आप हमें आवाज़ दें, हम आपकी आवाज़ बनेंगें,उठें जागें और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करें। "" कुफ़्र की हकुमत चल सकती है लेकिन ज़ुल्म की नहीं "" ।। बिना चिंगारी के आग नहीं लग सकती ।।
शुक्रवार, सितंबर 22, 2017
क्या वाकई औरंगजेब हिंदुओं के लिए सबसे बुरा शासक था ?
सोमवार, सितंबर 18, 2017
बुनियादी महा परीक्षा का मार्क्स फ़ाइल 22 सितम्बर तक ज़िला को उपलब्ध करावें - मुख्य कार्यक्रम समन्वयक
मुख्य कार्यक्रम समन्वयक नागेन्द्र कुमार पासवान ने पत्र निर्गत कर 17 सितम्बर 2017 को सम्पन्न महापरीक्षा का हर हाल में 20 सितम्बर 2017 तक मूल्यांकन करा कर 22 सितम्बर 2017 तक अंतिम रूप से मार्क्स फाइल जिला को उपलब्ध कराने का निर्देश ज़िला के सभी प्रखण्ड कार्यक्रम समन्वयक साक्षर भारत को दिया है।
सोमवार, अगस्त 28, 2017
बिहार के नियोजित अप्रशिक्षित शिक्षकों को वेतन नही मिलने के कारण NIOS प्रशिक्षण कोर्स में रजिस्ट्रेशन को हो रही परेशानी
बिहार के नियोजित अप्रशिक्षित शिक्षकों को वेतन नही मिलने के कारण NIOS प्रशिक्षण कोर्स में रजिस्ट्रेशन को हो रही परेशानी
बिहार के नियोजित अप्रशिक्षित शिक्षकों को चार महीने से वेतन नही मिलने के कारण NIOS प्रशिक्षण कोर्स में पैसे के अभाव में रजिस्ट्रेशन नही करवा पा रहे हैं ।अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए NIOS में 15 सितम्बर 2017 तक रजिस्ट्रेशन करवा लेना है शिक्षकों को निबंधन के समय ही प्रथम वर्ष का शुल्क 4500 सौ नेट बैंकिंग के ज़रिए भुगतान करना है मगर पैसे के अभाव में शिक्षक निबन्धन नही करवा पा रहे हैं जो शिक्षक सम्पन्न परिवार से हैं वह तो निबन्धन करवा लिए या करवा रहे हैं मगर जो वेतन पर ही आश्रित हैं वे वेतन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं और तनाव में पड़े हुए हैं।सरकार को चाहिए कि शिक्षकों का बकाया वेतन भुगतान करे ताकि समस्याओं से जूझते शिक्षकों की परेशानी दूर हो साथ ही निबन्धन की तिथि को विस्तारित की जाए।
शुक्रवार, अगस्त 11, 2017
महादलित अल्पसंख्यक एवं अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना की एक अच्छी खासी रक़म मोनिटरिंग/प्रबोधन में खर्च जिसका कोई औचित्य नहीं है
महादलित अल्पसंख्यक एवं अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना की एक अच्छी खासी रक़म मोनिटरिंग/प्रबोधन में खर्च जिसका कोई औचित्य नहीं है
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बिहार सरकार द्वारा संपोषित योजना मुख्यमंत्री अक्षर आँचल योजना के अंतर्गत संचालित कार्यक्रम "" महादलित अल्पसंख्यक एवं अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना "" की एक अच्छी खासी रक़म मोनिटरिंग/प्रबोधन में खर्च की जा रही है जिसका कोई औचित्य नहीं है ज़िला स्तरीय लोक शिक्षा
समिति, प्रखण्ड समन्वयक साक्षर भारत और के आर पी को प्रबोधन कार्य से अलग कर इस राशि से शिक्षा स्वयं सेवी के मानदेय में इज़ाफ़ा तत्काल प्रभाव से किया जा सकता है।अगर प्रबोधन कार्य से उक्त सभी को अलग कर दिया जाता है तो इनपर व्यय राशि शिक्षा स्वयं सेवी को दे दी जाती है तो शिक्षा स्वयं सेवी का मानदेय प्रति माह@Rs 11810.25 रुपये हो जाएगा। या इतनी बड़ी राशि से 13383 नये शिक्षा स्वयं सेवी बहाल किया जा सकता है ।मालूम हो कि इस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग और प्रबोधन के नाम पर प्रति वर्ष @Rs 107064000 दस करोड़ सत्तर लाख चौसठ हज़ार रुपये की एक बड़ी रकम खर्च कर दी जाती है जिसका ज़मीनी हक़ीक़त से कोई लेना देना नही।अगर मोनिटरिंग/प्रबोधन इतना ही ज़रूरी है तो ये कार्य सी आर सी वाइज सिनिअर शिक्षा स्वयं सेवी से लिया जा सकता है।
