सोमवार, अगस्त 28, 2017

बिहार के नियोजित अप्रशिक्षित शिक्षकों को वेतन नही मिलने के कारण NIOS प्रशिक्षण कोर्स में रजिस्ट्रेशन को हो रही परेशानी

बिहार के नियोजित अप्रशिक्षित शिक्षकों को वेतन नही मिलने के कारण NIOS प्रशिक्षण कोर्स में रजिस्ट्रेशन को हो रही परेशानी

बिहार के नियोजित अप्रशिक्षित शिक्षकों को चार महीने से वेतन नही मिलने के कारण NIOS प्रशिक्षण कोर्स में पैसे के अभाव में रजिस्ट्रेशन नही करवा पा रहे हैं ।अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए NIOS में 15 सितम्बर 2017 तक रजिस्ट्रेशन करवा लेना है शिक्षकों को निबंधन के समय ही प्रथम वर्ष का शुल्क 4500 सौ नेट बैंकिंग के ज़रिए भुगतान करना है मगर पैसे के अभाव में शिक्षक निबन्धन नही करवा पा रहे हैं जो शिक्षक सम्पन्न परिवार से हैं वह तो निबन्धन करवा लिए या करवा रहे हैं मगर जो वेतन पर ही आश्रित हैं वे वेतन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं और तनाव में पड़े हुए हैं।सरकार को चाहिए कि शिक्षकों का बकाया वेतन भुगतान करे ताकि समस्याओं से जूझते शिक्षकों की परेशानी दूर हो साथ ही निबन्धन की तिथि को विस्तारित की जाए।

शुक्रवार, अगस्त 11, 2017

महादलित अल्पसंख्यक एवं अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना की एक अच्छी खासी रक़म मोनिटरिंग/प्रबोधन में खर्च जिसका कोई औचित्य नहीं है

महादलित अल्पसंख्यक एवं अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना की एक अच्छी खासी रक़म मोनिटरिंग/प्रबोधन में खर्च जिसका कोई औचित्य नहीं है
------------------------
बिहार सरकार द्वारा संपोषित योजना मुख्यमंत्री अक्षर आँचल योजना के अंतर्गत संचालित कार्यक्रम "" महादलित अल्पसंख्यक एवं अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना "" की एक अच्छी खासी रक़म मोनिटरिंग/प्रबोधन में खर्च की जा रही है जिसका कोई औचित्य नहीं है ज़िला स्तरीय लोक शिक्षा
समिति, प्रखण्ड समन्वयक साक्षर भारत और के आर पी को प्रबोधन कार्य से अलग कर इस राशि से शिक्षा स्वयं सेवी के मानदेय में इज़ाफ़ा तत्काल प्रभाव से किया जा सकता है।अगर प्रबोधन कार्य से उक्त सभी को अलग कर दिया जाता है तो इनपर व्यय राशि शिक्षा स्वयं सेवी को दे दी जाती है तो शिक्षा स्वयं सेवी का मानदेय प्रति माह@Rs 11810.25 रुपये हो जाएगा। या इतनी बड़ी राशि से 13383 नये शिक्षा स्वयं सेवी बहाल किया जा सकता है ।मालूम हो कि इस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग और प्रबोधन के नाम पर प्रति वर्ष @Rs 107064000 दस करोड़ सत्तर लाख चौसठ हज़ार रुपये की एक बड़ी रकम खर्च कर दी जाती है जिसका ज़मीनी हक़ीक़त से कोई लेना देना नही।अगर मोनिटरिंग/प्रबोधन इतना ही ज़रूरी है तो ये कार्य सी आर सी वाइज सिनिअर शिक्षा स्वयं सेवी से लिया जा सकता है।

""
अनावश्यक खर्च पर रोक लगा शिक्षा स्वयं सेवी पर खर्च कर बेहतर परिणाम हासिल किया जा सकता है। ""

गुरुवार, अगस्त 10, 2017

मानदेय भुगतान की माँग

सेवा में,
ज़िला पदाधिकारी -सह-अध्यक्ष
महादलित अल्पसंख्यक एवंम अति      पिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना,  सीतामढ़ी
विषय:-मानदेय भुगतान के संबंध में।
महाशय,
उपर्युक्त विषयक संबंध में अंकित करना है कि तत्कालीन ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी ने  पत्रांक 42    दिनांक 13.02.217  के द्वारा  निदेशक जन शिक्षा शिक्षा विभाग पटना से 46 शिक्षा स्वयं सेवक के मानदेय भुगतान हेतु जनवरी 2016 से मानदेय भुगतान मद में राशि की माँग की थी उक्त पत्रांक के आलोक में निदेशक जन शिक्षा पटना ने क्रमशः तीन पत्रांक:- 483 दिनांक 08.03.2017, पत्रांक:- 1134 दिनांक  24.05.2017 को निर्गत कर नियोजन एवं प्रशिक्षण से संबंधित प्रतिवेदन साक्ष्य के साथ समर्पित करने का निदेश ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी सीतामढ़ी को दिया था ताकि मानदेय भुगतान की राशि आवंटित की जा सके मगर प्रतिवेदन प्रस्तुत नही किया गया।पुनः निदेशक जन शिक्षा पटना ने पत्रांक 1312 दिनांक 14.06.2017 और पत्रांक 1312 दिनांक 14.06.2017 निर्गत कर एक सप्ताह के अन्दर प्रतिवेदन की माँग की मगर ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी के द्वारा प्रतिवेदन निदेशक जन शिक्षा पटना को उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है। प्रतिवेदन के अभाव में हम तालीमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय राशि आवंटित नही हो पा रहा है और हम लोग मानदेय भुगतान नहीं होने के कारण 19 माह से भूक मरी के शिकार हैं।
              अतः श्रीमान से अनुरोध है कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी को प्रतिवेदन प्रेषित करने का आदेश देने की कृपा करें।

