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सोमवार, नवंबर 27, 2017

2008 तक का कृषि ऋण जो भारत सरकार ने माफ कर दिया था उस ऋण की भी वसूली एस बी आई परिहार कर रही है

जानकारों का कहना है कि तत्कालीन शाखा प्रबन्धक ने उन्हीं ऋण धारक को नो डियूज़ सर्टिफिकेट दिया जिन ऋणियों ने अवैध राशि दिया।और माफ की गई राशि की पोस्टिंग रजिस्टर 9 में नही की गई और माफ़ कर दी गयी राशि की वसूली वर्तमान में बैंक के द्वारा की जा रही है। 

शुक्रवार, नवंबर 10, 2017

परिहार उत्तरी पंचायत में लाखों रुपए के ग़बन की आशंका, जाँच की माँग

परिहार उत्तरी पंचायत में लाखों रुपए के ग़बन की आशंका, जाँच की माँग


परिहार(सीतामढ़ी)। प्रखण्ड के परिहार उत्तरी में लाखों रुपये के ग़बन की आशंका वक्त की गई है समाज सेवी जनाब मोहम्मद सऊद आलम ने महामहिम राज्यपाल बिहार सरकार को आवेदन देकर जाँच की माँग की है कार्रवाई के लिए 07 नवम्बर 2017 को अनशन भी किया गया था।उन्होंने अपने आवेदन सह ज्ञापन में लिखा है कि पंचायत के मुखिया और मुखिया पति पर अनुसूचित जाति प्रताड़ना अधिनियम के तहत न्याय संगत क़ानूनी कार्रवाई की जाए इन के द्वारा एक साज़िश के तहत राहत राशि से वंचित रखने की कोशिश की गई।
वर्ष 2011से 2017 तक पंचायत में कराए गए कार्यों की जाँच निगरानी से कराई जाए।
घटिया नाला निर्माण की जाँच अभियंताओं की टीम गठित कर की जाए और भुगतान पर रोक लगाया जाए क्योंकि नाला निर्माण में घटिया सामग्रियों का प्रयोग किया गया है और प्राक्कलन का अनुपालन नही किया गया है और न ही कार्य स्थल पर कार्य का बोर्ड लगाया गया है।
मसहा में घटिया क़ब्रिस्तान घेराबन्दी की निगरानी जाँच हो और अपूर्ण घेराबन्दी को पूर्ण कराया जाए।

वर्ष 2011 से अब तक कबीर अंत्येष्टि के राशि की जाँच कराई जाए कफन की राशि भी मुखिया द्वारा गबन कर मृतक के आश्रित को वंचित रखा गया है।

वर्ष 2012 से अबतक परिहार उत्तरी पंचायत में 13वी,14वी चतुर्थ वित्त, BRGF,योजना अन्तर्गत आवंटित राशि की जाँच कराई जाए।पंचायत को उक्त मदों में क्रमशः 70 लाख,4.50 लाख,3.50 लाख, 14 लाख की राशि पंचायत को मिली मगर पंचायत में सिर्फ दो कार्य 700 फिट का पीसीसी सड़क निर्माण किया गया है और सम्पूर्ण राशि निकाल ग़बन कर ली गई है।

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बुधवार, जून 07, 2017

हल्का कर्मचारी के जाँच रिपोर्ट के बाद भी सी ओ परिहार ने नही किया रक़बा सुधार, सुधार के एवज माँगी दस हजार

