बुधवार, अगस्त 04, 2021

पक्का गली नाली निर्माण कार्य में अनियमितता ,सरकारी राशि का दुरुपयोग शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं

ग्राम पंचायत परिहार उत्तरी प्रखंड परिहार ज़िला सीतामढ़ी के वार्ड नं 05 में सात निश्चय योजना  अन्तर्गत पक्का गली - नाली पक्कीकरण कार्य किया गया है जिस में कनीय अभियंता की मिली भगत से प्राक्कलन के अनुरूप कार्य नहीं किया गया है ।सोलिंग में पुराने ईंट को उखाड़ कर पुनः उसी ईंट को लगाया गया है बाकी 3क्लास ईंट से सोलिंग की गई और ढलाई में लोकल बालू के साथ पीसीसी का मिश्रण भी प्राक्कलन के अनुसार नहीं बनाया गया,नाला निर्माण में भी सरिया प्राक्कलन के अनुरूप नहीं दिया गया है।ढलाई की मोटाई भी प्राक्कलन के मुताबिक नहीं की गई है।कार्य स्थल पर योजना से संबंधित सूचना पट  भी प्रदर्शित नहीं किया गया है।घटिया निर्माण कार्य के कारण बरसात का पानी रोड पर ही लगा रहता है।घटिया निर्माण कार्य कर सरकारी राशि का गबन किया गया है जो आर्थिक अपराध के श्रेणी में आता है।राशि निकासी के पश्चात भी आधा अधूरा कार्य किया गया है।पक्का गली नाली का कार्य मुख्य सड़क से लेकर वली अहमद के घर तक किया जाना था परन्तु नहीं किया गया गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य की कई बार शिकायत की गई मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई जब की प्रखण्ड विकास पदाधिकारी परिहार ने स्वंय स्थलीय जाँच किया था।  यही हाल सम्पूर्ण पंचायत का है।

सोमवार, अगस्त 02, 2021

महिला को गिरफ्तार करने के बाद पुलिसकर्मी ने दिखाया प्राइवेट पार्ट, दीं गालियां; वीडियो वायरल

लाहौर में एक पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है। इस पुलिसकर्मी ने एक महिला को गिरफ्तार करने के बाद उसे गालियां दी थीं और उसे प्राइवेट पार्ट दिखाया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो में शादबाग पुलिस स्टेशन पर तैनात ट्रेनी असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर महिला का अपमान करता दिखाई रहा है। जियो टीवी की वेबसाइट पर चल रही खबर के मुताबिक शुरुआती जांच के बाद डीआईजी साजिद कयानी ने पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया। 

सेवाएं खत्म, कानूनी कार्रवाई भी होगी
पंजाब पुलिस ने मामले की ताजा जानकारी टिवटर पर दी है। इसके मुताबिक पुलिसकर्मी को निलंबित करने के बाद उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। उसके खिलाफ यह कार्रवाई पंजाब आईजी इनाम गनी के आदेश पर की गई है। इस पुलिसकर्मी की सेवाएं समाप्त करने के साथ-साथ उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। पंजाब पुलिस ने कहा कि कानून की नजर में हर कोई अपराधी चाहे वह पुलिस कर्मचारी ही क्यों न हो। वहीं डीआईजी साजिद कयानी का कहना है कि नागरिकों का सम्मान किया जाना बहुत जरूरी है। किसी भी मामले में गलत आचरण बर्दाश्त नहीं होगा।

बुधवार, जनवरी 27, 2021

कोइरिया पिपरा के वार्ड नं 04 के लग- भग 250 व्यक्तियों का नाम पंचायत चुनाव मतदाता सूची 2021 में प्रकाशित नहीं, नाम जोड़ने का अनुरोध