विश्वाश भाजन
हामिद अंसारी परिहार
सीतामढ़ी
              

बुधवार, अगस्त 09, 2017

भारत का राष्ट्रीय प्रतिक

भारत का राष्ट्रीय ध्वज - तिरंगा
भारत का राष्ट्रीय गान - जन-गन-मन
भारत का राष्ट्रीय गीत - वन्दे मातरम्
भारत का राष्ट्रीय चिन्ह - अशोक स्तम्भ
भारत का राष्ट्रीय पंचांग - शक संवत
भारत का राष्ट्रीय वाक्य - सत्यमेव जयते
भारत की राष्ट्रीयता - भारतीयता
भारत की राष्ट्र भाषा - हिंदी
भारत की राष्ट्रीय लिपि - देव नागरी
भारत का राष्ट्रीय ध्वज गीत - हिंद देश
का प्यारा झंडा
भारत का राष्ट्रीय नारा - श्रमेव जयते
भारत की राष्ट्रीय विदेशनीति -गुट निरपेक्ष
भारत का राष्ट्रीय पुरस्कार - भारत रत्न
भारत का राष्ट्रीय सूचना पत्र - श्वेत पत्र
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष - बरगद
भारत की राष्ट्रीय मुद्रा - रूपया
भारत की राष्ट्रीय नदी - गंगा
भारत का राष्ट्रीय पक्षी - मोर
भारत का राष्ट्रीय पशु - बाघ
भारत का राष्ट्रीय फूल - कमल
भारत का राष्ट्रीय फल - आम
भारत की राष्ट्रीय योजना - पञ्च वर्षीय योजना
भारत का राष्ट्रीय खेल - हॉकी
भारत की राष्ट्रीय मिठाई - जलेबी
भारत के राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) और 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस)

बिहार तालीमी मरकज़ संघ ने शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन

बिहार तालीमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी संघ बिहार का एक शिष्ट मंडल तारिक़ अनवर प्रदेश महा सचिवके नेतृत्व में शिक्षा मंत्री बिहार से उन के कार्याल कक्ष में मिलकर लम्बित मानदेय भुगतान और सेवाशर्त निर्धारण से संबंधित माँग पत्र सौंपा ,माँग पत्र में मुख्य रूप से अप्रैल 2017 से अब तक बकाया मानदेय राशि का भुगतान बक़र ईद पर्व से पूर्व करने और लम्बित सेवा शर्त का निर्धारण कर नियमावली की अधिसूचना जारी किए जाने की माँग की गई है। शिष्ट मण्डल में मोहम्मद अकबर, वकील अहमद आदि मौजूद थे।इसी से संबंधित एक आवेदन डायरेक्टर मास एजुकेशन पटना को भी दिया गया है।

मंगलवार, अगस्त 08, 2017

साक्षरता कर्मी की भूमिका शिक्षकों से कम नही :- डी पी ओ साक्षरता सीतामढ़ी

ज़िला लोक शिक्षा समिति सीतामढ़ी द्वारा परिहार हाई स्कूल के सभागार में आयोजित चार प्रखण्डों सोनबरसा, परिहार, बथनाहा और सुरसंड के समन्वयक, प्रेरक, टोला सेवक, तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी उन्मुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी जनाब नुरुल होदा खान ने कहा कि साक्षरता कर्मियों की भूमिका किसी शिक्षक से कम नही नॉन फॉर्मल तरीके से दी गई तालीम का असर देर पा होता है और बच्चे हासिल की गई तालीम को भूलते नही उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने आप को जिस मक़सद के लिए बहाल किया है उसको पूरी ईमानदारी से अंजाम दें अगर ईमानदारी से काम करेंगें तो वह वक़्त दूर नही जब आप शिक्षक के रूप में स्थापित होंगें सरकार आपकी कारकर्दगी को बारीकी से देख रही है। अगर किसी तरह की कोई परेशानी होती है तो हमसे सीधा राब्ता क़ायम करें हम उसका हल निकालेंगे।
उन्होंने कहा कि इस तरह का हमारा यह आखिरी प्रोग्राम नही बल्कि हर तीन महीने पर इस तरह का प्रोग्राम होगा ताकि हम और आप एक दूसरे से रु बरु होते रहे और साक्षरता के हलका में सीतामढ़ी का नाम पूरे बिहार में रौशन कर सकें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य कार्यक्रम समन्वयक सीतामढ़ी नागेन्द्र पासवान ने कहा कि जहाँ सारा तंत्र फेल कर जाता है उस काम को साक्षरता कर्मी अंजाम तक पहुँचा देता है ज़रूरत इस बात की है कि हमारा जो बुनियादी काम है हम जिस काम को करने के लिए नियुक्त हैं उस काम को पूरी निष्ठा से करें ताकि कोई शिकायत सामने न आयें।साक्षरता कर्मी को समाज में साक्षरता कर्मी के रूप में पहचान बनाने की ज़रूरत है जिस दिन पहचान बन गई साक्षरता का मक़सद पूरा हो जायगा उन्होंने महा परीक्षा की तैयारी का शंखनाद अभी से फुंक देने की बात कही और कहा कि महा परीक्षा को पर्व की तरह आयोजित किया जाए।

बताते चलें कि इस तरह का प्रोग्राम सीतामढ़ी साक्षरता के तारीख में पहली बार हुआ है जहाँ चार प्रखण्ड के साक्षरता कर्मी एक जगह वह भी ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता के साथ आमने सामने बैठ कर बात किये हैं।

