एन एच 104 का ये पुल जो जमरा से पूर्व और कुम्मा से पश्चिम है साल हा साल से अपने बेबसी पर रो रहा है कभी भी इन पुलों को चालू हालात में नही देखा।वाहनों को डायवर्सन से ही गुज़ारना पड़ता है विकास के इस दौर में इन पुलों की हालत कब सुदृढ़ होगी भविष्य के गर्भ में है।
आप हमें आवाज़ दें, हम आपकी आवाज़ बनेंगें,उठें जागें और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करें। "" कुफ़्र की हकुमत चल सकती है लेकिन ज़ुल्म की नहीं "" ।। बिना चिंगारी के आग नहीं लग सकती ।।
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