परिहार प्रखंड अन्तर्गत कोइरिया पिपरा पंचायत के ग्राम कोइरिया पिपरा के वार्ड नं 04 के लग- भग 250 व्यक्तियों का नाम पंचायत चुनाव मतदाता सूची 2021 में प्रकाशित नहीं किया गया है ।
मतदाता सूची2021 में नाम प्रकाशित नहीं होने के कारण लोगों में काफी गुस्सा पाया जा रहा है।इतना ही नहीं जिन लोगों का नाम वार्ड 01 में था उनका नाम 02 में प्रकाशित कर दिया गया है ग्राम बारा के वार्ड नं 07 के मतदाताओं का नाम ग्राम कोइरिया पिपरा के वार्ड नं 04 में जोड़ दिया गया है वार्ड नं05 के मतदाताओं का नाम हटा कर वार्ड नं 06 में जोड़ दिया गया है वहीं वार्ड नं 04 के लग-भग 250 मतदाताओं का नाम सिरे से ही हटा दिया गया है इस सम्बंध में कोइरिया पिपरा पंचायत के पंचायत समिति सदस्य ठाकुर कुमुद रंजन सिंह ने प्रखंड निर्वाचन अधिकारी परिहार को आवेदन पत्र देकर पंचायत चुनाव मतदाता सूची-2021 में बरती गई अनियमितता का निराकरण कर पंचायत मतदाता सूची-2016 के आधार पर मतदाता सूची -2021 प्रकाशित करने एवं हटा दिए गए मतदाताओं का नाम पुनः जोड़ कर प्रकाशित करने का अनुरोध किया है।


बुधवार, जनवरी 13, 2021

बड़ी खबर : 18 जनवरी से नहीं खुलेंगे पहली से आंठवी तक के स्कूल, राज्य सरकार ने लिया फैसलाबड़ी खबर : 18 जनवरी से नहीं खुलेंगे पहली से आंठवी तक के स्कूल, राज्य सरकार ने लिया फैसला।

पहली से आंठवी तक के स्कूल 18 जनवरी से नहीं खुलने जा रहे हैं. राज्य सरकार ने पहले ये तय किया ता कि 18 जनवरी से जूनियर कक्षाओं को शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है. लेकिन अब इसे टाल दिया गया है. राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने ये जानकारी दी है.


इस महीने के आखिर में सरकार करेगी विचार 
बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि 25 जनवरी के आस-पास सरकार के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक होगी. इसी बैठक में जूनियर कक्षाओं के स्कूलों को खोलने पर विचार किया जायेगा. सारे पहलुओं को देख कर कोई फैसला लिया जायेगा. बिहार में 16 जनवरी से  कोरोना वैक्सीनेशन का काम शुरू होने जा रहा है. राज्य सरकार की पूरी मशीनरी वैक्सीनेशन में लगी होगी. लिहाजा ये तय हुआ कि वैक्सीनेशन के पहले चरण के बाद यानि 23 जनवरी से 25 जनवरी के बीच क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक की जाये जिसमें सारी बातों पर विचार के बाद क्लास एक से आठ तक के स्कूल खोलने पर फैसला लिया जायेगा.



गौरतलब है कि  कोरोना के कारण स्कूलों के लगातार 7 महीने तक बंद रहने के बाद राज्य सरकार ने दिसंबर महीने में ये फैसला लिया था कि 4 जनवरी से क्लास  नौ से 12 तक के स्कूलों के साथ कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को खोलने की मंजूरी दी जाये. उसी दौरान सरकार ने ये कहा था कि 9वीं से नीचे के क्लास को शुरू करने पर 18 जनवरी को फैसला लिया जायेगा. अगर सीनियर क्लास में सब कुछ ठीक रहा तो जूनियर क्लासों को शुरू करने की अनुमति दे दी जायेगी.