नव पदस्थापित ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता को जिला तालीमी मरकज़ संघ के जिला अध्यक्ष नेक मोहम्मद अंसारी, मोहम्मद कमरे आलम ने फूलों का माला पहना कर ख़ैर मकदम किया कार्यक्रम की नाज़ामत संजय कुमार मधु एस आर जी सीतामढ़ी ने बखूबी अंजाम दिया।अर्चना कुमारी प्रखण्ड कार्यक्रम समन्वयक परिहार, के आर पी परिहार सुरसंड, सोनबरसा बथनाहा आदि ने भी उन्मुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित किया और अपने नए पदाधिकार का अभिनंदन किया।

रविवार, अगस्त 06, 2017

नेक मोहम्मद अंसारी बने सीतामढ़ी तालीमी मरकज़ संघ सीतामढ़ी के अध्यक्ष

सीतामढ़ी ज़िला तालीमी मरकज़ संघ के अध्यक्ष एजाज़ कौसर खान के त्याग पत्र देने के बाद अध्यक्ष का पद खाली हो गया था अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर आज तालीमी मरकज़ संघ की एक बैठक ललित आश्रम सीतामढ़ी के प्रांगण में मोहम्मद सगीर अंसारी की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर जम कर चर्चा हुई मगर सर्वसम्मति से जिला अध्यक्ष का चुनाव नही हो पाया अध्यक्ष के लिए दो उम्मीदवार आमने सामने आए तो गुप्त मतदान से अध्यक्ष का चुनाव कराने का निर्णय लिया गया।गुप्त मतदान में सत्रह प्रखण्ड अध्यक्षों में से तेरह प्रखण्ड अध्यक्षों ने अपना मत नेक मोहम्मद अंसारी को दिया वही दूसरे उम्मीदवार शाहिद रेज़ा को चार मत प्राप्त हुआ और चुनाव पर्यवेक्षक ने नेक मोहम्मद अंसारी को जिला अध्यक्ष के रूप में अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया।बैठक में निर्वाचित अध्यक्ष को एक सप्ताह के भीतर ज़िला कार्यकारिणी का गठन करने का अधिकार सौंप दिया।
ज़िला अध्यक्ष निर्वाचित होने पर नेक मोहम्मद अंसारी को मोहम्मद कमरे आलम, इम्तेयाज़ अहमद, अनवर दिलवर, रहमत अली सोनबरसा सैदर आदि ने मुबारक बाद दी है और उम्मीद ज़ाहिर किया है कि आप के अगुआई में जिला तालीमी मरकज़ मज़बूत होगा और रज़ाकारों की समस्याओं का समाधान तेज़ी से होगा।

रविवार, जुलाई 23, 2017

सीतामढ़ी ज़िला तालीमी मरकज़ संघ हक़ीक़त के आईने में

सीतामढ़ी ज़िला तालीमी मरकज़ संघ हक़ीक़त के आईने में
------------------------------
सीतामढ़ी ज़िला में तालीमी मरकज़ का आग़ाज़ सन 2010 में हुआ शुरुआती दौर में कुछ लोगों ने जिला तालीमी मरकज़ संघ का जिला अध्यक्ष पुपरी के रहने वाले इम्तेयाज़ साहब को बनाया इम्तेयाज़ साहब के बाद नानपुर ब्लॉक के एजाज़ कौसर खान को इस बुनियाद पर जिला सदर की सदारत सौंपी गई कि ये सीतामढ़ी में ही मुक़ीम रहते हैं ।सीतामढ़ी रहने की वजह कर तालीमी मरकज़ के रेज़ाकारों की परेशानिओं का एजाला अफसर से मिलकर करेंगें साथ ही संघ को मजबूत कर संघर्ष कर सरकार से तालीमी मरकज़ को वाज़िब हक़ दिलवाएंगे मगर तालीमी मरकज़ के लोगों का यह ख्वाब ख्वाब ही बन कर रह गया और आज अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।ज़िला से लेकर प्रखण्ड सतह तक तालीमी मरकज़ संघ का कोई वजूद नही है हाँ नाम नेहाद ज़िला सदर ब्लॉक सदर ज़रूर हैं जिनको तालीमी मरकज़ के लोगों से खातिर खाह कोई लेना देना नही।हक़ीक़त तो ये है कि जिला में तालीमी मरकज़ का कोई फयाल वर्किंग कमेटी नही है वही हाल ब्लॉक सतह का भी है इनके ज़िला सदर और ब्लॉक सतह के सदर का काम सिर्फ और सिर्फ ओहदा महफूज़ रहे ताकि ऑफिसर की निगाहें करम बनी रहे इसके इलावा कुछ भी नहीं।मौजूदा कमिटी से तालीमी मरकज़ के रेज़ाकारों का कितना नुकसान हुआ इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2010 में तालीमी मरकज़ के बहुत से भाई आज भी सड़कों की धूल फाँक रहे हैं और ये मौजूदा सदर की नज़र अंदाज़ी की वजह कर हुआ।पुराने साथियों को मुख्यमंत्री अक्षर आँचल योजना में आने के लिए भी एक तह शुदा रक़म चुकानी पड़ी,और अभी जो लोग काम कर रहे हैं उन्हें वक़्तन फवक्तन चुकानी पड़ती है।यहाँ के जिला सदर ने संघ के मकसद को ही तब्दील कर रख दिया सीतामढ़ी ज़िला तालीमी मरकज़ का ऐसा एक भी कारनामा नही जिस को याद किया जा सकता हो, या ये कहा जा सके कि सीतामढ़ी तालीमी मरकज़ ने किसी मुद्दे को लेकर जिला या सरकार के खिलाफ आवाज़ बुलंद किया है।
2013 से लेकर 2017 तक तालीमी मरकज़ रज़ाकारों का कई डिपार्टमेंटल ट्रैनिंग हुआ मगर क्या किसी को सर्टिफिकेट मिला जबकि ये ट्रेनिंग लेने वाले का हक़ है जो सर्विस पीरियड में कारामद होता है क्या इसके लिए पुरज़ोर आवाज़ बुलंद की गई ? नही ना
जनवरी 2016 में ट्रेनिंग हासिल शुदा और जिला लोक शिकायत निवारण के आदेश पर जिनका योगदान हुआ उस का पेमेंट नही होता है और जो 29 जुलाई 2016 को योगदान करते हैं उनका पेमेंट हुआ और हो रहा है क्या इस के खिलाफ आवाज़ बुलन्द की गई ? नही ना
एस्टेब्लिशमेंट लिस्ट में रज़ाकारों की तफ़सीलात ग़लत इंद्राज की गई जोइनिंग लेटर ग़ायब किया गया क्या इसके खिलाफ आवाज़ बुलन्द की गई ? नही ना
तो फिर

