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शुक्रवार, सितंबर 03, 2021

सीआरसी से शिक्षकों की छुट्टी अब मूल विद्यालय में पढ़ाएंगे

सीआरसी से शिक्षकों की छुट्टी अब मूल विद्यालय में पढ़ाएंगे 

राज्य के वैसे शिक्षक जो संकुल में सभी संकुल संसाधन केन्द्र समन्वयक संसाधन केन्द्रों ( सीआरसी ) में समन्वयक ( सीआरसीसी ) को तत्काल प्रभाव से के रूप में कार्यरत थे , उनकी तैनाती समाप्त अपने मूल विद्यालय में अध्यापन कार्य कर दी गई है । तत्काल प्रभाव से उन्हें मूल संपादित करने के लिए विरमित किया पदस्थापना वाले स्कूलों में लौटकर बच्चों जाता है । सीआरसीसी की प्रतिनियुक्तिके को पढ़ाने के कार्य में जुट जाना होगा।ऐसे संदर्भ में किसी भी स्तर से निर्गत सभी शिक्षकों की संख्या करीब 5000 बतायी आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त माने जा रही है । सीआरसीसी के रूप में जायेंगे । अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि पदस्थापित होने से ऐसे शिक्षक बच्चों को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा जिला पढ़ाने के कार्य से बचेरहतेथेऔर इस रूप कार्यक्रम पदाधिकारी ( ईई , एसएसए ) में पदस्थापना को लेकर भी विभाग में तत्काल प्रभाव से इस आदेश का यहां - वहां से अनुशंसाएं पहुंचती रहती अनुपालन सुनिश्चित करेंगे । कहा कि 16 थी । शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव सितम्बर तक सभी सीआरसीसी का प्रभार संजय कुमार ने गुरुवार को जारी आदेश संकुल विद्यालय के प्रधानाध्यापक , में कहा है कि 3 अगस्त को गठित उच्च विद्यालय प्रधान को हस्तांतरित कराते हुए स्तरीय कमेटी की अनुशंसा के आलोक अनुपालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं ।

गुरुवार, अगस्त 26, 2021

राज्य के सभी जिला मुख्यालय में 04 सितंबर को समाहरणालय के समक्ष आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन तथा 5 सितंबर को काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रकट करेंगे :- बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ

राज्य के सभी जिला मुख्यालय में 04 सितंबर को समाहरणालय के समक्ष आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन तथा 5 सितंबर को काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रकट करेंगे :- बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ 
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बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू के राज्यव्यापी आह्वान पर पंचायतीराज एवं नगर निकाय संस्थानों में नियुक्त शिक्षकों के मूल वेतन में 15 % की वृद्धि करने, प्रोन्नति, ऐच्छिक स्थानांतरण, प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक के पद पर सीधी नियुक्ति के बदले प्रोन्नति से पद भरे जाने, एमडीएम का बोरा बेचकर राशि जमा करने का आदेश वापस लेने, शारीरिक शिक्षकों को भी प्रोन्नति का लाभ देने, कटिहार जिला के शिक्षक मो तमीजुद्दीन का निलंबन समाप्त करने,डीपीई एरियर का भुगतान, नव प्रशिक्षित शिक्षकों के अंतर वेतन का भुगतान, सीतामढ़ी जिला अंतर्गत नगर शिक्षको के बकया वेतन(माह फरवरी2020 से अगस्त 2020) भुगतान,अप्रशिक्षित शिक्षकों के बकाया अंतर वेतन का भुगतान, जून से अद्यतन बांकी मासिक वेतन का भुगतान करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर सैकड़ो शिक्षक 04 सितंबर 2021, शनिवार को समाहरणालय सीतामढ़ी के समक्ष आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन करेंगे तथा 05 सितंबर 2021को शिक्षक दिवस के अवसर पर काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रकट करेंगे।

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गुरुवार, अगस्त 19, 2021

प्रदेश के पूर्व से नियुक्त शिक्षकों के साथ धोखाधड़ी कर रही है वर्तमान सरकार और उनके मंत्री इस बार आंदोलन के माध्यम से होगी आर पार की लड़ाई - पूरण , जयंत

प्रदेश के पूर्व से नियुक्त शिक्षकों के साथ धोखाधड़ी कर रही है वर्तमान सरकार और उनके मंत्री इस बार आंदोलन के माध्यम से होगी आर पार की लड़ाई - पूरण , जयंत 