""
अनावश्यक खर्च पर रोक लगा शिक्षा स्वयं सेवी पर खर्च कर बेहतर परिणाम हासिल किया जा सकता है। ""
गुरुवार, अगस्त 10, 2017
मानदेय भुगतान की माँग
सेवा में,
ज़िला पदाधिकारी -सह-अध्यक्ष
महादलित अल्पसंख्यक एवंम अति पिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना, सीतामढ़ी
विषय:-मानदेय भुगतान के संबंध में।
महाशय,
उपर्युक्त विषयक संबंध में अंकित करना है कि तत्कालीन ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी ने पत्रांक 42 दिनांक 13.02.217 के द्वारा निदेशक जन शिक्षा शिक्षा विभाग पटना से 46 शिक्षा स्वयं सेवक के मानदेय भुगतान हेतु जनवरी 2016 से मानदेय भुगतान मद में राशि की माँग की थी उक्त पत्रांक के आलोक में निदेशक जन शिक्षा पटना ने क्रमशः तीन पत्रांक:- 483 दिनांक 08.03.2017, पत्रांक:- 1134 दिनांक 24.05.2017 को निर्गत कर नियोजन एवं प्रशिक्षण से संबंधित प्रतिवेदन साक्ष्य के साथ समर्पित करने का निदेश ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी सीतामढ़ी को दिया था ताकि मानदेय भुगतान की राशि आवंटित की जा सके मगर प्रतिवेदन प्रस्तुत नही किया गया।पुनः निदेशक जन शिक्षा पटना ने पत्रांक 1312 दिनांक 14.06.2017 और पत्रांक 1312 दिनांक 14.06.2017 निर्गत कर एक सप्ताह के अन्दर प्रतिवेदन की माँग की मगर ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी के द्वारा प्रतिवेदन निदेशक जन शिक्षा पटना को उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है। प्रतिवेदन के अभाव में हम तालीमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय राशि आवंटित नही हो पा रहा है और हम लोग मानदेय भुगतान नहीं होने के कारण 19 माह से भूक मरी के शिकार हैं।
अतः श्रीमान से अनुरोध है कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी को प्रतिवेदन प्रेषित करने का आदेश देने की कृपा करें।
विश्वाश भाजन
हामिद अंसारी परिहार
सीतामढ़ी
बुधवार, अगस्त 09, 2017
भारत का राष्ट्रीय प्रतिक
भारत का राष्ट्रीय ध्वज - तिरंगा
भारत का राष्ट्रीय गान - जन-गन-मन
भारत का राष्ट्रीय गीत - वन्दे मातरम्
भारत का राष्ट्रीय चिन्ह - अशोक स्तम्भ
भारत का राष्ट्रीय पंचांग - शक संवत
भारत का राष्ट्रीय वाक्य - सत्यमेव जयते
भारत की राष्ट्रीयता - भारतीयता
भारत की राष्ट्र भाषा - हिंदी
भारत की राष्ट्रीय लिपि - देव नागरी
भारत का राष्ट्रीय ध्वज गीत - हिंद देश
का प्यारा झंडा
भारत का राष्ट्रीय नारा - श्रमेव जयते
भारत की राष्ट्रीय विदेशनीति -गुट निरपेक्ष
भारत का राष्ट्रीय पुरस्कार - भारत रत्न
भारत का राष्ट्रीय सूचना पत्र - श्वेत पत्र
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष - बरगद
भारत की राष्ट्रीय मुद्रा - रूपया
भारत की राष्ट्रीय नदी - गंगा
भारत का राष्ट्रीय पक्षी - मोर
भारत का राष्ट्रीय पशु - बाघ
भारत का राष्ट्रीय फूल - कमल
भारत का राष्ट्रीय फल - आम
भारत की राष्ट्रीय योजना - पञ्च वर्षीय योजना
