शनिवार, मार्च 05, 2016

परिहार प्रखणड के विभिन्न पंचायतों में शिक्षक नियोजन घोटाला /जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने अपने पत्र को किया निरस्त ,नियोजन इकाई पर कोई असर नही ,दो माह बीत जाने के पश्चात भी सचिव ने नही किया नियोजन रद्द

Edited by Md Qamre Alam
Report Md Dulare
परिहार( सीतामढ़ी ):प्रखणड के विभिन्न पंचायतों में इन दिनों जिला कार्यक्रम पदाधिकारी  (स्थापना ) सीतामढ़ी शिक्षा विभाग की मिली-भगत से पंचायत सचिव -सह-नियोजन इकाई ग्राम पंचायतों के द्वारा शिक्षक नियोजन 2008 के रिक्तियो के विरुद्ध पंचायत शिक्षकों का नियोजन मोटी रक़म लेकर किया गया है और किया जा रहा है।
●परिहार ब्लाँक जिला सीतामढ़ी बिहार- शिक्षक बहाली बना रहस्य
●प्रखंड से लेकर जिला स्तर के पदाधिकारी व मीडिया तक ख़ामुश
जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी( स्थापना )के पत्रांक 122(डीईओ)दिनांक 22/1/16 के पत्र के आलोक में नरगाँ उतरी पंचायत में पंचायत सचिव -सह -नियोजन इकाई नें वर्ष 2008-10 में आवेदन किये वैसे अभ्यार्थी को नियोजन पत्र दिया गया है जो कट आॅफ मार्कस के अंतर्गत भी नही आते हैं।पुन:जिला शिक्षा कार्यक्रम  पदाधिकारी के पत्रांक-462(डीईओ)दिनाक-18/2/16 के आलोक में प्रखंड के परसंडी ,परिहार दक्षिणी ,व परिहार उतरी पंचायत मे भी वैसे ही आवेदक को नियोजन पत्र दिया गया है कुल मिलाकर एक दर्जन से अधिक को अवैध रुप से पंचायत शिक्षक में बहाली की गई है और सबसे बड़ी बात ये है कि चारो पंचायत में एक ही पंचायत सचिव -सह -नियोजन इकाई श्री योगेंद्र राम नें ही नियोजन किया है ।मामला डीएम के संज्ञान में आने के बाद जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी नें पत्रांक 585 दिनांक 27/2/2016 व पत्रांक-588 दिनांक 29/02/2016 पत्र निर्गत कर नियोजन को निरस्त करने का आदेश सचिव -सह- नियोजन इकाई को दिया है पत्र में साफ लिखा है कि तथ्य को छुपाकर बगैर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यार्थियो का नियोजन कर दिया गया है।  हैरानी की बात यह है की पत्र निर्गत हुए एक महीने से ज्यादा हो चुका है लेकिन नियोजन इकाई ने अभी तक नियोजन को निरस्त नही किया है।
जानकारो का कहना है ऐ सब मोटी रक़म का कमाल है इस गोरख -धंधे मे डीपीओ (स्थापना ) की संलिप्तता है और ये ही इस पूरे प्रकरण के मास्टर माइंड हैं।पत्र की प्रतिलिपि आवश्यक   कार्रवाई हेतु बीडीओ और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भी भेजी गई है मगर कार्रवाई  के नाम पर सब मौन हैं और अवैध रूप से नियुक्त शिक्षक विद्यालयों में ड्यूटी बजा रहे हैं ।
●जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना का पत्रांक 462 (डीईओ) 18/02/2016 को निर्गत होता है और नियोजन का पत्र 20/02/2016 को निर्गत होता है इतनी तत्परता बहुत कम देखने को मिलता है ।
●जानकारो कहना हैकि एक-एक अभ्यार्थी से 3 लाख से लेकर 7 लाख लेकर नियोजित किया गया है।
                   

1 टिप्पणी:

  1. भ्रष्टाचार में लिप्त पदाधिकारी की वजह से बिहार के विकास की गति धीमी है भ्रष्टाचारी को सख्त सजा मिलनी चाहिए ।

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