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं शिक्षा मंत्री विजय चौधरी दोनों पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर राज्य भर के नियोजित शिक्षकों से अपने पद के बदौलत पद की गरिमा को दुरुपयोग करते हुए कर रहे हैं मानसिक रूप से प्रताड़ित , आज तक प्रत्येक विभागों में प्रमोशन के आधार पर अगली कुर्सी को भरने का काम किया जाता है लेकिन नीतीश कुमार बिहार के नियोजित शिक्षकों से गोतिया की लड़ाई की तरह लड़ते हुए जो फरमान जारी किए हैं की अलग से परीक्षा लेकर प्रधानाध्यापक की बहाली की जाएगी जो किसी भी एंगल से ना तो न्याय संगत है ना ही नियमानुसार है यह सिर्फ और सिर्फ अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं , यदि नीतीश कुमार सचमुच बिहार के पढ़े-लिखे बेरोजगार नौजवानों को नौकरी देना चाहते हैं तो आज बिहार के 74000 विद्यालयों में आवश्यकता है एक परिचारि का , एक लिपिक का और एक रात्रि प्रहरी का क्यों नहीं एक साथ वैकेंसी निकालकर 3 पदों पर बहाल कर दिया जाए एक साथ लगभग बिहार के दो लाख 22,000 हजार पढ़े लिखे नौजवान रोजगार में आ जाएंगे और विद्यालय की व्यवस्था भी बहुत सुंदर हो जाएगी , नीतीश कुमार जी को यदि प्रमोशन नाम का चीज खत्म करना है तो फिर पूरे देश में सभी विभागों में चाहे वह मामला सरकारी नौकरी का हो चाहे राजनीतिक पदों का हो सबके साथ एक नियम लागू किया जाए जिस प्रकार से विधायकों का चुनाव होता है ठीक उसी प्रकार तमाम विभागों के मंत्री पद के लिए भी जनता के माध्यम से चुनाव किया जाए मुख्यमंत्री पद के लिए जीते हुए सभी विधायकों में से परीक्षा लेकर जो विधायक सबसे अच्छा टॉप आए उसे मुख्यमंत्री बनाया जाए मतलब हर विभागों में सीधी भर्ती हो सिर्फ शिक्षा विभाग में ही क्यों इससे साफ जाहिर होता है की वर्तमान सरकार बिहार के सरकारी विद्यालय मैं पढ़ने वाले  गरीब वर्ग के तमाम छात्र छात्राओं को शिक्षा से वंचित करना चाहती है सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई के नाम पर ढोंग दिखाकर केवल साक्षर करना चाहती है शिक्षित नहीं, बिहार के शिक्षा व्यवस्था को पूंजी पतियों की गोद में डालकर गरीब वर्ग के बच्चों को गुलाम बनाने
    की तैयारी है, जिसे कल्पना करके देखा जा सकता है!
                 पूर्व में बनाए गए नियमावली के अनुसार जिन शिक्षकों का सेवा 8 साल हो गया था उन्हें प्रमोशन देना था लेकिन आज समय सीमा पार करके किसी का 17 साल हो गया किसी का 12 साल हो गया किसी का 10 साल हो गया लेकिन आज तक वर्तमान सरकार एवं इनके अधिकारी मामले को ठंडे बस्ते में डालकर टाइम पास करते हुए चले आए हैं जिससे बिहार के शिक्षकों में बहुत बड़ी आक्रोश है यह शिक्षकों के मान सम्मान और प्रतिष्ठा के साथ जुड़ चुका है!

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                      राज्य भर के शिक्षकों के मान सम्मान को बचाने के लिए चाहे सड़क पर उतर कर लगातार आंदोलन करना पड़े या न्यायालय का सहारा लेना पड़े संगठन पीछे नहीं हटे गा ,सरकार की गलत नीति का विरोध करने के लिए एक 21 अगस्त को बिहार के तमाम जिलों में जिला मुख्यालय पर बिहार के तमाम शिक्षक साथी चाहे वह नियमित हो या नियोजित हो इकट्ठा होकर दिन 2:00 बजे शिक्षा मंत्री का पुतला जलाकर आंदोलन का आगाज करेंगे इस कार्यक्रम में कोई सांगठनिक बाधा नहीं है शिक्षकों के मान सम्मान की लड़ाई है अतः आप तमाम शिक्षक बंधुओं से निवेदन है कि उपरोक्त कार्यक्रम में उपस्थित होकर अपने आक्रोश पूर्ण विरोध को प्रकट करने का काम करें !
                      

बुधवार, अगस्त 18, 2021

21 अगस्त को जिला मुख्यालय में प्रधान शिक्षक / प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति संबंधी कैबिनेट के फैसले की प्रतियाँ जलाकर विरोध प्रकट करेंगे :- प्रदीप कुमार पप्पू

*21 अगस्त को जिला मुख्यालय में प्रधान शिक्षक / प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति संबंधी कैबिनेट के फैसले की प्रतियाँ जलाकर विरोध प्रकट करेंगे :- प्रदीप कुमार पप्पू*
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प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2020 में प्रधान शिक्षक  /प्रधानाध्यपक के पद को वर्तमान में कार्यरत योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों के  प्रोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है। जबकि बिहार सरकार ने राज्य के प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वर्तमान में कार्यरत करीब चार लाख शिक्षकों के हक की हकमारी करते हुए प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा  प्रधान शिक्षक  / प्रधानाध्यापक पद पर बहाल करने की स्वीकृति कैबिनेट से पास किया है। जिसमें प्राइवेट विद्यालय के शिक्षकों को भी  शामिल होने का प्रावधान किया है | जो सरकारी स्कूल के शिक्षकों के साथ धोखाधड़ी है। 
           बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ 21 अगस्त 2021 रोज शनिवार को राज्य के सभी जिला मुख्यालय में प्रधान शिक्षक / प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति संबंधी कैबिनेट की फैसले का प्रतियाँ जलाकर विरोध प्रकट करेंगे। सभी जिला संघ इकाई प्रतियाँ जलाने की आवश्यक तैयारी करें।
        

बुधवार, मई 27, 2020

कार्यकाल पूरा कर चुके प्रखण्ड बी आर पी संसाधन केन्द्र परिहार को विरमित कर विद्यालय भेजा जाए

