल से घर चली जाती हैं और हमलोग चार बजे तक रहते हैं”।  

60 वर्ष के लक्षमण महतो कहते हैं“हमारे तीन बच्चें पढ़ने जाते हैं लेकिन पढ़ाई नही होती। 45 वर्षिय राखी देवी कहती हैं “मास्टर है ही नही है ता पढ़ाई कैसे होगा। मेरे पोते राहुल, और सुरज वहीं पढ़ने जाते हैं। और पोती कहती है कि दादी हम खुद से ही प्लेट धोते हैं”।भिट्ठा धरमपुर पंचायत के उपमुखिया राम नाथ यादव ने कहा कि “अभी शिक्षक की कमी है उसी हिसाब से पढ़ाई होती है”।

प्रधान अध्यापक  की बातें और छात्रों की बातों के बीच का अंतर ये समझने के से काफी है कि स्कूल की वास्तविक स्थिति क्या है।      यूँ तो देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉक्टर ए.पी.जे अबदुल कलाम आजाद ने सोचा था कि हमारे देश का हर एक नागरिक शिक्षित बने पर“उत्क्रमित मध्य विद्धालय कुशैल”का हाल देखकर ऐसा लगता है कि ये सपना उस समय तक पूरा नही हो सकता जबतक शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ा हर एक व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार न बन जाए। (चरखा फीचर्स)

पटना हाई कोर्ट ने दिया टीईटी शिक्षकों के पक्ष में फैसला

माननीय हाइकोर्ट ने दिया बिहार के सभी डीईओ को निजी कॉलेज से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों को सवैतनिक अवकाश व बकाया वेतन देने का आदेश
~प्रदेश सचिव आनंद जी ने जीत का श्रेय जमुई, बांका के सभी 75 याचिकाकर्ताओं व बिहार के समस्त शिक्षकों को दिया है।
~न्याय देने के लिए प्रदेश सचिव ने माननीय हाइकोर्ट के प्रति जताया आभार, कोर्ट के निर्णय पर जताया पूर्ण आस्था
~ बिहार के सभी टीईटी शिक्षक के सवैतनिक अवकाश को रद्द करने के खिलाफ सबसे पहले मुकदमा दायर कर पूरे बिहार में माननीय न्यायालय से सवैतनिक अवकाश वेतन सहित लागु करवाने का आदेश आज दिलवा दिया, बिहार सरकार की हुई हार।

आज दिनांक 14 दिसम्बर 2016 को माननीय हाईकोर्ट में सवैतनिक अवकाश रद्द करने के मामले में जमुई डीईओ व सरकार के खिलाफ वरीय अधिवक्ता श्री पी के शाही व अधिवक्ता श्री मृत्युंजय कुमार के द्वारा किया गया जोरदार बहस के बाद बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव भाई आनंद कौशल जी के नेतृत्व में दायर याचिका CWJC 16775/2016 उत्तम कुमार & 75 शिक्षक में सफलता पूर्वक जीत हासिल हो गई है । जमुई डीईओ के सवैतनिक अवकाश को रद्द करने वाली पत्र को बिहार के सभी शिक्षकों की दुआ से माननीय न्यायमूर्ति ए के त्रिपाठी जी ने रद्द करते हुए निजी कॉलेज से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी टीईटी शिक्षक सवैतनिक अवकाश देने का आदेश बिहार सरकार दिया है । जो BPNPSS के द्वारा बिहार के सभी टीईटी शिक्षक के लिए अथक प्रयास कर नए साल 2017 के पूर्व दिया गया शानदार गिफ्ट है और सरकार को शिक्षक विरोधी नीति के खिलाफ आरपार के लड़ाई का शंखनाद है ।
BPNPSS संघ ने जीत लिया टीईटी शिक्षकों के पक्ष में मुकदमा
प्रदेश सचिव आनंद जी ने जीत का श्रेय जमुई, बांका के सभी 75 याचिकाकर्ताओं व बिहार के समस्त शिक्षकों को दिया है।
साथ ही न्याय देने के लिए प्रदेश सचिव ने माननीय हाइकोर्ट के प्रति जताया आभार, कोर्ट के निर्णय पर जताया पूर्ण आस्था ।

सोमवार, दिसंबर 12, 2016

फौकानिया और मौलवी के परीक्षा फॉर्म भरने की तारिक़ में विस्तार

बिहार राज्य मदरसा बोर्ड ने नोट बन्दी से छात्रों को हो रही परेशानी को देखते हुए फौकानिया और मौलवी के परीक्षा फॉर्म भरने की तारिक़ में विस्तार कर विना लेट फाइन के 24 दिसम्बर और फाइन के साथ 30 दिसम्बर 2016 कर दिया है इस से पूर्व भी फॉर्म भरने की तिथि में विस्तार किया गया था। मालूम हो की एक्शन फ़ॉर जीरो टॉलरेंस के महा सचिव मो●कमरे आलम ने तिथि विस्तार की मांग चेयरमैन मदरसा बोर्ड बिहार से की थी।

