Mustaqim Siddiqui
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वैशाली (बिहार) में शर्मा मिर्चा गाँव महुआ बाज़ार से 6 किलोमीटर की दूरी पर है, उसी गाँव का मुमताज़ आलम जो 2500 रूपया प्रतिमाह पर महुआ बाज़ार में एक कपड़े की दूकान पर काम करता था, उस गरीब परिवार की एक बेटी 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थी, दो महीने पूर्व गाँव के कुछ ज़िम्मेदार लोगों ने मुमताज़ आलम को बताया के दूसरे गाँव का एक बहुसंख्य समुदाय का लड़का जो अपराधिक पृष्ठभूमी से है एवं ऑटो चालक भी है उसकी बेटी के चक्कर में उसके घर के पास ऑटो रिक्शा लेकर अक्सर आता जाता है, एक गरीब और मजबूर पिता को यह बात सुन कर बहुत दुख हुआ और दुसरे दिन जब खुद अपनी नजरों से उसने देखा के उसकी बेटी के चक्कर में ऑटो चालक उसके घर के पास ऑटो लाकर खड़ा किया है एवं उसके घर की तरफ टकटकी लगाकर देख रहा है तो गुस्से में उसने ऑटो चालक को अपने घर के पास आने से मना किया और हल्ला हंगामा करके वहाँ से हटने पर मजबूर किया |
दूसरे दिन ऑटो चालक को उसी के समुदाय के लोगों ने आपसी कलह (रंजिश) में हत्या करके मुमताज़ आलम के घर के पीछे 300 फीट की दूरी पर एक झाड़ी में लाकर फेंक दिया, उसके शव को फेकने के आधे घंटे बाद बगल गाँव के लगभग 250 से 300 लोगों ने ऑटो चालक के शव को कंधे पर उठा कर जय श्री राम और जय बजरंगबली का नारा लगाते हुए मुमताज़ आलम के गाँव के मुस्लिम मोहल्ले पर हमला बोल दिया और उसी बीच मुमताज़ आलम की बेटी को श्री राम और बजरंग बली की फौज ने पकड़ कर सरेआम पूरे गाँव में नंगा घुमाया, सामूहिक रूप से उसके आबरू और इज्ज़त से खिलवाड़ किया |
सुशासन के नाम पर सत्ता पर बैठी नीतीश की संघी मानसिकता वाली पुलिस के सामने पुरे गाँव में एक नाबालिग लड़की को सरेआम नंगा घुमाया जाता रहा लेकिन मदद करने के बजाए महिला पुलिस के आने तक दर्शको के साथ भगवा रंग में रंगी पुलिस दर्शक बनी रही लेकिन हद तो तब हो गई जब बिहार पुलिस ने मुमताज़ आलम एवं उसकी बेटी को सुरक्षा देने के बजाए उन अपराधियों का साथ देते हुए
मुमताज़ आलम, मुमताज़ आलम के छोटे भाई, मुमताज़ आलम की दो बेटियों (जिसमे एक पीड़िता भी शामिल है) को हत्या के आरोप में गिरफतार करके हाजीपुर जेल भेज दिया और आज एक महीने से ज्यादा समय गुज़र जाने के बाद भी इस गाँव में ऐसा भय है कि कोई मुंह खोलने को तैयार नही है, डर और खौफ के कारण पीड़ित परिवार की मदद के लिए कोई आगे आने को तैयार नही |
आज इन्साफ इंडिया की ओर से मुमताज़ आलम से मिलने हाजीपुर जेल हमारे सहयोगी गये थे लेकिन जेल प्रशासन ने मुमताज़ आलम से मिलने नही दिया दोस्तों इन्साफ इंडिया इस मुद्दे को आपके सामने पेश कर आपसे मुमताज़ आलम के परिवार को इन्साफ दिलाने के लिए आवाजें बुलंद करने का अनुरोध कर रही है |
एक गरीब परिवार की लड़की की अस्मत के लुटेरों पर पूरा समाज , समाजिक संगठन , महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, मानवधिकार, जनप्रतिनिधी, पत्रकार , मीडीया संस्थान सभी खामोश हैं, आप से हम अनुरोध करते हैं के आप अपनी चुप्पी तोड़िये, नीतीश सरकार से सवाल पूछिए, मुस्लिम लीडरों से सवाल पूछिए, नीतीश सरकार के कसीदे पढ़ने वाले मुस्लिम उलमा से भी सवाल पूछिए कि जिसके इज्ज़त के साथ खिलवाड़ किया गया है उसे ही अपराधी क्यों बनाया गया है ?
- Mustaqim Siddiqui
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