प्रखण्ड परिहार सीतामढ़ी में प्रखण्ड संसाधन केन्द्र परिहार में वर्ष 2013 में चार बीर आर पी क्रमशः मोहम्मद हैदर अली अंसारी, कौशलेंद्र कुमार कर्मेंदु ,उमाशंकर और कैसर नोमानी का चयन पाँच वर्ष के लिए किया गया था । बी आर पी कैसर नोमानी का स्थानांतरण 2015 में रुन्नीसैदपुर हो गया वहीं मोहम्मद हैदर अली अंसारी और उमाशंकर का पदोन्नति प्रधानाध्यापक के पद पर वर्ष 2016 में हो जाने से बी आर पी का तीन पद रिक्त हो गया था रिक्त तीन पदों के विरुद्ध दो पदों पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ,सर्व शिक्षा अभियान सीतामढ़ी ने मोहम्मद मारूफ आलम (नियोजित शिक्षक) और मोहम्मद शमीम अंसारी का मनोनयन बी आर पी के पद पर कर दिया ।
BRP का चयन पाँच वर्ष के लिए ही किये जाने का प्रावधान था चयन वर्ष 2013 में हुआ जिस का कार्यकाल 2018 में ही पूर्ण हो चुका है।

कार्यकाल पूर्ण होने के बावजूद BRP से कार्य लिया जा रहा है जबकि कई बार राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना ने पत्र निकाल कर कार्यकाल पूर्ण कर चुके BRP को कार्यमुक्त कर मूल विद्यालय में योगदान कराने का आदेश दिया था परन्तु आदेश का अनुपालन अभी तक नहीं हो पाया है।
मोहम्मद नौशाद आलम शिक्षक मध्य विद्यालय मसहा परिहार ने समाहर्ता सीतामढ़ी ,ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान सीतामढ़ी और जिला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी को लिखित आवेदन देकर कार्यकाल पूरा कर चुके BRP को हटाने और नए BRP को योगदान कराने की माँग अगस्त 2019 में ही की थी जिस पर कार्रवाई अभी तक लम्बित है।
मालूम हो कि राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना ने पत्रांक 4282 दिनांक 13.08.2018 को नव चयनित BRP की सूची ज़िला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान को भेज कर नव चयनित BRP को योगदान करा पूर्व BRP को विरमित कर मूल पदस्थापित विद्यालय में भेजने का आदेश दिया था साथ ही रिक्ति की सूची संलग्न प्रपत्र के माध्यम से माँग की थी परन्तु सीतामढ़ी ज़िला में नव चयनित BRP का योगदान कराया ही नहीं गया।
          अंकनीय है कि पदोन्नति और स्थानांतरण से हुए रिक्त BRP पदों पर जिन शिक्षकों को मनोनित किया गया वह BRP के वांछित योग्यता को भी पूर्ण नहीं करते हैं। वर्ष 2013 में BRP के पदों पर चयन हेतू स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक ज़िला संवर्ग का होना आवश्यक था परन्तू पदोन्नति से हुए रिक्त पदों पर जिन शिक्षकों को BRP के पद पर मनोनीत किया गया उसमें मोहम्मद शमीम अंसारी स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक नहीं हैं तो दूसरी ओर मोहम्मद मारूफ आलम स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक नहीं होने के साथ ही नियोजित शिक्षक हैं फिर भी तमाम नियमों को ताक पर रख गलत तरीके से BRP के पदों पर मनोनीत किया गया। राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना के निर्गत पत्रांक Quality/ EFE/332/2015 - 2016 दिनांक 18/08/2018 में स्पष्ट उल्लेख है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी, ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी या प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा BRP/CRCC के चयन सम्बंधी मार्गदर्शिका 2017 के प्रतिकुल निकाला गया कोई भी आदेश तत्काल प्रभाव से निष्प्रभावी होगा
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सोमवार, मार्च 19, 2018

प्रखण्ड परिहार के छात्र-छात्राओं को वित्तीय वर्ष 2015 -16 का छः महीने का बकया छात्र वृति की राशि आज तक नहीं मिली


प्रखण्ड परिहार सीतामढ़ी के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को वित्तीय वर्ष 2015 -16 का बकया छः महीने का छात्र वृति की राशि आज तक नहीं मिली ।मालूम हो कि 2015 -16 में विधानसभा चुनाव के अवसर पर सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को पोशाक और बारह महीने में से छः महीने की छात्र वृति राशि का भुगतान किया गया था और कहा गया था कि छह महीने की छात्र वृति की राशि बाद में दिया जाइएगा मगर परिहार प्रखंड को आजतक बकाया छः महीने की राशि आवंटित नही की गई और छात्रों को छात्र वृति से वंचित रखा गया जानकर का कहना है कि सीतामढ़ी के 17 प्रखण्डों को बकाया छः महीने की राशि आवंटित की गई मगर परिहार को वंचित कर दिया गया।

शनिवार, मार्च 10, 2018

छात्र -छात्राओं को नही मिला पोशाक और छात्रवृति की राशि

छात्र -छात्राओं को नही मिला पोशाक और छात्रवृति की राशि


परिहार सीतामढ़ी।परिहार प्रखण्ड के प्राथमिक  और मध्य विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र - छात्राओं को आज तक वित्तीय वर्ष 2016 - 2017 ,2017 -2018 का पोशाक और छात्रवृति राशि उनके  खाते में /अभिभावकों के खाते में हस्तांतरित नही की गई है।
लेकिन अतिरिक्त प्रभार में प्रतिनियुक्त प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं हैं।

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शुक्रवार, फ़रवरी 23, 2018

बिहार में निवास करने वाले मुस्लिम समुदाय के शैख़, पठान/खान, सय्यद जातियों को ईबीसी श्रेणी में सम्मिलित किया जाये - मोहम्मद कमरे आलम


