देमा पंचायत का देमा गाँव का पूर्वी मुहल्लाह आजादी के 69 साल बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।जहाँ नीतीश सरकार के द्वारा हर घर जल ,नल,हर गली में पक्की सड़कें और नालीकरण की बातें की जा रहीं हैं वहीं आज भी देमा गाँव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क" पमड़ा से देमा " मार्ग का पक्कीकरण नही हो पाया है।इस मार्ग में ईट सोलिंग ही दिखाई पड़ रही है और ईंट सोलिंग भी ऐसा कि अगर पैदल भी सम्भल कर नही चलें तो पैड़ का टूटना तय ।यही वो मार्ग है जो अनुसूचित जाति मुहल्लाह को जोड़ने के साथ साथ पंचायत भवन और ग्राम कचहरी को भी जोड़ता है।जहाँ हर तरफ विभिन्न योजनाओं के तहत सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है जहाँ पहुँच पथ नही है वहाँ पहुँच पथ निर्माण की बातें की जा रही हैं वहीं देमा के इस मार्ग को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्तर्गत नहीं जोड़ा जाना सवाल पैदा करता है क्या इस मार्ग को इसलिए वंचित रखा गया क्योंकि ये मार्ग अल्पसंख्यक और अनुसूचित बस्ती को जोड़ता हैं ?
आप हमें आवाज़ दें, हम आपकी आवाज़ बनेंगें,उठें जागें और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करें। "" कुफ़्र की हकुमत चल सकती है लेकिन ज़ुल्म की नहीं "" ।। बिना चिंगारी के आग नहीं लग सकती ।।
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