गुरुवार, दिसंबर 15, 2016

बिहार में बदतर शिक्षा का दोषी कौन ?

1.शिक्षक
2.छात्र
3.अभिभावक
4.सरकार की नीति
5.पदाधिकारी
           अपनी बेबाक राय पूर्ण विवरण के साथ दें।

बी डी ओ परिहार पर विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए -राकेश कुमार सिंह

एक्शन फ़ॉर जीरो टॉलरेंस के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने अखबारी बयान जारी कर बी डी ओ परिहार निरंजन कुमार पर विभागीय कार्यवाही की मांग जिला प्रशासन से की है उन्होंने कहा कि नरगां पैक्स चुनाव में बी डी ओ के स्तर से अनियमितता बरती गई थी जिस में जाँच पदाधिकारी ने दोषी पाया था।उक्त पैक्स चुनाव में बरती गई अनियमितता की शिकायत जिला पदाधिकारी सीतामढ़ी से की गई थी जिला पदाधिकारी के आदेश पर तीन सदस्यी टीम ने जाँच किया था जिस का नेतृत्त्व ए डी एम हरि शंकर राम ने किया था और दो पदाधिकारियों बी सी ओ ,बी डी ओ परिहार निरंजन कुमार को दोषी पाया और दोनों पदाधिकारियों पर प्रपत्र' क'गठित कर विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा की गई थी जिस में बी सी ओ परिहार पर प्रपत्र क गठित कर कार्यवाही तो की जा रही है वहीँ पर बी डी ओ परिहार पर प्रपत्र क गठन की कार्रवाई लम्बित है।

बुधवार, दिसंबर 14, 2016

3 शिक्षकों के जिम्मे 616 बच्चों के पढाई की ज़िम्मेदारी

मोहम्मद राशिद

बिहार

वो दोपहर लगभग 12 बजे का समय था जब मैं स्कूल के पास पहुँचा। जैसे जैसे स्कूल की तरफ बढ़ रहा था स्कूल की दयनीय स्थिति साफ होती जा रही थी। कुछ आगे बढ़ने पर गाय- भैंस के दर्शन भी हो गए जो स्कूल परिसर में ही बंधी थी और बार बार आवाज पर आवाज लगा रही थी। क्या मालुम स्कूल के बच्चो को बुला रही थी या शिक्षको को, तभी अचानक स्कूल के बोर्ड पर नजर पड़ी जहां लिखा था“उत्क्रमित मध्य विद्धालय कुशैल”।

ये बिहार के जिला सीतामढ़ी मुख्यालाय से लगभग 31किलोमीटर दूर पूरब में पुपरी अंचल के भिट्ठा धरमपुर पंचायत के कुशैल गांव के वार्ड नंबर 14 में स्थित है। लगभग 6 कट्ठे में फैले दो मंजिल विशाल इमारत को देख कर ही लग रहा था कि यहां सब कुछ विशेष होगा। इसी विशेषता को जानने की उत्सुकता लेकर विद्धालय में प्रवेश किया। सबसे पहले मेरी मुलाकात विद्धालय की प्रधान अध्यापक श्रीमती मंजू कुमारी से हुई। विद्धालय की जानकारी लेते हुए मैंने पुछा विद्धालय की हालत ऐसी क्यों दिख रही है। क्या आप लोगो को इससे परेशानी नहो होती?थोड़े गुस्से और थोड़ी विनम्रता के साथ उन्होने जवाब दिया “वो तो होगी ही आप ही देखिये विद्धालय के चारो ओर दिवार नही है। इसका अपना रास्ता भी नही है जिससे बारिश के मौसम में हमलोगों को आने जाने में बहुत दिक्कत होती है। 616 बच्चों पर सिर्फ दो चापाकल लगा हैं जिसमें से एक खराब है। 7 कमरे हैं एक कमरे को हम ऑफिस की तरह इस्तेमाल करते हैं”। स्कूल का अपना ऑफिस नही है क्या?पुछने पर मंजू कुमारी कहती हैं“होता तो हम ऐसा क्यों करते”। अच्छा कितने शिक्षक हैं यहां।“सिर्फ तीन एक मैं, दुसरे शिक्षक श्री राजेश दास जो आजकल अपनी ड्यूटी बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) के कार्य़ालय में दे रहे हैं। जबकि तीसरी शिक्षिका शीला कुमारी आज नही आई हैं”। मंजु कुमारी ने जवाब दिया।