बिहार/सीतामढ़ी/परिहार ।।ज़मीन के रक़बा सुधार के लिए ग्राम पंचायत बेतहा ,बेतहा निवासिनी मुसमात प्रवीण कौसर पति मोहम्मद खुर्शीद आलम ने रक़बा सुधार कर दाखिल खारिज करने के लिए सी ओ परिहार को 13 जनवरी 2016 को आवेदन दिया था, सी ओ परिहार ने हल्का कर्मचारी को जाँच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया।हल्का कर्मचारी ने 19 जनवरी 2016 को जाँच प्रतिवेदन समर्पित कर अंचलाधिकारी परिहार को  अंचल अमीन से नक़्शा मापी व सीमांकन प्रतिवेदन लेने का अनुरोध करते हुए आवेदिका के केबाल दर केबाल और दखल क़ब्ज़ा के आधार पर रक़बा सुधार कर दाखिल खारिज करने की अनुशंसा की मगर डेढ़ साल गुजर जाने के बाद भी अंचल पदाधिकारी परिहार ने आवेदिका के ज़मीन का रक़बा सुधार करने का प्रस्ताव संबंधित पदाधिकारी को नहीं दिया।

              "" हल्का कर्मचारी के प्रतिवेदन देने के बाद भी जब रक़बा सुधार  नही किया गया तो मैं सी ओ से मिली और रक़बा सुधार की बात कही तो सी ओ परिहार ने कहा अरे ! ये सब वैसे ही थोड़े होता है ज़मीन का मामला है पैसा खर्च करना होगा।दस हज़ार रुपये ले कर आना काम हो जाएगा।।""
                                 
                              ''मुसमात प्रवीण कौसर ''

शनिवार, मई 06, 2017

ब्रेकिंग न्यूज़:- पुपरी अंचल पुलिस इंस्पेक्टर नितेन्द्र कुमार विजिलेंस के हत्थे चढ़े

सीतामढी! पुपरी अंचल पुलिस इंस्पेक्टर नितेन्द्र कुमार को 6000/ हजार घूस लेते  विजिलेंस ने किया गिरफ्तार किया है। 
" पुलिस महकमा में हड़कंप "

 बथनाहा थाना कांड संख्या 111/17 के पर्यवेक्षण के लिए पुपरी पुलिस अंचल कार्यालय के निरीक्षक नितेन्द्र कुमार  कमलदह निवासी मो सन्नाउल्लाह से छह हजार घूस ले रहे थे।धावा दल का नेतृत्व विजिलेंस डी एस पी महाराजा कनिष्क कुमार सिंह ने किया। औपचारिक कार्रवाई के बाद घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार पुलिस निरीक्षक को धावा दल सीधे पटना के लिए रवाना हो गई जहाँ विजिलेंस का मुख्यालय है दस्तावेज़ी खाना पूरी के पश्चात उत्तर बिहार स्थित मुज़फ़्फ़रपुर विजिलेंस अदालत में पेश किया जाएगा जहाँ से खुदी राम बोस कार भेजा जाएगा।सीतामढ़ी जिला में ये कोई पहली कार्रवाई नही है इस से पहले भी कई पदाधिकारी विजिलेंस के हत्थे चढ़ चुके हैं मगर मज़ाल के सीतामढ़ी ज़िला में भ्रष्टाचार में कमी आई हो।

