प्रदेश अध्यक्ष पूरण कुमार ने बताया कि बिहार के दर्जनों जिला बाढ़ग्रस्त होने एवं सिर्फ चार दिन का विधानसभा का मानसून सत्र होने के कारण संघ द्वारा कोई कार्यक्रम नहीं करने का निर्णय लिया गया हॆ। साथ ही सेवा शर्त, ऎच्छिक स्थानान्तरण, अप्रशिक्षित शिक्षकों का एकमुश्त प्रशिक्षण, बेसिक ग्रेड से स्नातक ग्रेड में समायोजन, अप्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड पे,स्थानीय पदाधिकारी द्वारा शिक्षकों का आर्थिक शोषण ,जीविका द्वारा विद्यालय का निरीक्षण सहित मूलभूत समस्याओं के बावजूद शिक्षामंत्री द्वारा शिक्षारथ के माध्यम से बिहार भ्रमण का सभी जिला में विरोध करने का निर्णय लिया गया हॆ, जिसकी शुरुआत सुपॊल जिला से हो चुकी हॆ। शिक्षकों से अपील हॆ कि अन्य संगठन द्वारा किए गए कार्यक्रम का हिस्सा ना बनें।शिक्षक अपने-अपने प्रखंड इकाई के माध्यम से सम्मेलन सह सेमिनार का आयोजन कर एकजुटता का परिचय दें ताकि आने वाले दिनों में लाखों शिक्षकों की मॊजूदगी में विधानसभा का घेराव कर पूर्ण वेतनमान की मांग को जोरदार ढंग से रखा जाए ।
आप हमें आवाज़ दें, हम आपकी आवाज़ बनेंगें,उठें जागें और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करें। "" कुफ़्र की हकुमत चल सकती है लेकिन ज़ुल्म की नहीं "" ।। बिना चिंगारी के आग नहीं लग सकती ।।
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