बुधवार, अप्रैल 25, 2018

डॉक्टर कफ़ील रातोंरात हीरो से विलेन बना दिए गए और फिर भुला दिए गए। हम उन्हें इंसाफ़ दिला सकें या नहीं, कम से कम उनकी चिट्ठी तो पढ़ ही सकते हैं। जेल में बंद डॉ. कफ़ील अहमद खान का का ख़त

डॉक्टर कफ़ील रातोंरात हीरो से विलेन बना दिए गए और फिर भुला दिए गए। हम उन्हें इंसाफ़ दिला सकें या नहीं, कम से कम उनकी चिट्ठी तो पढ़ ही सकते हैं।


जेल में बंद डॉ. कफ़ील अहमद खान का का ख़त

( दस अगस्त 2017 को बीआरडी मेडिकल कालेज  गोरखपुर में हुए आक्सीजन कांड में बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग के प्रवक्ता एवं एनएचएम के नोडल प्रभारी रहे डॉ. कफील अहमद खान को दो सितम्बर 2017 को गिरफ्तार किया गया था. वह सात महीने से अधिक समय से जेल में बंद हैं. डॉ. कफ़ील के खिलाफ पुलिस ने 409, 308, 120 बी आईपीसी के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है.  उनकी जमानत गोरखपुर के विशेष न्यायाधीश (प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट )- 3 की अदालत से खारिज हो चुकी है. अब उनकी जमानत याचिका हाईकोर्ट में है. डॉ. कफील की पत्नी डॉ. शबिस्ता खान का कहना है कि उनके पति दिल के मरीज हैं लेकिन उनका ठीक से इलाज नहीं कराया जा रहा है. उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि उनके पति को एक षडयंत्र के तहत चिकित्सा सुविधा न देकर जान से मार डालने की साजिश की जा रही है. डॉ. कफ़ील की पत्नी डॉ.  शबिस्ता खान और भाई अदील अहमद खान आदिल खान ने 21 अप्रैल को नई दिल्ली में मीडिया के सामने अपनी बात रखी. डॉ. शबिस्ता खान ने डॉ. कफ़ील द्वारा 17 अप्रैल को जेल से लिखा एक पत्र भी जारी किया जिसमे डॉ. कफ़ील ने 10 अगस्त की रात के घटना क्रम और अपने द्वारा बच्चों की जान बचाने के लिए किये गए प्रयास की चर्चा की है. साथ ही जेल में दी जा रही यातना का भी जिक्र किया है. अंग्रेजी में लिखे इस पत्र को हम हिंदी में अनुवाद कर यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं. पत्र का हिंदी में अनुवाद उमा राग और गीतेश सिंह ने किया है. सं.)

बिना बेल 8 महीने से जेल, क्या मैं वाकई कुसूरवार हूँ ?

सलाखों के पीछे इन 8 महीनों की न-काबिले बर्दाश्त यातना, बेइज्ज़ती के बावजूद आज भी वो एक एक दृश्य मेरी आँखों के सामने उतना ही ताज़ा है जैसे यह सब कुछ ठीक यहाँ अभी मेरी आँखों के सामने घटित हो रहा हो. कभी कभी मैं ख़ुद से यह सवाल करता हूँ कि क्या वाकई मैं कुसूरवार हूँ ? और मेरे दिल की गहराइयों से जो जवाब फूटता है वह होता है- नहीं! बिलकुल नहीं !

मेरे भाग्य में लिखे उस 10 अगस्त की रात को जैसे ही मुझे वह व्हाट्स एप सन्देश मिला तो मैंने वही किया जो एक डॉक्टर को, एक पिता को, एक ज़िम्मेदार नागरिक को करना चाहिए था. मैंने हर उस ज़िन्दगी को बचाने की कोशिश की जो अचानक लिक्विड ऑक्सीजन  की सप्लाई रुक जाने के कारण ख़तरे में अया गयी थी. मैंने अपना हर वो संभव प्रयास किया जो मैं उन मासूम बच्चों की जिंदगियों को बचाने के लिए कर सकता था.

मैंने पागलों की तरह सबको फ़ोन किया, गिड़गिड़ाया, बात की, यहाँ-वहाँ भागा, गाड़ी चलाई, आदेश दिया, चीखा-चिल्लाया, सांत्वना दी, खर्च किया, उधार लिया, रोया, मैंने वो सब कुछ किया जो इंसानी रूप से किया जाना संभव था .

मैंने अपने संस्थान के विभागाध्यक्ष को फ़ोन किया. सहकर्मियों, बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य, एक्टिंग प्राचार्य, गोरखपुर के डीएम, गोरखपुर के स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल डायरेक्टर, गोरखपुर के सीएमएस/एसआईसी, बीआरडी मेडिकल कालेज के सीएमएस/एसआईसी को फ़ोन किया और अचानक लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई रुक जाने के कारण पैदा हुई गंभीर स्थिति के बारे में सबको अवगत करवाया और यह भी बताया की किस तरह से ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने से नन्हें बच्चों की जिंदगियां खतरे में हैं. (मेरे पास की गयी उन सभी फ़ोन कॉल के रिकॉर्ड मौजूद हैं )

सैकड़ों मासूम बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए मैंने मोदी गैस, बाला जी, इम्पीरियल गैस, मयूर गैस एजेंसी से जम्बो आक्सीजन सिलिंडर्स मांगे. आस-पास के सभी अस्पतालों के फ़ोन नम्बर इकठ्ठे किये और उनसे जम्बो आक्सीजन सिलिंडर्स की गुज़ारिश की.

मैंने उन्हें नकद में कुछ भुगतान किया और उन्हें विश्वास दिलाया की बाकी की राशि डिलीवरी के समय दे दी जाएगी. हमने प्रतिदिन के हिसाब से 250 सिलेंडरों की व्यवस्था की जब तक कि लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो गयी. एक जंबो सिलिंडर की कीमत रु. 216 थी.

हॉस्पिटल में एक क्यूबिकल से दूसरे क्यूबिकल, वार्ड 100 से वार्ड 12, इमरजेंसी वार्ड, जहाँ ऑक्सीजन सप्लाई होनी थी उस पॉइंट से लेकर वहीँ तक जहाँ उसकी डिलीवरी होनी थी, मैं दौड़-भाग करता रहा ताकि बिना किसी दिक्कत के ऑक्सीजन की सप्लाई बनी रह सके.
बीआरडी मेडिकल कालेज

अपनी गाड़ी से मैं आस-पास के अस्पतालों से सिलिंडर्स लेने गया. लेकिन जब मुझे अहसास हुआ कि यह प्रयास भी अपर्याप्त है तब मैं एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) गया और उसके डीआईजी से मिला और सिलेंडरों की कमी की वजह से उत्पन्न हुई आपद स्थिति के बारे में बताया. उन्होंने तुरंत स्थिति को समझा और सहयोग किया. उन्होंने जल्द ही सैनिकों के एक समूह और एक बड़े ट्रक की व्यवस्था की जिससे कि बीआरडी मेडिकल कालेज में खाली पड़े सिलिंडरों को गैस एजेंसी तक जल्द से जल्द लाया जा सके और फिर उन्हें भरवाकर वापस बीआरडी  पहुंचाया जा सके. उन्होंने 48 घंटों तक यह काम किया.

उनके इस हौसले से हमें हौसला मिला. मैं एसएसबी को सलाम करता हूँ और उनकी इस मदद के लिए उनका आभारी हूँ. जय हिन्द .

मैंने अपने सभी जूनियर और सीनियर डाक्टरों से बात की, अपने स्टाफ को परेशान न होने के निर्देश दिए और कहा कि हिम्मत न हारें, और परेशान बेबस माता-पिताओं पर क्रोध न करें. कोई छुट्टी या ब्रेक न लें. हमें बच्चों की जिंदगियां बचाने के लिए एक टीम की तरह काम करना होगा.

मैंने उन बेहाल माता-पिताओं को ढांढस बंधाया जो अपने बच्चों को गँवा चुके थे. उन माता-पिताओं को समझाया जो अपने बच्चों को खो देने के कारण क्रोधित थे. वहाँ स्थिति बहुत तनावपूर्ण थी. मैंने उन्हें बताया कि लिक्विड ऑक्सीजन खत्म हो गया है पर हम जम्बो सिलिंडरों की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं.

मैं कई लोगों पर चीखा-चिल्लाया ताकि लोग अन्य सब बातों से ध्यान हटाकर बच्चों की जिंदगियों को बचाने में ध्यान केन्द्रित करें. मैं ही नहीं बल्कि मेरी टीम के कई लोग उस स्थिति में यह देखकर रो दिए कि किस तरह से प्रशासन की लापरवाही से गैस सप्लायर्स को पैसे न मिलने के कारण आज यह आपद स्थिति पैदा हो गयी जिसकी वजह से इतनी सारी मासूम जिंदगियां दांव पर लग गयी हैं. हम लोगों ने अपनी इन कोशिशों को तब तक जारी रखा जब तक 13/8/17 को सुबह 1:30 बजे लिक्विड ऑक्सीजन टैंक अस्पताल में पहुँच नहीं गया.