शुक्रवार, जनवरी 20, 2017

शिक्षा विभाग डाल-डाल तो शिक्षक पात-पात

Report by Md Dulare
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परिहार(सीतामढ़ी):-प्रखंड परिहार मे वर्ष 2016 शिक्षा विभाग के गबन घोटाला से ही पुरा साल व्यस्त रहा। इससे पुर्व एक दशक तक यह प्रखंड इंदिरा आवास के गबन घोटाला से प्रसिद्ध रहा ।अब तक जितने घोटाला प्रखंड मे हुये सब को शिक्षा विभाग का घोटाला बौना साबित कर दिया।अब तक करोड़ो का घोटाला सामने आ चुका है और बाकी भी है। परिहार प्रखंड के कुछ शिक्षक सातिर तो कुछ दबंग साबित हो रहे है अब तक के जाँच से खुलासा हुआ है कि छात्रवृत्ति, पोशाक एमडीएम मे लाँखो कि निकासी तो कि गई लेकिन वितरण शुन्य है।जिसमे प्राथमिक विधालय इन्दरवा ऊदु उत्तरी टोल निकासी 32.42लाँख ,उसी तरह प्राथमिक विधालय पासवान टोल रजवाड़ा मे 7.36लाँख तो मध्य विधालय बथुआरा मे 4.45लाँख का निकासी हुआ वितरण शून्य हुआ।दो विधालय मे विधालय प्रधान ने दबंगई दिखाते हुए जाँच पदाधिकारी को तो कोई अभिलेख तक नही दिखाया जिसमे मध्य विधालय मलाही,व मध्य विधालय लहुरीया सामील है। प्रखंड का एक विधालय ऐसा भी है जिसमे नामांकन बच्चो से ज्यादा को राशि का वितरण कर दिया जिसका कभी विधालय मे नामांकन ही नही हुआ था वो विधालय प्राथमिक विधालय जगदर है वही प्राथमिक विधालय रैनपुर टोल रामनैका के प्रधान खाता से राशि निकाल खुब मजे लुटा जब जाँच शुरु हुई तो राशि खाता मे जमा कर दिया ।अब बीईओ साहब इसमे पिछे कैसे रहे प्रखंड के एससी,एसटी, बीसी,व ईबीसी कोटि के बच्चो के लिए फर्जी माँग पत्र तैयार कर कल्याण विभाग को भेज राशि मगा बंदरबाट शुरु कर दिया ।और 14 स्कूल के प्रधान मोटी रकम निकासी कर बच्चो को लालीपाँप दिखा कुछ राशि का वितरण कर सभी राशि को गबन कर मालामाल बन गये ।

बुधवार, जनवरी 18, 2017

कोर्ट के आदेश पर अवर निबंधन पदाधिकारी परिहार और तत्कालीन कार्यालय प्रधान लिपिक पर प्राथमिकी दर्ज

Reports By Md Dulare
परिहार(सीतामढ़ी):-न्यायालय के आदेश पर परिहार अवर निबंधन पदाधिकारी विनीत कुमार सिंह व कार्यालय के तत्कालीन प्रधान लिपिक आनंद मोहन दास पर स्थानीय थाने मे  प्राथमिकी दर्ज की गई है ।वादी नोनाही निवासी मुमताज अंसारी ने बताया कि दस्तावेज नं 3502 दिनांक 26 जुन 2014 को निबंधन शुल्क भुगतान कर जमीन निबंधन कराया था जो शांतिपूर्ण कब्जा होने के बावजूद स्थल जाँच के बहाने केवाला को रोक लिया 12जुन 14 को स्थल निरीक्षण रजिस्ट्रार ने किया ।केवाला मिल जाने के एक साल बाद वादी को रजिस्ट्रार के द्वारा बाजार मूल्य एंव क्रय कम होने का नोटिस आया ,नोटिस के बाद वादी सहायक निबंधन पदाधिकारी मुजफ्फरपुर कैम्प सीतामढ़ी के पास दस्तावेज दिखाया पदाधिकारी ने केवाला को सही साबित किया उसके बाद रजिस्ट्रार अपने कार्यालय में बुलाया और रिश्वत की माँग की। असर्मथता जताया तब रजिस्ट्रार ने देख लेने कि धमकी दी ।फलस्वरूप रजिस्ट्रार ने 64660 रु मुद्रा शुल्क व निबंधन शुल्क 2520 रुपया का नोटिस किया गया तंग आकर कर पीड़ित न्यायालय के शरण में गया ।और न्यायालय के आदेश पर धारा-420 का मामला दर्ज किया गया है।

* क्या है परिहार अवर निबंधन पदाधिकारी विनीत कुमार सिंह का कहना * 
" निबंधन पदाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि मुमताज अंसारी का आरोप निराधार है ।जमीन रजिस्ट्री मे साक्ष्य को छुपाया गया है और आवासीय जमीन होने के बावजूद खेतीहर जमीन दिखाया गया है।उसके बाद मामला सहायक निबंधन  महानिरीक्षक तिरहुत प्रमंडल मुजफ्फरपुर के आदेशानुसार मुमताज अंसारी पर नीलामवाद सं 62/14 दर्ज है।"