बच्चें 616 और शिक्षक सिर्फ तीन?चौंक कर मैने ये सवाल किया।“नही नही रोज सारे बच्चे थोड़े आते है कम ज्यादा तो होते ही रहता है”। घबराते हुए मंजु कुमारी ने कहा।

तब भी बच्चों को संभालना मुश्किल तो होता होगा? पुछने पर बताया हां ऑफिस से जब लोग आए थें तो बोले थें कि और शिक्षक सब आएगा लेकिन अभी तक कोई आया नही ता हम का करें। जब भी बीईओ के ऑफिस से कोई आता है तब हम सारी समस्याओं को बताते हैं लेकिन कोई कुछ कर ही नही रहा है। ओह और बच्चों का वजन और लंबाई तो बराबर चेक होता होगा ? “हां हर तीन महिने पर तौल लेते हैं अब सभी काम का हम हीं लोग करेंगें”।       

फिर स्कूल की वास्तविक स्थिति जानने के लिए कुछ बच्चों से बात की। जब चौथी कक्षा के सुनील कुमार से पुछा कि “आज कौन सा दिन है” तो वो गुरुवार को शनिवार कह रहा था। दुसरे छात्र ईद मुबारक हुसैन ने बताया कि “यहां पर पढ़ाई ठिक से नही होती है। हमलोगो का अलग अलग क्लास रुम नही है। जो स्कूल नही आता है उसकी भी हाजिरी बन  जाती है”।  

सांतवी मे पढ़ने वाले सतीश कुमार कहता है “स्कूल मे पहले तीन शिक्षक थें अब दो ही हैं शिक्षक की कमी के कारण सब बच्चों को किसी तरह दो ही क्लास मे पढ़ाया जाता है। इससे हमें बहुत परेशानी होती है। बाकी की कमरा खाली पड़ा है। जिसमें गंदगी के सिवा कुछ भी नही है।  विद्धालय परिसर में बहुत कुड़ा कचरा पड़ा रहता है। विद्धालय के चारो ओर दिवार भी नही है जिस कारण सुरक्षा तो दूर की बात है आस-पास के लोग गाय- भैंस को लाकर विद्धालय परिसर में बांध देते हैं, और गंदगी होती है”।

सांतवी कक्षा मे पढ़ने वाली करिशमा कुमारी जिसकी उम्र 14 वर्ष है कहती हैं “यहां लड़कियों के लिए अलग से शौचालय नही है। हमें बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। एक ही शौचालय है लेकिन उसमें पानी ले जाने के लिए न तो बाल्टी है न ही मटका। शौचालय से आने के बाद हाथ धोने के लिए साबुन भी नही है”।

 13 वर्ष के पप्पु ने बताया  “स्कूल में बिजली है, सब कमरें में वाईरिंग भी है लेकिन सिर्फ ऑफिस मे पंखा और बल्ब लगा हुआ है।“

मधु कुमारी कक्षा आठ की छात्रा उम्र 14 वर्ष कहती है “मैडम छोटे बच्चों को तो पढ़ाती ही नही और बड़े बच्चों को थोड़ा बहुत पढ़ाती है होम वर्क देने के बाद 6-7 दिनों के बाद ही चेक करती है। रोज रोज नही करती”।

विद्धार्थी संजीव कुमार ने बताया"दो वर्षो में मुश्किल से हमलोगो का वजन तौला जाता है। विनोद, रिंकु-कुमारी ने भी यही बताया कि“वजन सही से नही तौला जाता। रिंकु ने ये भी कहा कि "हम लोगो को मिड डे मिल रुटीन के हिसाब से नही मिलता है। जिस जिन दाल, चावल, सब्जी बनाना होता है उस दिन चोखा खीचरी बनता है। और खाना भी भर पेट नही दिया जाता है। दाल भी बहुत पतली होती है जो खाने में अच्छा नही लगता। सब्जी भी सही से नही बनती है। चावल से कभी कभी बदबु आती है"।