क्या ऐसे ग़ैर सक्रिय/खामोसी इख़्तेयार कमिटी से जिला तालीमी मरकज़ के रज़ाकारों का मुस्तक़बिल ताबनाक हो सकता है ? ये ज़िला के तमाम रज़ाकारों को सोचना चाहिए/सोचना होगा ।ज़िला तालीमी मरकज़/ब्लॉक कमिटी को सिरे से तहलील (निरस्त) कर एक ईमानदार कमिटी की तश्किल करेँ जो सिर्फ और सिर्फ आपके ताबनाक मुस्तक़बिल के लिए काम करे।

" ज़िला सीतामढ़ी तालीमी मरकज़ संघ एक superseded committee है क्योंकि ज़िला कमिटी इंतेखाब 20.12.2012 को हुआ था।किसी भी कमिटी का कार्यकाल तीन/पाँच साल का होता है कमिटी का तीन साल का कार्यकाल 20.12.2015 को समाप्त हो जाता है कमिटी के कार्यकाल समाप्ति से पूर्व नए कमिटी का इंतेखाब नही हुआ लिहाज़ा कार्यकाल समाप्ति के बाद कमिटी स्वतः भंग हो जाती है और वह सुपर सीड कमिटी कहलाती है।सुपरसीड कमिटी में कोई चेयरमैन प्रेजिडेंट नही होता।
16.02.2016 को बीना इंतेखाब/ आम सभा के इत्तेफ़ाक़ राय के नई कमिटी बना ली गई जो ग़ैर क़ानूनी है।
16.02.2016 को अपने मन से कमिटी बनाने से ज़ाहिर है कमिटी का कार्य काल तीन साल ही है पाँच साल नही।
सुपरसीड (भंग)कमिटी की बैठक बुलाना बहैसियत  चेयरमैन मज़हक़ह ख़ेज़(हास्यापद)है।
जब तक आम सभा से जिला कमिटी का चुनाव नही हो जाता है तब तक ज़िला तालीमी मरकज़ के साथ सभी तरह की कमिटी भंग है कोई चेयरमैन प्रेसिडेन्ट  नही। ""

सोमवार, जुलाई 03, 2017

मृत टोला सेवक पुनदेव सादा की पत्नी को मिला अनुग्रह अनुदान राशि का चेक

ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी प्रेम चन्द्र ने मृत टोला सेवक पुनदेव सादा की पत्नी को अनुग्रह अनुदान राशि चार लाख रुपये का चेक सौंप।मौके पर ज़िला एम डी एम प्रभारी जय शंकर ठाकुर, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष व पूर्व एम एल सी दिलीप यादव, मुख्य कार्यक्रम समन्वयक नागेन्द्र पासवान, एस आर जी मधु, टोला सेवक संघ सीतामढ़ी के जिला अध्यक्ष रघुनंदन बैठा, सगीर अंसारी, नेक मुहम्मद अंसारी उपस्थित थे।

शुक्रवार, जून 23, 2017

जिला साक्षरता सीतामढ़ी में लाखों रुपये मानदेय राशि का फर्ज़ीवाड़ा कर ग़बन

जिला साक्षरता सीतामढ़ी में लाखों रुपये का फर्ज़ीवाड़ा
--------------
जिला साक्षरता सीतामढ़ी में फ़र्ज़ी 21(इक्कीस) तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी के बैंक खातों में मानदेय राशि हस्तांत्रित कर लाखों रुपये का फर्ज़ीवाड़ा कर ग़बन किया जा रहा है।
मालूम हो कि जिला सीतामढ़ी में जनवरी 2016 में 45 तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी को दो दिवसीय प्रशिक्षण देकर योगदान करवाया गया था और एक तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सीतामढ़ी के निर्णय के आलोक में 11जुलाई 2016 को योगदान करवाया गया था मगर अब तक इन शिक्षा स्वयं सेवकों को मानदेय राशि का भुगतान नहीं किया गया और वही 21 (इक्कीस) तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवकों को आनन फानन में 29 जुलाई 2016 को योगदान दिखा  कर उन के बैंक खातों में मानदेय राशि भेज कर सरकारी राशि का ग़बन किया जा रहा है।जबकि जानकारों का कहना है कि इन नव नियोजित शिक्षा स्वयं सेवियों के द्वारा संबंधित विद्यालयों में योगदान भी नहीं किया है।

सोमवार, जून 19, 2017

मानदेय राशि/हौसला अफजाई रक़म

मानदेय राशि/हौसला अफजाई रक़म
-----------------------------------
बेरोज़गारी से तंग, परिवारों के तानों से परेशान मानदेय मिलने वाले कामों को करने पर मजबूर लोगों को मानदेय /हौसला अफजाई रक़म सरकार के पदाधिकारी देना नही चाहते हैं।मानदेय वाली नौकरी (काम) बेरोज़गार नौजवान मज़बूरी में करते हैं ताकि फ़ाक़ा कशी से तंग आकर खुदकशी न करना न पड़े मगर पदाधिकारी मानदेय राशि/हौशला अफ़ज़ाई रक़म का पेमेंट न कर मानदेय पर काम करने वाले लोगों को आत्महत्या करने पर उत्साहित नही करती है तो क्या कर रही है  ?
सरकार के शक्तिशाली पदों पर बैठे लोगों को ये एहसास नहीं होता है कि भूख प्यास, बेरोज़गारी, परिवार के तानों का तंज़ क्या होता है ? अगर सरकार हौसला अफजाई रक़म भी वक़्त पर नही दे सकती  तो हौसला अफजाई जैसे चलने वाले कार्यक्रम को सरकार को बन्द कर देनी चाहिए और कीमती मानव जीवन को खत्म करने का कानूनी हक दे देनी चाहिए।

रविवार, जून 18, 2017

इंसाफ - इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक मुस्तकीम सिद्दीकी को गोड्डा टाउन थाना के थाना प्रभारी ने दी मुक़दमा में फ़साने की धमकी, सिद्दीकी की ज़ुबानी

इंसाफ_इंडिया : गोड्डा टाउन थाना प्रभारी अशोक गिरी ने साथी Ranjit Inquilab Godda के फोन से मुझे धमकी दी है, मेरे साथी को टाउन थाना में बुलाकर झुटे मुकदमे में फसाने की बात कही है , गोड्डा टाउन थाना में कुछ साथियों को मेरे बारे में देशद्रोही एवं दंगा भड़काने में संलिप्ता का किया प्रोपेगंडा l

मेरा कसुर : मैने 16 जुन को गोड्डा में कुछ साथियों के साथ झारखंड नवनिर्माण की बैठक का आहवान किया था l

जब मैने पुलिस अधिक्षक (एस पी) गोड्डा से ऐसे झुटे आरोप के बारे बात करना चाहा तो एस पी गोड्डा ने अपने थाना प्रभारी की बात को सही ठहराते हुए हम पर गुस्से का इजहार करते हुए बाद में बात करने को कहा l

साथियों यही है फासीवाद , यही है संघवाद , उठती आवाज को दबाने की कोशिश l

Mustaqim Siddiqui
राष्ट्रीय संयोजक
इंसाफ इंडिया l

गुरुवार, जून 15, 2017

बिहार पंचायत - नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ का एक दिवसीय धरना प्रदर्शन 17 जून को

बिहार पंचायत - नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखण्ड अध्यक्ष मोहम्मद फ़िरोज़ आलम ने जानकारी दी है कि सरकार की दोहरी नीति एवं शिक्षा और शिक्षक विरोधी नीति के खिलाफ बिहार पंचायत - नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ राज्य ईकाई के आह्वान पर 17 जून को जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन दिया जाएगा।                        
इसी क्रम में अम्बेडकर स्थल डुमरा, सीतामढी, में 10:00 धरना में भाग लेने की गुजारिश शिक्षक, शिक्षिकाओं से की है।
धरना प्रदर्शन के निम्न विन्दु हैं :-
विगत कई महीनों से लंबित वेतन भुगतान ,   समान काम- समान वेतन,  सेवाशर्त का प्रकाशन,  बच्चों को पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराना आदि।
            

मंगलवार, जून 13, 2017

बी एम सी मकतब परिहार में दो दीनी चक धूक-चक धूक समर कैंप का आग़ाज़

जिला साक्षरता सीतामढ़ी के आदेशालोक में6 से14 आयु वर्ग के बच्चों और उनके माताओं के लिए दो दीनी चक धूम-चक धूम समर कैंप का आग़ाज़ प्रधानाध्यापक मोहम्मद शमीम अंसारी, प्रखण्ड कार्यक्रम समन्वयक अर्चना कुमारी के आर पी वीरेन्द्र यादव और बी आर पी मारूफ आलम ने चिराग़ रौशन कर किया मौके पर सी आर सी सी मोहम्मद इसराफिल अंसारी, प्रखण्ड लेखा समन्वयक दुखा बैठा मौजूद थे।समर कैंप 14 जून तक चलेगा।


सोमवार, जून 12, 2017

Breaking News :-विधुत के ज़द में आने से लाईन मैन अनिल कुमार सिंह की मौत


परिहार सीतामढ़ी।परिहार चौक से दक्षिण परिहार क़ब्रिस्तान के निकट ट्रांसफॉर्मर पर फ्यूज़ ठीक करने के दौरान विधुत के ज़द में आने से लाईन मैन अनिल कुमार सिंह की मौत हो गई ।बताया जाता है कि अंसारी मुहल्लाह का फेज़ डाऊन चल रहा था उसी को ठीक करने के लिए सिरसिया फीडर से शॉर्ट डाऊन लेकर ट्रांसफॉर्मर पर चढ़ा था ट्रांसफॉर्मर पर चढ़ने के कुछ ही देर बाद लाईन दे देने के कारण करेंट लगने से मौके ए वारदात पर ही मौत हो गई।अनिल कुमार सिंह सहरगमा निवासी काफी मिलन साल आदमी थे इनके दर्दनाक मौत से इलाके में शोक की लहर दौड़ गई और देखने के लिए चारों तरफ से लोग दौड़ पड़े

शुक्रवार, जून 09, 2017

प्रखण्ड स्तरीय चक धूम-चक धूम 2017 समर कैंप कार्यशाला आयोजित

प्रखण्ड स्तरीय चक धूम-चक धूम कार्यशाला आयोजित

बिहार।सीतामढ़ी।परिहार प्रखण्ड अन्तर्गत प्रखण्ड स्तरीय चक धूम-चक धूम 2017 समर कैंप के सफल आयोजन के लिए प्रखण्ड संसाधन केंद्र परिहार के प्रशिक्षण कक्ष में प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी परिहार राम सेवक राम की अध्यक्षता में  कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें प्रखण्ड कार्यक्रम समन्वयक अर्चना कुमारी साक्षर भारत, प्रखण्ड साधन सेवी कौशलेन्द्र कुमार कर्मेन्दु ,शमीम अंसारी, मारूफ आलम, सी आर सी सी इसराफिल अंसारी, बी एम सी मकतब के प्रधानाध्यापक शमीम अंसारी, सहायक फखरुल अंसारी, लेखा समन्वयक दुखा बैठा, टोला सेवक, तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी, पंचायत लोक शिक्षण केन्द्र के प्रेरक आदि उपस्थित थे।

