सेवामे,
अवर मुख्य सचिव
शिक्षा विभाग,
बिहार सरकार
आदरणीय महोदय,
भोजन,वस्त्र,आवास के साथ साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य हमारी मौलिक आवश्यकता बन गई है, शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सबको शिक्षा एवं गुवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना सरकार की नैतिक जिम्मेवारी है, यद्यपि सरकार ने इस दिशा में रचनात्मक कार्य भी किया है,और सतत प्रयत्नशील भी रही है, अपेक्षित उपलब्धि में मिल रही है।
शिक्षा विभाग एक परिवार है,आप इस परिवार के मुखिया हैं, अपने अधीनस्थ शिक्षक कर्मचारी के सुविधा असुविधा कठिनाई परेशानी की सुधि लेना भी आपका दायित्व होना चाहिए,विभाग में एक दूसरे का सहयोग समर्थन आवश्यक है। विद्यालय में आनंदमय शिक्षा एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भयमुक्त वातावरण शिक्षक छात्र एवं अभिभावक का परस्पर रचनात्मक समन्वय, सहयोग आवश्यक है।
विद्यालय में आधारभूत संरचना, आवश्यक शिक्षण सामग्री,पाठयपुस्तक की उपलब्धता शिक्षको की नियमित उपस्थिति,नियमित वर्ग संचालन, बच्चो का सावधिक मूल्यांकन, हेतु विद्यालय का नियमित अनुश्रवण भी आवश्यक है,किंतु अनुश्रवण शैक्षिक रचनात्मक सहयोगात्मक होना चाहिए न कि शिक्षको को अन्यथा भयादोहन कर समाजाआर्थिक शोषण मानसिक उत्पीड़न एवं दंडात्मक नही होना चाहिए।
महोदय वीणा के तार की इतना नही घुमाइए की टूट जाय, और इतना ढीला भी न छोड़ा जाय की बेसुरा हो आवाज ही ना दे।
विभाग के आप सर्व प्रमुख सर्व शक्तिशाली मुखिया है, मानवीय दृष्टिकोण से अपने अधीनस्थ कर्मचारियों शिक्षको की समस्या को ससमय निदान भी कराया जाय। आज लाखो शिक्षक विभागीय समस्या से परेशान स्थानीय शिक्षा विभाग के पाधिकारी के कोपभजन का शिकार बना दंश झेल रहा है।
आज बीआरसी ,सीआरसी डीपीओ डीईओ कार्यालय में ताला लटका रहता है। शिक्षको के समस्या का निदान नहीं हो पाता है,जिससे शिक्षक दोहरे शोषण के शिकार हो रहे है।
आग्रह है शिक्षको के वेतन अंतर्वेतन बकाया वेतन जो वर्षो से beo डीपीओ deo लेवल पर अन्यथा बिना वजह वर्षो से लंबित पड़ा है, कृपया प्राथमिकता के आधार पर ससमय निष्पादन करने की कृपा की जाय।
अन्यथा शिक्षकी में असंतोष एवं आक्रोश व्याप्त है।
नागेंद्र कुमार पासवान
अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ सीतामढ़ी
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