उशा कुमारी चौथी की छात्रा कहती है कि “मीड डे मील सही से नही मिलता खाना अच्छा नही लगता।प्लेट इतना गंदा होता है कि हम लंच के समय घर से ही प्लेट ले आते हैं।स्कूल में साफ सफाई भी नही रहता है  बरसात के मौसम में बहुत बदबू आती है"।

पता करने पर पाया कि विद्धालय में खाना बनाने के लिए पांच रसोईयों की नियुक्ति की गई थी। जिसमें से दो रसोईयाँ ही उपस्थित थें। उन्होने कहा कि "स्कूल की हेडमास्टर स्कूल से घर चली जाती हैं और हमलोग चार बजे तक रहते हैं”।  

60 वर्ष के लक्षमण महतो कहते हैं“हमारे तीन बच्चें पढ़ने जाते हैं लेकिन पढ़ाई नही होती। 45 वर्षिय राखी देवी कहती हैं “मास्टर है ही नही है ता पढ़ाई कैसे होगा। मेरे पोते राहुल, और सुरज वहीं पढ़ने जाते हैं। और पोती कहती है कि दादी हम खुद से ही प्लेट धोते हैं”।भिट्ठा धरमपुर पंचायत के उपमुखिया राम नाथ यादव ने कहा कि “अभी शिक्षक की कमी है उसी हिसाब से पढ़ाई होती है”।

प्रधान अध्यापक  की बातें और छात्रों की बातों के बीच का अंतर ये समझने के से काफी है कि स्कूल की वास्तविक स्थिति क्या है।      यूँ तो देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉक्टर ए.पी.जे अबदुल कलाम आजाद ने सोचा था कि हमारे देश का हर एक नागरिक शिक्षित बने पर“उत्क्रमित मध्य विद्धालय कुशैल”का हाल देखकर ऐसा लगता है कि ये सपना उस समय तक पूरा नही हो सकता जबतक शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ा हर एक व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार न बन जाए। (चरखा फीचर्स)

पटना हाई कोर्ट ने दिया टीईटी शिक्षकों के पक्ष में फैसला

माननीय हाइकोर्ट ने दिया बिहार के सभी डीईओ को निजी कॉलेज से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों को सवैतनिक अवकाश व बकाया वेतन देने का आदेश
~प्रदेश सचिव आनंद जी ने जीत का श्रेय जमुई, बांका के सभी 75 याचिकाकर्ताओं व बिहार के समस्त शिक्षकों को दिया है।
~न्याय देने के लिए प्रदेश सचिव ने माननीय हाइकोर्ट के प्रति जताया आभार, कोर्ट के निर्णय पर जताया पूर्ण आस्था
~ बिहार के सभी टीईटी शिक्षक के सवैतनिक अवकाश को रद्द करने के खिलाफ सबसे पहले मुकदमा दायर कर पूरे बिहार में माननीय न्यायालय से सवैतनिक अवकाश वेतन सहित लागु करवाने का आदेश आज दिलवा दिया, बिहार सरकार की हुई हार।

आज दिनांक 14 दिसम्बर 2016 को माननीय हाईकोर्ट में सवैतनिक अवकाश रद्द करने के मामले में जमुई डीईओ व सरकार के खिलाफ वरीय अधिवक्ता श्री पी के शाही व अधिवक्ता श्री मृत्युंजय कुमार के द्वारा किया गया जोरदार बहस के बाद बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव भाई आनंद कौशल जी के नेतृत्व में दायर याचिका CWJC 16775/2016 उत्तम कुमार & 75 शिक्षक में सफलता पूर्वक जीत हासिल हो गई है । जमुई डीईओ के सवैतनिक अवकाश को रद्द करने वाली पत्र को बिहार के सभी शिक्षकों की दुआ से माननीय न्यायमूर्ति ए के त्रिपाठी जी ने रद्द करते हुए निजी कॉलेज से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी टीईटी शिक्षक सवैतनिक अवकाश देने का आदेश बिहार सरकार दिया है । जो BPNPSS के द्वारा बिहार के सभी टीईटी शिक्षक के लिए अथक प्रयास कर नए साल 2017 के पूर्व दिया गया शानदार गिफ्ट है और सरकार को शिक्षक विरोधी नीति के खिलाफ आरपार के लड़ाई का शंखनाद है ।
BPNPSS संघ ने जीत लिया टीईटी शिक्षकों के पक्ष में मुकदमा
प्रदेश सचिव आनंद जी ने जीत का श्रेय जमुई, बांका के सभी 75 याचिकाकर्ताओं व बिहार के समस्त शिक्षकों को दिया है।
साथ ही न्याय देने के लिए प्रदेश सचिव ने माननीय हाइकोर्ट के प्रति जताया आभार, कोर्ट के निर्णय पर जताया पूर्ण आस्था ।

