*प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से*
"करता हूं अनुरोध आज मैं , भारत की सरकार से ,"
"प्रतिभाओं को मत काटो , आरक्षण की तलवार से........."
"वर्ना रेल पटरियों पर जो , फैला आज तमाशा है ,"
"जाट आन्दोलन से फैली , चारों ओर निराशा है........."
"अगला कदम पंजाबी बैठेंगे , महाविकट हड़ताल पर ,"
"महाराष्ट्र में प्रबल मराठा , चढ़ जाएंगे भाल पर........."
"राजपूत भी मचल उठेंगे , भुजबल के हथियार से ,"
"प्रतिभाओं को मत काटो , आरक्षण की तलवार से........."
"निर्धन ब्राम्हण वंश एक दिन परशुराम बन जाएगा ,"
"अपने ही घर के दीपक से , अपना घर जल जाएगा........"
"भड़क उठा गृह युध्द अगर , भूकम्प भयानक आएगा ,"
"आरक्षण वादी नेताओं का , सर्वस्व मिटाके जायेगा........"
"अभी सम्भल जाओ मित्रों , इस स्वार्थ भरे व्यापार से ,"
"प्रतिभाओं को मत काटो , आरक्षण की तलवार से........"
"जातिवाद की नहीं , समस्या मात्र गरीबीवाद है ,"
"जो सवर्ण है पर गरीब हैं , उनका क्या अपराध है........."
"कुचले दबे लोग जिनके , घर मे न चूल्हा जलता है ,"
"भूखा बच्चा जिस कुटिया में , लोरी खाकर पलता है........"
"समय आ गया है उनका , उत्थान कीजिये प्यार से ,"
"प्रतिभाओं को मत काटो , आरक्षण की तलवार से........."
"जाति गरीबी की कोई भी , नही मित्रवर होती है ,"
"वह अधिकारी है जिसके घर , भूखी मुनिया सोती है........"
"भूखे माता-पिता , दवाई बिना तड़पते रहते हैं ,"
"जातिवाद के कारण , कितने लोग वेदना सहते हैं....."
"उन्हे न वंचित करो मित्र , संरक्षण के अधिकार से ,"
"प्रतिभाओं को मत काटो , आरक्षण की तलवार से...||
*-भीष्म नारायण ठाकुर*
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