शनिवार, मार्च 05, 2016

परिहार प्रखणड के विभिन्न पंचायतों में शिक्षक नियोजन घोटाला /जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने अपने पत्र को किया निरस्त ,नियोजन इकाई पर कोई असर नही ,दो माह बीत जाने के पश्चात भी सचिव ने नही किया नियोजन रद्द

Edited by Md Qamre Alam
Report Md Dulare
परिहार( सीतामढ़ी ):प्रखणड के विभिन्न पंचायतों में इन दिनों जिला कार्यक्रम पदाधिकारी  (स्थापना ) सीतामढ़ी शिक्षा विभाग की मिली-भगत से पंचायत सचिव -सह-नियोजन इकाई ग्राम पंचायतों के द्वारा शिक्षक नियोजन 2008 के रिक्तियो के विरुद्ध पंचायत शिक्षकों का नियोजन मोटी रक़म लेकर किया गया है और किया जा रहा है।
●परिहार ब्लाँक जिला सीतामढ़ी बिहार- शिक्षक बहाली बना रहस्य
●प्रखंड से लेकर जिला स्तर के पदाधिकारी व मीडिया तक ख़ामुश
जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी( स्थापना )के पत्रांक 122(डीईओ)दिनांक 22/1/16 के पत्र के आलोक में नरगाँ उतरी पंचायत में पंचायत सचिव -सह -नियोजन इकाई नें वर्ष 2008-10 में आवेदन किये वैसे अभ्यार्थी को नियोजन पत्र दिया गया है जो कट आॅफ मार्कस के अंतर्गत भी नही आते हैं।पुन:जिला शिक्षा कार्यक्रम  पदाधिकारी के पत्रांक-462(डीईओ)दिनाक-18/2/16 के आलोक में प्रखंड के परसंडी ,परिहार दक्षिणी ,व परिहार उतरी पंचायत मे भी वैसे ही आवेदक को नियोजन पत्र दिया गया है कुल मिलाकर एक दर्जन से अधिक को अवैध रुप से पंचायत शिक्षक में बहाली की गई है और सबसे बड़ी बात ये है कि चारो पंचायत में एक ही पंचायत सचिव -सह -नियोजन इकाई श्री योगेंद्र राम नें ही नियोजन किया है ।मामला डीएम के संज्ञान में आने के बाद जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी नें पत्रांक 585 दिनांक 27/2/2016 व पत्रांक-588 दिनांक 29/02/2016 पत्र निर्गत कर नियोजन को निरस्त करने का आदेश सचिव -सह- नियोजन इकाई को दिया है पत्र में साफ लिखा है कि तथ्य को छुपाकर बगैर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यार्थियो का नियोजन कर दिया गया है।  हैरानी की बात यह है की पत्र निर्गत हुए एक महीने से ज्यादा हो चुका है लेकिन नियोजन इकाई ने अभी तक नियोजन को निरस्त नही किया है।
जानकारो का कहना है ऐ सब मोटी रक़म का कमाल है इस गोरख -धंधे मे डीपीओ (स्थापना ) की संलिप्तता है और ये ही इस पूरे प्रकरण के मास्टर माइंड हैं।पत्र की प्रतिलिपि आवश्यक   कार्रवाई हेतु बीडीओ और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भी भेजी गई है मगर कार्रवाई  के नाम पर सब मौन हैं और अवैध रूप से नियुक्त शिक्षक विद्यालयों में ड्यूटी बजा रहे हैं ।
●जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना का पत्रांक 462 (डीईओ) 18/02/2016 को निर्गत होता है और नियोजन का पत्र 20/02/2016 को निर्गत होता है इतनी तत्परता बहुत कम देखने को मिलता है ।
●जानकारो कहना हैकि एक-एक अभ्यार्थी से 3 लाख से लेकर 7 लाख लेकर नियोजित किया गया है।
                   

मंगलवार, जुलाई 07, 2015

प्रधान सचिव शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद सभी पूर्व तालीमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवक को मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक अक्षर आंचल योजना से नहीं जोड़ा गया

