नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ, अररिया करेगा मानव श्रृंखला का बहिष्कार।

20 जनवरी तक वेतन मद की राशि आवंटित नहीं होने पर "बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ, अररिया" करेगा मानव श्रृंखला का बहिष्कार।


14 जनवरी 2018 मकर संक्रांति के दिन "बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ जिला इकाई-अररिया" की एक महत्वपूर्ण बैठक जिलाध्यक्ष प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में यादव कॉलेज अररिया के प्रांगण में आयोजित हुई। बैठक में जिला एवं प्रखंड स्तरीय संघीय पदधारकों ने भाग लिया।

              बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सरकार अगर 20 जनवरी तक लम्बित पांच माह का वेतन मद की राशि जिलों को आवंटित नहीं करती है तो संघ, सरकार की आगामी महत्वाकांक्षी कार्यक्रम "मानव श्रृंखला" से अलग रहेगी।

              बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष श्री प्रशांत कुमार ने कहा कि शिक्षक के सहयोग के बगैर समाज से कोई भी कुरीतियों को समाप्त नहीं किया जा सकता। शिक्षक निर्माणकर्त्ता भी है और मार्गदर्शक भी। इसलिए इनका सहयोग काफी महत्वपूर्ण है। जिलाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश जी खुद से जिस प्रकार समाज में शिक्षकों को अपमानित कर एक अशिष्ट समाज के निर्माण के जनक बने। आज उसी अशिष्टता का परिणाम है माननीय के काफिले पर हमला। यह छोटी सी घटना समाज के बदलते स्वरूप को दर्शाती है। समय रहते अगर शिक्षकों की खोयी प्रतिष्ठा को नहीं लौटाया गया तो आने वाले समय में स्थिति और भयावह हो सकती है। समाज अशिष्टता की प्रकाष्ठा को पार कर जायेंगे इसलिए जरुरत है समाज को शिष्टाचार में लाने की इसके लिए समाज में शिक्षकों का सम्मान जरुरी है उनकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करते हुए शिक्षकों से सिर्फ पठन-पाठन का कार्य लिया जाय। शिक्षक अपनी खोई प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त कर लेंगे। अन्यथा जो समाज अपने बच्चों के भविष्यनिर्माणकर्त्ता का अपमान कर सकते हैं वह किन्हीं का भी अपमान कर सकते हैं। इस सत्य को स्वीकारना होगा।
              जिलाध्यक्ष ने बताया कि दहेज़ प्रथा एवं बाल विवाह पर जब पहले से कानून बना हुआ है फिर इनपर मानव श्रृंखला बनाना राशि का दुरुपयोग नहीं कहें तो और क्या? सत्र समाप्त होने जा रहा है राज्य के दो करोड़ बच्चों को किताबें नहीं मिल पाई। शिक्षकों को पांच माह से वेतन नहीं मिला है। मगर विवेकहीन सरकार रोड पर एक दिन के संकल्प पाठशाला के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर क्या दर्शाना चाहती है पता नहीं? जरूरत है नयी पीढ़ी को रोज़ संकल्प दिलाने की जो शिक्षण संस्थानों में ही संभव है। यहां पर महत्व देने की जरूरत है। मगर सरकार के मुखिया अपनी महत्वाकांक्षा को महत्व दे रहे हैं। जो एक नये राजनीति को जन्म दे रहा है। इस तरह की राजनीतिक परिपाटी समाज एवं राष्ट्र के लिए घातक सिद्ध होगा। जरुरत है इन पर आवाज़ उठाने की। मगर आज की मिडिया सरकार की गुणगाण में लग जाती है। मिडिया को भी इस तरह की राजनीति पर आवाज़ उठानी चाहिए।

             जिला सचिव मो0 माजउद्दीन ने कहा कि सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर SLP के विरुद्ध संघ निर्णयाक रुप से लड़ेगी। माननीय सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है। राज्य संघ को आर्थिक मदद की जरूरत है। जिला संघ, जिले के तमाम शिक्षकों से सहयोग की अपेक्षा करती है।जिसपर अंतिम निर्णय अगली बैठक में ली जायेगी।

              बैठक में जिलाध्यक्ष, जिला सचिव के आलावे कई संघीय पदधारकों ने भाग लिया जिनमें मुख्य रूप से इमरान आलम, गंगा प्रसाद मुखिया, मगफूर आलम, अब्दुल रहमान, अफरोज आलम, रणजीत कुमार, साबिर आलम, आशिकुर्रहमान, राजेश पासवान, नवीन ठाकुर, कुमार रजनीश भारती, संतोष पासवान, नवीन चौधरी, अजय चौधरी, कुंदन यादव, अरबिन्द कुमार, रंजीत कुमार, विकास कुमार विश्वास, आशना शहजाद, कमरुजम्मा, खालिद हुसैन, अजमल हुसैन, नजीर अहमद, नौशाद आलम, रामानंद सिंह, इसराईल आलम, मारुफ आलम, ऋषि कुमार रजक, सीताराम रजक, अनुज कुमार, रंजन चौरसिया, मजहर आलम सहित दर्जनों शिक्षक उपस्थित थे।

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