गुरुवार, जून 08, 2017

11 जून 2017 रविवार को होगी प्रदेश टोला सेवक संघ की बैठक

बिहार प्रदेश टोला सेवक संघ पटना की एक आवश्यक बैठक 11जून 2017 रविवार को
बहादुर पुर शांति निकेतन मध्य विद्यालय में प्रदेश अध्यक्ष ब्रह्मानन्द की अध्यक्षता में में आहूत की गई है।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि बैठक बहुत ही अहम और गंभीर है बैठक में अगामी कार्य की रूप रेखा तैयार किया जाएगा।
सभा स्थल पर पहुँचने का पता:- पटना जंक्सन से  टेम्पू या बस पकड़ कर राजेन्द्र नगर ,पटना सीटी,अगम कुँआ या भूतनाथ जाने वाली पकड़ कर बहादुर पुल के पास उतड़, पुल पर चढ उत्तर की ओर आ जाना है वहाँ दूर्गा मंदिर के पास किसी से भी पूछ लेना है कि सरकारी विद्यालय शांति निकेतन कहाँ है कोई बता देगा ।
विशेषः  9304048103 विनोदजी , 7654477788 राकेश रौशन जी ,या 9162899470 नम्बर पर संम्पर्क कर सकते हैं।

बुधवार, जून 07, 2017

हल्का कर्मचारी के जाँच रिपोर्ट के बाद भी सी ओ परिहार ने नही किया रक़बा सुधार, सुधार के एवज माँगी दस हजार

बिहार/सीतामढ़ी/परिहार ।।ज़मीन के रक़बा सुधार के लिए ग्राम पंचायत बेतहा ,बेतहा निवासिनी मुसमात प्रवीण कौसर पति मोहम्मद खुर्शीद आलम ने रक़बा सुधार कर दाखिल खारिज करने के लिए सी ओ परिहार को 13 जनवरी 2016 को आवेदन दिया था, सी ओ परिहार ने हल्का कर्मचारी को जाँच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया।हल्का कर्मचारी ने 19 जनवरी 2016 को जाँच प्रतिवेदन समर्पित कर अंचलाधिकारी परिहार को  अंचल अमीन से नक़्शा मापी व सीमांकन प्रतिवेदन लेने का अनुरोध करते हुए आवेदिका के केबाल दर केबाल और दखल क़ब्ज़ा के आधार पर रक़बा सुधार कर दाखिल खारिज करने की अनुशंसा की मगर डेढ़ साल गुजर जाने के बाद भी अंचल पदाधिकारी परिहार ने आवेदिका के ज़मीन का रक़बा सुधार करने का प्रस्ताव संबंधित पदाधिकारी को नहीं दिया।

              "" हल्का कर्मचारी के प्रतिवेदन देने के बाद भी जब रक़बा सुधार  नही किया गया तो मैं सी ओ से मिली और रक़बा सुधार की बात कही तो सी ओ परिहार ने कहा अरे ! ये सब वैसे ही थोड़े होता है ज़मीन का मामला है पैसा खर्च करना होगा।दस हज़ार रुपये ले कर आना काम हो जाएगा।।""
                                 
                              ''मुसमात प्रवीण कौसर ''

शुक्रवार, जून 02, 2017

शिक्षक भिखारी महतो जिसने इन्दरवा विद्यालय की तस्वीर बदल दी


रितु जायसवाल
एक सरकारी विद्यालय और एक शिक्षक ऐसा भी!

