सीतामढ़ी जिला में बिहार शिक्षा परियोजना अंतर्गत वैकल्पिक एंव नवाचारी शिक्षा कार्यक्रम के तहत वर्ष 2010 में तालीमी मरकज का संचालन किया गया था जो 2012 तक शिक्षा परियोजना सीतामढ़ी के अधीन था ।10 दिसम्बर 2012 से बिहार सरकार के आदेश से जन शिक्षा निदेशालय शिक्षा विभाग बिहार पटना के अधीन कर दिया गया क्योंकि केंद्र सरकार ने उक्त योजना को संचालित करने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को अनुदान देना बंद कर दिया था।
बिहार सरकार ने निर्णय लेकर कार्यरत और परियोजना द्वारा बंद कर दिए गए सभी तालीमी मरकज केंद्रों और टोला सेवको को महादलित,अल्पसंख्यक अति पिछड़ा वर्ग मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना में शिक्षा स्वयं सेवक के रूप में रखने का फ़ैसला किया ।मगर सीतामढ़ी जिला में सभी पूर्व तालीमी मरकज शिक्षा स्वयं सेवक को अवैध राशि नही देने के कारण तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता एंव माध्यमिक शिक्षा सीतामढ़ी असगर अली ने मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक अक्षर आंचल योजना में शिक्षा स्वयं सेवक के रूप में नही रखा जबकि उस समय के तत्कालीन प्रधान सचिव शिक्षा विभाग श्री अमर जीत सिन्हा ने पत्रांक-13/सा2-18/2012 2670 दिनांक 03/12/12 निर्गत कर टोला सेवक एवं शिक्षा स्वयं सेवी की पहचान में लिखा कि-राज्य स्तर पर यह निर्णय लिया गया है कि पूर्व के उत्थान केंद्र के टोला सेवक एवं तालीमी मरकज के शिक्षा स्वयं सेवक इस योजना में वी○टी○(शिक्षा स्वयं सेवक )का कार्य करेंगे ।
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जहाँ टोला सेवक/शिक्षा स्वयं सेवक नही हैं /जहाँ पूर्व में उत्थान केंद्र /तालीमी मरकज केंद्र पूर्व में संचालित ही नही हुए ऐसी जगहों के लिए स्वयंसेवी का चयन करने का निर्देश दिया गया था।बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना बिहार के सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता एंव माध्यमिक शिक्षा को कार्यरत और पूर्व टोला सेवक एंव शिक्षा स्वयं सेवी की सूची उपलब्ध करा दी गई थी ।
(शिक्षा परियोजना द्वारा तालीमी मरकज केंद्र में शिक्षा स्वयं सेवक का चयन दो वर्ष के लिए किया जाता था)
जिला सीतामढ़ी में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता एंव माध्यमिक शिक्षा सीतामढ़ी कार्यालय ने संचालित उत्थान केंद्र और तालीमी मरकज केंद्र के टोला सेवक और तालीमी मरकज के शिक्षा स्वयं सेवक को दो दीनी प्रशिक्षण दिलाकर कर महादलित अल्पसंख्यक अति पिछड़ा वर्ग मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना में शिक्षा स्वयं सेवक के रूप में फरवरी 2013 में योगदान करवा दिया ।
बिहार शिक्षा परियोजना सीतामढ़ी द्वारा बंद कर दिए गय (2010 से संचालित तालीमी मरकज केंद्र )शिक्षा स्वयं सेवक को मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक अक्षर आंचल योजना में योगदान के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता एंव माध्यमिक शिक्षा सीतामढ़ी कार्यालय ने दलालों के माध्यम से 1000 रूपय की मांग पूर्व तालीमी मरकज शिक्षा स्वयं सेवक से की गई जिन स्वयं सेवक ने अवैध राशि दी उन लोगों को ही दो दीनी प्रशिक्षण दिलाकर जुलाई 2013 में मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक अक्षर आंचल योजना से जोड़ा गया जिन शिक्षा स्वयं सेवक ने अवैध राशि नही दी उन शिक्षा स्वयं सेवक को आज तक वंचित रख कर पूर्व तालीमी मरकज शिक्षा स्वयं सेवक के रहते नये शिक्षा स्वयं सेवक की बहाली मोटी रक़म लेकर की गई /की जा रहीं है।जहाँ पूर्व में उत्थान केंद्र, तालीमी मरकज़ केंद्र का संचालन हुआ था वहाँ मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना का संचालन नहीं किया जा रहा है।
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●●●अगर अवैध राशि की वसूली नही की गई है तो किस परिस्थिति में सूची रहते योगदान से वंचित रखा गया ?