रविवार, दिसंबर 11, 2016

15 दिसम्बर तक सीतामढ़ी के सभी सरकारी ग़ैर सरकारी स्कूलों में पठन पाठन रहेंगे बन्द

जिला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी ने ज्ञापाक 2634 दिनांक12/12/2016 जारी कर सीतामढ़ी के सभी सरकारी ग़ैर सरकारी स्कूलों में पठन पाठन शीत लहर को देखते हुए स्थगित रखने का आदेश 15 दिसम्बर तक दिया  है।ठण्ड को देखते हुए 9/10/11/13 दिसम्बर को भी शिक्षण कार्य स्थगित किया गया था। जिला पदाधिकारी के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी  ने 1से 8 तक के सभी विद्यालयों में शिक्षण कार्य बंद किया गया है,परन्तु सभी शिक्षक शिक्षिका विद्यालय में हाज़िर रहकर सरकार को भेजे जाने वाले प्रतिवेदन तथा सर्व शिक्षा अभियान की गतिविधियों उपयोगिता प्रमाण पत्र तैयार करेंगे।

गुरुवार, दिसंबर 08, 2016

सामाजिक सुरक्षा पेन्शन भोगियों की परेशानियों को अतिशीघ्र हल किया जाए -मोहम्मद सऊद आलम

नोट बन्दी के कारण केंद्र सरकार व राज्य सरकार से वृद्धावस्था पेंशन/लक्ष्मी बाई पेंशन/इंद्रावस्था पेंशन भोगियों को राशि हासिल करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है मालूम हो की उक्त कल्याणकारी योजनायों की राशि पेन्शन भोगियों के बैंक अकाउंट में भेज दिया गया है मगर पेंशन भोगियों को राशि मिल नही रहा है एक्शन फ़ॉर जीरो टॉलरेंस के संयोजक मोहम्मद सऊद आलम ने प्रेस वार्ता कर जिला प्रशासन से मांग किया है कि सभी बैंकर्स को आदेश दिया जाए कि विशेष व्यवस्था कर सबसे पहले पेंशन भोगियों को तिथि का निर्धारण कर पेंशन की राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाए क्योंकि ये पेंशन पाने वाले लोग वृद्ध हैं या अबला महिलाएं।

ठंड को देखते हुए तत्काल विद्यालय बन्द किया जाए -प्रकाश कुमार

प्रकाश कुमार जिला अध्यक्ष नगर पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संघ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी को आवेदन दे कर जिला में पड़ रहे ठण्ड को देखते हुए सभी विद्यालयों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का अनुरोध किया है उन्होंने पत्र में लिखा है सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे ग़रीब तबके के होते हैं जिन के पास कपड़े की समुचित व्यवस्था नही होती है जिस से बच्चों के सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ने का खतरा है।उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज़ में आगे लिखा है अगर आवेदन पर कार्रवाई नहीं होती है और किसी तरह की अप्रिय घटना होती है तो इस के लिए शिक्षक समुदाय और संगठन ज़िम्मेदार नहीं होगा ।

मंगलवार, दिसंबर 06, 2016

बैंक कर्मी शिक्षकों की समस्याओं का करें निराकरण- प्रकाश कुमार

प्रकाश कुमार जिला अध्यक्ष बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ ने बैंक के अधिकारी से विनम्रता पूर्वक अनुरोध किया है कि स्थापना कार्यालय से जो भी पोजेटिभ बैंक मे महीनों से पड़ा हुआ है उस पर  अबतक कोई कारवाई भवदीय स्तर से नहीं किया जा रहा है।ज्ञातव्य हो कि पोजेटिभ सूची मे भी शिक्षकों का वेतन भुगतान ही होता है।एक तो सरकार द्वारा समय पर वेतन नहीं दिया जाता है , जब वेतन आता भी है तो बैंक के द्वारा भी टालमटोल कर भुगतान किया जाता है।इस संदर्भ मे कई बार रौशन जी एवं कुशल अधिकारी सुशांत बाबू को  कहा  है। 5.12.2016 को नवंबर माह के वेतन हेतु राशि भी स्थापना कार्यालय से बैंक को भेजा जा चुका है।बावजूद अबतक पोजेटिभ अथवा वेतन भुगतान के लिए पहल नहीं किया जाना बेहद ही दुखद है साथ ही जिले के कई ब्रांच से शिकायत आ रही है की बैंक अधिकारी शिक्षकों के साथ अमर्यादित व्यवहार कर रहे हैं।छेत्रीय अधिकारी से आग्रह है कि सभी बैंक के मैनेजर के साथ बैठक कर शिक्षकों को सम्मानित करने का पाठ पढाएं।उपरोक्त समस्याओं का निराकरण हेतु यदि पहल नहीं किया जाता है तो संगठन बाध्य होकर शिक्षक हित के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के माध्यम से निराकरण करेगा।जिसकी सारी जबावदेही बैंक अधिकारियों की होगी।

