पटना उच्च न्यायालय ने आज बिहार सरकार की ओर से 21 जनवरी को शराबबंदी और नशामुक्ति के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रस्तावित मानव श्रृंखला में स्कूली बच्चों को जबर्दस्ती शामिल होने के लिए बाध्य नहीं करने और यातायात बाधित नहीं होने से संबंधित शपथ दिये जाने के बाद कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए इजाजत दे दी।
उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और सुधीर कुमार सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को मानव श्रृंखला के दौरान बंद होने वाले मार्गों पर यातायात की वैकल्पिक व्यवस्था करने का आदेश सरकार को दिया है। खंडपीठ ने सरकार को कार्यक्रम के दौरान प्रभावित होने वाले मार्गों और वैकल्पिक मार्गों के संबंध में लोगों को जानकारी देने के लिए प्रचार-प्रसार करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने प्रस्तावित कार्यक्रम के दौरान किसी भी परिस्थिति में यातायात बाधित नहीं होने देने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे आम लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है ।
इससे पूर्व अदालत ने गुरूवार को राज्य के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक पी. के. ठाकुर को व्यक्तिगत रूप से खंडपीठ के समक्ष उपस्थित होकर मानव श्रृंखला में स्कूल बच्चों को शामिल करने के सरकार के आदेश के बारे में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया था। साथ ही अदालत ने 21 जनवरी को बिहार में राष्ट्रीय राजमार्गों पर पांच घंटे तक यातायात ठप करने के प्रधान सचिव के आदेश पर भी कड़ी आपत्ति जताई और कहा था कि मानव श्रृंखला निर्माण के दौरान यातायात बाधित होने से आमलोगों खासकर बीमार लोगों को काफी दिक्क्तें होंगी।
आप हमें आवाज़ दें, हम आपकी आवाज़ बनेंगें,उठें जागें और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करें। "" कुफ़्र की हकुमत चल सकती है लेकिन ज़ुल्म की नहीं "" ।। बिना चिंगारी के आग नहीं लग सकती ।।
शुक्रवार, जनवरी 20, 2017
कोर्ट ने दिया सशर्त मानव श्रृंखला निर्माण की हरी झणडी
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