मेरी ज़िन्दगी में उथल-पुथल उस वक्त शुरू हुई जब 13/8/17 की सुबह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी महाराज अस्पताल पहुंचें. और उन्होंने कहा – “ तो तुम हो डॉक्टर कफ़ील जिसने सिलिंडर्स की व्यवस्था की. मैंने कहा –“ हाँ सर ”. वो नाराज़ हो गए और कहने लगे “तुम्हें लगता है कि सिलिंडरों की व्यवस्था कर देने से तुम हीरो बन गए, मैं देखता हूँ इसे .”

योगी जी नाराज़ थे क्योंकि यह ख़बर किसी तरह मीडिया तक पहुँच गयी थी, लेकिन मैं अपने अल्लाह की कसम खाकर कहता हूँ कि मैंने उस रात तक इस सम्बन्ध में किसी मीडिया कर्मी से कोई बात नहीं की थी. मीडियाकर्मी पहले से ही उस रात वहाँ मौजूद थे.

इसके बाद पुलिस ने हमारे घरों पर आना शुरू कर दिया, हम पर चीखना-चिल्लाना, धमकी देना, मेरे परिवार को डराना. कुछ लोगों ने हमें यह चेतावनी भी दी कि मुझे एनकाउंटर में मार दिया जायेगा. मेरा परिवार, मेरी माँ, मेरी बीवी, बच्चे सब किस कदर डरे हुए थे इसे बयान करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं.

अपने परिवार को इस दुःख और अपमान से उबारने के लिए मैंने सरेंडर कर दिया, यह सोचकर कि जब मैंने कुछ ग़लत नहीं किया है तो मुझे न्याय ज़रूर मिलेगा.

पर कई दिन, हफ्ते और महीने बीत चुके हैं. अगस्त 2017 से अप्रैल 2018 आ गयी, दीवाली आई, दशहरा आया, क्रिसमस आया, नया साल आया, होली आई, हर तारीख़ पर मुझे लगता था कि शायद मुझे बेल मिल जाएगी. और तब मुझे अहसास हुआ कि न्याय प्रक्रिया भी दबाव में काम कर रही है (वो ख़ुद भी यही महसूस करते हैं)

150 से भी ज़्यादा कैदियों के साथ एक तंग बैरक में फ़र्श पर सोते हुए जहाँ रात में लाखों मच्छर और दिन में हज़ारों मख्खियाँ भिनभिनाती हैं, जीने के लिए खाने को हलक के नीचे उतारना पड़ता है, खुले में लगभग नग्नावस्था में नहाना पड़ता है, जहाँ टूटे हुए दरवाजों वाले शौचालयों में गंदगी पड़ी रहती है, अपने परिवार से मिलने के लिए जहाँ बस रविवार, मंगलवार, वृहस्पतिवार, का इंतज़ार रहता है.

ज़िन्दगी नर्क बन गयी है. सिर्फ़ मेरे लिए ही नहीं बल्कि मेरे पूरे परिवार के लिए. उन्हें न्याय की तलाश में यहाँ-वहाँ भागना पड़ रहा है, पुलिस स्टेशन से कोर्ट तक, गोरखपुर से इलाहाबाद तक पर सब व्यर्थ साबित हो रहा है.

मैं अपनी बेटी के पहले जन्मदिन में भी शामिल नहीं हो सका  जो अब 1 साल 7 महीने की हो गयी है. बच्चों के डॉक्टर होने के नाते भी यह बहुत दुःख देने वाली बात है कि मैं उसे बढ़ते हुए नहीं देख पा रहा. बच्चों का डॉक्टर होने के नाते मैं अक्सर अभिभावकों से बढ़ते हुए बच्चों की उम्र के कई महत्वपूर्ण पड़ावों के प्रति उन्हें सचेत किया करता था और अब मैं ख़ुद ही नहीं जानता कि मेरी बेटी ने कब चलना, बोलना, शुरू किया ? तो अब मुझे फिर से वही सवाल सता रहा है कि क्या मैं वाकई में गुनाहगार हूँ ? नहीं ! नहीं ! नहीं !

मैं 10 अगस्त 2017 को छुट्टी पर था जिसकी अनुमति मुझे मेरे विभागाध्यक्ष ने दी थी. छुट्टी पर होने के बावजूद मैं अस्पताल में अपना कर्तव्य निभाने पहुंचा. क्या ये मेरा गुनाह है ? मुझे हेड आफ डिपार्टमेंट,मेडिकल कालेज का वाइस चांसलर, 100 नम्बर वार्ड का प्रभारी बताया गया जबकि मैं 8/8/16 को ही स्थाई सदस्य के रूप में बीआरडी से जुड़ा था, और विभाग में सबसे जूनियर डॉक्टर था. मैं एनआरएचएम के नोडल अधिकारी और बाल रोग विभाग में लेक्चरर के रूप में कार्यरत था, जहाँ मेरा काम सिर्फ छात्रों को पढ़ना और बच्चों का इलाज करना था.

मैं किसी भी रूप में लिक्विड ऑक्सीजन/जम्बो सिलिंडर के ख़रीद/ फ़रोख्त/ ऑर्डर देने/ सप्लाई/ देखरेख/ भुगतान आदि से जुड़ा हुआ नहीं रहा हूँ. अगर पुष्पा सेल्स ने अचानक लिक्विड आक्सीजन की सप्लाई रोक दी तो उसके लिए मैं ज़िम्मेदार कैसे हो गया ? एक ऐसा व्यक्ति जो चिकित्सा से नहीं जुड़ा हो, वो भी बता सकता है कि एक डॉक्टर का काम इलाज करना है न कि ऑक्सीजन खरीदना.

पुष्पा सेल्स द्वारा अपनी 68 लाख की बकाया राशि के लिए लगातार 14 बार रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद भी अगर कोई इस सन्दर्भ में लापरवाही बरती गई और कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो इसके लिए गोरखपुर के डीएम , डीजी मेडिकल एजुकेशन, और स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी दोषी हैं. यह पूरी तरह से एक उच्च स्तरीय  प्रशासकीय फेल्योर है कि जिन्होंने स्थिति की गंभीरता को नहीं समझा.

हमें जेल में डालकर उन्होंने हमें बलि के बकरे की तरह इस्तेमाल किया ताकि सच हमेशा-हमेशा के लिए गोरखपुर जेल की सलाखों के पीछे दफ्न रहे.

जब मनीष (आक्सीजन सप्लायर पुष्पा सेल्स के निदेशक मनीष भंडारी) को बेल मिली तो हमें उम्मीद की एक किरण नज़र आई कि शायद हमें भी न्याय मिलेगा और हम बाहर आ पायेंगें और अपने परिवार के साथ रह पायेंगें और फिर अपना काम करेंगें. पर नहीं, हम अभी भी इंतजार कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट कहता है कि बेल अधिकार होता है और जेल अपवाद. यह न्याय प्रक्रिया के हनन का क्लासिकल उदाहरण है.

मैं आशा करता हूँ कि वो समय ज़रूर आएगा जब मैं आज़ाद हो जाऊंगा और अपने परिवार और अपनी बेटी के साथ आज़ादी की ज़िन्दगी जी पाउँगा. सच बाहर ज़रूर आएगा और न्याय होकर रहेगा.

एक बेबस और दुखी पिता/ पति/ भाई/ बेटा/ और दोस्त

डॉ. कफ़ील खान, 18/4/18
साभार  samkaleenjanmat.in

राजकिशोर जी की फेसबुक पोस्ट

बुधवार, अप्रैल 11, 2018

बा ख़बर होशियार, होशियार,होशियार सहारा इण्डिया परिवार में राशि जमा कर्ता होशियार


बा ख़बर होशियार, होशियार,होशियार सहारा इण्डिया परिवार में राशि जमा कर्ता होशियार  सहारा इण्डिया में राशि जमा करने वाले जमाकर्ता होशियार हो जायें क्योंकि समय पूरा हो जाने पर maturity amount का भुगतान नहीं किया जाता है री इन्वेस्ट या प्रतीक्षा करने का मशवरा दिया जाता है इसलिए अपनी रक़म जमा करने में विवेक का प्रयोग करें ताकि समय आने पर अफसोस न करना पड़े।

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शुक्रवार, अप्रैल 06, 2018

सहारा इण्डिया परिहार सीतामढ़ी से maturity amount का भुगतान नहीं, जमाकर्ता परेशान


परिहार सीतामढ़ी(बिहार)।सहारा इण्डिया परिहार शाखा द्वारा maturity amount का भुगतान नहीं किया जाता है इतना ही नहीं maturity amount के भुगतान में सहारा इंडिया के मुख्य कार्यालय द्वारा भी असमर्थता जताई जाती है और कहा जाता है कि सहारा इंडिया के तमाम एसेट्स पर पाबंदी लगी हुई है जब तक पाबंदी नही हटती भुगतान मुमकिन नहीं।मालूम हो कि ग्राम एकडण्डी परिहार निवासी श्रीमति रूमाना परवीन ने सहारा इंडिया के सहारा यूनिक स्कीम के तहत मात्र 5000/रुपये की राशि फिक्स्ड डिपॉजिट 2008 में की थीं जिसकी maturity 2018 के जनवरी में पूरी हो गई मगर आज तक maturity anount का भुगतान मुमकिन नहीं हो सका जिसको लेकर ईमेल शिकायत सहारा इंडिया के मुख्य कार्यालय से की गई मगर ईमेल शिकायत का कोई जवाब नही दिया गया और न ही भुगतान की दिशा में कोई कार्रवाई ही की गई तब दूरभाष से मुख्य कार्यालय सम्पर्क किया गया तो बताया गया कि पाबन्दी के कारण भुगतान मुमकिन नहीं पाबंदी हटने का इंतज़ार करें या पुनः रिइंवेस्ट कर दें  लोगों ने बड़े अरमान से कुछ राशि बचत कर सहारा इंडिया में जमा किया था कि समय पर काम आएगा मगर सभी अरमान पर सहारा इंडिया ने पानी फेर दिया कितने लोगों के बेटी की शादी टूट गई।सहारा इंडिया के द्वरा maturity amount का भुगतान नही किया जाना जमाकर्ताओं को परेशानी में डाल रखा है।