शुक्रवार, दिसंबर 02, 2016

नोट बन्दी के 24 दिनों बाद भी आम लोगों की समस्या बरक़रार

नोट बन्दी के 24 दिनों बाद भी आम लोगों की समस्या बरक़रार है।नोट बन्दी का प्रभाव सबसे ज्यादा आम लोगों पर पड़ रहा है आम लोगों को पूरी तरह हिला कर रख दिया है नियत वेतन भोगी कर्मी के चूल्हे ठंढे पड़ने लगे हैं।

 

केंद्र सरकार के द्वारा नोट बन्दी का फैसला सही तो है लेकिन सही व्यवस्था नही होने के कारण आम जनता, खास कर ग़रीबों, दैनिक मज़दूर, नियत वेतन भोगी के जीवन को ज़्यादा बुरी तरह प्रभावित किया है और कर रहा है ऐसे लोगों का तो और बुरा हाल हो गया है जिन लोगों का बैंक खाता सहकारी बैंक और छेत्रीय बैंकों में है, उनको तो जीवन की नैय्या पार लगाना दुश्वार हो गया है।
अपनी मेहनत की कमाई भी बैंक से निकलने में मुशक़्क़त करनी पड़ रही है लोग अपनी राशि निकलने के लिए सुबह होते ही बैंक की लाइनों में खड़े हो जाते हैं उस के बाद भी ये ये तय नहीं है की उन्हें राशि मिल ही जाए।बैंक की लाइनों में आधी आबादी की लाइन भी कम नहीं होती है मगर महिला पुलिस की कोई व्वस्था नही होने के कारण दुर्व्यवहार का शिकार हो रही है पुलिस की बर्बरता, दुर्व्यवहार बैंक की लाइनों में खड़े लोगों को झेलना पड़ रहा है।

MD Qamre Alam Ekdandi parihar sitamarhi

मंगलवार, नवंबर 29, 2016

शिक्षकों के राशि भुगतान को लेकर संघ ने कड़ी आपत्ति जताई

जिलाध्यक्ष प्रकाश कुमार के साथ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक को समस्याओं से अवगत कराया गया।जिले के सभीक्ष ग्रामीण बैंक मे शिक्षकों वेतन की राशि भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा जिससे तमाम शिक्षकों मे आक्रोश व्याप्त है।जिलाध्यक्ष ने कड़े शब्दों मे क्षेत्रीय प्रबंधक को अविलंब इस संदर्भ मे ठोस पहल करने का मांग किया।जिस पर उन्होंने सकारात्मक रुख अख्तियार करते हुए कहा कि हम भी आप सभी के लिए चिंतित है ।जल्द ही सभी बैंक को राशि उपलब्ध कराया जाएगा।मौके पर परिहार प्रखंड अध्यक्ष फिरोज आलम ,परिहार प्रखंड कोषाध्यक्ष बिजय जी एंव कन्हैया जी मौजूद थे।

मंगलवार, नवंबर 15, 2016

परिहार प्रखण्ड के पाँच पंचायतो के पंचायत शिक्षको को माह अगस्त 16 का वेतन भुगतान नही

परिहार प्रखण्ड के पाँच पंचायतो के पंचायत शिक्षको को माह अगस्त 16 का वेतन भुगतान नही मिलने से शिक्षक आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं।मालूम हो कि अक्टूबर महीने में परिहार प्रखण्ड के पंचायत शिक्षको को दो महीने का अगस्त और सितंबर का वेतन भुगतान किया गया था मगर परिहार उत्तरी, लहुरिया,बाया ,धनहा, और परिहार दक्षिणी  के पंचायत शिक्षकों को सिर्फ एक महीने का ही वेतन भुगतान किया गया।राशि के अभाव में जान के लाले पड़ गए हैं
सोचनीय पहलू ये है कि आवंटन प्राप्ति के बाद भी राशि कम कैसे पड़ जाती है ?

गुरुवार, नवंबर 10, 2016

तालीमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी को नौ महीने से मानदेय भुगतान नही, भूखमरी के शिकार

सीतामढ़ी जिला में जनवरी 2016 से जुलाई 2016 तक में बहाल शिक्षा स्वयं सेवी का मान देय लंबित है, मानदेय लंबित होने से भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
निदेशक जन शिक्षा बिहार पटना से सहानुभूति पूर्वक ध्यान देते हुए लंबित मानदेय राशि विमुक्त करने का अनुरोध मो०कमरे आलम
परिहार, सीतामढ़ी, बिहार, ने ईमेल भेज कर किया है।