स्कूल नहीं आ रहे बच्चे
दरअसल राज्य सरकार ने देखा है कि 9वी से 12वीं तक का क्लास शुरू करने का आदेश देने के बाद भी बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि सीनियर स्कूलों को खोलने का आदेश देने के बाद सरकार ने 27 जिलों में हालात की जानकारी ली थी. सरकार को रिपोर्ट मिली कि 50 प्रतिशत बच्चों को ही स्कूल में बुलाने की शर्त के बावजूद बड़ी तादाद में बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं. सरकार ने ये पाया कि अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजनेv से डर रहे हैं. लिहाजा ये तय किया गया कि 18 जनवरी से जूनियर स्कूलों को खोलने के फैसले को फिलहाल स्थगित रखा जाये।

शुक्रवार, जनवरी 08, 2021

EWS सर्टिफिकेट बनाए

EWS सर्टिफिकेट बनाए

केंद्र और राज्य सरकार ने गरीब लोगो के लिये अलग से *10℅ EWS कैटेगरी* में *आरक्षण* दिया हैं, जिसे  *EWS (economically weaker section )* कैटेगरी कहा जाता हैं, जिसके लिये मुस्लिम समाज के *ज्यादातर लोग पात्र हैं* और *EWS* के हकदार हैं। ये आरक्षण हमारे  समाज के *आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन* को दूर करने में  मददगार साबित हो सकता है। लेकीन अफसोस के *EWS के 10%आरक्षण* को लेकर मुस्लिम समाज में जानकारी का बहुत ज्यादा *अभाव* है, इसलिये *EWS को लेकर *जागरूकता और प्रचार* करना जरुरी है और ये हम सब की जिम्मेदारी है !!!  
*पात्रता*
 जो मुस्लिम भाई सामान्य वर्ग से है (जनरल  कॅटेगरी से है) और जिनकी सालाना उत्पन्न  यानी *वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम हैं,* वह इस आरक्षण के लिये पात्र है!!!
*शैक्षणिक क्षेत्र में फायदा:-*
सभी शिक्षण संस्थओ मे सभी कोर्सेस के लिये *10% सीट्स EWS* कॅटेगरी के लिये आरक्षित है और *फीस मे भी सहूलियात मिलती हैं।*
 -11th ,12th
- diploma, graduation,
Post graduation
-BA, BSC, B.COM 
-D.ed, B.Ed
-Medical, pharmacy, nursing
-enginering, polytechnic,
-LLB
-ITI
etc...
*शासकीय नौकरियों में फायदा*
 गवर्नमेंट की हर नौकरी में *10% नौकरियां EWS कॅटेगरी* के लिये आरक्षित है।
   क्लास 4 से लेकर क्लास 1 गजेटेड
*(सिपाही से लेकर कलेक्टर )* तक की सभी नौकरियों में EWS  आरक्षण का लाभ मिल रहा है।
 *10% EWS आरक्षण* का लाभ लेने के लिये आपके पास
*EWS सर्टिफिकेट होना जरुरी है!!*
 महाराष्ट्र /मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़ /झारखण्ड/बिहार/उ0प्र0 मे EWS सर्टिफिकेट कैसे हासिल करें??
*EWS  सर्टिफिकेट तहसीलदार* के ऑफिस से मिलता है, आपको अपने तहसील के *सेतु सुविधा केन्द्र  च्वाइस सेन्टर या ई-सेवा केंद्र* से आवेदन करना पड़ेगा।
*आवश्यक दस्तावेज*
- *पालक/अभिभावक का वार्षिक उत्पन्न/ आय प्रमाणपत्र*
- *लाभार्थी का  आधार कार्ड*
-  *टी. सी. या निर्गम उतारा*/जन्म प्रमाणपत्र
 
*_नोट- EWS के 10% के लिहाज से लोगों को बतायें , और EWS certificate  बनाने मे लोगों की मदद करे,*