भारत का राष्ट्रीय खेल - हॉकी
भारत की राष्ट्रीय मिठाई - जलेबी
भारत के राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) और 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस)
बिहार तालीमी मरकज़ संघ ने शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन
बिहार तालीमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी संघ बिहार का एक शिष्ट मंडल तारिक़ अनवर प्रदेश महा सचिवके नेतृत्व में शिक्षा मंत्री बिहार से उन के कार्याल कक्ष में मिलकर लम्बित मानदेय भुगतान और सेवाशर्त निर्धारण से संबंधित माँग पत्र सौंपा ,माँग पत्र में मुख्य रूप से अप्रैल 2017 से अब तक बकाया मानदेय राशि का भुगतान बक़र ईद पर्व से पूर्व करने और लम्बित सेवा शर्त का निर्धारण कर नियमावली की अधिसूचना जारी किए जाने की माँग की गई है। शिष्ट मण्डल में मोहम्मद अकबर, वकील अहमद आदि मौजूद थे।इसी से संबंधित एक आवेदन डायरेक्टर मास एजुकेशन पटना को भी दिया गया है।
मंगलवार, अगस्त 08, 2017
साक्षरता कर्मी की भूमिका शिक्षकों से कम नही :- डी पी ओ साक्षरता सीतामढ़ी
ज़िला लोक शिक्षा समिति सीतामढ़ी द्वारा परिहार हाई स्कूल के सभागार में आयोजित चार प्रखण्डों सोनबरसा, परिहार, बथनाहा और सुरसंड के समन्वयक, प्रेरक, टोला सेवक, तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी उन्मुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी जनाब नुरुल होदा खान ने कहा कि साक्षरता कर्मियों की भूमिका किसी शिक्षक से कम नही नॉन फॉर्मल तरीके से दी गई तालीम का असर देर पा होता है और बच्चे हासिल की गई तालीम को भूलते नही उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने आप को जिस मक़सद के लिए बहाल किया है उसको पूरी ईमानदारी से अंजाम दें अगर ईमानदारी से काम करेंगें तो वह वक़्त दूर नही जब आप शिक्षक के रूप में स्थापित होंगें सरकार आपकी कारकर्दगी को बारीकी से देख रही है। अगर किसी तरह की कोई परेशानी होती है तो हमसे सीधा राब्ता क़ायम करें हम उसका हल निकालेंगे।
उन्होंने कहा कि इस तरह का हमारा यह आखिरी प्रोग्राम नही बल्कि हर तीन महीने पर इस तरह का प्रोग्राम होगा ताकि हम और आप एक दूसरे से रु बरु होते रहे और साक्षरता के हलका में सीतामढ़ी का नाम पूरे बिहार में रौशन कर सकें।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य कार्यक्रम समन्वयक सीतामढ़ी नागेन्द्र पासवान ने कहा कि जहाँ सारा तंत्र फेल कर जाता है उस काम को साक्षरता कर्मी अंजाम तक पहुँचा देता है ज़रूरत इस बात की है कि हमारा जो बुनियादी काम है हम जिस काम को करने के लिए नियुक्त हैं उस काम को पूरी निष्ठा से करें ताकि कोई शिकायत सामने न आयें।साक्षरता कर्मी को समाज में साक्षरता कर्मी के रूप में पहचान बनाने की ज़रूरत है जिस दिन पहचान बन गई साक्षरता का मक़सद पूरा हो जायगा उन्होंने महा परीक्षा की तैयारी का शंखनाद अभी से फुंक देने की बात कही और कहा कि महा परीक्षा को पर्व की तरह आयोजित किया जाए।
बताते चलें कि इस तरह का प्रोग्राम सीतामढ़ी साक्षरता के तारीख में पहली बार हुआ है जहाँ चार प्रखण्ड के साक्षरता कर्मी एक जगह वह भी ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता के साथ आमने सामने बैठ कर बात किये हैं।
