एक बार आप मुहम्मद साहब(सल्ल्लाह अलैहे व सल्लम) किसी सफर में जा रहे थे एक ऐसे मक़ाम पर पड़ाव किया जहानं परपरिंदों ने अंडा दिया था एक आदमी ने वह अंडा उठा लिया, चिड़िया बेक़रार हो कर पर् मार रही थी आप मुहम्मद साहब(सलल्लह् अलैहे व सल्लम) ने फ़रमाया किस ने इसका अंडा छीन कर तकलीफ पहुँचाई है उन साहब ने कहा या रसूलल्लाह मुझ से यह हरहत हुइ है आप मुहम्मद साहब सल्ल्लाह अलैहे व सल्लम ने कहा अंडे को वहीँ रख दो।
आप हमें आवाज़ दें, हम आपकी आवाज़ बनेंगें,उठें जागें और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करें। "" कुफ़्र की हकुमत चल सकती है लेकिन ज़ुल्म की नहीं "" ।। बिना चिंगारी के आग नहीं लग सकती ।।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
-
BRP चयन हेतु आवेदन देने के पश्चात भी BRC परिहार से जिला कार्यालय को उपलब्ध कराई गई सूची में नाम दर्ज नही होने की शिकायत सेवानिवृत्त शिक्षक म...
-
सेवामे, अवर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग, बिहार सरकार आदरणीय महोदय, भोजन,वस्त्र,आवास के साथ साथ शिक्षा एवं स्वा...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें