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गुरुवार, अगस्त 19, 2021

प्रदेश के पूर्व से नियुक्त शिक्षकों के साथ धोखाधड़ी कर रही है वर्तमान सरकार और उनके मंत्री इस बार आंदोलन के माध्यम से होगी आर पार की लड़ाई - पूरण , जयंत

प्रदेश के पूर्व से नियुक्त शिक्षकों के साथ धोखाधड़ी कर रही है वर्तमान सरकार और उनके मंत्री इस बार आंदोलन के माध्यम से होगी आर पार की लड़ाई - पूरण , जयंत 


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं शिक्षा मंत्री विजय चौधरी दोनों पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर राज्य भर के नियोजित शिक्षकों से अपने पद के बदौलत पद की गरिमा को दुरुपयोग करते हुए कर रहे हैं मानसिक रूप से प्रताड़ित , आज तक प्रत्येक विभागों में प्रमोशन के आधार पर अगली कुर्सी को भरने का काम किया जाता है लेकिन नीतीश कुमार बिहार के नियोजित शिक्षकों से गोतिया की लड़ाई की तरह लड़ते हुए जो फरमान जारी किए हैं की अलग से परीक्षा लेकर प्रधानाध्यापक की बहाली की जाएगी जो किसी भी एंगल से ना तो न्याय संगत है ना ही नियमानुसार है यह सिर्फ और सिर्फ अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं , यदि नीतीश कुमार सचमुच बिहार के पढ़े-लिखे बेरोजगार नौजवानों को नौकरी देना चाहते हैं तो आज बिहार के 74000 विद्यालयों में आवश्यकता है एक परिचारि का , एक लिपिक का और एक रात्रि प्रहरी का क्यों नहीं एक साथ वैकेंसी निकालकर 3 पदों पर बहाल कर दिया जाए एक साथ लगभग बिहार के दो लाख 22,000 हजार पढ़े लिखे नौजवान रोजगार में आ जाएंगे और विद्यालय की व्यवस्था भी बहुत सुंदर हो जाएगी , नीतीश कुमार जी को यदि प्रमोशन नाम का चीज खत्म करना है तो फिर पूरे देश में सभी विभागों में चाहे वह मामला सरकारी नौकरी का हो चाहे राजनीतिक पदों का हो सबके साथ एक नियम लागू किया जाए जिस प्रकार से विधायकों का चुनाव होता है ठीक उसी प्रकार तमाम विभागों के मंत्री पद के लिए भी जनता के माध्यम से चुनाव किया जाए मुख्यमंत्री पद के लिए जीते हुए सभी विधायकों में से परीक्षा लेकर जो विधायक सबसे अच्छा टॉप आए उसे मुख्यमंत्री बनाया जाए मतलब हर विभागों में सीधी भर्ती हो सिर्फ शिक्षा विभाग में ही क्यों इससे साफ जाहिर होता है की वर्तमान सरकार बिहार के सरकारी विद्यालय मैं पढ़ने वाले  गरीब वर्ग के तमाम छात्र छात्राओं को शिक्षा से वंचित करना चाहती है सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई के नाम पर ढोंग दिखाकर केवल साक्षर करना चाहती है शिक्षित नहीं, बिहार के शिक्षा व्यवस्था को पूंजी पतियों की गोद में डालकर गरीब वर्ग के बच्चों को गुलाम बनाने
    की तैयारी है, जिसे कल्पना करके देखा जा सकता है!
                 पूर्व में बनाए गए नियमावली के अनुसार जिन शिक्षकों का सेवा 8 साल हो गया था उन्हें प्रमोशन देना था लेकिन आज समय सीमा पार करके किसी का 17 साल हो गया किसी का 12 साल हो गया किसी का 10 साल हो गया लेकिन आज तक वर्तमान सरकार एवं इनके अधिकारी मामले को ठंडे बस्ते में डालकर टाइम पास करते हुए चले आए हैं जिससे बिहार के शिक्षकों में बहुत बड़ी आक्रोश है यह शिक्षकों के मान सम्मान और प्रतिष्ठा के साथ जुड़ चुका है!

Immune Health is in HIGH DEMAND right now for obvious reasons.  

Everyone is thinking about their Immune System right now or they should be.  

This is a newer offer that only a handful of affiliates have seen so it hasn't been trafficked to death.

https://www.digistore24.com/redir/356918/mdqamrealam/
                      राज्य भर के शिक्षकों के मान सम्मान को बचाने के लिए चाहे सड़क पर उतर कर लगातार आंदोलन करना पड़े या न्यायालय का सहारा लेना पड़े संगठन पीछे नहीं हटे गा ,सरकार की गलत नीति का विरोध करने के लिए एक 21 अगस्त को बिहार के तमाम जिलों में जिला मुख्यालय पर बिहार के तमाम शिक्षक साथी चाहे वह नियमित हो या नियोजित हो इकट्ठा होकर दिन 2:00 बजे शिक्षा मंत्री का पुतला जलाकर आंदोलन का आगाज करेंगे इस कार्यक्रम में कोई सांगठनिक बाधा नहीं है शिक्षकों के मान सम्मान की लड़ाई है अतः आप तमाम शिक्षक बंधुओं से निवेदन है कि उपरोक्त कार्यक्रम में उपस्थित होकर अपने आक्रोश पूर्ण विरोध को प्रकट करने का काम करें !
                      

बुधवार, अगस्त 18, 2021

21 अगस्त को जिला मुख्यालय में प्रधान शिक्षक / प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति संबंधी कैबिनेट के फैसले की प्रतियाँ जलाकर विरोध प्रकट करेंगे :- प्रदीप कुमार पप्पू

*21 अगस्त को जिला मुख्यालय में प्रधान शिक्षक / प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति संबंधी कैबिनेट के फैसले की प्रतियाँ जलाकर विरोध प्रकट करेंगे :- प्रदीप कुमार पप्पू*
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प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2020 में प्रधान शिक्षक  /प्रधानाध्यपक के पद को वर्तमान में कार्यरत योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों के  प्रोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है। जबकि बिहार सरकार ने राज्य के प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वर्तमान में कार्यरत करीब चार लाख शिक्षकों के हक की हकमारी करते हुए प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा  प्रधान शिक्षक  / प्रधानाध्यापक पद पर बहाल करने की स्वीकृति कैबिनेट से पास किया है। जिसमें प्राइवेट विद्यालय के शिक्षकों को भी  शामिल होने का प्रावधान किया है | जो सरकारी स्कूल के शिक्षकों के साथ धोखाधड़ी है। 
           बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ 21 अगस्त 2021 रोज शनिवार को राज्य के सभी जिला मुख्यालय में प्रधान शिक्षक / प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति संबंधी कैबिनेट की फैसले का प्रतियाँ जलाकर विरोध प्रकट करेंगे। सभी जिला संघ इकाई प्रतियाँ जलाने की आवश्यक तैयारी करें।