नव पदस्थापित ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता को जिला तालीमी मरकज़ संघ के जिला अध्यक्ष नेक मोहम्मद अंसारी, मोहम्मद कमरे आलम ने फूलों का माला पहना कर ख़ैर मकदम किया कार्यक्रम की नाज़ामत संजय कुमार मधु एस आर जी सीतामढ़ी ने बखूबी अंजाम दिया।अर्चना कुमारी प्रखण्ड कार्यक्रम समन्वयक परिहार, के आर पी परिहार सुरसंड, सोनबरसा बथनाहा आदि ने भी उन्मुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित किया और अपने नए पदाधिकार का अभिनंदन किया।
रविवार, अगस्त 06, 2017
नेक मोहम्मद अंसारी बने सीतामढ़ी तालीमी मरकज़ संघ सीतामढ़ी के अध्यक्ष
सीतामढ़ी ज़िला तालीमी मरकज़ संघ के अध्यक्ष एजाज़ कौसर खान के त्याग पत्र देने के बाद अध्यक्ष का पद खाली हो गया था अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर आज तालीमी मरकज़ संघ की एक बैठक ललित आश्रम सीतामढ़ी के प्रांगण में मोहम्मद सगीर अंसारी की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर जम कर चर्चा हुई मगर सर्वसम्मति से जिला अध्यक्ष का चुनाव नही हो पाया अध्यक्ष के लिए दो उम्मीदवार आमने सामने आए तो गुप्त मतदान से अध्यक्ष का चुनाव कराने का निर्णय लिया गया।गुप्त मतदान में सत्रह प्रखण्ड अध्यक्षों में से तेरह प्रखण्ड अध्यक्षों ने अपना मत नेक मोहम्मद अंसारी को दिया वही दूसरे उम्मीदवार शाहिद रेज़ा को चार मत प्राप्त हुआ और चुनाव पर्यवेक्षक ने नेक मोहम्मद अंसारी को जिला अध्यक्ष के रूप में अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया।बैठक में निर्वाचित अध्यक्ष को एक सप्ताह के भीतर ज़िला कार्यकारिणी का गठन करने का अधिकार सौंप दिया।
ज़िला अध्यक्ष निर्वाचित होने पर नेक मोहम्मद अंसारी को मोहम्मद कमरे आलम, इम्तेयाज़ अहमद, अनवर दिलवर, रहमत अली सोनबरसा सैदर आदि ने मुबारक बाद दी है और उम्मीद ज़ाहिर किया है कि आप के अगुआई में जिला तालीमी मरकज़ मज़बूत होगा और रज़ाकारों की समस्याओं का समाधान तेज़ी से होगा।
रविवार, जुलाई 23, 2017
सीतामढ़ी ज़िला तालीमी मरकज़ संघ हक़ीक़त के आईने में
सीतामढ़ी ज़िला तालीमी मरकज़ संघ हक़ीक़त के आईने में
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सीतामढ़ी ज़िला में तालीमी मरकज़ का आग़ाज़ सन 2010 में हुआ शुरुआती दौर में कुछ लोगों ने जिला तालीमी मरकज़ संघ का जिला अध्यक्ष पुपरी के रहने वाले इम्तेयाज़ साहब को बनाया इम्तेयाज़ साहब के बाद नानपुर ब्लॉक के एजाज़ कौसर खान को इस बुनियाद पर जिला सदर की सदारत सौंपी गई कि ये सीतामढ़ी में ही मुक़ीम रहते हैं ।सीतामढ़ी रहने की वजह कर तालीमी मरकज़ के रेज़ाकारों की परेशानिओं का एजाला अफसर से मिलकर करेंगें साथ ही संघ को मजबूत कर संघर्ष कर सरकार से तालीमी मरकज़ को वाज़िब हक़ दिलवाएंगे मगर तालीमी मरकज़ के लोगों का यह ख्वाब ख्वाब ही बन कर रह गया और आज अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।ज़िला से लेकर प्रखण्ड सतह तक तालीमी मरकज़ संघ का कोई वजूद नही है हाँ नाम नेहाद ज़िला सदर ब्लॉक सदर ज़रूर हैं जिनको तालीमी मरकज़ के लोगों से खातिर खाह कोई लेना देना नही।हक़ीक़त तो ये है कि जिला में तालीमी मरकज़ का कोई फयाल वर्किंग कमेटी नही है वही हाल ब्लॉक सतह का भी है इनके ज़िला सदर और ब्लॉक सतह के सदर का काम सिर्फ और सिर्फ ओहदा महफूज़ रहे ताकि ऑफिसर की निगाहें करम बनी रहे इसके इलावा कुछ भी नहीं।