बिहार में निवास करने वाले मुस्लिम समुदाय के शैख़, पठान/खान, सय्यद जातियों को अतिपिछड़ा वर्ग की श्रेणी में सम्मिलित किया जाये ।
मोहम्मद कमरे आलम ज़िला अध्यक्ष भारतीय माइनॉरिटीज सुरक्षा महासंघ सीतामढ़ी ने माननीय मुख्यमंत्री बिहार से ,बिहार में निवास करने वाले मुस्लिम समुदाय के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से सबसे अधिक कमज़ोर शैख़, पठान/खान और सय्यद जातियों को EBC श्रेणी में सम्मिलित किया जाय।
" सच्चर कमिटी ने भी ने अपने रिपोर्ट में मुसलमानों की स्थिति के बारे में स्पष्ट लिखा है कि मुसलमानों शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति दलितों से कई गुना बदतर है।"
बिहार में तो अनेक्चर 1 में सम्मिलित मुस्लिम जातियों से भी बदतर हालात शैख़ पठान/खान और सय्यद की हो चुकी है।
""न्याय के साथ विकास "" नीति कार्यक्रम के तहत न्याय करते हुए उक्त मुस्लिम समुदाय के जातियों के साथ न्याय किया जाय और EBC श्रेणी में सम्मिलित करने की माँग की है।


शुक्रवार, जून 02, 2017

शिक्षक भिखारी महतो जिसने इन्दरवा विद्यालय की तस्वीर बदल दी


रितु जायसवाल
एक सरकारी विद्यालय और एक शिक्षक ऐसा भी!

बिहार! एक ऐसा राज्य जो अपनी ऐतिहासिक गौरवगाथा के साथ साथ सरकारी शिक्षा तंत्र के बदहाली केलिए भी जाना जाता है। प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा, सब के हालात दयनीय। माने न माने पर यह एक हकीकत है जिससे न मानने वाले भी अंदर ही अंदर सहमत होते हैं। कोशिश में लगी रहती हूँ की कम से कम पंचायत की मुखिया हूँ तो अपने पंचायत में शिक्षा की तस्वीर बदले पर बदलना तो दूर, तस्वीर बनती तक नहीं दिख रही। अपने पंचायत में जब विद्यालय नहीं मिला (विद्यालय हकीकत में तो खाना खाने का मेस बन गया है) तब थक कर ढूंढने निकली की कहीं तो कोई शिक्षक या विद्यालय होगा जहाँ हकीकत में बच्चों को "विद्यालय" और "शिक्षक" जैसे महान शब्द का मतलब का एहसास होता होगा। तो इस तलाश में मुलाक़ात हुई सोनबरसा के एक पत्रकार बीरेंद्र जी से जो जब मिलते थे तब यही कहते थे की इंदरवा स्कुल देखने कब चलिएगा? इस प्रश्न में उनकी उत्सुकता देखने योग्य रहती थी जैसे वो कुछ बड़ा ही अद्भुत चीज़ दिखाना चाहते हों। 4 से 5 बार उन्होंने कहा पर किसी न किसी कारण से नहीं ही जा पाई। पर आखिरकार एक दिन प्रखंड कार्यालय गई तो अचानक बीरेंद्र जी से मुलाक़ात हुई। उन्होनें फिर वही बात की और इतना कहना की प्रोग्राम बन गया हम सभी का की चलिये आज तो जाना ही है। चलते चलते कई गाँव पार करते भारत के अंतिम छोड़ पर जा पहुँचे हम लोग । गाँव था इंदरवा - नरकटिया, ग्राम पंचायत राज इंदरवा, जिससे सटे ही है भारत नेपाल सीमा। विद्यालय का माहौल ऐसा था कि बाहर से ही बदलाव की एक लहर का एहसास होने लगा था। अंदर गई तो बेहद ही विनम्र प्रवृति के शिक्षक मेरे आदर्श श्री भिखारी महतो जी अपनी मुस्कान के साथ स्वागत केलिए खरे थे। बच्चों के चप्पल बिलकुल ही कतार में कक्षा के बाहर रखे हुए थे। भिखारी जी, वहां के पूर्व मुखिया श्री सुरेंद्र कुमार जी, बीरेंद्र जी और उनके अन्य सहयोगियों ने पूरे विद्यालय का कोना कोना दिखाना शुरू किया, बच्चों से मिलवाया। विद्यालय के पूरे परिसर में धूल का एक कण न मिला और शौचालय में इतनी साफ़ सफाई की हम लोग खाली पैर वहां गए । जहाँ अधिकाँश विद्यालयों में मिड मील से पैसे बनाना शिक्षकों का पेशा बन गया है, वहां भिखारी जी के विद्यालय में मिड डे मील की सम्पूर्ण व्यवस्था बच्चों के ही हाथ में है। विद्यालय की शिक्षण प्रणाली पूर्णतः गुणवत्तापूर्ण। यहाँ से बच्चे कई बड़े बड़े स्थानों तक पहुँच चुके हैं। यहाँ के बच्चों में विषय की पढ़ाई के अलावा खेल कूद, कंप्यूटर शिक्षा, अनुशासन, जागरूकता और संस्कार को देखना भिखारी महतो जी के अथक प्रयास, उनकी लगन और कर्तव्यनिष्ठता का वास्तविक बोध कराता है। कक्षा समाप्त होने के बाद बच्चों का एकदम कतार में शांतिपूर्ण तरीके से विद्यालय से निकलना देखने योग्य था। बच्चे अपना चप्पल भी उतार कर किस अनुशासन से रखते हैं वह भी देखने योग्य था। शौचालय में ऐसी साफ़ सफाई की हम लोग खाली पैर भी आराम से वहां जा सके। मध्यान भोजन ऐसा की क्या गाँव के किसी घर में वैसा भोजन बनता होगा।