 *अवश्य पढे़ं और सभी मुसलमानों तक शेयर करें, महाराष्ट्र में 43 ITI मे 4300 जगह और 15 सरकारी पाॕलिटेक्निक मे 1800 जगह स्पेशल मायनाॕरिटी आरक्षित सेकंड शिफ्ट शुरु हो रही हैैं,*आप अपने प्रदेश में भी मांग कर सेकेंड शिफ्ट चालु या शुरू करवा सकते हैं!
अपनी क़ौम के बच्चों को कौशल विकास केन्द्र खोलकर टेक्नोलोजी में निपुण करें स्वास्थ एवं स्वच्छता/ड्राइवर/शार्ट हैंड /सेनेटरी इंस्पेक्टर/ कुकिंग शेफ /लांड्री सुपरवाइजर/आटोमोबाइल स्पेशलिस्ट/टेलरिंग कटर/सुरक्षा गार्ड/प्लम्बर/इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलोजी/इलेक्ट्रीकल टेक्नोलोजी/ब्युटीशियन/नर्सिंग स्टाफ/लैब टेक्नीशियन/जैसे कोर्स जिनके रोजगार हमेशा जरूरत पड़ती है शुरू करें 
अपने मदरसों/लंगर कमेटी/दरगाह कमेटी/यंग कमेटीयो को प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्र या मुख्यमंत्री कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में रजिस्ट्रेशन कराएं और शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं
अपने मोहल्ले में महिला स्व-सहायता समूह की स्थापना करें 7महिलाओ का ग्रुप को रोज़गार गारंटी योजना के अन्तर्गत जिला सहकारी बैंक में 50000/प्रति ग्रुप लोन लेकर महिलाओं को आर्थिक सहायता एवं स्वालमबी बनाएं


शनिवार, जनवरी 02, 2021

मिस्ड कॉल से ही हो जाएगा LPG सिलेंडर बुक करने का काम, अभी सेव करें ये नंबर

मिस्ड कॉल से ही हो जाएगा LPG सिलेंडर बुक करने का काम, अभी सेव करें ये नंबर

अब एलपीजी सिलेंडर (LPG Cylinder) बुक करने के लिए बस एक मिस्ड कॉल करना होगा. पहले की तरह गैस बुक करने के लिए बहुत देर तक कॉल पर इंतजार नहीं करना होगा. देश के किसी भी कोने से मिस्ड कॉल के जरिए गैस सिलेंडर बुक किया जा सकता है.



एक मिस्ड कॉल से ही गैस बुकिंग का काम हो जाएगा
इण्डेन गैस (Indane Gas) के ग्राहकों के लिए एलपीजी गैस सिलेंडर बुक करना अब एक मिस्ड कॉल दूर है. इंडियन ऑयल (Indian Oil) एलपीजी ग्राहक अब देश के किसी भी हिस्से बस एक मिस्ड कॉल करके अपना सिलेंडर बुक कर सकते हैं. मिस्ड कॉल के लिए इण्डेन द्वारा जारी किया गया नंबर - - 8454955555 -- है. शुक्रवार को इस बारे में एक आधिकारिक बयान जारी कर जानकारी दी गई. मिस्ड कॉल के जरिए गैस सिलेंडर बुक बेहद आसानी से हो सकेगा. पहले के लिए तरह अब ग्राहकों को लंबे समय तक कॉल होल्ड पर नहीं रखना होगा. साथ ही, मिस्ड कॉल के जरिए बुकिंग का एक फायदा यह भी है आईवीआरएस कॉल्स के तरह ग्राहकों को कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं देना होगा.

इस सुविधा से उन लोगों के लिए एलपीजी गैस बुक करना आसान हो जाएगा, जो IVRS कॉल में परेशानियों का सामना करते हैं. साथ ही बुजुर्ग लोगों के लिए भी एक सहूलियत मिल सकेगी. तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने शुक्रवार को भुवनेश्वर से मिस्ड कॉल फैसिलिटी को लॉन्च किया.

https://www.digistore24.com/redir/349538/mdqamrealam/

शुक्रवार, जनवरी 01, 2021

बिहार के 29 IAS अधिकारियों का तबादला, आमिर सुबहानी की जगह के सेंथिल नए गृह सचिव, चंद्रशेखर सिंह बने पटना DM

साल के अंतिम दिन सरकार ने ताबड़तोड़ प्रशासनिक फेरबदल किया है। आईपीएस अधिकारियों के साथ-साथ 29 आईएएस अधिकारियों का भी तबादला किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग में आईएएस अधिकारियों के तबादले से जुड़ी अधिसूचना देर रात जारी की है। 
इनमें 13 जिलों में नए डीएम बनाए गए हैं जबकि लंबे अरसे से गृह विभाग के प्रधान सचिव पद पर जमे आमिर सुबहानी को हटा दिया गया है। अब उनकी जगह के सेंथिल नए गृह सचिव बनाए गए हैं। 