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सीतामढ जिला में बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा बन्द कर दिए गय तालीमी मरकज केंद्र को चालू रखने के लिए मोहम्मद कमरे आलम जिला अध्यक्ष भारतीय माईनारीटीज सुरक्षा महासंघ सीतामढ़ी ने माननीय मुख्यमंत्री बिहार श्री नीतिश कुमार अल्पसंख्यक मंत्री जनाब शाहिद अली खान शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार साही राज्य परियोजना निदेशक राहुल सिंह को 12/03/2013 को पत्र लिख कर चालू रखने का अनुरोध किया था ।
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बिहार विधान सभा सत्र में 15/03/2013 को माननीय सदस्य डा○तनवीर हसन के प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा था कि तालीमी मरकज व उत्थान केंद्र में पढ़ाई जारी रहेगी, केंद्र ने यह योजना बंद कर दी है,लेकिन राज्य सरकार ने अपने संसाधन से योजना को जारी रखने का निर्णय किया है।
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●●●माननीय मुख्यमंत्री का सीतामढ़ी शिक्षा विभाग में जीरो टाॅलरेंस पूरी तरह फेल ।
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मोहम्मद कमरे आलम ने वंचित रखे गए पूर्व तालीमी मरकज शिक्षा स्वयं सेवी को दो दीनी प्रशिक्षण दिलाकर मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना से जोड़ने के लिए 01/03/2014 ,15/03/2014 दिनांक28/10/14,14/11/14,26/11/14,और 24/03/15 को जिला पदाधिकारी सीतामढ़ी से लेकर माननीय मुख्यमंत्री तक को आवेदन दिया था जिस के आलोक में श्री दीपक कुमार सिंह राज्य कार्यक्रम बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना ने पत्रांक AIE/मु•मं•ज•दरबार /सीतामढ़ी /82-31/2007-08/2184 दिनांक 31/03/2014 के माध्यम से निदेशक जनशिक्षा शिक्षा विभाग बिहार पटना को मामले का निष्पादन अपने स्तर से करने का अनुरोध किया था लेकिन मामले का निष्पादन नहीं किया गया।मगर कमरे आलम ने हार नही मानी और
इस मामले को लेकर पुनः मो○कमरे आलम ने दिनांक 11/06/2016 को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सीतामढ़ी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई शिकायत निवारण पदाधिकारी ने 24/06/2016 को सुनवाई की तिथि निर्धारित कर आवेदक और लोक प्राधिकार को उपस्थित रह कर साक्षो के साथ पक्ष रखने का निदेश दिया।निर्धारित तिथि को दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने 11/06/2016 तक मोहम्मद कमरे आलम का नाम अक्षर आँचल योजना से जोड़ने का आदेश लोक प्राधिकार सह ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी को दिया।लोक प्राधिकार ने आदेश का अनुपालन कर पत्रांक 228 दिनांक 11/06/2016निर्गत कर उक्त योजना में कमरे आलम को योगदान कर कार्य करने का आदेश जारी किया आलम ने आदेश का अनुपालन कर योगदान कर कार्य शुरू कर दिया मगर योगदान के पन्द्रह माह बीत जाने के बाद भी मानदेय राशि का भुगतान विभाग ने नही किया ।
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जारी
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