जब भी कोई ईमानदार और निष्पक्ष पदाधिकारी किसी अंचल, ब्लॉक में आते हैं, तो उनकी निष्ठा और ईमानदारी की वजह से क्षेत्र में फैले हुए भ्रष्टाचार और बिचौलियागिरी पर सीधा असर पड़ता है। ऐसे पदाधिकारी बिचौलियों के काले धंधों को समाप्त करने के लिए कठोर कदम उठाते हैं, जिससे उनके अवैध कमाई पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
परिहार अंचलब में हाल ही में नियुक्त हुए एक ईमानदार पदाधिकारी के द्वारा कार्यों में पारदर्शिता लाए जाने के बाद, कई बिचौलियों का काम रुक गया है। इन बिचौलियों का मुख्य काम सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले योजनाओं, विकास कार्यों और सरकारी लाभों के वितरण में अनैतिक रूप से हिस्सा बटोरना था। इन लोगों का मुख्य उद्देश्य बिना किसी कड़ी मेहनत के लोगों से रिश्वत या कमीशन के रूप में पैसा जुटाना था।
अब जब इन बिचौलियों का काला धंधा बंद हुआ है, तो वे पदाधिकारी पर तरह-तरह के आरोप लगाने लगे हैं। इन आरोपों में प्रशासनिक स्तर पर फैसलों की आलोचना, व्यक्तिगत हमले और यहां तक कि पदाधिकारी की नीयत पर सवाल उठाना भी शामिल है। हालांकि, ऐसे आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं होता, बल्कि यह केवल ईमानदार कार्यों में रुकावट डालने का प्रयास होता है।
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