झारखंड राज्य के कोडरमा जिले के सतगावां थानान्तर्गत टेहरो गांव के दलित प्रदीप चौधरी की पुलिस पिटाई के बाद मौत हो गई। इनकी गलती यह थी कि 13 मार्च को होली के दिन यह अपनी औकाद भूलकर सतगावां थाना के एक चौकीदार को रंग व गुलाल लगा दिया। ये भूल गए थे कि वर्दीधारी और आम जनता में धरती-आसमान का फर्क होता है, फिर वो डीजीपी हो या चौकीदार। रंग व गुलाल एक दलित के हाथों लगते ही मानो चौकीदार की इज्जत ही चली गयी, बस क्या था, साहब थाने से जाकर अपने साथियों को बुला लाए और तबतक पीटते रहे, जब तक अस्पताल में भर्ती लायक नहीं हो गए और अंततः आज प्रदीप चौधरी ने दम तोड़ दिया।
आप हमें आवाज़ दें, हम आपकी आवाज़ बनेंगें,उठें जागें और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करें। "" कुफ़्र की हकुमत चल सकती है लेकिन ज़ुल्म की नहीं "" ।। बिना चिंगारी के आग नहीं लग सकती ।।
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