बिहार! एक ऐसा राज्य जो अपनी ऐतिहासिक गौरवगाथा के साथ साथ सरकारी शिक्षा तंत्र के बदहाली केलिए भी जाना जाता है। प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा, सब के हालात दयनीय। माने न माने पर यह एक हकीकत है जिससे न मानने वाले भी अंदर ही अंदर सहमत होते हैं। कोशिश में लगी रहती हूँ की कम से कम पंचायत की मुखिया हूँ तो अपने पंचायत में शिक्षा की तस्वीर बदले पर बदलना तो दूर, तस्वीर बनती तक नहीं दिख रही। अपने पंचायत में जब विद्यालय नहीं मिला (विद्यालय हकीकत में तो खाना खाने का मेस बन गया है) तब थक कर ढूंढने निकली की कहीं तो कोई शिक्षक या विद्यालय होगा जहाँ हकीकत में बच्चों को "विद्यालय" और "शिक्षक" जैसे महान शब्द का मतलब का एहसास होता होगा। तो इस तलाश में मुलाक़ात हुई सोनबरसा के एक पत्रकार बीरेंद्र जी से जो जब मिलते थे तब यही कहते थे की इंदरवा स्कुल देखने कब चलिएगा? इस प्रश्न में उनकी उत्सुकता देखने योग्य रहती थी जैसे वो कुछ बड़ा ही अद्भुत चीज़ दिखाना चाहते हों। 4 से 5 बार उन्होंने कहा पर किसी न किसी कारण से नहीं ही जा पाई। पर आखिरकार एक दिन प्रखंड कार्यालय गई तो अचानक बीरेंद्र जी से मुलाक़ात हुई। उन्होनें फिर वही बात की और इतना कहना की प्रोग्राम बन गया हम सभी का की चलिये आज तो जाना ही है। चलते चलते कई गाँव पार करते भारत के अंतिम छोड़ पर जा पहुँचे हम लोग । गाँव था इंदरवा - नरकटिया, ग्राम पंचायत राज इंदरवा, जिससे सटे ही है भारत नेपाल सीमा। विद्यालय का माहौल ऐसा था कि बाहर से ही बदलाव की एक लहर का एहसास होने लगा था। अंदर गई तो बेहद ही विनम्र प्रवृति के शिक्षक मेरे आदर्श श्री भिखारी महतो जी अपनी मुस्कान के साथ स्वागत केलिए खरे थे। बच्चों के चप्पल बिलकुल ही कतार में कक्षा के बाहर रखे हुए थे। भिखारी जी, वहां के पूर्व मुखिया श्री सुरेंद्र कुमार जी, बीरेंद्र जी और उनके अन्य सहयोगियों ने पूरे विद्यालय का कोना कोना दिखाना शुरू किया, बच्चों से मिलवाया। विद्यालय के पूरे परिसर में धूल का एक कण न मिला और शौचालय में इतनी साफ़ सफाई की हम लोग खाली पैर वहां गए । जहाँ अधिकाँश विद्यालयों में मिड मील से पैसे बनाना शिक्षकों का पेशा बन गया है, वहां भिखारी जी के विद्यालय में मिड डे मील की सम्पूर्ण व्यवस्था बच्चों के ही हाथ में है। विद्यालय की शिक्षण प्रणाली पूर्णतः गुणवत्तापूर्ण। यहाँ से बच्चे कई बड़े बड़े स्थानों तक पहुँच चुके हैं। यहाँ के बच्चों में विषय की पढ़ाई के अलावा खेल कूद, कंप्यूटर शिक्षा, अनुशासन, जागरूकता और संस्कार को देखना भिखारी महतो जी के अथक प्रयास, उनकी लगन और कर्तव्यनिष्ठता का वास्तविक बोध कराता है। कक्षा समाप्त होने के बाद बच्चों का एकदम कतार में शांतिपूर्ण तरीके से विद्यालय से निकलना देखने योग्य था। बच्चे अपना चप्पल भी उतार कर किस अनुशासन से रखते हैं वह भी देखने योग्य था। शौचालय में ऐसी साफ़ सफाई की हम लोग खाली पैर भी आराम से वहां जा सके। मध्यान भोजन ऐसा की क्या गाँव के किसी घर में वैसा भोजन बनता होगा।

विद्यालय में घूमते हुए और उनके शिक्षा के प्रति लगन को देख कर ऐसा लगता है जैसे विद्यालय में इनके प्रयासों से निर्मित भवन की एक एक ईंट में, इनके द्वारा लगाए गए एक एक वृक्ष में, वहाँ की हवाओं में, ब्लैकबोर्ड में, वहाँ के चॉक में हर जगह उनकी आत्मा बसती है। यही कारण है कि मैंने चाहा था ऐसे शिक्षक हमारे पंचायत में आ जाएं, जिसके लिए भिखारी जी से मिलने से पहले उनके बारे में सिर्फ सुन कर, मैंने प्रयास भी किया था पर अब जब इनसे मिली, तब ये एहसास हुआ की स्वार्थवश कितनी बड़ी भूल करने जा रही थी मैं, किसी की आत्मा को उसके शरीर से अलग करने जा रही थी। धन्य हो ऐसे शिक्षक और ऐसे ग्रामीण जिनका सहयोग हर कदम पर भिखारी जी के साथ रहा। मातृभूमि का असल ऋण तो आप लोग चूका रहे हैं। इसी पंचायत के बाकी विद्यालयों का हाल वही है जिसके लिए बिहार सरकार के स्कुल जाने जाते हैं। इससे साफ होता है कि वर्तमान स्थिति में किसी भी विद्यालय में सुधार केलिए जब तक खुद शिक्षक के अंतरात्मा से आवाज़ नहीं आएगी तब तक बदलाव के बारे में सोचना भी व्यर्थ है। हम आप बस सहयोग कर सकते हैं, शिक्षण प्रणाली में सुधार नहीं ला सकते। 9 साल के अपने निस्वार्थ सेवा से पूजनीय भिखारी महतो जी और उनसे पहले राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित वही के शिक्षक श्री रामज्ञान बाबू जी और उनके साथ कंधे से कन्धा मिलाये खरे पंचायत के पूर्व मुखिया श्री सुरेंद्र जी और पत्रकार बीरेंद्र जी के सहयोग से जब एक विद्यालय की सूरत बदली जा सकती है, वहाँ के बच्चों को हर क्षेत्र में भविष्य के रास्ते दिखाये जा सकते हैं तो फिर ये कार्य बाकी कई जगहों पर भी किये जा सकते हैं।

बिहार के हर जिले में कहीं न कहीं ऐसी बदलाव की एक कहानी ज़रूर होगी जो सरकार के बड़े लोगों की उदासीनता के वजह से छिप जाती होगी। हमें ज़रूरत है सरस्वती के ऐसे मूर्तियों को ढूंढ कर उनकी कहानी देश दुनिया के सामने लाने की। आप सब से अपील करती हूँ की नेपाल घूमने तो सब जाते हैं पर हो सके तो सीमा से सटे ही सोनबरसा प्रखंड के इंदरवा पंचायत के इस विद्यालय के दर्शन ज़रूर कर आएं। ये जगह तो किसी मंदिर से भी बढ़ कर है। यदि कोई पत्रकार भाई बहन हमारे पेज से जुड़े हैं तो आप कृपया इस विद्यालय को और भिखारी महतो जी के प्रयासों को हर संभव तरीके से सम्मान ज़रूर दें। तसवीरें मेरे इस लेख का एक अदना सा प्रमाण है। बाकी आप जाएंगे तो वहां महसूस करेंगे।