हेड ऑफिस को भेजा गया ईमेल

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प्रिय महोदय,

मैं सहारा इंडिया के शाखा परिहार ज़िला सीतामढ़ी अन्तर्गत स्कीम के तहत @RS 5000/ पाँच हज़ार रुपये सहारा यूनिक स्कीम के तहत 04 जनवरी 2008 को फिक्स्ड डिपॉजिट की थी जिसका एकाउंट नम्बर 20232300186 है  जिसका maturity माह जनवरी 2018 में ही पूरा हो गया मगर अभी तक maturity amount का भुगतान नहीं किया जा रहा है मैं तीन महीने से शाखा का चक्कर काट कर थक चुकी हूँ।

अतः मेरे maturity amount का भुगतान करवाया जाए।

धन्यवाद

रूमाना परवीन

Account number 202*********

(सहारा यूनिक)

Village Ekdandi ,Po.Parihar

Distt. Sitamarhi pin 843324 Bihar

मोबाइल *********

maturity amount का भुगतान नहीं होने के कारण मैं जीवन बीमा का parimium amount समय पर जमा नही कर पाई परिणाम स्वरूप क़र्ज़ लेकर प्रीमियम जमा की हूँ।आखिर सहारा इंडिया में राशि जमा करने का लाभ किया हुआ

प्रिय महोदय,

मैं सहारा इंडिया के शाखा परिहार ज़िला सीतामढ़ी अन्तर्गत स्कीम के तहत @RS 5000/ पाँच हज़ार रुपये सहारा यूनिक स्कीम के तहत 04 जनवरी 2008 को फिक्स्ड डिपॉजिट की थी जिसका एकाउंट नम्बर 202323001** है  जिसका maturity माह जनवरी 2018 में ही पूरा हो गया मगर अभी तक maturity amount का भुगतान नहीं किया जा रहा है मैं तीन महीने से शाखा का चक्कर काट कर थक चुकी हूँ।

अतः मेरे maturity amount का भुगतान करवाया जाए।

धन्यवाद

रूमाना परवीन

Account number 202323001**

(सहारा यूनिक)

Village Ekdandi ,Po.Parihar

Distt. Sitamarhi pin 843324 Bihar

मोबाइल ××××××××××

रविवार, अप्रैल 01, 2018

अनुसूचित जाति अत्याचार अधिनियम को निष्प्रभावी बनाने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संविधान विरोधी फैसला के विरोध में मशाल जुलूस निकाला गया

अनुसूचित जाति अत्याचार अधिनियम को निष्प्रभावी बनाने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संविधान विरोधी फैसला के विरोध में अनुसूचित जाति कर्मचारी संघ के आह्वान पर 2 अप्रैल को भारत बन्द करने हेतु  आज 1 अप्रैल को नागेन्द्र कुमार पासवान के नेतृत्व में अम्बेडकर स्मारक डुमरा से हजारों की संख्या में मसाला जुलुस शङ्कर चौक बड़ी बाजार हनुमान चौक विश्वनाथपुर चौक होते हुए अम्बेडकर स्थल पर समाप्त हुआ।इसमें प्रमुख रूप से रघुनंदन बैठा मनोज कुमार, सरोज कुमार, महेंद्र राम, अंजनी बैठा, समोद कुमार , हरिनारायण राउत, रामप्रीत राम आदि ने प्रमुखता से भाग लिया

मंगलवार, मार्च 27, 2018

तालिमी मरकज़ में नियोजित सामाजिक तथा आर्थिक रूप से अत्यन्त पिछड़े मुस्लिम समुदाय(community) के सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवी को बहाल रखा जाए

तालिमी मरकज़ में नियोजित सामाजिक तथा आर्थिक रूप से अत्यन्त पिछड़े मुस्लिम समुदाय(community) के सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवी को बहाल रखा जाए


महाशय,
निवेदन पूर्वक कहना है कि आपके द्वारा वर्ष 2008 में बिहार के मुस्लिम समुदाय के आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक पिछड़ेपन को देखते हुए मुस्लिम समुदाय(community) के सभी बच्चों को प्रारम्भिक शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय(community) के प्रत्येक गाँव/टोला में वैकल्पिक तथा नवाचारी शिक्षा के अंतर्गत (मुस्लिम समुदाय के 06 से 10 वर्ष के बच्चों के लिए ग़ैर आवासीय सेतु कार्यक्रम ) तालिमी मरकज़  प्रारंभ किया गया था जिस में शिक्षा स्वयं सेवी के रूप में आर्थिक तथा सामाजिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय के सामान्य वर्ग के आवेदक का भी नियोजन किया गया था और इस आशय का मार्गदर्शिका भी तत्कालीन राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना द्वारा पत्रांक 1087 दिनांक 11.03.2008 और पत्रांक AIE/ 92/2008-09/5344 दिनांक 13.10.2008 निर्गत किया गया था निदेशक के पत्रांक और तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका के आलोक में सम्पूर्ण बिहार में अनेक्चर 1 में सम्मिलित मुस्लिम जातियों के साथ - साथ आर्थिक रूप से कमज़ोर अत्यन्त मुस्लिम समुदाय(community) के सामान्य कोटि के आवेदकों की बहाली शिक्षा स्वयं सेवक के पद पर की गई थी, परन्तु बाद के दिनों में 19/20 महीना बाद ""तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका"" में संशोधन कर उक्त योजना को सिर्फ मुस्लिम समुदाय के अनेक्चर - 1 जाति में सम्मिलित मुस्लिम के लिए आरक्षित कर दिया गया और पत्रांक TM/AIE/92/2008-09/3982 दिनांक 14.08.2009 के माध्यम से नया संशोधित तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका निर्गत कर दी गई।उक्त योजना का संचालन  09 दिसम्बर 2012 तक बिहार शिक्षा परियोजन परिषद पटना के अधीन था वर्तमान में यह योजना 10 दिसम्बर 2012 से जन शिक्षा, जन शिक्षा निदेशालय, शिक्षा विभाग बिहार पटना के अधीन संचालित किया जा रहा है और तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी से दलित महादलित अल्पसंख्यक एवं अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना से जोड़ कर कार्य लिया जा रहा है।
इधर जन शिक्षा निदेशालय द्वारा संशोधित मार्गदर्शिका को आधार बना कर शिक्षा स्वयं सेवी के रूप में नियोजित सामान्य वर्ग के निर्धन पिछड़े मुस्लिम को चयन मुक्त करने की बात की जा रही है और जिला सीतामढ़ी में बहाल निर्धन मुस्लिम समुदाय के कमजोर सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवियों से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी द्वारा स्पष्टीकरण की माँग कर चयन मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जो मुस्लिम समुदाय(community) के साथ अन्याय है। सच्चर कमिटी ने भी अपने रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि मुसलमानों की शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति दलितों से भी बदतर हो चुकी है यह टिपण्णी एंटायर मुसलमानों के लिए की गई है न कि अनेक्चर - 1 में सम्मिलित मुस्लिम के लिए मात्र। हक़ीक़त यह है कि सामान्य कोटि के मुसलमानों की हालत, स्थिति अनेक्चर - 1 में सम्मिलित मुस्लिमों से भी दयनीय, बदतर है और योजना का सही हक़दार सामान्य कोटि के सामाजिक, आर्थिक ,शैक्षणिक रूप से पिछड़े मुसलमान भी हैं।

