सोमवार, फ़रवरी 20, 2017

कच्चे घरों के पक्के लोग, भूके मर रहे सच्चे लोग

""अब न सहेंगे अन्याय, जनता मांगे आर्थिक न्याय ""
देश में ग़रीबी और अमीरी का अन्तर भयावह स्थिति में है।जिसे सही नही कहा जा सकता अगर सरकार आर्थिक आधार पर नीतियों का निर्धारण नही करती है तो ग़रीबी में पैदा होने वाला आदमी ग़रीबी में ही मरता रहेगा।
जहाँ ग़रीबों की आबादी है वहाँ लोग बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित है, चलने के लिए अच्छी सड़क, ईलाज के लिए स्पताल, पढ़ाई के लिए अच्छा विद्यालय नही।आज सरकारी स्कूलों के लिए सरकार की जो नीति है वह यह है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सिर्फ अपना नाम लिखना आ जाये।सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा पर हमेशा नया नया प्रयोग कर शिक्षा को बर्बाद करती रहती है।आज से 20/25 साल पूर्व विद्यालय के खुलने का समय 10:30 और बन्द होने का समय 4:00 बजे था उस समय सरकारी स्कूलों में पढाई भी अच्छी होती थी और विद्यालय भी अपने निर्धारित समय पर खुलता और बन्द होता था आज विद्यालय के खुलने का समय 9:00 बजे और बन्द होने का 4:00 बजे है मगर न विद्यालय समय पर खुलता है और न ही समय पर बन्द होता है और न सही से पढाई ही होती है आखिर क्यों ? क्या इस के तह में जाने की ज़रूरत नही है  ?
जब विद्यालय के खुलने का समय 10:00 बजे था तो तब शिक्षक इत्मीनान से घर से भरपेट खाना खा कर विद्यालय जाते थे और मन लगा कर बच्चों को पढ़ाते थे आज विद्यालय के खुलने का समय 9:00 बजे है शिक्षकों को इत्मीनान नही विद्यालय पहुँचने की हड़- बड़ी है खाने का ठिकाना नही लिहाज़ा भूखे पेट विद्यालय पहुँचते हैं भूके पेट सिर्फ शिक्षक ही नही बच्चे भी पहुँचते हैं भूका शिक्षक बच्चों को किया ख़ाक पढ़ायेगा और भूका छात्र क्या पढ़ेगा ? इस दुनिया की सारी कोशिशें पेट भरने के लिए ही होती है और नीति निर्धारक यहीं ग़लती कर बैठते हैं और नीति निर्धारकों की ग़लती का खामियाजा औरों को भुगतना पड़ता है।

कच्चे घरों के पक्के लोग, भूखे मर रहे सच्चे लोग ।
देखो हक़ ग़रीबों का खा रहे,  उचक्के   लोग।।

शनिवार, फ़रवरी 18, 2017

आवासीय ज़मीन को भीठ/धनहर श्रेणी में दर्ज करने का आरोप

सीतामढ़ी प्रखंड परिहार थाना बेला थाना न० 79 इण्डो नेपाल सड़क निर्माण के लिए अधिगृहित भूमि को जिला भू - अर्जंन पदाधिकारी ने आवासीय जमीन को भीठ औऱ धनहर श्रेणी में दिखाया गया है जो भू धारी के साथ अन्याय है।
स्थल निरीक्षण कराकर मुआवजा दिलाने की माँग समाहर्ता सीतामढ़ी से की गई है।

