आप हमें आवाज़ दें, हम आपकी आवाज़ बनेंगें,उठें जागें और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करें। "" कुफ़्र की हकुमत चल सकती है लेकिन ज़ुल्म की नहीं "" ।। बिना चिंगारी के आग नहीं लग सकती ।।
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बुधवार, अक्तूबर 30, 2024
श्री गाँधी हाई स्कूल परिहार के वर्तमान और तत्कालीन प्रधानाध्यापक पर अवैध तरीके से राशि निकलने का आरोप
श्री गाँधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिहार के वर्तमान और तत्कालीन प्रधानाध्यापक के द्वारा बरती गई अनियमितता को लेकर प्रखंड परिहार निवासी श्री राकेश कुमार सिंह, इम्तेयाज़ जावेद अख्तर उर्फ प्यारे पूर्व प्रमुख प्रखण्ड परिहार, उमैर अहमद ने ज़िला पदाधिकारी सीतामढ़ी से1लेकर प्रधान सचिव, शिक्षा विभाग बिहार सरकार को लिखित शिकायत पत्र भेज कर निष्पक्ष जाँच कर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।इनलोगों ने अपने शिकायत पत्र में लिखा है कि विद्यालय विकास मद की राशि, उपस्कर की राशि को बगैर प्रबंध समिति के अनुमोदन के ही खर्च किया गया है और अननियमित निकासी कर राशि का गबन किया गया है। उपस्कर मद से आवंटित राशि को बगैर उपस्कर आपूर्ति कराए पूर्व के डेस्क बेंच को रंग पोत कर नया बेंच डेस्क के रूप में दिखा राशि निकासी कर ली गई इस सम्बंध में दिनांक-09 दिसंबर 2023 को जिला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी को दिया था जिसकी प्राप्ति रशीद भी ली गई थी परंतु परिहार उच्च विद्यालय से अत्यधिक अनावश्यक, मानक के विपरीत क्रियान्वयन की गंभीर सूचना पर भी ज़िला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी ने परिवाद पत्र पर संज्ञान न लेना इस वित्तीय अनियमितता संबंधी जघन्य कृत में इनकी संलिप्तता की आशंका को बल देता है।माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री विजय चौधरी द्वारा विधानसभा में आश्वस्त किया गया था कि बगैर प्रबंध समिति के अनुमोदन के निकासी और उसमें अनियमितता की जांचों प्रांत कार्रवाई की जाएगी। अतः संलग्न आवेदन को दृष्टिगत रखते हुए वित्तीय अनियमितता की जांच से परहेज की जिला शिक्षा पदाधिकारी की मनसा और उक्त विद्यालय में विगत 5 महीने से अनधिकृत, अनावश्यक और असंवैधानिक वित्तीय निकासी की बैंक स्टेटमेंट आधारित सत्यापनोप्रान्त कार्यवाही करने की अपेक्षा की गई है। सबसे गंभीर बात यह है कि पूर्व के आवेदन की तिथि यानी 9 दिसंबर 2023 के पश्चात राशि निकासी और गुणवत्ताहीन निर्माण की गति को और तीव्रता प्रदान कर दिया गया है यानी जिला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी के संज्ञान में आने के बाद लगभग 60 से 70 लाख की निकासी विगत तीन माह में अवैध तरीके से करना, गबन और बंदरबांट को प्रमाणित करता है, जिसकी जांच जिला स्तरीय पदाधिकारी से कराना मुनासिब होगा ।
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