       "" अंकनिय है कि उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग बिहार के संकल्प के मुख्य विंदू "2" शिक्षा के अवसर में स्पष्ट उल्लेख है कि उच्च जाति के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग सरकार के विद्यालय ,चर्चा केंद्र, प्रयास केंद्र, मकतब मदरसा ,नवाचारी केंद्र, तालिमी मरकज़ का लाभ ले सकते हैं।""
राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना के पत्रांक 5344 दिनांक 13/10/2008 के तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका में स्पष्ट था कि आर्थिक तथा सामाजिक रूप से अत्यंत पिछड़े मुस्लिम समुदाय (community)से शिक्षा स्वयं सेवी का चयन किया जाएगा।न की अत्यंत पिछड़े मुस्लिम वर्ग (category) से उसके बाद भी सभी चयनित शिक्षा स्वयं सेवियों से स्पष्टीकरण की माँग किया जाना अन्याय पूर्ण कार्रवाई है।
""
ऐसे ही एक मामले को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सुपौल ने पत्रांक 146 दिनांक17/07/2014 से तत्कालीन निदेशक जन शिक्षा बिहार पटना से मार्गदर्शन की माँग किये थे जिसके आलोक में तत्कालीन निदेशक जन शिक्षा ने अपने पत्रांक 1355 दिनांक 01/09/204 के द्वारा लिखा था कि तालिमी मरकज़ और उत्थान केन्द्र में शिक्षा स्वयं का नियोजन बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना द्वारा पूर्व में निर्गत मार्गदर्शिका के आधार पर करना था।शिक्षा स्वयं सेवियों के सम्बंध में संदर्भित मार्गदर्शिका में निर्देश था कि संबंधित समुदाय के शिशिक्षुओं की जाति के शिक्षा स्वयं सेवियों को प्राथमिकता दी जाय। ""यह मात्र प्राथमिकता है।"" पत्र में उन्होंने स्पष्ट उल्लेख किया है कि ज़िलों में इंटरमीडिएट योग्यता प्राप्त उम्मीदवार की अनुपलब्धता के कारण तत्कालीन निदेशक के पत्रांक 2336 दिनांक23/12/2014 द्वारा पूर्व की मार्गदर्शिका में विस्तार करते हुए इस आशय का पत्र निर्गत किया गया था कि इंटर मीडिएट उम्मीदवार नही मिलने की स्थिति में मौलवी योग्यता धारी का चयन शिक्षा स्वयं सेवी के रूप में किया जा सकता है एवं एकेडमिक रूप से योग्य उम्मीदवार नही मिलने की स्थिति में उस पंचायत के अधीन निकट टोला के योग्य उम्मीदवार का चयन किया जा सकता है।यह निर्देश शिक्षा स्वयं सेवियों की जातिगत योग्यता के सम्बंध में नही था।

अतः विनम्र निवेदन है कि तालिमी मरकज़ में नियोजित निर्धन सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवक को बहाल रखा जाय ।ज़िला सीतामढ़ी में शुरू किए गए स्पष्टीकरण चयन मुक्ति की प्रक्रिया पर त्वरित अंकुश लगाने का आदेश निर्गत करने की कृपा की जाए और ""तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका "" में संशोधन कर आरक्षित को अनारक्षित मुस्लिम किया जाय ताकि योजना का सही लाभ मुसलमानों को सही तरीके से आपकी मंशा के मुताबिक़ मिलता रहे और योजना का सही मक़सद परिलक्षित हो।

                                  विश्वास भाजन
                           मोहम्मद कमरे आलम
                               एकडण्डी, परिहार, सीतामढ़ी
                              पिन 843324               मोबाइल 9199320345
                                   mdqamarealam6@gmail.com

सोमवार, मार्च 19, 2018

प्रखण्ड परिहार के छात्र-छात्राओं को वित्तीय वर्ष 2015 -16 का छः महीने का बकया छात्र वृति की राशि आज तक नहीं मिली


प्रखण्ड परिहार सीतामढ़ी के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को वित्तीय वर्ष 2015 -16 का बकया छः महीने का छात्र वृति की राशि आज तक नहीं मिली ।मालूम हो कि 2015 -16 में विधानसभा चुनाव के अवसर पर सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को पोशाक और बारह महीने में से छः महीने की छात्र वृति राशि का भुगतान किया गया था और कहा गया था कि छह महीने की छात्र वृति की राशि बाद में दिया जाइएगा मगर परिहार प्रखंड को आजतक बकाया छः महीने की राशि आवंटित नही की गई और छात्रों को छात्र वृति से वंचित रखा गया जानकर का कहना है कि सीतामढ़ी के 17 प्रखण्डों को बकाया छः महीने की राशि आवंटित की गई मगर परिहार को वंचित कर दिया गया।

गुरुवार, मार्च 15, 2018

पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत ज़िला तालिमी मरकज़ संघ सीतामढ़ी ने अम्बेडकर स्थल पर दिया धरना

पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत ज़िला तालिमी मरकज़ संघ सीतामढ़ी ने अम्बेडकर स्थल पर शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय भुगतान बन्द कर दिए जाने के विरुद्ध एक दिवसीय  धरना ज़िला अध्यक्ष एजाज़ कौसर उर्फ नेहाल खान की अध्यक्षता में दिया।उन्होंने कहा कि बिना किसी कारण के निदेशक जन शिक्षा, पटना के मौखिक आदेश पर सामान्य कोटि के निर्धन शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय बन्द कर ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी ने शिक्षा स्वयं सेवियों के साथ अन्याय किया है वैसे भी ये मानव अधिकार का भी हनन है उन्होंने कहा कि अगर एक सप्ताह के अन्दर बकाया मानदेय का भुगतान नहीं किया जाता है तो संघ चरणबद्ध आन्दोलन,आमरण अनशन करेगी।धरना में लग - भग सभी शिक्षा स्वयं सेवी उपस्थित थे।

मंगलवार, मार्च 13, 2018

सीतामढ़ी तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय बन्द कर दिए जाने के विरोध में जिला तालिमी मरकज़ संघ सीतामढ़ी 15 मार्च को देगा धरना

सीतामढ़ी तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय बन्द कर दिए जाने के विरोध में जिला तालिमी मरकज़ संघ सीतामढ़ी 15 मार्च को एक दिवसीय धरना ज़िला साक्षरता कार्यालय के प्रांगण में देगा। संघ के उपाध्यक्ष मोहम्मद शाहिद रेज़ा ने अखबारी बयान जारी कर कहा है कि ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी ने बिना किसी सरकारी आदेश के तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय भुगतान बन्द कर दिया है।उन्होंने कहा है कि मानदेय भुगतान बन्द कर दिए जाने की बाबत हक़ीक़त जानना चाहा तो कोई ठोस जानकारी नहीं दी जाती है।उन्होंने आरोप लगाया है कि मानदेय भुगतान के एवज ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता, मुख्य कार्यक्रम समन्वयक और राज्य संसाधन समूह सीतामढ़ी पर मुँह माँगी रिश्वत माँगने का आरोप लगाया है उनका कहना है कि इनके कार्यकाल में हर तरह से अल्पसंख्यक समुदाय के मज़बूर शिक्षा स्वयं सेवियों को ह्रास व परेशान कर प्रताड़ित किया जा रहा है साथ ही आर्थिक शोषण किया जा रहा है।

पोस्ट ऑफिस परिहार में विगत दो वित्तीय वर्ष से दस रुपये का पोस्टल ऑर्डर उपलब्ध नहीं

परिहार पोस्ट ऑफिस से 10 रुपए का पोस्टल ऑर्डर नही मिल पा रहा है पोस्ट मास्टर का कहना है कि दो वित्तीय वर्ष से 10 रुपए का पोस्टल ऑर्डर मुख्य डाक घर सीतामढ़ी से उपलब्ध ही नहीं करवाया जा रहा है।


परिहार पोस्ट ऑफिस को 10 रुपयों का पोस्टल आर्डर उपलव्ध कराने की माँग मोहम्मद कमरे आलम ने डाक अधीक्षक सीतामढ़ी से ईमेल भेज कर की है।उन्होंने कहा है कि 10 रुपये के पोस्टल ऑर्डर की अनुपलब्धता के कारण दो रुपये का पोस्टल ऑर्डर लेना पड़ता है जिससे उपभोक्ता को परेशानी के साथ - साथ कमीशन भी अधिक चुकता करना पड़ता है।

शनिवार, मार्च 10, 2018

छात्र -छात्राओं को नही मिला पोशाक और छात्रवृति की राशि

छात्र -छात्राओं को नही मिला पोशाक और छात्रवृति की राशि


परिहार सीतामढ़ी।परिहार प्रखण्ड के प्राथमिक  और मध्य विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र - छात्राओं को आज तक वित्तीय वर्ष 2016 - 2017 ,2017 -2018 का पोशाक और छात्रवृति राशि उनके  खाते में /अभिभावकों के खाते में हस्तांतरित नही की गई है।
लेकिन अतिरिक्त प्रभार में प्रतिनियुक्त प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं हैं।

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गुरुवार, मार्च 08, 2018

मानदेय भुगतान की माँग

सेवा में,
ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी
विषय :- मानदेय भुगतान के सम्बंध में।
प्रसंग :- दिनांक 23.01.2017,18.02 2017,06.03.2017,04.06.2017 और दिनांक -06.09.2017 को प्रेषित आवेदन ।
महाशय,
निवेदन पूर्वक कहना है कि मैं तत्कालीन ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी के ज्ञापंक 228 दिनांक 11.07.2016के आलोक में शिक्षा स्वयं सेवक तालिमी मरकज़ के रूप में दिनांक11.07.2016 को संबंधित विद्यालय " प्राथमिक विद्यालय एकडण्डी उर्दू कन्या प्रखण्ड परिहार ज़िला सीतामढ़ी में योगदान कर नियमित रूप से कार्य कर रहा हूँ परन्तु अभी तक मान्यदेय का भुगतान नही किया गया है मान्यदेय भुगतान को लेकर मैं कई आवेदन श्रीमान को दे चुका हूँ परन्तु कार्रवाई आज तक आप के स्तर पर लम्बित है। मान्यदेय के अभाव में मैं मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहा हूँ।
अतः श्रीमान से अनुरोध है कि मेरा मान्यदेय भुगतान करने की कृपा करें।

