परिहार प्रखंड के चार प्रखण्ड शिक्षकों का पंचायती राज पदाधिकारी परिहार ने प्रशासनिक दृष्टिकोण बता किया नियम विरुद्ध स्थानांतरण ,नियम विरुद्ध किए गए स्थानांतरण से क्षुब्ध शिक्षकों ने लगाई गुहार

परिहार प्रखंड के चार प्रखण्ड शिक्षकों का पंचायती राज पदाधिकारी परिहार ने प्रशासनिक दृष्टिकोण बता नियम विरुद्ध स्थानांतरण कर दिया गया है।नियम विरुद्ध किए गए स्थानांतरण से आहट चारों प्रखण्ड शिक्षकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी, सीतामढी को आवेदन दे नियम विरुद्ध किए गए स्थान्तरण को रद्द करने की गुहार लगाई है।
प्रखण्ड शिक्षक क्रमशः 1. श्री हरिश्चन्द्र ठाकुर , म०वि० मुजौलिया बाजार, 2. श्री रवि भूषण कुमार , म० वि० धनहा , 3. श्री कृष्ण कुमार , म0 वि0 लहुरिया हिन्दी, 4. मो0 रेहान रज़ा , म0 वि0 इंदरवा उर्दू में पदस्थापित हैं जिनका प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी - सह -  सचिव शिक्षक नियोजन इकाई परिहार ने अपने ज्ञापांक 110 दिनांक 24.12.2022  द्वारा म०वि० नरंगा में स्थानांतरण एवं  प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी परिहार के ज्ञापांक 797 दिनांक 27.12.2022 के द्वारा विरमित कर दिया गया है।

शिक्षकों ने दिए गए आवेदन में लिखा है कि बिहार पंचायत प्रा०शि० (नियोजन एवं सेवा शर्त) नियमावली 2006 एवं संशोधित नियमावली 2020 के अनुसार शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानांतरण का ही प्रावधान है। जबकि सचिव प्रखंड नियोजन इकाई -सह - प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी परिहार के द्वारा प्रशासनिक दृष्टिकोण बता अवैध रूप से स्थानांतरण कर दिया गया जो नियम विरुद्ध है। शिक्षकों ने कहा कि हम शिक्षकों ने ऐच्छिक स्थानांतरण हेतु अपना आवेदन नियोजन इकाई कार्यालय को सौंपा था और स्थानांतरण , सचिव शिक्षक नियोजन इकाई परिहार द्वारा प्रशासनिक दृष्टिकोण बता अवैध रूप से कर दिया गया जबकि हम शिक्षकों पर कोई आरोप नहीं है प्रशासनिक दृष्टिकोण से से तो आरोपित शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाता है ।प्रखण्ड पंचायती राज पदाधिकारी परिहार के इस कृत से शिक्षक मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं।

" बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल , प्रखंड इकाई परिहार के अध्यक्ष मो० फिरोज आलम ने कहा कि परिहार प्रखंड अंतर्गत  शिक्षकों का अवैध रूप से स्थानांतरण कर मानसिक व आर्थिक शोषण का खेल खेला जा रहा है। उक्त प्रकरण में संलिप्त पदाधिकारी और कर्मी द्वारा संबंधित शिक्षकों को वेतन बंद व विभागीय करवाई की धमकी दी जा रही है। वैसे पदाधिकारियों से अनुरोध किया है कि समय रहते हुए 05 जनवरी तक स्थानांतरण संबंधी पत्र को निरस्त करें अन्यथा की स्थिति में संघ 06 जनवरी को  मुख्यमंत्री बिहार को प्रतिवेदन देने के लिए बाध्य होगा ।"

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