सीतामढ़ी जिला में बिहार शिक्षा परियोजना अंतर्गत वैकल्पिक एंव नवाचारी शिक्षा कार्यक्रम के तहत वर्ष 2010 में तालीमी मरकज का संचालन किया गया था जो 2012 तक शिक्षा परियोजना सीतामढ़ी के अधीन था ।10 दिसम्बर 2012 से बिहार सरकार के आदेश से जन शिक्षा निदेशालय शिक्षा विभाग बिहार पटना के अधीन कर दिया गया क्योंकि केंद्र सरकार ने उक्त योजना को संचालित करने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को अनुदान देना बंद कर दिया था।
बिहार सरकार ने निर्णय लेकर कार्यरत और परियोजना द्वारा बंद कर दिए गए सभी तालीमी मरकज केंद्रों  और टोला सेवको को महादलित,अल्पसंख्यक अति पिछड़ा वर्ग  मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना में शिक्षा स्वयं सेवक के रूप में रखने का फ़ैसला किया ।मगर सीतामढ़ी जिला में सभी पूर्व तालीमी मरकज शिक्षा स्वयं सेवक को अवैध राशि नही देने के कारण तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता एंव माध्यमिक शिक्षा सीतामढ़ी असगर  अली ने मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक अक्षर आंचल योजना में शिक्षा स्वयं सेवक के रूप में नही रखा जबकि उस समय के तत्कालीन प्रधान सचिव शिक्षा विभाग श्री अमर जीत सिन्हा ने पत्रांक-13/सा2-18/2012 2670 दिनांक 03/12/12 निर्गत कर टोला सेवक एवं शिक्षा स्वयं सेवी की पहचान में लिखा कि-राज्य स्तर पर यह निर्णय लिया गया है कि  पूर्व के उत्थान केंद्र के टोला सेवक एवं तालीमी मरकज के शिक्षा स्वयं सेवक इस योजना में वी○टी○(शिक्षा स्वयं सेवक )का कार्य  करेंगे ।
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जहाँ टोला सेवक/शिक्षा स्वयं सेवक नही हैं /जहाँ पूर्व में उत्थान केंद्र /तालीमी मरकज केंद्र पूर्व में संचालित ही नही हुए ऐसी जगहों के लिए स्वयंसेवी का चयन करने का निर्देश दिया गया था।बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना बिहार के सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता एंव माध्यमिक शिक्षा को कार्यरत और पूर्व टोला सेवक एंव शिक्षा स्वयं सेवी की सूची उपलब्ध करा दी गई थी ।
(शिक्षा परियोजना द्वारा तालीमी मरकज केंद्र में शिक्षा स्वयं सेवक का चयन दो वर्ष के लिए किया जाता था) 
             जिला सीतामढ़ी में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता एंव माध्यमिक शिक्षा सीतामढ़ी कार्यालय ने संचालित उत्थान केंद्र और तालीमी मरकज केंद्र के टोला सेवक और तालीमी मरकज के शिक्षा स्वयं सेवक को दो दीनी प्रशिक्षण दिलाकर कर महादलित अल्पसंख्यक अति पिछड़ा वर्ग मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना में शिक्षा स्वयं सेवक के रूप में फरवरी 2013 में योगदान करवा दिया ।
बिहार शिक्षा परियोजना सीतामढ़ी द्वारा बंद कर दिए गय (2010 से संचालित तालीमी मरकज केंद्र )शिक्षा स्वयं सेवक को मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक अक्षर आंचल योजना में योगदान के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता एंव माध्यमिक शिक्षा सीतामढ़ी कार्यालय ने दलालों के माध्यम से 1000 रूपय की मांग पूर्व तालीमी मरकज शिक्षा स्वयं सेवक से की गई जिन स्वयं सेवक ने अवैध राशि दी उन लोगों को ही  दो दीनी प्रशिक्षण दिलाकर जुलाई 2013 में मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक अक्षर आंचल योजना से जोड़ा गया जिन शिक्षा स्वयं सेवक ने अवैध राशि नही दी उन शिक्षा स्वयं सेवक को आज तक वंचित रख कर पूर्व तालीमी मरकज शिक्षा स्वयं सेवक के रहते नये शिक्षा स्वयं सेवक की बहाली मोटी रक़म लेकर की गई /की जा रहीं है।जहाँ पूर्व में उत्थान केंद्र, तालीमी मरकज़ केंद्र का संचालन हुआ था वहाँ मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना का संचालन नहीं किया जा रहा है।
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 ●●●अगर अवैध राशि की वसूली नही की गई है तो किस परिस्थिति में सूची रहते योगदान  से वंचित रखा गया  ?
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          सीतामढ जिला में बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा बन्द कर दिए गय तालीमी मरकज केंद्र को चालू रखने के लिए मोहम्मद कमरे आलम जिला अध्यक्ष भारतीय माईनारीटीज सुरक्षा महासंघ सीतामढ़ी ने माननीय मुख्यमंत्री बिहार श्री नीतिश कुमार अल्पसंख्यक मंत्री जनाब शाहिद अली खान शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार साही राज्य परियोजना निदेशक राहुल सिंह को 12/03/2013 को पत्र लिख कर चालू रखने का अनुरोध किया था ।

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बिहार विधान सभा सत्र में 15/03/2013 को माननीय सदस्य डा○तनवीर हसन के प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा था कि तालीमी मरकज व उत्थान केंद्र में पढ़ाई जारी रहेगी, केंद्र ने यह योजना बंद कर दी है,लेकिन राज्य सरकार ने अपने संसाधन से योजना को जारी रखने का निर्णय किया है।

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●●●माननीय मुख्यमंत्री का सीतामढ़ी शिक्षा विभाग में जीरो टाॅलरेंस पूरी तरह फेल ।
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                        मोहम्मद कमरे आलम ने वंचित रखे गए पूर्व तालीमी मरकज शिक्षा स्वयं सेवी को दो दीनी प्रशिक्षण दिलाकर मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना से जोड़ने के लिए 01/03/2014  ,15/03/2014 दिनांक28/10/14,14/11/14,26/11/14,और 24/03/15 को जिला पदाधिकारी सीतामढ़ी से लेकर माननीय मुख्यमंत्री तक को आवेदन दिया था जिस के आलोक में श्री दीपक कुमार सिंह राज्य कार्यक्रम बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना ने पत्रांक AIE/मु•मं•ज•दरबार /सीतामढ़ी /82-31/2007-08/2184 दिनांक 31/03/2014 के माध्यम से निदेशक जनशिक्षा शिक्षा विभाग बिहार पटना को मामले का निष्पादन अपने स्तर से करने का अनुरोध किया था लेकिन मामले का निष्पादन नहीं किया गया।मगर कमरे आलम ने हार नही मानी और

          इस मामले को लेकर पुनः मो○कमरे आलम ने दिनांक 11/06/2016 को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सीतामढ़ी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई शिकायत निवारण पदाधिकारी ने 24/06/2016 को सुनवाई की तिथि निर्धारित कर आवेदक और लोक प्राधिकार को उपस्थित रह कर साक्षो के साथ पक्ष रखने का निदेश दिया।निर्धारित तिथि को दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने 11/06/2016 तक मोहम्मद कमरे आलम का नाम अक्षर आँचल योजना से जोड़ने का आदेश लोक प्राधिकार सह ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी को दिया।लोक प्राधिकार ने आदेश का अनुपालन कर पत्रांक 228 दिनांक 11/06/2016निर्गत कर उक्त योजना में कमरे आलम को योगदान कर कार्य करने का आदेश जारी किया आलम ने आदेश का अनुपालन कर योगदान कर कार्य शुरू कर दिया मगर योगदान के पन्द्रह माह बीत जाने के बाद भी मानदेय राशि का भुगतान विभाग ने नही किया ।



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जारी