विश्वास भाजन
मोहम्मद कमरे आलम
शिक्षा स्वयं सेवक
तालिमी मरकज़
प्राथमिक विद्यालय एकडण्डी उर्दू कन्या प्रखण्ड परिहार ज़िला सीतामढ़ी
पिन 843324
मोबाइल 9199320345

प्रति लिपि - निदेशक जन शिक्षा शिक्षा विभाग बिहार पटना को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित निवेदन है कि मानदेय भुगतान का आदेश जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी को देने की कृपा करें

मंगलवार, मार्च 06, 2018

उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग बिहार में, रिक्त पद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सदस्यों की बहाली की जाए -मोहम्मद कमरे आलम

उच्च जातियों के विकास के लिए बिहार सरकार ने 2015में उच्च जातियों के विकास के लिए राज्य आयोग बिहार का गठन किया था।बिहार सरकार ने डॉक्टर गोपाल प्रसाद सिन्हा को अध्यक्ष, मोहम्मद अब्बास उर्फ फरहत को उपाध्यक्ष, ई•नरेन्द्र नारायण सिंह, शुभाष चन्द्र सिंह और शशि भूषण मिश्र को सदस्य के रूप में नियुक्त किया था इनका कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद अभी तक उक्त सभी पद रिक्त है। मोहम्मद कमरे आलम ने बिहार सरकार से उक्त पदों पर नियुक्ति की माँग की है ताकि आयोग का लाभ कमज़ोर वर्ग के उच्च जातियों को प्राप्त हो सके।


उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग का गठन उच्च जातियों में शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के उच्च जातियों में से कमज़ोर लोगों को चिन्हित करने के लिए किया गया है।आयोग के संकल्प के मुख्य विंदू में ये हैं -
1.रोज़गार/स्वरोजगार उन्मुखीकरण कार्यक्रम : ●बिहार के पिछड़े हुए उच्च जाति वर्ग की आर्थिक शैक्षणिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लोगों का उत्थान किया जाय।उच्च जाति के आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति जिनके पास ना तो पर्याप्त कृषि जोत ज़मीन है और न ही उनके परिवार में कोई रोज़गार संसाधन है।राज्य सरकार से सहायता रोज़गार उन्मुखीकरण कार्यक्रम में उच्च जाति को शामिल करना आयोग का उद्देश्य है।
2.शिक्षा का अवसर :
●सामान्य वर्ग के उच्च जाति के बच्चे-बच्चियों के लिए वर्ग 1 से12वीं तक छात्र वृत्ति, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।इसके अलावा मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना 10वीं में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण सामान्य जाति की छात्राओं को 10,000 रुपये की राशि अनुमान्य है।
●सरकार के विद्यालयकिचर्चा केन्द्र, प्रयास केन्द्र, मकतब मदरसा, नवाचारी केन्द्र, तालिमी मरकज़ केन्द्रों का लाभ उच्च जाति के पिछड़े निर्धन व्यक्ति ले सकते हैं।हर प्रमंडल इंजिनियरिंग कॉलेज, शिक्षा में पॉलीटेक्निक तथा अनुमण्डल अंतर्गत ओधोगिक प्रशिक्षण संस्थान का लाभ वंचित वर्ग()उच्च जाति)प्राप्त कर सकते हैं।
3.स्वास्थ्य :-

●सामान्य वर्ग के निर्धन परिवार के सरकारी हॉस्पिटल में निःशुल्क अथवा कम पैसों में समुचित ईलाज की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।टीकाकरण हर परिवार हर बच्चें का बीमारी से बचाव जिस का लाभ उच्च वर्ग के सभी परिवार तथा बच्चें प्रप्त कर सकते हैं।
4.आवास एवं शौचालय :-
●सरकार द्वारा इंदिरा आवास योजना उच्च जातियों को भी मिलेगा।


लेख पढ़ने के बाद मुख्यमंत्री बिहार को उनके ईमेल cmbihar@nic.in
पर ज़रूर मेल करें ताकि हमारी आवाज़ सरकार के इवानों तक पहुँच जाए।

बुधवार, फ़रवरी 28, 2018

साक्षर भारत की जमीनी हकीकत हक़ीक़त के आईनें में

बिहार में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए वर्ष 2012 में साक्षर भारत मिशन प्राधिकरण बिहार ने साक्षर भारत अभियान का आग़ाज़ किया था और सम्पूर्ण बिहार में ज़िला स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक साक्षरता समिति का गठन किया गया था। जिला में जिला लोक शिक्षा समिति, प्रखण्ड में प्रखण्ड लोक शिक्षा समिति और पंचायत में पंचायत लोक शिक्षा समिति का गठन किया गया साथ ही साक्षरता को गति देने और असाक्षर को साक्षर करने के लिए जिला मुख्य कार्यक्रम समन्वयक,कार्यक्रम समन्वयक, एस आर जी, लेखा समन्वयक, प्रखण्ड कार्यक्रम समन्वयक, प्रखण्ड लेखा समन्वयक, के आर पी, प्रत्येक पंचायत में वरीय प्रेरक,प्रेरक का नियोजन किया गया।योजना पाँच वर्षों की थी परन्तु विस्तार दे कर छः वर्ष कर दिया गया जो 31 मार्च 2018 को समाप्त हो जाता है।

इन छः वर्षों में असाक्षर  15 से 35 वर्ष की महिलाओं को साक्षर करने के लिए बिहार में अरबों की राशि पानी की तरह बहा दिया गया मगर क्या 15 से 35 वर्ष की असाक्षर महिला साक्षर हुई ? आज भी पहेली बना हुआ है।सच्चाई तो ये है कि असाक्षर ज़मीनी स्तर पर साक्षर तो नही हुई मगर काग़ज़ी तौर पर साक्षर हो गई और उन्हें साक्षर होने का प्रमाण पत्र भी महापरीक्षा ले कर दे दिया गया (काग़ज़ में) मगर हक़ीक़त में महिलाओं को पता भी नहीं है कि उनको साक्षर होने का प्रमाण पत्र दे दिया गया है ! बिहार में ये महा साक्षरता घोटाला है इस की उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए।
आम आदमी ये जानता भी नही है कि असाक्षरों को साक्षर करने का प्रोग्राम सरकार चला रही है और सरकार के पदाधिकारियों के द्वारा काग़ज़ी खाना पूरी कर साक्षर किया जा रहा है, प्रमाण पत्र बाँटा जा रहा है ।
""साक्षरता की जमीनी हकीकत यही है कि जो असाक्षर था/थी वह आज भी असाक्षर है।""
सरकार को चाहिए कि साक्षर भारत अभियान को जिस की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो रही पुनः विस्तारित न किया जाए बल्कि नए सिरे से ठोस प्लानिंग तैयार है साक्षरता प्रोग्राम को प्रारंभ किया जाय।

शुक्रवार, फ़रवरी 23, 2018

तीन तलाक के खिलाफ 5 मार्च को दरभंगा कमिशनरी पर होगा मुस्लिम औरतों का एहतजाजी जुलूस

तीन तलाक के खिलाफ 5 मार्च को दरभंगा कमिशनरी पर होगा मुस्लिम औरतों का एहतजाजी जुलूस


दरभंगा- 19 फरवरी 2018 ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां, इंसाफ मंच, ऑल इंडिया जमीअतुर राईन, ऑल इंडिया अकलियत जागरण सोसाईटी, बिहार स्टेट मोमिन कान्फ्रेंस एवं अल-मदद एजुकेशनल एण्ड वेलफेयर ट्रस्ट, पटना के संयुक्त बैनर तले एक आपात बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड पटना के पूर्व अध्यक्ष प्रो0 मौलाना एजाज अहमद ने की। बैठक में सर्वसम्मती से यह निर्णय लिया गया कि दिनांक 5 मार्च 2018 दिन के 11 बजे दरभंगा कमिशनरी से मुस्लिम औरतों और मर्दों का एक एहतजाजी जुलूस निकाला जाएगा। एहतजाजी जुलूस की बैठक बेदारी कारवाँ के क्षेत्रीय कार्यालय, लालबाग, दरभंगा में की गई। बैठक के माध्यम से डा0 असरारुलहक लाडले, नेयाज अहमद, डा0 राहत अली, शाहिद अतहर, राजद के जिला संयोजक रामचन्द्र यादव, नजरे आलम, पप्पू खान, शम्स तबरेज जुगनू आदि ने मिथिलाँचल के सभी समाजी एवं फलाही तंजीमों के जिम्मेदारों, मदारिस के जिम्मेदारों, मसाजिद के इमाम व खतीब, समाजसेवी, दानिशवरान एवं अमन पसन्द लोगों से एहतजाजी जुलूस को कामयाब बनाने की अपील की गई है कि बड़ी संख्या में अपने अपने मोहल्ले और गाँव से मुस्लिम औरतों को जुलूस में शिरकत की दावत दें और अपनी सरपस्ती में कमिश्नरी तक लेकर आऐं। तीन तलाक पर बनाया जा गया काला कानून ना सिर्फ मुस्लिम मर्दों को जेल में डालने की साजिश है बल्कि मुस्लिम महिलाओं पर भी अत्याचार है। साथ ही तीन तलाक का मामला मुसलमानों के मजहब से जुड़ा हुआ मामला है इसलिए मुसलमान किसी भी हालत में मजहब में मुदाखलत बर्दाश्त नहीं करेगा। काला कानून हर हालत में सरकार को वापस लेना ही होगा।