शुक्रवार, फ़रवरी 17, 2017

तालिमी मरकज़ एसोसिएशन सीतामढ़ी का पुनर्गठन

16 फ़रवरी को तालिमी मरकज़ एसोसिएशन सीतामढ़ी का 21 सदस्य कमिटी का पुनर्गठन डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन एजाज़ कौसर नेहाल खान के ज़रिये अमल में आया है जो इस तरह है ।
1.एजाज़ कौसर नेहाल खान - चेयरमैन
2.नेक मोहम्मद अंसारी - सेक्रेटरी
3.मोहम्मद फ़ारूक़ अंसारी - वाईस-चेयरमैन
4.मोहम्मद कमरे आलम - वाईस-चेयरमैन
5.मोहम्मद इम्तेयाज़ अहमद- सेक्रेटरी जेनेरल
6.मोहम्मद अनवर - जॉइंट सेक्रेटरी
7.सगीर अंसारी - कोषाध्यक्ष
8.मोहम्मद मोसिम - कॉररेस्पोंडेंट
9.ग़ुलाम गॉस- कॉररेस्पोंडेंट
10.सनाउल्लाह कुरैसी - मीडिया इंचार्ज
11.रहमत अली -कॉडिनेटर
12.नेयाज अशरफ -एडवाइजर
13.मोहम्मद मुर्तुज़ा -
14.मोहम्मद मुर्तुज़ा -
15.मोहम्मद मनीर आलम
16.वाज़हुल कमर
17.सर्फे आलम
18.मोहम्मद यासीन
19.मोहम्मद हैदर अली
20.शाहिद अली अंसारी
21.हैदर अली

गुरुवार, फ़रवरी 16, 2017

14 अप्रैल अम्बेदकर ज्यंति-सह-मुख्यमंत्री सम्मान समारोह को सफल बनायें - ब्रह्मानंद दास

ब्रह्मानंद दास प्रदेश अध्यक्ष बिहार राज्य महादलित टोला सेवक संघ पटना बिहार ने
14 अप्रैल अम्बेदकर ज्यंति सह मुख्यमंत्री सम्मान समारोह को सफल बनाने के लिए  सभी टोला सेवक/तालिमी मरकज़ के साथियों से अपील किया है।उन्होंने तालिमी मरकज़ और उत्थान केन्द्रों के कर्मियों से कहा कि अपने-अपने जिला में संगठन को मजबूती प्रदान करें और जिस प्रकार हस्ताक्षर अभियान और शांति पूर्ण धरना को सफल किया उसी प्रकार 14 अप्रैल के कार्यक्रम को सफल बनायें, राज्य कमिटी आप तमाम टोला सेवक और तालिमी मरकज़ साथियों से ऐसा आशा रखती है।

बुधवार, फ़रवरी 15, 2017

Daily chingari चिंगारी چنگاری: आज़ादी के 69 साल बाद भी देमा पंचायत का देमा गाँव बुनियादी सुविधाओं से वंचित ,गाँव को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग का पक्की करण नहीं

Daily chingari चिंगारी چنگاری: आज़ादी के 69 साल बाद भी देमा पंचायत का देमा गाँव बुनियादी सुविधाओं से वंचित ,गाँव को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग का पक्की करण नहीं

बिहार के उर्दू विद्यालयों से जुमे की छुट्टी समाप्त करने की साजिश

बिहार के सभी सरकारी उर्दू विद्यालयों में शुक्रवार को छुट्टी रहती है लेकिन इधर कुछ दिनों से एक सोचे समझे मंसूबे के तहत इस छुट्टी को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।