मौजूदा कमिटी से तालीमी मरकज़ के रेज़ाकारों का कितना नुकसान हुआ इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2010 में तालीमी मरकज़ के बहुत से भाई आज भी सड़कों की धूल फाँक रहे हैं और ये मौजूदा सदर की नज़र अंदाज़ी की वजह कर हुआ।पुराने साथियों को मुख्यमंत्री अक्षर आँचल योजना में आने के लिए भी एक तह शुदा रक़म चुकानी पड़ी,और अभी जो लोग काम कर रहे हैं उन्हें वक़्तन फवक्तन चुकानी पड़ती है।यहाँ के जिला सदर ने संघ के मकसद को ही तब्दील कर रख दिया सीतामढ़ी ज़िला तालीमी मरकज़ का ऐसा एक भी कारनामा नही जिस को याद किया जा सकता हो, या ये कहा जा सके कि सीतामढ़ी तालीमी मरकज़ ने किसी मुद्दे को लेकर जिला या सरकार के खिलाफ आवाज़ बुलंद किया है।
2013 से लेकर 2017 तक तालीमी मरकज़ रज़ाकारों का कई डिपार्टमेंटल ट्रैनिंग हुआ मगर क्या किसी को सर्टिफिकेट मिला जबकि ये ट्रेनिंग लेने वाले का हक़ है जो सर्विस पीरियड में कारामद होता है क्या इसके लिए पुरज़ोर आवाज़ बुलंद की गई ? नही ना
जनवरी 2016 में ट्रेनिंग हासिल शुदा और जिला लोक शिकायत निवारण के आदेश पर जिनका योगदान हुआ उस का पेमेंट नही होता है और जो 29 जुलाई 2016 को योगदान करते हैं उनका पेमेंट हुआ और हो रहा है क्या इस के खिलाफ आवाज़ बुलन्द की गई ? नही ना
एस्टेब्लिशमेंट लिस्ट में रज़ाकारों की तफ़सीलात ग़लत इंद्राज की गई जोइनिंग लेटर ग़ायब किया गया क्या इसके खिलाफ आवाज़ बुलन्द की गई ? नही ना
तो फिर
क्या ऐसे ग़ैर सक्रिय/खामोसी इख़्तेयार कमिटी से जिला तालीमी मरकज़ के रज़ाकारों का मुस्तक़बिल ताबनाक हो सकता है ? ये ज़िला के तमाम रज़ाकारों को सोचना चाहिए/सोचना होगा ।ज़िला तालीमी मरकज़/ब्लॉक कमिटी को सिरे से तहलील (निरस्त) कर एक ईमानदार कमिटी की तश्किल करेँ जो सिर्फ और सिर्फ आपके ताबनाक मुस्तक़बिल के लिए काम करे।
" ज़िला सीतामढ़ी तालीमी मरकज़ संघ एक superseded committee है क्योंकि ज़िला कमिटी इंतेखाब 20.12.2012 को हुआ था।किसी भी कमिटी का कार्यकाल तीन/पाँच साल का होता है कमिटी का तीन साल का कार्यकाल 20.12.2015 को समाप्त हो जाता है कमिटी के कार्यकाल समाप्ति से पूर्व नए कमिटी का इंतेखाब नही हुआ लिहाज़ा कार्यकाल समाप्ति के बाद कमिटी स्वतः भंग हो जाती है और वह सुपर सीड कमिटी कहलाती है।सुपरसीड कमिटी में कोई चेयरमैन प्रेजिडेंट नही होता।
16.02.2016 को बीना इंतेखाब/ आम सभा के इत्तेफ़ाक़ राय के नई कमिटी बना ली गई जो ग़ैर क़ानूनी है।
16.02.2016 को अपने मन से कमिटी बनाने से ज़ाहिर है कमिटी का कार्य काल तीन साल ही है पाँच साल नही।
सुपरसीड (भंग)कमिटी की बैठक बुलाना बहैसियत चेयरमैन मज़हक़ह ख़ेज़(हास्यापद)है।
जब तक आम सभा से जिला कमिटी का चुनाव नही हो जाता है तब तक ज़िला तालीमी मरकज़ के साथ सभी तरह की कमिटी भंग है कोई चेयरमैन प्रेसिडेन्ट नही। ""
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नवनियुक्त प्रशिक्षु डी०पी०ओ० ( MDM) सीतामढी आयुष कुमार पर कमीशन खोरी , विद्यालय निरिक्षण करने के उपरांत पैसा उगाही का आरोप MD...
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सीतामढ़ी । ग्राम कुम्मा निवासी ज़फर नेहाल ने एक परिवाद पत्र शपथ पत्र के साथ दिनांक - 26 /07/2024 को ज़िला पदाधिकारी सीतामढ़ी को दिया गया था ...