बिहार में निवास करने वाले मुस्लिम समुदाय के शैख़, पठान/खान, सय्यद जातियों को ईबीसी श्रेणी में सम्मिलित किया जाये - मोहम्मद कमरे आलम


बिहार में निवास करने वाले मुस्लिम समुदाय के शैख़, पठान/खान, सय्यद जातियों को अतिपिछड़ा वर्ग की श्रेणी में सम्मिलित किया जाये ।
मोहम्मद कमरे आलम ज़िला अध्यक्ष भारतीय माइनॉरिटीज सुरक्षा महासंघ सीतामढ़ी ने माननीय मुख्यमंत्री बिहार से ,बिहार में निवास करने वाले मुस्लिम समुदाय के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से सबसे अधिक कमज़ोर शैख़, पठान/खान और सय्यद जातियों को EBC श्रेणी में सम्मिलित किया जाय।
" सच्चर कमिटी ने भी ने अपने रिपोर्ट में मुसलमानों की स्थिति के बारे में स्पष्ट लिखा है कि मुसलमानों शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति दलितों से कई गुना बदतर है।"
बिहार में तो अनेक्चर 1 में सम्मिलित मुस्लिम जातियों से भी बदतर हालात शैख़ पठान/खान और सय्यद की हो चुकी है।
""न्याय के साथ विकास "" नीति कार्यक्रम के तहत न्याय करते हुए उक्त मुस्लिम समुदाय के जातियों के साथ न्याय किया जाय और EBC श्रेणी में सम्मिलित करने की माँग की है।


तालिमी मरकज़ में नियोजित मुस्लिम समुदाय के सामान्य कोटि के स्वयं सेवक को हटाया जाना उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग बिहार के संकल्प का उल्लंघन है - मोहम्मद कमरे आलम

तालिमी मरकज़ में नियोजित मुस्लिम समुदाय के सामान्य कोटि के स्वयं सेवक को हटाया जाना उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग बिहार के संकल्प का उल्लंघन है - मोहम्मद कमरे आलम
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मोहम्मद कमरे आलमने कहा है कि तालिमी मरकज़ में नियोजित मुस्लिम समुदाय के सामान्य कोटि के स्वयं सेवक को हटाया जाना उच्च जातियों के विकास के लिए राज्य आयोग बिहार के संकल्प का उल्लंघन है। मोहम्मद कमरे आलम ने कहा है कि उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग बिहार के संकल्प के मुख्य विंदू "2" शिक्षा के अवसर में स्पष्ट है कि उच्च जाति के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग सरकार के विद्यालय ,चर्चा केंद्र, प्रयास केंद्र, मकतब मदरसा ,नवाचारी केंद्र, तालिमी मरकज़ का लाभ ले सकते हैं।वहीं निदेशक जन शिक्षा शिक्षा विभाग बिहार पटना द्वारा 30 जनवरी 2018 को आहूत राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता को निर्देशित किया गया है कि अगर तालिमी मरकज़ में अगर मुस्लिम समुदाय के सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवक बहाल हो गए हैं तो उनसे स्पष्टीकरण की माँग करते हुए चयन मुक्त कर रिपोर्ट राज्य कार्यालय को दें ।निदेशक के निर्देश का अनुपालन साक्षरता के डी पी ओ द्वारा शुरु कर दिया गया है और मुस्लिम समुदाय के सामान्य कोटि के स्वयं सेवक से स्पष्टीकरण की माँग कर चयन मुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।मालूम हो की तालिमी मरकज़ का आगाज़ बिहार के सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2008 में नीतीश कुमार की सरकार ने शुरू किया था ।

लाइक और शेयर करें साथ ही मुख्यमंत्री बिहार को ईमेल cmbihar@nic.in पर मेल ज़रूर करें।

शुक्रवार, फ़रवरी 16, 2018

एन०आई०ओ०एस द्वारा संचालित डी० एल० एड० में अध्ययन केंद्र द्वारा उर्दू में हस्ताक्षर करने पर आपत्ति और उर्दू में लिखा असाइनमेंट लेने से इंकार

एन०आई०ओ०एस द्वारा संचालित डी० एल० एड० में अध्ययन केंद्र द्वारा उर्दू में हस्ताक्षर करने पर आपत्ति और उर्दू में लिखा असाइनमेंट लेने से इंकार किया जा रहा है।NIOS द्वारा अप्रशिक्षित शिक्षकों को डीएलएड का प्रशिक्षण ऑन लाइन दिया जा रहा है और वर्क शॉप हेतु सीतामढ़ी ज़िला में लगभग 56 अध्ययन केंद्र की स्थापना कर 15 दिवसीय वर्क शॉप का प्रारंभ  3 फरवरी से किया जा रहा है लगभग सभी अध्ययन केंद्रों पर अप्रशिक्षित उर्दू शिक्षकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है और उर्दू में हस्ताक्षर करने पर प्रशिक्षक द्वारा आपत्ति जताई जाती है और कहा जाता है कि उर्दू में लिखा असाइनमेंट भी नहीं लेंगें।
निओस के रिजिनल डायरेक्टर का स्पष्ट आदेश है कि उर्दू में प्रशिक्षणार्थी असाइनमेंट लिख सकते हैं और उर्दू में परीक्षा भी दे सकते हैं मगर PCP पर तैनात साधन सेवी द्वारा हस्ताक्षर पर ही आपत्ति जताई जा रही है।
PCP पर साधन सेवी के चयन में भी लापरवाही बरती गई है उर्दू भाषी साधन सेवी का चयन नही किया गया है जबकि भाषा के साधन सेवी का चयन नियमयता करने का प्रावधान है।

तालिमी मरकज़ में कार्यरत सामान्य मुस्लिम वर्ग के स्वयं सेवकों को मानवीय आधार/पूर्व घोषित नीति के अनुरूप बहाल रखा जाए - राकेश कुमार सिंह

राकेश कुमार सिंह महा सचिव ज़िला जनता दल यू सीतामढ़ी ने माननीय मुख्यमंत्री बिहार को पत्र लिखकर तालिमी मरकज़ में कार्यरत सामान्य मुस्लिम वर्ग के स्वयं सेवकों को मानवीय आधार/पूर्व घोषित नीति के अनुरूप बहाल रखने की माँग की है ।  राकेश कुमार सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि मुस्लिम समुदाय में शिक्षा के प्रसार हेतु वर्ष 2008 में तालिमी मरकज़ का प्रारंभ किया गया था जिसमें तत्कालीन प्रावधान के अनुसार सभी कोटि सामान्य सहित मुस्लिम समुदाय का नियोजन स्वयं सेवक के रूप में किया गया था।कालांतर में अनेक्चर 1 में सम्मिलित मुस्लिम जाति के लिए आरक्षित कर सामान्य मुस्लिम समुदाय के नियोजित स्वयं सेवक को विभाग द्वारा हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।वर्षो तक सेवा देने के बावजूद चयन मुक्ति से हज़ारों स्वयं सेवकों के समक्ष भूखमरी की स्थिति बन सकती है जो न्याय के साथ विकास की वर्तमान जारी नीति के अनुरूप नही होगा। श्री सिंह ने स्वयं सेवकों के साथ होने वाले अन्याय पर समुचित संज्ञान लेने का अनुरोध माननीय मुख्यमंत्री बिहार से किया है

रविवार, फ़रवरी 11, 2018

एन० आई० ओ० एस द्वारा संचालित डी० एल० एड० में अध्ययन केंद्र द्वारा उर्दू में हस्ताक्षर करने पर आपत्ति और उर्दू में लिखा असाइनमेंट लेने से इंकार

एन ०आई ०ओ ०एस द्वारा संचालित डी० एल० एड० में अध्ययन केंद्र द्वारा उर्दू में हस्ताक्षर करने पर आपत्ति और उर्दू में लिखा असाइनमेंट लेने से इंकार किया जा रहा है।NIOS द्वारा अप्रशिक्षित शिक्षकों को डीएलएड का प्रशिक्षण ऑन लाइन दिया जा रहा है और वर्क शॉप हेतु सीतामढ़ी ज़िला में लगभग 56 अध्ययन केंद्र की स्थापना कर 15 दिवसीय वर्क शॉप का प्रारंभ  3 फरवरी से किया जा रहा है लगभग सभी अध्ययन केंद्रों पर अप्रशिक्षित उर्दू शिक्षकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है और उर्दू में हस्ताक्षर करने पर प्रशिक्षक द्वारा आपत्ति जताई जाती है और कहा जाता है कि उर्दू में लिखा असाइनमेंट भी नहीं लेंगें।
निओस के रिजिनल डायरेक्टर का स्पष्ट आदेश है कि उर्दू में प्रशिक्षणार्थी असाइनमेंट लिख सकते हैं और उर्दू में परीक्षा भी दे सकते हैं मगर PCP पर तैनात साधन सेवी द्वारा हस्ताक्षर पर ही आपत्ति जताई जा रही है।
PCP पर साधन सेवी के चयन में भी लापरवाही बरती गई है उर्दू भाषी साधन सेवी का चयन नही किया गया है जबकि भाषा के साधन सेवी का चयन नियमयता करने का प्रावधान है।

