बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि केँद्र सरकार समान नागरिक संहिता के लिए पहले सभी संप्रदायों से बात करे, सही से राय ले।इसका क्या प्रारूप होगा, क्या प्रस्ताव है, वह बताये।इसके बाद संसद व विभिन्न छेत्रों में बहस हो।तब जाकर जो निष्कर्ष निकलता है, वैसा किया जाए।
आप हमें आवाज़ दें, हम आपकी आवाज़ बनेंगें,उठें जागें और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करें। "" कुफ़्र की हकुमत चल सकती है लेकिन ज़ुल्म की नहीं "" ।। बिना चिंगारी के आग नहीं लग सकती ।।
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