मंगलवार, मार्च 27, 2018

तालिमी मरकज़ में नियोजित सामाजिक तथा आर्थिक रूप से अत्यन्त पिछड़े मुस्लिम समुदाय(community) के सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवी को बहाल रखा जाए

तालिमी मरकज़ में नियोजित सामाजिक तथा आर्थिक रूप से अत्यन्त पिछड़े मुस्लिम समुदाय(community) के सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवी को बहाल रखा जाए


महाशय,
निवेदन पूर्वक कहना है कि आपके द्वारा वर्ष 2008 में बिहार के मुस्लिम समुदाय के आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक पिछड़ेपन को देखते हुए मुस्लिम समुदाय(community) के सभी बच्चों को प्रारम्भिक शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय(community) के प्रत्येक गाँव/टोला में वैकल्पिक तथा नवाचारी शिक्षा के अंतर्गत (मुस्लिम समुदाय के 06 से 10 वर्ष के बच्चों के लिए ग़ैर आवासीय सेतु कार्यक्रम ) तालिमी मरकज़  प्रारंभ किया गया था जिस में शिक्षा स्वयं सेवी के रूप में आर्थिक तथा सामाजिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय के सामान्य वर्ग के आवेदक का भी नियोजन किया गया था और इस आशय का मार्गदर्शिका भी तत्कालीन राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना द्वारा पत्रांक 1087 दिनांक 11.03.2008 और पत्रांक AIE/ 92/2008-09/5344 दिनांक 13.10.2008 निर्गत किया गया था निदेशक के पत्रांक और तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका के आलोक में सम्पूर्ण बिहार में अनेक्चर 1 में सम्मिलित मुस्लिम जातियों के साथ - साथ आर्थिक रूप से कमज़ोर अत्यन्त मुस्लिम समुदाय(community) के सामान्य कोटि के आवेदकों की बहाली शिक्षा स्वयं सेवक के पद पर की गई थी, परन्तु बाद के दिनों में 19/20 महीना बाद ""तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका"" में संशोधन कर उक्त योजना को सिर्फ मुस्लिम समुदाय के अनेक्चर - 1 जाति में सम्मिलित मुस्लिम के लिए आरक्षित कर दिया गया और पत्रांक TM/AIE/92/2008-09/3982 दिनांक 14.08.2009 के माध्यम से नया संशोधित तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका निर्गत कर दी गई।उक्त योजना का संचालन  09 दिसम्बर 2012 तक बिहार शिक्षा परियोजन परिषद पटना के अधीन था वर्तमान में यह योजना 10 दिसम्बर 2012 से जन शिक्षा, जन शिक्षा निदेशालय, शिक्षा विभाग बिहार पटना के अधीन संचालित किया जा रहा है और तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी से दलित महादलित अल्पसंख्यक एवं अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना से जोड़ कर कार्य लिया जा रहा है।
इधर जन शिक्षा निदेशालय द्वारा संशोधित मार्गदर्शिका को आधार बना कर शिक्षा स्वयं सेवी के रूप में नियोजित सामान्य वर्ग के निर्धन पिछड़े मुस्लिम को चयन मुक्त करने की बात की जा रही है और जिला सीतामढ़ी में बहाल निर्धन मुस्लिम समुदाय के कमजोर सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवियों से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी द्वारा स्पष्टीकरण की माँग कर चयन मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जो मुस्लिम समुदाय(community) के साथ अन्याय है। सच्चर कमिटी ने भी अपने रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि मुसलमानों की शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति दलितों से भी बदतर हो चुकी है यह टिपण्णी एंटायर मुसलमानों के लिए की गई है न कि अनेक्चर - 1 में सम्मिलित मुस्लिम के लिए मात्र। हक़ीक़त यह है कि सामान्य कोटि के मुसलमानों की हालत, स्थिति अनेक्चर - 1 में सम्मिलित मुस्लिमों से भी दयनीय, बदतर है और योजना का सही हक़दार सामान्य कोटि के सामाजिक, आर्थिक ,शैक्षणिक रूप से पिछड़े मुसलमान भी हैं।