शुक्रवार, फ़रवरी 09, 2018

तालिमी मरकज़ में नियोजित सामाजिक तथा आर्थिक रूप से अत्यन्त पिछड़े मुस्लिम समुदाय के सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवी को बहाल रखा जाए


सेवा में,
श्री नीतीश कुमार
माननीय मुख्यमंत्री
बिहार सरकार पटना

विषय :- तालिमी मरकज़ में नियोजित सामाजिक तथा आर्थिक रूप से अत्यन्त पिछड़े मुस्लिम समुदाय के सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवी को बहाल रखने के साथ ही साथ मार्गदर्शिका संशोधित करने का आदेश देने के सम्बंध में।

महाशय,
निवेदन पूर्वक कहना है कि आपके द्वारा वर्ष 2008 में बिहार के मुस्लिम समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन को देखते हुए मुस्लिम समुदाय के सभी बच्चों को प्रारम्भिक शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय के प्रत्येक गाँव/टोला में वैकल्पिक तथा नवाचारी शिक्षा के अंतर्गत (मुस्लिम समुदाय के 06 से 10 वर्ष के बच्चों के लिए ग़ैर आवासीय सेतु कार्यक्रम ) तालिमी मरकज़  प्रारंभ किया गया था जिस में शिक्षा स्वयं सेवी के रूप में आर्थिक तथा सामाजिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय के सामान्य वर्ग के आवेदक का भी नियोजन किया गया था और इस आशय का मार्गदर्शिका पत्रांक-AIE/92/2008 -09 /5344 दिनांक - 13.10.2008 भी निर्गत किया गया था और जिला शिक्षा अधीक्षक सह जिला कार्यक्रम समन्वयक बिहार शिक्षा परियोजना सीतामढ़ी का पत्रांक 1151 दिनांक 19 .11.2008 निर्गत हुआ था जिस के आलोक में नियोजन किया गया था ,परन्तु बाद के दिनों में आपके मंशा के विरुद्ध येन केन प्रकारेण मार्गदर्शिका में संशोधन कर उक्त योजना को सिर्फ मुस्लिम समुदाय के अनेक्चर - 1 जाति में सम्मिलित मुस्लिम के लिए आरक्षित कर दिया गया और मार्गदर्शिका दस महीने बाद पत्रांक TM/AIE/92/2008-09/3982 दिनांक 14.08.2009 और ज्ञापाक  AIE/577 दिनांक 18.08.2009 निर्गत कर दी गई।उक्त योजना का संचालन  09 दिसम्बर 2012 तक बिहार शिक्षा परियोजन परिषद पटना के अधीन था वर्तमान में यह योजना 10 दिसम्बर 2012 से जन शिक्षा, जन शिक्षा निदेशालय, शिक्षा विभाग बिहार पटना के अधीन संचालित किया जा रहा है और तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी को दलित महादलित अल्पसंख्यक एवं अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना से जोड़ कर कार्य लिया जा रहा है।
इधर जन शिक्षा निदेशालय द्वारा शिक्षा स्वयं सेवी के रूप में नियोजित सामान्य वर्ग के मुस्लिम को चयन मुक्त करने की बात की जा रही है जो मुस्लिम समुदाय के साथ अन्याय है।माननीय मुख्यमंत्री महोदय सच्चर कमिटी ने भी अपने रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि मुसलमानों की शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति दलितों से भी कई गुणा बदतर हो चुकी है यह टिपण्णी एंटायर मुसलमानों के लिए की गई है न कि अनेक्चर - 1 में सम्मिलित मुसलानों के लिए मात्र।यह हक़ीक़त है कि सामान्य कोटि के मुसलमानों की स्थिति अनेक्चर - 1 में सम्मिलित मुस्लिमों से भी दयनीय है और योजना का सही हक़दार सामान्य कोटि के सामाजिक, आर्थिक रूप से पिछड़े मुसलमान ही हैं।और यह कार्यक्रम आपके द्वारा सभी मुसलमानों को लक्ष्य कर ही शुरू किया गया था।

अतः माननीय मुख्यमंत्री महोदय से विनम्र निवेदन है कि तालिमी मरकज़ में नियोजित सामान्य कोटि के मुस्लिम शिक्षा स्वयं सेवक को बहाल रखा जाय और मार्गदर्शिका में संशोधन कर आरक्षित मुस्लिम -1 को अनारक्षित मुस्लिम किया जाय ताकि योजना का लाभ मुसलमानों को सही तरीके से मिलता रहे और योजना का सही मक़सद परिलक्षित हो।

विश्वास भाजन
मोहम्मद कमरे आलम
एकडण्डी, परिहार, सीतामढ़ी
पिन 843324
मोबाइल 9199320345
mdqamarealam6@gmail.com

सोमवार, फ़रवरी 05, 2018

एन आई ओ एस से डी एल एड कर रहे उर्दू ज़ुबान में परीक्षा और असाइनमेंट लिख सकते हैं

अप्रशिक्षित शिक्षकों को ऑन लाइन प्रशिक्षित करने का लिया गया निर्णय ऐसी रूम में बैठ कर लिया गया फैसला है

अप्रशिक्षित शिक्षकों को ऑन लाइन प्रशिक्षित करने का लिया गया निर्णय ऐसी रूम में बैठ कर लिया गया फैसला है

अप्रशिक्षित शिक्षकों को ऑन लाइन प्रशिक्षित करने का लिया गया निर्णय ऐसी रूम में बैठ कर लिया गया फैसला है

अप्रशिक्षित शिक्षकों को ऑन लाइन प्रशिक्षित करने का लिया गया निर्णय ऐसी रूम में बैठ कर लिया गया फैसला है

मंगलवार, जनवरी 30, 2018

एनआईओएस से डीएलएड करने वालों के लिए एक आवश्यक सूचना

*एनआईओएस से डीएलएड करने वालों के लिए एक आवश्यक सूचना*

*आप लोगों को पता होगा कि एनआईओएस की परीक्षा 26 ,27 एवं 28 फरवरी 2018 को होने वाली थी लेकिन कुछ कारणों के चलते यह परीक्षा को स्थगित किया गया जिनमें मुख्य कारण स्टडी सेंटर का घोषित ना होना था और सभी प्रशिक्षणार्थी का बहुत दूर दूर सेंटर हो जाने के कारण भी था आप लोगों को पता होगा कि स्टडी सेंटर नहीं बनने के चलते पीसीपी का कार्यक्रम कहीं भी नहीं हो पाया अब आपको सभी जगहों पर स्टडी सेंटर बन गई है नया पीसीपी का शेड्यूल भी बहुत जल्द जारी होगा पहले पीसीपी शनिवार एवं रविवार को होना था परंतु अब पीसीपी सिर्फ रविवार को होगा पीसीपी कुल 15 दिनों का होगा जिसमें 12 दिन उपस्थित होना बहुत ही जरूरी है अगर आप 12 दिन उपस्थित नहीं होते हैं तो आप परीक्षा नहीं दे पाएंगे आपके  परीक्षा की तिथि घोषित कर दी गई है अब परीक्षा 13-14-15 मार्च को होगी 13 मार्च 2018 को 501 मॉडल होगा 14 मार्च 2018 को 502 मॉडल होगा एवं 15 मार्च 2018 को 503 मॉडल होगा यह भी ध्यान रखा जाए कि जब पीसीपी क्लास चलेगी तभी आपको मेंटर के द्वारा बताए गए निर्देश पर अपने असाइनमेंट जमा करने होंगे अभी फिलहाल आपको असाइनमेंट जमा नहीं करनी है यह याद रखें कि अब यह परीक्षा 13, 14 एवं 15 मार्च 2018 को होगी यह सूचना पुष्कर कुमार जी TEAM NIOS के द्वारा बातचीत में बताई गई है*

501 सम्भावित प्रश्न - पत्र

डी.ई.एल.एड.-501 प्राथमिक शिक्षा भारत में एक सामाजिक-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य

नमूना प्रश्न पत्र

सामान्य निर्देश :
(ए) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(बी) इस पत्र में कुल 42 प्रश्न हैं।
(सी) (i) प्रश्न संख्या 1 से 15 एकाधिक पसंद-प्रकार के प्रश्न हैं जिनमें 1 अंक प्रत्येक होते हैं।
(ii) प्रश्न संख्या 16 से 30 बहुत कम उत्तर-प्रकार के प्रश्न हैं जिनमें 1 अंक होते हैं।
(iii) प्रश्न संख्या 31 से 40 कम उत्तर-प्रकार के प्रश्न हैं जो 2 अंक प्रत्येक होते हैं।
(iv) प्रश्न संख्या 41 और 42 में लंबे समय से उत्तर-प्रकार वाले प्रश्न हैं, जिनमें 10 अंक हैं।
(डी) उन प्रत्येक प्रश्न के अंक को इंगित किया जाता है।

प्रश्न 1. शिक्षा आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को गति कर सकते हैं
(ए) शिक्षकों के वेतन में वृद्धि
(बी) व्यावसायिक विषयों और विज्ञान के शिक्षण पर बल देना
(सी) सार्वजनिक शिक्षा की सामान्य स्कूल व्यवस्था शुरू करना
(डी) छात्रों को सामाजिक न्याय के उच्च विचारों से पहले प्रस्तुत