विद्यालय में घूमते हुए और उनके शिक्षा के प्रति लगन को देख कर ऐसा लगता है जैसे विद्यालय में इनके प्रयासों से निर्मित भवन की एक एक ईंट में, इनके द्वारा लगाए गए एक एक वृक्ष में, वहाँ की हवाओं में, ब्लैकबोर्ड में, वहाँ के चॉक में हर जगह उनकी आत्मा बसती है। यही कारण है कि मैंने चाहा था ऐसे शिक्षक हमारे पंचायत में आ जाएं, जिसके लिए भिखारी जी से मिलने से पहले उनके बारे में सिर्फ सुन कर, मैंने प्रयास भी किया था पर अब जब इनसे मिली, तब ये एहसास हुआ की स्वार्थवश कितनी बड़ी भूल करने जा रही थी मैं, किसी की आत्मा को उसके शरीर से अलग करने जा रही थी। धन्य हो ऐसे शिक्षक और ऐसे ग्रामीण जिनका सहयोग हर कदम पर भिखारी जी के साथ रहा। मातृभूमि का असल ऋण तो आप लोग चूका रहे हैं। इसी पंचायत के बाकी विद्यालयों का हाल वही है जिसके लिए बिहार सरकार के स्कुल जाने जाते हैं। इससे साफ होता है कि वर्तमान स्थिति में किसी भी विद्यालय में सुधार केलिए जब तक खुद शिक्षक के अंतरात्मा से आवाज़ नहीं आएगी तब तक बदलाव के बारे में सोचना भी व्यर्थ है। हम आप बस सहयोग कर सकते हैं, शिक्षण प्रणाली में सुधार नहीं ला सकते। 9 साल के अपने निस्वार्थ सेवा से पूजनीय भिखारी महतो जी और उनसे पहले राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित वही के शिक्षक श्री रामज्ञान बाबू जी और उनके साथ कंधे से कन्धा मिलाये खरे पंचायत के पूर्व मुखिया श्री सुरेंद्र जी और पत्रकार बीरेंद्र जी के सहयोग से जब एक विद्यालय की सूरत बदली जा सकती है, वहाँ के बच्चों को हर क्षेत्र में भविष्य के रास्ते दिखाये जा सकते हैं तो फिर ये कार्य बाकी कई जगहों पर भी किये जा सकते हैं।

बिहार के हर जिले में कहीं न कहीं ऐसी बदलाव की एक कहानी ज़रूर होगी जो सरकार के बड़े लोगों की उदासीनता के वजह से छिप जाती होगी। हमें ज़रूरत है सरस्वती के ऐसे मूर्तियों को ढूंढ कर उनकी कहानी देश दुनिया के सामने लाने की। आप सब से अपील करती हूँ की नेपाल घूमने तो सब जाते हैं पर हो सके तो सीमा से सटे ही सोनबरसा प्रखंड के इंदरवा पंचायत के इस विद्यालय के दर्शन ज़रूर कर आएं। ये जगह तो किसी मंदिर से भी बढ़ कर है। यदि कोई पत्रकार भाई बहन हमारे पेज से जुड़े हैं तो आप कृपया इस विद्यालय को और भिखारी महतो जी के प्रयासों को हर संभव तरीके से सम्मान ज़रूर दें। तसवीरें मेरे इस लेख का एक अदना सा प्रमाण है। बाकी आप जाएंगे तो वहां महसूस करेंगे।

वहाँ जाने पर ख्याल आया की विद्यालय में क्या योगदान दिया जाए तो राय विचार करने के बाद बात निकली की चूँकि वहां हॉस्टल भी है तो रात को रौशनी केलिए सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाई जाए और हाई स्कूल के कक्षाओं में कुछ सीलिंग फैन की व्यवस्था की जाए क्योंकि इसका अभी अभाव है। 10 पंखों का छोटा सा योगदान तो मैंने आज विद्यालय के अपने दूसरे दौरे में कर दिया, बाकी लाइट बहुत जल्द ही किसी संस्था के माध्यम से लगवा दी जायेगी।

विद्यालय से निकल कर सिर्फ एक ही बात ज़ेहन में रह गई। काश! हमारे ग्राम पंचायत सिंहवाहिनी में भी एक भिखारी महतो होते। अपनी तनख्वाह का एक हिस्सा भी बच्चों के भविष्य निर्माण में लगाने वाले ऐसे महापुरुष को अंतर्मन से प्रणाम करती हूँ। और उन ग्रामीणों को भी प्रणाम जिन्होंने भिखारी जी की निष्ठा और लगन को देखते हुए अपनी जमीन, अपना पैसा, अपना कीमती वक्त सब कुछ बच्चों के बेहतर भविष्य केलिए न्योछावर कर दिया।

पहली ही तस्वीर में चश्मा लगाए साधारण सी वेश भूषा में पूजनीय श्री भिखारी ठाकुर जी मेरी दाहिनी ओर हैं।

बुधवार, मई 24, 2017

भीषण गर्मी को देखते हुए विद्यालय संचालन समय में परिवर्तन

भीषण गर्मी को देखते हुए ज़िला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी ने 25 मई से 06 जून तक विद्यालय संचालन समय में परिवर्तन कर दिया है अब ज़िले के सभी सरकारी/निजी स्कूलों का संचालन6:30 बजे से10:30बजे पूर्वाह्न तक होगा