       "" अंकनिय है कि उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग बिहार के संकल्प के मुख्य विंदू "2" शिक्षा के अवसर में स्पष्ट उल्लेख है कि उच्च जाति के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग सरकार के विद्यालय ,चर्चा केंद्र, प्रयास केंद्र, मकतब मदरसा ,नवाचारी केंद्र, तालिमी मरकज़ का लाभ ले सकते हैं।""
राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना के पत्रांक 5344 दिनांक 13/10/2008 के तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका में स्पष्ट था कि आर्थिक तथा सामाजिक रूप से अत्यंत पिछड़े मुस्लिम समुदाय (community)से शिक्षा स्वयं सेवी का चयन किया जाएगा।न की अत्यंत पिछड़े मुस्लिम वर्ग (category) से उसके बाद भी सभी चयनित शिक्षा स्वयं सेवियों से स्पष्टीकरण की माँग किया जाना अन्याय पूर्ण कार्रवाई है।
""
ऐसे ही एक मामले को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सुपौल ने पत्रांक 146 दिनांक17/07/2014 से तत्कालीन निदेशक जन शिक्षा बिहार पटना से मार्गदर्शन की माँग किये थे जिसके आलोक में तत्कालीन निदेशक जन शिक्षा ने अपने पत्रांक 1355 दिनांक 01/09/204 के द्वारा लिखा था कि तालिमी मरकज़ और उत्थान केन्द्र में शिक्षा स्वयं का नियोजन बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना द्वारा पूर्व में निर्गत मार्गदर्शिका के आधार पर करना था।शिक्षा स्वयं सेवियों के सम्बंध में संदर्भित मार्गदर्शिका में निर्देश था कि संबंधित समुदाय के शिशिक्षुओं की जाति के शिक्षा स्वयं सेवियों को प्राथमिकता दी जाय। ""यह मात्र प्राथमिकता है।"" पत्र में उन्होंने स्पष्ट उल्लेख किया है कि ज़िलों में इंटरमीडिएट योग्यता प्राप्त उम्मीदवार की अनुपलब्धता के कारण तत्कालीन निदेशक के पत्रांक 2336 दिनांक23/12/2014 द्वारा पूर्व की मार्गदर्शिका में विस्तार करते हुए इस आशय का पत्र निर्गत किया गया था कि इंटर मीडिएट उम्मीदवार नही मिलने की स्थिति में मौलवी योग्यता धारी का चयन शिक्षा स्वयं सेवी के रूप में किया जा सकता है एवं एकेडमिक रूप से योग्य उम्मीदवार नही मिलने की स्थिति में उस पंचायत के अधीन निकट टोला के योग्य उम्मीदवार का चयन किया जा सकता है।यह निर्देश शिक्षा स्वयं सेवियों की जातिगत योग्यता के सम्बंध में नही था।

अतः विनम्र निवेदन है कि तालिमी मरकज़ में नियोजित निर्धन सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवक को बहाल रखा जाय ।ज़िला सीतामढ़ी में शुरू किए गए स्पष्टीकरण चयन मुक्ति की प्रक्रिया पर त्वरित अंकुश लगाने का आदेश निर्गत करने की कृपा की जाए और ""तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका "" में संशोधन कर आरक्षित को अनारक्षित मुस्लिम किया जाय ताकि योजना का सही लाभ मुसलमानों को सही तरीके से आपकी मंशा के मुताबिक़ मिलता रहे और योजना का सही मक़सद परिलक्षित हो।

                                  विश्वास भाजन
                           मोहम्मद कमरे आलम
                               एकडण्डी, परिहार, सीतामढ़ी
                              पिन 843324               मोबाइल 9199320345
                                   mdqamarealam6@gmail.com

सोमवार, मार्च 19, 2018

प्रखण्ड परिहार के छात्र-छात्राओं को वित्तीय वर्ष 2015 -16 का छः महीने का बकया छात्र वृति की राशि आज तक नहीं मिली


प्रखण्ड परिहार सीतामढ़ी के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को वित्तीय वर्ष 2015 -16 का बकया छः महीने का छात्र वृति की राशि आज तक नहीं मिली ।मालूम हो कि 2015 -16 में विधानसभा चुनाव के अवसर पर सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को पोशाक और बारह महीने में से छः महीने की छात्र वृति राशि का भुगतान किया गया था और कहा गया था कि छह महीने की छात्र वृति की राशि बाद में दिया जाइएगा मगर परिहार प्रखंड को आजतक बकाया छः महीने की राशि आवंटित नही की गई और छात्रों को छात्र वृति से वंचित रखा गया जानकर का कहना है कि सीतामढ़ी के 17 प्रखण्डों को बकाया छः महीने की राशि आवंटित की गई मगर परिहार को वंचित कर दिया गया।

गुरुवार, मार्च 15, 2018

पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत ज़िला तालिमी मरकज़ संघ सीतामढ़ी ने अम्बेडकर स्थल पर दिया धरना

पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत ज़िला तालिमी मरकज़ संघ सीतामढ़ी ने अम्बेडकर स्थल पर शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय भुगतान बन्द कर दिए जाने के विरुद्ध एक दिवसीय  धरना ज़िला अध्यक्ष एजाज़ कौसर उर्फ नेहाल खान की अध्यक्षता में दिया।उन्होंने कहा कि बिना किसी कारण के निदेशक जन शिक्षा, पटना के मौखिक आदेश पर सामान्य कोटि के निर्धन शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय बन्द कर ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी ने शिक्षा स्वयं सेवियों के साथ अन्याय किया है वैसे भी ये मानव अधिकार का भी हनन है उन्होंने कहा कि अगर एक सप्ताह के अन्दर बकाया मानदेय का भुगतान नहीं किया जाता है तो संघ चरणबद्ध आन्दोलन,आमरण अनशन करेगी।धरना में लग - भग सभी शिक्षा स्वयं सेवी उपस्थित थे।

मंगलवार, मार्च 13, 2018

सीतामढ़ी तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय बन्द कर दिए जाने के विरोध में जिला तालिमी मरकज़ संघ सीतामढ़ी 15 मार्च को देगा धरना

सीतामढ़ी तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय बन्द कर दिए जाने के विरोध में जिला तालिमी मरकज़ संघ सीतामढ़ी 15 मार्च को एक दिवसीय धरना ज़िला साक्षरता कार्यालय के प्रांगण में देगा। संघ के उपाध्यक्ष मोहम्मद शाहिद रेज़ा ने अखबारी बयान जारी कर कहा है कि ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी ने बिना किसी सरकारी आदेश के तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय भुगतान बन्द कर दिया है।उन्होंने कहा है कि मानदेय भुगतान बन्द कर दिए जाने की बाबत हक़ीक़त जानना चाहा तो कोई ठोस जानकारी नहीं दी जाती है।उन्होंने आरोप लगाया है कि मानदेय भुगतान के एवज ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता, मुख्य कार्यक्रम समन्वयक और राज्य संसाधन समूह सीतामढ़ी पर मुँह माँगी रिश्वत माँगने का आरोप लगाया है उनका कहना है कि इनके कार्यकाल में हर तरह से अल्पसंख्यक समुदाय के मज़बूर शिक्षा स्वयं सेवियों को ह्रास व परेशान कर प्रताड़ित किया जा रहा है साथ ही आर्थिक शोषण किया जा रहा है।

पोस्ट ऑफिस परिहार में विगत दो वित्तीय वर्ष से दस रुपये का पोस्टल ऑर्डर उपलब्ध नहीं

परिहार पोस्ट ऑफिस से 10 रुपए का पोस्टल ऑर्डर नही मिल पा रहा है पोस्ट मास्टर का कहना है कि दो वित्तीय वर्ष से 10 रुपए का पोस्टल ऑर्डर मुख्य डाक घर सीतामढ़ी से उपलब्ध ही नहीं करवाया जा रहा है।


परिहार पोस्ट ऑफिस को 10 रुपयों का पोस्टल आर्डर उपलव्ध कराने की माँग मोहम्मद कमरे आलम ने डाक अधीक्षक सीतामढ़ी से ईमेल भेज कर की है।उन्होंने कहा है कि 10 रुपये के पोस्टल ऑर्डर की अनुपलब्धता के कारण दो रुपये का पोस्टल ऑर्डर लेना पड़ता है जिससे उपभोक्ता को परेशानी के साथ - साथ कमीशन भी अधिक चुकता करना पड़ता है।

शनिवार, मार्च 10, 2018

छात्र -छात्राओं को नही मिला पोशाक और छात्रवृति की राशि

छात्र -छात्राओं को नही मिला पोशाक और छात्रवृति की राशि


परिहार सीतामढ़ी।परिहार प्रखण्ड के प्राथमिक  और मध्य विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र - छात्राओं को आज तक वित्तीय वर्ष 2016 - 2017 ,2017 -2018 का पोशाक और छात्रवृति राशि उनके  खाते में /अभिभावकों के खाते में हस्तांतरित नही की गई है।
लेकिन अतिरिक्त प्रभार में प्रतिनियुक्त प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं हैं।

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गुरुवार, मार्च 08, 2018

मानदेय भुगतान की माँग

सेवा में,
ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी
विषय :- मानदेय भुगतान के सम्बंध में।
प्रसंग :- दिनांक 23.01.2017,18.02 2017,06.03.2017,04.06.2017 और दिनांक -06.09.2017 को प्रेषित आवेदन ।
महाशय,
निवेदन पूर्वक कहना है कि मैं तत्कालीन ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी के ज्ञापंक 228 दिनांक 11.07.2016के आलोक में शिक्षा स्वयं सेवक तालिमी मरकज़ के रूप में दिनांक11.07.2016 को संबंधित विद्यालय " प्राथमिक विद्यालय एकडण्डी उर्दू कन्या प्रखण्ड परिहार ज़िला सीतामढ़ी में योगदान कर नियमित रूप से कार्य कर रहा हूँ परन्तु अभी तक मान्यदेय का भुगतान नही किया गया है मान्यदेय भुगतान को लेकर मैं कई आवेदन श्रीमान को दे चुका हूँ परन्तु कार्रवाई आज तक आप के स्तर पर लम्बित है। मान्यदेय के अभाव में मैं मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहा हूँ।
अतः श्रीमान से अनुरोध है कि मेरा मान्यदेय भुगतान करने की कृपा करें।

