अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर निर्वाचित सभी ततवा तांती जाति के निर्वाचित प्रतिनिधियो का निर्वाचन रद्द करने की माँग
नागेंद्र कुमार पासवान, संयोजक आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा सीतामढ़ी के द्वारा की गई है।उन्होंने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा सिविल अपील-18802/2017, डा भीम राव अम्बेडकर विचार मंच, बिहार बनाम राज्य सरकार एवं अन्य संबद्ध SLP(C) No. 18294 आशीष रजक बनाम राज्य सरकार एवं अन्य के मामले में दिनांक-15-07-2024 के संकल्प संख्या-9532, दिनांक- 01-07-2015 ko निरस्त करते हुए तांती (ततवा) जाति को अनुसूचित जाति कोटि से वापस करते हुए इसे मूल कोटि अत्यन्त पिछड़ा वर्ग कोटि मे शामिल करने का आदेश पारित कर दिया गया है।
पारित आदेश के आलोक में सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार पटना के पत्रांक 12679 दिनांक-09-08-2024 द्वारा तांती, ततवा जाति को अनुसूचित जाति कोटि से विलोपित कर अत्यन्त पिछड़ा वर्ग मे पुनरस्थापित किया गया है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के उक्त न्याय निर्णय मे यह भी निर्देश किया गया है कि अनु जाति के आरक्षित सीट पर पूर्व मे चयनित, निर्वाचित ततवा तांती जाति का चयन निर्वाचन रद्द कर सेवा समाप्त कर रिक्त आरक्षित सीट पर नये सिरे से अनुसूचित जाति के लिए अधिसूचित वर्गो का पुनः चयन, निर्वाचन की व्यवस्था सरकार करेगी।
किंतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गए न्याय निर्णय के लगभग 8 माह बाद भी बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग इस आदेश का अनुपालन करने मे विफल है। बिहार तृस्तरीय पंचायती चुनाव मे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर निर्वाचित ततवा/तांती जाति के प्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त कर निर्वाचन निरस्त कर पुनः रिक्त पदों के लिए संविधान मे अधिसूचित अनुसूचित जाति मूल का नये सिरे से निर्वाचन किया जाना है, किंतु बिहार सरकार की कथित उदासीनता, विभागीय लापरवाही, के कारण अभी तक सर्वोच्च न्यायालय के न्याय निर्णय का अनुपालन नही किया गया है जो, माननीय सर्वोच्च न्यायालय का अवमानना है।
श्री नागेंद्र कुमार पासवान, संयोजक आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा ने मुख्य मंत्री, मुख्य सचिव, विभागीय मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव पंचायती राज विभाग को पत्र लिखकर मांग किया है कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर निर्वाचित सभी ततवा तांती जाति के निर्वाचित प्रतिनिधियो का निर्वाचन रद्द करते हुए उसकी सदस्यता समाप्त किया जाय तथा रिक्त पद पर यथाशीघ् चुनाव कराया जाय।
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