मंगलवार, मई 23, 2017

28 मई को होगी बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ,सीतामढ़ी की बैठक

बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक 
संघ,सीतामढ़ी की बैठक 28 मई 2017 रविवार को 11 बजे से ओरिएन्टल म.वि. सीतामढ़ी में रखी गई है ।जिस में सभी प्रखंड के अध्यक्ष/सचिव ,प्रखंड स्तरीय कार्य समिति एवं जिला स्तरीय कार्य समिति के सदस्यों से बैठक में भाग लेने का आह्वान किया गया है ।

रविवार, मई 07, 2017

शिक्षा विभाग में तीन साल से पदस्थापित पदाधिकारियों का स्थानांतरण कर शिक्षा विभाग को साफ शफ़्फ़ाफ़ किया जाय

ज़िला सीतामढ़ी शिक्षा विभाग में तीन साल से पदस्थापित पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया जाय ये बातें राकेश कुमार सिंह पूर्व अध्यक्ष जनता दल यू ने सरकार से की है उन्होंने बताया कि जिले में तीन साल से अधिक से पदस्थापित पदाधिकारियों ने सीतामढ़ी के शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है इतना ही नहीं बेरोज़गार नौ जवान को एक साजिश के तहत शिक्षक के रूप में बहाल फिर हटा कर आर्थिक शोषण और दोहन कर सड़क पर ला खड़ा कर दिया।

ज़िला साक्षरता कार्यालयों के भ्रष्ट नीति के कारण पूर्व तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी सड़कों पर भटकने पर मजबूर

बिहार के ज़िला साक्षरता कार्यालय के भ्रष्ट नीति के कारण पूर्व तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी सड़कों पर भटकने पर मजबूर हैं।पूरे बिहार में जिला साक्षरता कार्यालयों की भ्रष्टाचार नीतियों के कारण सभी पूर्व शिक्षा स्वयं सेवियों को अक्षर आँचल योजना में स्वयं सेवी के रूप में नही रखा गया जिस कारण आज भी सैंकड़ों तालिमी मरकज़ के पूर्व स्वयं सेवी सड़कों की धुल छान व फाँक रहे हैं मगर जन शिक्षा निदेशालय बिहार पटना संज्ञान लेने को तैयार नहीं।
बिहार सरकार के प्रधान सचिव का स्पष्ट आदेश था कि इस योजना में पूर्व शिक्षा स्वयं सेवी स्वयं सेवक के रूप में कार्य करेंगें।जहाँ तालिमी मरकज़ के स्वयं सेवक नही थे या जिस इलाके में तालिमी मरकज़ का संचालन नही किया गया था वहीं तालिमी मरकज़ के स्वयं सेवक की बहाली करनी थी मगर ज़िलों के साक्षरता पदाधिकारियों ने बिल्कुल उलट कर पूर्व शिक्षा स्वयं सेवी को सड़क पर खड़ा कर धुल फांकने पर मजबूर कर दिया ऐसा क्यों किया स्पष्ट है नई बहाली में जम कर अवैध वसूली कर मोटी कमाई की गई।
मालूम हो कि 09दिसम्बर 2012 तक तालिमी मरकज़ का संचालन वैकल्पिक एवं नवाचारी कार्यक्रम सर्व शिक्षा अभियान बिहार शिक्षा परियोजना के अन्तर्गत होता था जिस को 10 दिसंबर 2012 से जन शिक्षा निदेशालय बिहार पटना के अधीन कर दिया गया है।

शुक्रवार, जनवरी 20, 2017

शिक्षा विभाग डाल-डाल तो शिक्षक पात-पात

Report by Md Dulare
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परिहार(सीतामढ़ी):-प्रखंड परिहार मे वर्ष 2016 शिक्षा विभाग के गबन घोटाला से ही पुरा साल व्यस्त रहा। इससे पुर्व एक दशक तक यह प्रखंड इंदिरा आवास के गबन घोटाला से प्रसिद्ध रहा ।अब तक जितने घोटाला प्रखंड मे हुये सब को शिक्षा विभाग का घोटाला बौना साबित कर दिया।अब तक करोड़ो का घोटाला सामने आ चुका है और बाकी भी है। परिहार प्रखंड के कुछ शिक्षक सातिर तो कुछ दबंग साबित हो रहे है अब तक के जाँच से खुलासा हुआ है कि छात्रवृत्ति, पोशाक एमडीएम मे लाँखो कि निकासी तो कि गई लेकिन वितरण शुन्य है।जिसमे प्राथमिक विधालय इन्दरवा ऊदु उत्तरी टोल निकासी 32.42लाँख ,उसी तरह प्राथमिक विधालय पासवान टोल रजवाड़ा मे 7.36लाँख तो मध्य विधालय बथुआरा मे 4.45लाँख का निकासी हुआ वितरण शून्य हुआ।दो विधालय मे विधालय प्रधान ने दबंगई दिखाते हुए जाँच पदाधिकारी को तो कोई अभिलेख तक नही दिखाया जिसमे मध्य विधालय मलाही,व मध्य विधालय लहुरीया सामील है। प्रखंड का एक विधालय ऐसा भी है जिसमे नामांकन बच्चो से ज्यादा को राशि का वितरण कर दिया जिसका कभी विधालय मे नामांकन ही नही हुआ था वो विधालय प्राथमिक विधालय जगदर है वही प्राथमिक विधालय रैनपुर टोल रामनैका के प्रधान खाता से राशि निकाल खुब मजे लुटा जब जाँच शुरु हुई तो राशि खाता मे जमा कर दिया ।अब बीईओ साहब इसमे पिछे कैसे रहे प्रखंड के एससी,एसटी, बीसी,व ईबीसी कोटि के बच्चो के लिए फर्जी माँग पत्र तैयार कर कल्याण विभाग को भेज राशि मगा बंदरबाट शुरु कर दिया ।और 14 स्कूल के प्रधान मोटी रकम निकासी कर बच्चो को लालीपाँप दिखा कुछ राशि का वितरण कर सभी राशि को गबन कर मालामाल बन गये ।