वहाँ जाने पर ख्याल आया की विद्यालय में क्या योगदान दिया जाए तो राय विचार करने के बाद बात निकली की चूँकि वहां हॉस्टल भी है तो रात को रौशनी केलिए सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाई जाए और हाई स्कूल के कक्षाओं में कुछ सीलिंग फैन की व्यवस्था की जाए क्योंकि इसका अभी अभाव है। 10 पंखों का छोटा सा योगदान तो मैंने आज विद्यालय के अपने दूसरे दौरे में कर दिया, बाकी लाइट बहुत जल्द ही किसी संस्था के माध्यम से लगवा दी जायेगी।

विद्यालय से निकल कर सिर्फ एक ही बात ज़ेहन में रह गई। काश! हमारे ग्राम पंचायत सिंहवाहिनी में भी एक भिखारी महतो होते। अपनी तनख्वाह का एक हिस्सा भी बच्चों के भविष्य निर्माण में लगाने वाले ऐसे महापुरुष को अंतर्मन से प्रणाम करती हूँ। और उन ग्रामीणों को भी प्रणाम जिन्होंने भिखारी जी की निष्ठा और लगन को देखते हुए अपनी जमीन, अपना पैसा, अपना कीमती वक्त सब कुछ बच्चों के बेहतर भविष्य केलिए न्योछावर कर दिया।

पहली ही तस्वीर में चश्मा लगाए साधारण सी वेश भूषा में पूजनीय श्री भिखारी ठाकुर जी मेरी दाहिनी ओर हैं।

गुरुवार, जून 01, 2017

टोला सेवक, शिक्षा स्वयं सेवी और प्रेरकों का मासिक बैठक आयोजित

सीतामढ़ी/परिहार टोला सेवक, शिक्षा स्वयं सेवी और प्रेरकों का संयुक्त मासिक बैठक प्रखण्ड संसाधन केन्द्र परिहार के सभागार में प्रखण्ड कार्यक्रम समन्वयक अर्चना कुमारी की अध्यक्षता में आयोजित की गई।बैठक को संबोधित करते हुए कुमारी ने प्रेरकों को मानदेय भुगतान से संबंधित विवरणी 8जून तक समर्पित करने की बात कही अन्यथा बकाया राशि विभाग से विमुक्त नही की जाएगी।ज़िला स्तरीय पत्र के आलोक में साक्षरता केन्द्रों और और बच्चों का ट्यूशन नियमित रूप से संचालित करने का निदेश दिया अनियमितता की स्थिति में कार्रवाई की बात की गई।निदेशक जन शिक्षा के पत्र के आलोक में ग्रीष्म अवकाश में बच्चों का ट्यूशन 8बजे से10बजे तक संचालित किया जाएगा और साक्षरता केंद्र का संचालन 1बजे से3बजे तक संचालित होगा।बैठक में के आर पी वीरेन्द्र यादव लेखा समन्वयक दुखा बैठा, शिक्षा स्वयं सेवी मोहम्मद कमरे आलम,मोहम्मद हामिद अंसारी टोला सेवक महेन्द्र बैठा प्रेरक विमलेश यादव, लक्ष्मण यादवआदि उपस्थित थे।

सोमवार, मई 29, 2017

योगदान के चौदह माह पश्चात भी तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी को मानदेय भुगतान नहीं, स्वयं सेवी के समक्ष भूख मरी उत्पन्न

सीतामढ़ी/ज़िला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सीतामढ़ी के निर्णयालोक निर्णय संख्या 40411-00383 व लोक प्राधिकार डी पी ओ साक्षरता सीतामढ़ी के आदेश के आलोक में जिला कार्यक्रम पदादिकारी  साक्षरता सीतामढ़ी के पत्रांक 228 दिनांक 11.07.2016 के आदेशालोक में मोहम्मद कमरे आलम को महादलित अल्पसंख्यक एवं अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना में तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी के पद पर योगदान कर कार्य करने का आदेश प्राप्त हुआ। कमरे आलम आदेश का अनुपालन करते हुए समबंधित विद्यालय में दिनांक 11.07.2016 को योगदान कर नियमित रूप से कार्य करना प्रारम्भ कर दिया और कर रहे हैं मगर योगदान के चौदह महीने पश्चात भी मानदेय से वंचित हैं।
मोहम्मद कमरे आलम ने बताया कि मानदेय भुगतान हेतु ज़िला कार्यक्रम पदादिकारी साक्षरता को चार अभ्यावेदन विभिन्न तिथियों में दे चुका हूँ परन्तु अभी तक मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है, मानदेय राशि भुगतान के अभाव में मानसिक रूप से तनाव में रहता हूँ।

बुधवार, मई 24, 2017

भीषण गर्मी को देखते हुए विद्यालय संचालन समय में परिवर्तन

भीषण गर्मी को देखते हुए ज़िला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी ने 25 मई से 06 जून तक विद्यालय संचालन समय में परिवर्तन कर दिया है अब ज़िले के सभी सरकारी/निजी स्कूलों का संचालन6:30 बजे से10:30बजे पूर्वाह्न तक होगा

मंगलवार, मई 23, 2017

बिहार की दूसरी सरकारी ज़ुबान उर्दू कहीं नज़र नही आती

28 मई को होगी बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ,सीतामढ़ी की बैठक

बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक 
संघ,सीतामढ़ी की बैठक 28 मई 2017 रविवार को 11 बजे से ओरिएन्टल म.वि. सीतामढ़ी में रखी गई है ।जिस में सभी प्रखंड के अध्यक्ष/सचिव ,प्रखंड स्तरीय कार्य समिति एवं जिला स्तरीय कार्य समिति के सदस्यों से बैठक में भाग लेने का आह्वान किया गया है ।