कभी प्रखंड स्तर पर प्रधानअध्यापक और शिक्षकों की बैठक, कभी कृमि मुक्त अभियान और अब शुक्रवार के दिन वार्षिक मूल्यांकन की तिथि की घोषणा कर के शिक्षा विभाग यह साबित करना चाहता है कि उसके नज़दीक राज्यपाल के उस आदेश की भी कोई अहमियत नहीं है जिसमे न सिर्फ उर्दू विधालयों बल्कि सभी सरकारी विभाग के मुस्लिम कर्मचारियों को शुक्रवार की दिन अपराहन 12:30 से 2:30 तक जुमा की नमाज़ के लिए अनुमति प्रदान की गई है (देखिये सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी संकल्प पत्र संख्या 10298, दिनांक 20 जुलाई 2012).
बिहार शिक्षा परियोजना ने वार्षिक मूल्यांकन की जो समय सारणी जारी की है उसके अनुसार दिनांक 17 मार्च को शुक्रवार से ही परीक्षा शुरू होनी है. ऐसे में सभी उर्दू विधालय भी शुक्रवार के दिन खुले रखने होंगे. 24 मार्च को परीक्षा समाप्ति का दिन भी शुकवार ही है. शुक्रवार के दिन उर्दू स्कूलों को खुला रखने का आदेश शिक्षा विभाग की सांप्रदायिक निति को स्पष्ट करता है.जब की इस से पहले भी जुम्मा को अर्ध वार्शिक परीछा में उर्दू स्कूल को खुला रखा गया है। उर्दू के मोअल्लिम अकलियत प्राइमरी एजुकेशन एसोसिएशन के जिला सेक्रेटरी मास्टर मोहम्मद मोबीन अख्तर, नाराजगी का इजहार करते हुए कहा कि जुम्मा के दिन इम्तिहान लिया जाना न सिर्फ अकलियतों के हुकूक के खिलाफ वर्जि है बल्कि हुकूमत बिहार के फैसले कर भी मनाफी है। कारवानी उर्दू के जिला तर्जुमान अमानुल्लाह खालीद ने कहा कि जुम्मा का दिन सिर्फ उर्दू स्कूल में ही नहीं बल्कि मुसलमानों के लिए एक अहम दिन है इसी की वजह से हर एक सरकारी विभाग में 12:30 बजे से लेकर ढाई बजे तक मुसलमान कर्मचारियों को छुट्टी दी जाती है लेकिन यह एक सोची समझी साजिश के तहत इस छुट्टी को खत्म करने की सरकार की मंशा जाहिर हो रही है। जबकि करवाने उर्दू के जिला सेक्रेटरी मोहम्मद असजद अली ने कहा कि जो अपने आप अकलियतों की सरकार कहती है वही सरकार इस तरह के फैसले ले रहे हैं इससे आम मुसलमानों में हुकूमत के खिलाफ गलत रुझान जा रही है अगर इस तरह के फैसले वापस नहीं लिए गए तो हुकूमत के खिलाफ अकलियतों के दरमियान गलत मैसेज जाएंगे और मुझे उम्मीद है कि माननीय मुख्यमंत्री और बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री इस फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। 

मंगलवार, फ़रवरी 14, 2017

टोला सेवक और शिक्षा स्वयं सेवी का दो दिवसीय "" कमाल ""आधारित उन्मुखीकरण कार्यशाला सम्पन्न

प्रखण्ड संसाधन केँद्र परिहार सीतामढ़ी के सभा कक्ष में टोला सेवक और शिक्षा स्वयं सेवी केन्द्रों के सभी बच्चों के लिए पढ़ने-पढ़ाने, सिखने-सिखाने को लेकर प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन ने दो दिवसीय ग़ैर आवासीय "कमाल " आधारित उन्मुखीकरण कार्य शाला का आयोजन किया गया था जिस का आज समापन हुआ।" कमाल " कंबाइंड एक्टिविटीज फ़ॉर maximized के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का तरीका प्रथम संस्था के बी आर पी संतोष कुमार ने टोला सेवक और शिक्षा स्वयं सेवी प्रशिक्षुओं को दी।कार्यशाला समापन के समय के आर पी वीरेंद्र कुमार, लेखा समन्वयक दुःखा बैठा  प्रशिक्षण में महेंद्र साफी, लालू, पूनम कुमारी मोहम्मद कमरे आलम, हामिद अंसारी, नूरेन, उबैदुल्लाह, संतोष कुमार, रामबाबू ,सरफ़राज़,महबूब रेज़ा, असलम रेज़ा, मुस्तफा दर्ज़ी, ग़ुलाम समदानी, मोहम्मद हामिद, मुस्तफा अहमद,शाहीन परवीन, रिज़वाना खातून, बज़्मे आरा रोक्साना खातून, शहानी फात्मा,सफीना खातून, रुबीना तहसीन आदि कुल 38 प्रतिभागी मौजूद थे।