सोमवार, जनवरी 09, 2017

नियोजित शिक्षकों व संविदा कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ क्यों नहीं ? -सुशील मोदी

राज्य के तीन लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों,संविदा कर्मियों व पुस्तकालयाध्यक्षों को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं देने के निर्णय का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार का यह बयान निन्दनीय है कि वे उसके कर्मी नहीं है। जब सरकार ने 2015 में ही उनके नियत वेतन को वेतनमान में परिवर्तित कर दिया तथा राज्य सरकार के कर्मियों के अनुरूप घोषित महंगाई, चिकित्सा, मकान किराया भत्ता आदि के साथ ही वार्षिक वेतन वृद्धि भी उन्हें देय है, तब फिर सातवें वेतनमान का लाभ नहीं देने का क्या औचित्य है?

दुर्भाग्यपूर्ण है कि सातवें वेतनमान का लाभ देने के डर से सरकार इन लाखों नियोजित शिक्षकों व संविदाकर्मियों को इनकी अलग-अलग नियोजन इकाइयां होने का बहाना बना कर अपना कर्मचारी मानने से इनकार कर रही है जबकि विगत विधान सभा चुनाव के पूर्व चुनावी लाभ लेने के लिए इन्हें वेतनमान देने की जोर षोर से घोषणा की गई थी। अगर ये सरकार के कर्मी नहीं है तो फिर इन्हें राज्यकर्मियों की भांति वेतनमान, अनेक तरह के भत्तों की सुविधा और वार्षिक वेतनवृद्धि कैसे देय है? 

वेतन समिति राज्यकर्मियों के समान ही नियोजित शिक्षकों, संविदा कर्मियों व विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों के हजारों कर्मचारियों के साथ ही नगर निकायों के कर्मियों को भी सातवें वेतनमान का लाभ देने पर विचार करें। अभी तक सरकार की ओर से वेतन समिति गठित करने की अधिसूचना भी जारी नहीं है।

तीन सदस्यीय वेतन समिति के गठन की अधिसूचना सरकार षीघ्र जारी करे और बहानेबाजी को छोड़ कर नियोजित शिक्षकों व संविदा कर्मियों, विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों तथा नगर निकाय के कर्मियों को भी सातवें वेतनमान का लाभ देने का निर्णय लें।

रविवार, जनवरी 08, 2017

आज ही शाम चार बजे नियोजित शिक्षक करेंगें मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री बिहार का पुतला दहन

मोहम्मद फ़िरोज़ आलम प्रखण्ड अध्यक्ष के सूचनानुसार बिहार पंचायत नगर प्रारम्भिक शिक्षक संघ, राज्य ईकाई के निर्णयानुसार 09/01/ 2017 दिन सोमवार को सरकार के वादा खिलाफी तथा मिडिया में आए खबर "नियोजित शिक्षकों को सप्तम वेतन का लाभ नहीं दिया जाएगा "। जैसे गलत बयानबाजी के विरुद्ध अपने मान सम्मान और अधिकार की लड़ाई के लिए सीतामढी कारगिल चौक पर शाम 04:00 बजे मुख्यमंत्री /शिक्षामंत्री का पुतला दहन किया जाएगा।शिक्षकों से चट्टानी एकता दिखाने का आह्वान संघ ने किया है।
         

गुरुवार, जनवरी 05, 2017

07 जनवरी तक सीतामढी के सभी विद्यालयों में पठन पाठन स्थगित ,शिक्षक विद्यालय में बने रहेंगें

जिला पदाधिकारी सीतामढ़ी के आदेशानुसार शीतलहर को देखते हुए जिला के निजी एवं सरकारी विद्यालयों में पठन पाठन 06 जनवरी से 07 जनवरी 2017 तक स्थगित किया गया है।शिक्षक एवं शिक्षिका विद्यालय में बने रहेंगे और लम्बित कार्यों का निष्पादन करेंगे ।

सोमवार, जनवरी 02, 2017

उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का कारनामा जनधन के तहत खोल दिया शिक्षकों का खाता, वेतन निकासी में हो रही परेशानी

जिला सीतामढी अंतर्गत उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की एकाध शाखाओं ने कुछ नियोजित शिक्षकों का बैंक खाता जनधन योजनान्तर्गत खोल देने का मामला प्रकाश में आया है।बिहार नगर पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संध के जिला अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने क्षेत्रीय प्रबंधक युबीजीबी सीतामढी को संयुक्त आवेदन देकर शिकायत दर्ज की है ।आवेदन में बतलाया गया है कि कुछ नियोजित शिक्षकों का खाता जनधन योजनान्तर्गत खोल दिया गया है जिससे शिक्षकों को वेतन निकासी में परेशानी हो रही है  इतना ही नही एटीएम भी लाॅक कर दिया गया है ।आवेदन में  शिक्षकों को हो रहे कई समस्याओं की जानिब क्षेत्रीय प्रबंधक का ध्यान आकृष्ट कराया गया है ।