विश्वास भाजन
मोहम्मद कमरे आलम
शिक्षा स्वयं सेवक
तालिमी मरकज़
प्राथमिक विद्यालय एकडण्डी उर्दू कन्या प्रखण्ड परिहार ज़िला सीतामढ़ी
पिन 843324
मोबाइल 9199320345

प्रति लिपि - निदेशक जन शिक्षा शिक्षा विभाग बिहार पटना को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित निवेदन है कि मानदेय भुगतान का आदेश जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी को देने की कृपा करें

मंगलवार, मार्च 06, 2018

उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग बिहार में, रिक्त पद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सदस्यों की बहाली की जाए -मोहम्मद कमरे आलम

उच्च जातियों के विकास के लिए बिहार सरकार ने 2015में उच्च जातियों के विकास के लिए राज्य आयोग बिहार का गठन किया था।बिहार सरकार ने डॉक्टर गोपाल प्रसाद सिन्हा को अध्यक्ष, मोहम्मद अब्बास उर्फ फरहत को उपाध्यक्ष, ई•नरेन्द्र नारायण सिंह, शुभाष चन्द्र सिंह और शशि भूषण मिश्र को सदस्य के रूप में नियुक्त किया था इनका कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद अभी तक उक्त सभी पद रिक्त है। मोहम्मद कमरे आलम ने बिहार सरकार से उक्त पदों पर नियुक्ति की माँग की है ताकि आयोग का लाभ कमज़ोर वर्ग के उच्च जातियों को प्राप्त हो सके।


उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग का गठन उच्च जातियों में शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के उच्च जातियों में से कमज़ोर लोगों को चिन्हित करने के लिए किया गया है।आयोग के संकल्प के मुख्य विंदू में ये हैं -
1.रोज़गार/स्वरोजगार उन्मुखीकरण कार्यक्रम : ●बिहार के पिछड़े हुए उच्च जाति वर्ग की आर्थिक शैक्षणिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लोगों का उत्थान किया जाय।उच्च जाति के आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति जिनके पास ना तो पर्याप्त कृषि जोत ज़मीन है और न ही उनके परिवार में कोई रोज़गार संसाधन है।राज्य सरकार से सहायता रोज़गार उन्मुखीकरण कार्यक्रम में उच्च जाति को शामिल करना आयोग का उद्देश्य है।
2.शिक्षा का अवसर :
●सामान्य वर्ग के उच्च जाति के बच्चे-बच्चियों के लिए वर्ग 1 से12वीं तक छात्र वृत्ति, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।इसके अलावा मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना 10वीं में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण सामान्य जाति की छात्राओं को 10,000 रुपये की राशि अनुमान्य है।
●सरकार के विद्यालयकिचर्चा केन्द्र, प्रयास केन्द्र, मकतब मदरसा, नवाचारी केन्द्र, तालिमी मरकज़ केन्द्रों का लाभ उच्च जाति के पिछड़े निर्धन व्यक्ति ले सकते हैं।हर प्रमंडल इंजिनियरिंग कॉलेज, शिक्षा में पॉलीटेक्निक तथा अनुमण्डल अंतर्गत ओधोगिक प्रशिक्षण संस्थान का लाभ वंचित वर्ग()उच्च जाति)प्राप्त कर सकते हैं।
3.स्वास्थ्य :-

●सामान्य वर्ग के निर्धन परिवार के सरकारी हॉस्पिटल में निःशुल्क अथवा कम पैसों में समुचित ईलाज की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।टीकाकरण हर परिवार हर बच्चें का बीमारी से बचाव जिस का लाभ उच्च वर्ग के सभी परिवार तथा बच्चें प्रप्त कर सकते हैं।
4.आवास एवं शौचालय :-
●सरकार द्वारा इंदिरा आवास योजना उच्च जातियों को भी मिलेगा।


लेख पढ़ने के बाद मुख्यमंत्री बिहार को उनके ईमेल cmbihar@nic.in
पर ज़रूर मेल करें ताकि हमारी आवाज़ सरकार के इवानों तक पहुँच जाए।