सोमवार, दिसंबर 12, 2016

फौकानिया और मौलवी के परीक्षा फॉर्म भरने की तारिक़ में विस्तार

बिहार राज्य मदरसा बोर्ड ने नोट बन्दी से छात्रों को हो रही परेशानी को देखते हुए फौकानिया और मौलवी के परीक्षा फॉर्म भरने की तारिक़ में विस्तार कर विना लेट फाइन के 24 दिसम्बर और फाइन के साथ 30 दिसम्बर 2016 कर दिया है इस से पूर्व भी फॉर्म भरने की तिथि में विस्तार किया गया था। मालूम हो की एक्शन फ़ॉर जीरो टॉलरेंस के महा सचिव मो●कमरे आलम ने तिथि विस्तार की मांग चेयरमैन मदरसा बोर्ड बिहार से की थी।

रविवार, दिसंबर 11, 2016

15 दिसम्बर तक सीतामढ़ी के सभी सरकारी ग़ैर सरकारी स्कूलों में पठन पाठन रहेंगे बन्द

जिला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी ने ज्ञापाक 2634 दिनांक12/12/2016 जारी कर सीतामढ़ी के सभी सरकारी ग़ैर सरकारी स्कूलों में पठन पाठन शीत लहर को देखते हुए स्थगित रखने का आदेश 15 दिसम्बर तक दिया  है।ठण्ड को देखते हुए 9/10/11/13 दिसम्बर को भी शिक्षण कार्य स्थगित किया गया था। जिला पदाधिकारी के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी  ने 1से 8 तक के सभी विद्यालयों में शिक्षण कार्य बंद किया गया है,परन्तु सभी शिक्षक शिक्षिका विद्यालय में हाज़िर रहकर सरकार को भेजे जाने वाले प्रतिवेदन तथा सर्व शिक्षा अभियान की गतिविधियों उपयोगिता प्रमाण पत्र तैयार करेंगे।

गुरुवार, दिसंबर 08, 2016

सामाजिक सुरक्षा पेन्शन भोगियों की परेशानियों को अतिशीघ्र हल किया जाए -मोहम्मद सऊद आलम

नोट बन्दी के कारण केंद्र सरकार व राज्य सरकार से वृद्धावस्था पेंशन/लक्ष्मी बाई पेंशन/इंद्रावस्था पेंशन भोगियों को राशि हासिल करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है मालूम हो की उक्त कल्याणकारी योजनायों की राशि पेन्शन भोगियों के बैंक अकाउंट में भेज दिया गया है मगर पेंशन भोगियों को राशि मिल नही रहा है एक्शन फ़ॉर जीरो टॉलरेंस के संयोजक मोहम्मद सऊद आलम ने प्रेस वार्ता कर जिला प्रशासन से मांग किया है कि सभी बैंकर्स को आदेश दिया जाए कि विशेष व्यवस्था कर सबसे पहले पेंशन भोगियों को तिथि का निर्धारण कर पेंशन की राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाए क्योंकि ये पेंशन पाने वाले लोग वृद्ध हैं या अबला महिलाएं।