गुरुवार, दिसंबर 22, 2016

छात्र हैं पर सभी छात्रों को छात्रवृत्ति नही मिलती

नुरानी फातिमा
सीतामढ़ी( बिहार)
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कुछ समय पहले आई खबर के अनुसार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने कहा कि “दिस देश में शिक्षा की पूंजी होती है वह देश तेजी से विकास करता है। उन्होने आगे कहा आज देश में 15 लाख विद्धालय, 38 हजार महाविद्धालय, तथा 700 विश्वविद्धालय संचालित हैं”। स्पष्ट है शिक्षा के आधार पर ही देश तरक्की कर सकता है। जिसे सरल बनाने के लिए छात्रवृत्ति जैसे विकल्प भी उपलब्ध कराएं गए हैं ताकि छात्र शिक्षा से सीधे रुप में जुड़ सके। लेकिन इस संबध मे बात बिहार की कि जाए तो स्थिति कुछ अच्छी दिखाई नही देती।
उदाहरण है पुपरी अनुमंडल क्षेत्र के भिट्टा धरमपूर पंचायत का “उत्क्रमित मध्य विद्धालय कुशैल” जहां छात्रों से बात करने पर पता चला कि बड़ी संख्या मे यहां  छात्र तो हैं पर उनके लिए उचित रुप से छात्रवृत्ति की व्यवस्था नही है।         
इस संबध में जब नौवीं कक्षा की छात्रा मधु कुमारी से बात की तो मधु ने बताया “दो साल से मुझे छात्रवृत्ति नही मिल रही है” हर बार यही सुनते हैं कि अब आएगा, अब आएगा लेकिन आता नही है। वहीं कक्षा 6 की छात्रा पूजा कुमारी का भी ये कहना है “कि हमलोगो को समय पर छात्रवृत्ति नही मिल रहा है बस इंतजार ही कर रहें हैं। 7वीं की छात्रा करिशमा कुमारी ने बताया “जब भी मैडम से छात्रवृत्ति के बारे पूछते हैं तो कहती हैं कि मिल जायेगा”। कक्षा 6 के पंकज कुमार पिता कमेश राय ने कहा “हमलोग को पोशाक का 700 और छात्रवृत्ति 1200 मिलता है। लेकिन हमलोग को आधा पैसा ही दिया जाता है मैडम से पूछते हैं कि बाकी पैसा कब मिलेगा तो कुछ ठिक - ठिक नही बताती”।
छात्रों के साथ साथ अभिभावक भी इस कारण परेशान हैं कुछ अभिभावक ने कहा “हमरा बच्चा चार साल से पढ़े छे, मगर पैसा दो बार ही मिलल है”। इसी संबध में अभिभावक लक्ष्मण महतो ने बताया “कुछ बच्चो को छात्रवृत्ति और पोशाक राशि मिलती है, और कुछ को नही मिलता, समझ मे नही आता इ का बात है”। आंसमा खातून के पिता ने कहा “हमारा बच्चा तीन साल से पढ़ रहा है मगर छात्रवृत्ति एकही बार मिली है”।एक अन्य अभिभावक ने बताया “मेरा बच्चा 4 साल से पढ़ रहा है। मगर पैसा दो बार मिला है”।  कुछ अभिभावको ने ये भी कहा कि “जो बच्चा कभी स्कूल नही जाता उसको भी पैसा मिलता है”। 60 वर्षिय महिला रीता देवी ने बताया “हमहुं कलकीन मैडम के कब मिलबे पैसा त मैडम कहनी कि जब आबत त देब। दो साल भई गईल हमरा बच्चा के कुछियो न मिलल”।
मामले की गंभीरता जानने के लिए जब प्रधानाचार्य मंजु देवी से बात की तो उन्होने साफ शब्दों में बताया “अक्टुबर 2015 से कार्यभार संभाला है और स्कूल की देख रेख कर रही हूँ। अभी छात्रवृत्ति की 50 प्रतिशत राशि बच्चों को दिया जाता है। और 50 प्रतिशत बच्चों के खाते में जाएगा। मेरी तो इच्छा है कि यहां हाई स्कूल भी हो जाए ताकि बच्चो को दूर - दूर पढ़ने के लिए जाना न पड़े। और बच्चों को पूरी सुविधा मिल सके। बाकी सभी बच्चों को छात्रवृत्ति मिल जाए इसके लिए मैं पूरी कोशिश करुंगी। आप चाहें तो प्रखंड शिक्षा अधिकारी से भी बात कर सकती हैं क्योंकि वास्तविक स्थिति से तो वही अवगत कराएंगे”। 
अंततः प्रखंड शिक्षा अधिकारी रघु से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उन्होनें कोई जानकारी न देते हुए सीधे फोन काट दिया।
आपको बतातें चलें कि पिछले कई दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी निश्चय यात्रा में बिहार की शिक्षा व्यवस्था को उत्तम से सर्वोत्तम बनाने पर जोर दे चुकें हैं। लेकिन इस विद्धालय और शिक्षा प्रतिनिधियों का रवैया देखकर तो नही लगता कि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार सचमुच उत्त्म से सर्वोत्म तक का सफर तय कर पाएगा।
(चरखा फीचर्स)  
Pic1- लेखिका बच्चों से बात करती हुई।
Pic 2- विद्धालय परिसर में बच्चें ।