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन सी शिक्षा पर राष्ट्रीय नीति, 1 9 86 की मुख्य विशेषता नहीं है?
(ए) राष्ट्रीय रक्षा के लिए सैन्य प्रशिक्षण
(बी) वयस्क शिक्षा का प्रचार
(सी) सभी के लिए समान शैक्षिक अवसर
(डी) शिक्षा के प्रति जवाबदेही

प्रश्न 3 बच्चों के स्वस्थ और नि: शुल्क विकास में निम्न अधिकारों में से कौन सी एक बाधा है?
(ए) सोचा की स्वतंत्रता
(बी) पसंद की स्वतंत्रता
(सी) खर्च की स्वतंत्रता
(डी) भाषण की स्वतंत्रताप्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन सी डीआईईटी का एक कार्य है?
(ए) स्कूल की इमारतों की वर्तमान मरम्मत करने के लिए
(बी) अनौपचारिक शिक्षा के प्रशिक्षकों और पर्यवेक्षकों के प्रशिक्षण और अभिविन्यास
(सी) जहां भी संभव हो, मध्याह्न भोजन का प्रबंध करने के लिए
(डी) स्कूल के वित्त प्रबंधन और वितरण के लिए

प्रश्न 5. एसआईइएएमएटी ज्ञान के प्रसार के माध्यम से कार्य करता है
(ए) मामले के अध्ययन का संकलन
(बी) संस्थागत योजना
(सी) सेमिनार और चर्चा
(डी) तकनीकी सहायता

प्रश्न 6. काम करने वाले बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए निम्न में से कौन सा एक गैर-औपचारिक शिक्षा कार्यक्रम है?
(ए) मदरसा
(बी) बालाक और बालिका शिक्षा शिविर
(सी) मुक्तांगन
(डी) सहज शिक्षा केंद्र

प्रश्न 7. प्राथमिक और ऊपरी प्राथमिक विद्यालय के संयोजन को इस प्रकार कहा जाता है
(ए) प्राथमिक शिक्षा
(बी) शिक्षा का सार्वभौमिकरण
(सी) माध्यमिक शिक्षा
(डी) पूर्व-बुनियादी शिक्षा

प्रश्न 8. एसएसए में 'अनुसंधान और मूल्यांकन' के तहत प्रदान किया गया धनराशि का उपयोग इसके लिए किया जा सकता है
(ए) सरकारी स्कूल केवल
(बी) सहायता प्राप्त स्कूल केवल
(सी) दोनों सरकार और सहायता प्राप्त स्कूल
(डी) गैर-अनुदानित विद्यालय केवल

प्रश्न 9. एसएसए के तहत, निधि को वीईसी / एसएमसी / ग्राम पंचायतों को स्थानांतरित किया जाएगा
(ए) स्कूलों के रख-रखाव और मरम्मत
(बी) स्कूलों का उन्नयन
(सी) शिक्षकों का वेतन
(डी) दोनों (ए) और (बी)

प्रश्न 10. निम्न में से कौन सा बुनियादी सुविधाओं की श्रेणी के बाहर माना जाता है?
(ए) हाउसिंग
(बी) शिक्षा
(सी) टेलीविजन
(डी) बिजली

प्रश्न 11. आरटीई के क्षेत्र में गैर-सरकारी संगठनों के साथ एक जीवंत साझेदारी की कल्पना है
(ए) पारंपरिक अध्यापन विकासशील
(बी) नैतिक चिंता व्यक्त
(सी) वैज्ञानिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए
(डी) क्षमता निर्माण

प्रश्न 12. मुख्य नियोजन टीम के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा बयान गलत है?
(ए) एक कोर प्लानिंग टीम को शामिल करने के लिए योजना को वैधता प्रदान करता है
(बी) शिक्षक भी नियोजन के लिए सभी आवश्यक जानकारी एकत्र कर सकते हैं
(सी) समुदाय ऐसी टीम बनाकर स्वामित्व की भावना महसूस करेगा
(डी) प्राथमिकताओं के बारे में निर्णय लेने के दौरान समुदाय के प्रतिनिधियों का सकारात्मक योगदान होता है

प्रश्न 13. शिक्षा की गुणवत्ता मुख्य रूप से संबंधित है
(ए) अपने सभी आयामों में जीवन की गुणवत्ता
(बी) परीक्षाएं प्राप्त हुईं
(सी) memorization
(डी) अंग्रेजी सीखना

प्रश्न 14. अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित छात्रों को अक्सर स्कूल के वातावरण से बाहर रखा जाता है क्योंकि
(ए) वे अतिभारित सामग्री मिल सकती है
(बी) स्कूल में सीखने के लिए कुछ भी नया नहीं है
(सी) पाठ्यपुस्तक में और कक्षा लेनदेन में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा उनकी मातृभाषा से अलग हो सकती है
(डी) वे मुख्यधारा का एक हिस्सा बनना चाहते हैं

प्रश्न 15. संयुक्त राष्ट्र के कितने सदस्य राज्यों ने 'सभी के लिए शिक्षा' पर 1 99 0 में जोटीन सम्मेलन के लिए इकट्ठा किया?
(ए) 145
(बी) 148
(सी) 150
(डी) 155

प्रश्न 16. पाठ्यक्रम के लिए और किस प्रयोजन के लिए राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का प्रस्ताव रखा है?

प्रश्न 17. मुक्त और अनिवार्य शिक्षा का कोई एक लाभ उल्लेख।

प्रश्न 18. किसके स्कूल से एक हेडमास्टर का कर्तव्य है, किसी बच्चे को दूसरे स्कूल में जाने की आवश्यकता है?

प्रश्न 19. आरटीई अधिनियम के तहत शिक्षक की किसी एक भूमिका का उल्लेख करें।

प्रश्न 20. एससीईआरटी द्वारा अभिविन्यास कार्यक्रमों को व्यवस्थित करना

प्रश्न 21. मतीप्रबोधन परियोजना का मुख्य उद्देश्य लिखें।

प्रश्न 22. यदि प्राथमिक विद्यालय में दाखिला बच्चों की संख्या 75 है और प्राथमिक विद्यालय की उम्र के बच्चों की संख्या 50 है तो प्रतिशत में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) की गणना करें।

प्रश्न 23. किसने सर्व शिक्षा अभियान शुरू किया और कब?

प्रश्न 24. एसएसए कार्यक्रम के तहत नियुक्त शिक्षकों के वेतन का समर्थन कौन करता है?

प्रश्न 25. प्राथमिक शिक्षा के लिए बच्चों के लिए उपयोगी और प्रासंगिक स्तर पर शिक्षा कैसे प्राप्त करती है?

प्रश्न 26. सूक्ष्म नियोजन से क्या मतलब है?

प्रश्न 27. विकेंद्रीकृत प्राथमिक शिक्षा के लक्ष्य को हम कैसे प्राप्त कर सकते हैं?

प्रश्न 28. शिक्षा में गुणवत्ता के किसी भी दो मुख्य घटकों का उल्लेख करें।

प्रश्न 2 9। विशेष आवश्यकता वाले बच्चे अक्सर हाशिए पर क्यों हैं? किसी भी दो कारणों का उल्लेख करें

प्रश्न 30. विश्वव्यापी ज्ञान और अच्छे अभ्यास के माध्यम से विश्व बैंक का समर्थन करने वाले बयान का विश्लेषण करें।

प्रश्न 31. महिला शिक्षा संबंधी राष्ट्रीय समिति, 1 9 58 की किसी भी दो सिफारिशों का उल्लेख करें।

प्रश्न 32. एनसीएफ, 2005 हमारे मार्गदर्शक सिद्धांतों पर आधारित है?

प्रश्न 33. भाग लेने के अधिकार के तहत बच्चों द्वारा भागीदारी की गुंजाइश की जांच करना।

प्रश्न 34. एनसीईआरटी द्वारा आयोजित होने वाले शिक्षक प्रशिक्षण के स्तर और क्षेत्रों को हाइलाइट करें।

प्रश्न 35. एनसीईआरटी के चार प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख करें।

प्रश्न 36. उत्तर प्रदेश मूल शिक्षा परियोजना में अपनाई गई दो रणनीतियों का वर्णन करें।

प्रश्न 37. शिक्षा के दो मुख्य उद्देश्य बताएं ..

प्रश्न 38. पाठ / विषयों के दो उदाहरण दें जिन्हें बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाया जाता है और अधिक प्रभावी ढंग से सिखाया जा सकता है।

प्रश्न 39. यह कहने के लिए कितना सही है कि 'खुले दिमाग' जॉन डेवी द्वारा प्रवर्तित चिंतनशील अभ्यास का एक महत्वपूर्ण घटक है?

प्रश्न 40. विकासशील देशों में प्राथमिक शिक्षा में बाधाओं के रूप में कार्य करने वाले दो कारकों का वर्णन करें।

प्रश्न 41. गुरुकुल प्रणाली के तहत गुरु की भूमिका और जिम्मेदारियों का वर्णन करें।

प्रश्न 42. युवा बच्चों को रोजगार के बारे में आपकी क्या राय है? वे नियमित स्कूलों में भाग लेने में असमर्थ क्यों हैं? ऐसे बच्चों को शिक्षित करने के लिए किस प्रकार के पाठ्यक्रम को तैयार किया जाना चाहिए?

*मो.शरफे आलम*