कई बार ऐसा होता है कि एटीएम से पैसे निकालते वक्त अकाउंट से पैसे कट तो जाते हैं, लेकिन ट्रांजैक्शन डिक्लाइन हो जाता है। यानी, एटीएम से पैसे निकलते नहीं हैं। ऐसी परिस्थिति में बैंकों को रिजर्व बैंक की ओर से क्या निर्देश दिए गए हैं, इससे वाकिफ होना बहुत जरूरी है। दरअसल, रिजर्व बैंक का सख्त निर्देश है कि अगर तय वक्त पर बैंक ने पैसे वापस नहीं किए तो उसे प्रतिदिन 100 रुपये की दर से जुर्माना देना होगा। आइए जानते हैं क्या हैं नियम...
7 दिन की मोहलत
एटीएम ने पैसे नहीं दिए और अकाउंट से रकम कट गई, लेकिन खुद वापस नहीं हुई तो आपने जिस बैंक अकाउंट का एटीएम कार्ड इस्तेमाल किया, उसके होम ब्रांच में इसकी शिकायत करनी चाहिए। नियम यह है कि आपने जिस दिन शिकायत की, उसके सातवें कार्य दिवस तक अकाउंट बैंक को आपके अकाउंट में पैसे लौटाना होगा। पहले इसकी समय-सीमा 12 दिनों की थी। लेकिन, बाद में रिजर्व बैंक ने इसे घटाकर सात दिन कर दी।
पैसे वापसी के साथ जुर्माना भी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का स्पष्ट निर्देश है कि बैंकों को जुर्माने की रकम ग्राहक के खाते में खुद-ब-खुद डालना होगा। इसके लिए ग्राहक की ओर से दावा ठोकने की जरूरत नहीं होगी। खास बात यह है कि जिस दिन फेल्ड ट्रांजैक्शन के पैसे वापस होंगे, उसी दिन जुर्माने की रकम भी अकाउंट में डालनी होगी।
...तब प्रतिदिन 100 रु. जुर्माना
नियम के मुताबिक, अगर बैंक शिकायत मिलने के सात वर्किंग डेज के अंदर ग्राहक के पैसे लौटाने में असमर्थ रहता है तो उसे हर दिन 100 रुपये के हिसाब से जुर्माना ग्राहक को देना होगा। यानी, अगर वक्त पर आपका पैसा नहीं लौटे तो आप बैंक से जुर्माना वसूलने के अधिकारी हैं।
30 दिन की मियाद
यह जानना काफी महत्वपूर्ण है कि जुर्माना वसूलने का अधिकार आपको तभी मिलता है जब आप एटीएम से पैसे नहीं निकलने के दिन के 30 दिनों के अंदर बैंक में शिकायत दर्ज कर देते हैं। अगर आपने एटीएम से असफल लेनदेन के बाद अकाउंट में पैसे नहीं लौटने की शिकायत 30 दिन के बाद करेंगे तो आप जुर्माने का दावा नहीं ठोक सकते।
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