ठंड को देखते हुए तत्काल विद्यालय बन्द किया जाए -प्रकाश कुमार

प्रकाश कुमार जिला अध्यक्ष नगर पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संघ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी को आवेदन दे कर जिला में पड़ रहे ठण्ड को देखते हुए सभी विद्यालयों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का अनुरोध किया है उन्होंने पत्र में लिखा है सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे ग़रीब तबके के होते हैं जिन के पास कपड़े की समुचित व्यवस्था नही होती है जिस से बच्चों के सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ने का खतरा है।उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज़ में आगे लिखा है अगर आवेदन पर कार्रवाई नहीं होती है और किसी तरह की अप्रिय घटना होती है तो इस के लिए शिक्षक समुदाय और संगठन ज़िम्मेदार नहीं होगा ।

मंगलवार, दिसंबर 06, 2016

बैंक कर्मी शिक्षकों की समस्याओं का करें निराकरण- प्रकाश कुमार

प्रकाश कुमार जिला अध्यक्ष बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ ने बैंक के अधिकारी से विनम्रता पूर्वक अनुरोध किया है कि स्थापना कार्यालय से जो भी पोजेटिभ बैंक मे महीनों से पड़ा हुआ है उस पर  अबतक कोई कारवाई भवदीय स्तर से नहीं किया जा रहा है।ज्ञातव्य हो कि पोजेटिभ सूची मे भी शिक्षकों का वेतन भुगतान ही होता है।एक तो सरकार द्वारा समय पर वेतन नहीं दिया जाता है , जब वेतन आता भी है तो बैंक के द्वारा भी टालमटोल कर भुगतान किया जाता है।इस संदर्भ मे कई बार रौशन जी एवं कुशल अधिकारी सुशांत बाबू को  कहा  है। 5.12.2016 को नवंबर माह के वेतन हेतु राशि भी स्थापना कार्यालय से बैंक को भेजा जा चुका है।बावजूद अबतक पोजेटिभ अथवा वेतन भुगतान के लिए पहल नहीं किया जाना बेहद ही दुखद है साथ ही जिले के कई ब्रांच से शिकायत आ रही है की बैंक अधिकारी शिक्षकों के साथ अमर्यादित व्यवहार कर रहे हैं।छेत्रीय अधिकारी से आग्रह है कि सभी बैंक के मैनेजर के साथ बैठक कर शिक्षकों को सम्मानित करने का पाठ पढाएं।उपरोक्त समस्याओं का निराकरण हेतु यदि पहल नहीं किया जाता है तो संगठन बाध्य होकर शिक्षक हित के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के माध्यम से निराकरण करेगा।जिसकी सारी जबावदेही बैंक अधिकारियों की होगी।

शुक्रवार, दिसंबर 02, 2016

नोट बन्दी के 24 दिनों बाद भी आम लोगों की समस्या बरक़रार

नोट बन्दी के 24 दिनों बाद भी आम लोगों की समस्या बरक़रार है।नोट बन्दी का प्रभाव सबसे ज्यादा आम लोगों पर पड़ रहा है आम लोगों को पूरी तरह हिला कर रख दिया है नियत वेतन भोगी कर्मी के चूल्हे ठंढे पड़ने लगे हैं।

 

केंद्र सरकार के द्वारा नोट बन्दी का फैसला सही तो है लेकिन सही व्यवस्था नही होने के कारण आम जनता, खास कर ग़रीबों, दैनिक मज़दूर, नियत वेतन भोगी के जीवन को ज़्यादा बुरी तरह प्रभावित किया है और कर रहा है ऐसे लोगों का तो और बुरा हाल हो गया है जिन लोगों का बैंक खाता सहकारी बैंक और छेत्रीय बैंकों में है, उनको तो जीवन की नैय्या पार लगाना दुश्वार हो गया है।
अपनी मेहनत की कमाई भी बैंक से निकलने में मुशक़्क़त करनी पड़ रही है लोग अपनी राशि निकलने के लिए सुबह होते ही बैंक की लाइनों में खड़े हो जाते हैं उस के बाद भी ये ये तय नहीं है की उन्हें राशि मिल ही जाए।बैंक की लाइनों में आधी आबादी की लाइन भी कम नहीं होती है मगर महिला पुलिस की कोई व्वस्था नही होने के कारण दुर्व्यवहार का शिकार हो रही है पुलिस की बर्बरता, दुर्व्यवहार बैंक की लाइनों में खड़े लोगों को झेलना पड़ रहा है।

MD Qamre Alam Ekdandi parihar sitamarhi