4 कमिश्नरी के आयुक्तों का भी तबादला हुआ है। गृह विभाग के साथ-साथ आमिर सुबहानी को सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव पद से भी हटा दिया गया है उनकी जगह अब आईएस चंचल कुमार सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव बनाए गए हैं। पटना के डीएम कुमार रवि की जगह अब चंद्रशेखर सिंह नए जिलाधिकारी बनाए गए हैं।

अवनीश कुमार सिंह को जमुई का डीएम, प्रणब कुमार को मुजफ्फरपुर का डीएम बनाया गया है। जे प्रदर्शनी को अरवल, सज्जन आर को शिवहर, श्याम बिहारी मीणा को मधेपुरा, सुब्रत कुमार सेन को भागलपुर, नवदीप शुक्ला को कैमूर का डीएम बनाया गया है। नवल किशोर चौधरी को गोपालगंज, धर्मेंद्र कुमार को सासाराम, अमित कुमार को मधुबनी, दडी नीलेश रामचंद्र को सारण का डीएम बनाया गया है। इसके अलावा पंकज दीक्षित को तकनीकी निदेशक उद्योग विभाग, रवि शंकर चौधरी अपर सचिव स्वास्थ्य विभाग, वर्षा सिंह को वन विभाग के संयुक्त सचिव बनाया गया है।
Hey! getting into crypto has never been so easy, sign up on CoinSwitch Kuber using my referral. Hurry, first 3 users will get Rs. 50 worth FREE BTC. Link expires in 24 hours https://coinswitch.co/in/refer?tag=stgB

सोमवार, दिसंबर 28, 2020

700 रुपये का LPG Cylinder मिलेगा सिर्फ 200 में, जानिए ऑफर और कैसे उठाएं फायदा

Cashback Offer : 700 रुपये का LPG Cylinder मिलेगा सिर्फ 200 में, जानिए ऑफर और कैसे उठाएं फायदा


LPG Cylinder Booking Cashback Offer Paytm: अब आप पेटीएम (Paytm) से अपना एलपीजी सिलिंडर (LPG cylinder) बुक कर 500 रुपये तक का कैशबैक प्राप्त कर सकते हैं. देश के अधिकांश भागों में जहां एलपीजी सिलिंडर सब्सिडी के बाद 700 से 750 रुपये के बीच है, ऐसे में पेटीएम के खास कैशबैक का फायदा उठाकर आप 200 से 250 रुपये के खर्च पर HP, Indane, Bharat Gas एलपीजी सिलिंडर अपने घर पर पा सकते हैं. एलपीजी सिलिंडर पेटीएम से बुक करने पर 500 रुपये तक का कैशबैक  |


रविवार, दिसंबर 27, 2020

बीजेपी के कारण छोड़ना पड़ा नीतीश को जेडीयू अध्यक्ष का पद ?

JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने और आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद सौंपने का प्रस्ताव देकर अपने कई नेताओं को चौंका दिया. लेकिन नीतीश के करीबी माने जाने वाले कई नेता ये समझ रहे थे कि वो कौन सी मजबूरी थी जिसके कारण उनके नेता को ये फैसला लेना पड़ा. ये वही नीतीश थे जो पांच साल पहले शरद यादव को जबरन राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी से हटाकर खुद उस पर काबिज हो गये थे. अब मजबूरी ही सामने थी जिसके कारण उन्हें ये कुर्सी छोड़नी पड़ी.

बीजेपी ने कर दिया मजबूर
नीतीश के किचन कैबिनेट के मेंबर माने जाने वाले एक नेता ने हमें बताया. नीतीश जी इन दिनों कई दफे ये जिक्र कर चुके थे कि बीजेपी से बात करने में दिक्कत हो रही है. बिहार बीजेपी का कोई नेता बात करने के लिए अधिकृत है ही नहीं. बीजेपी में जिनके पास बात करने का अधिकार है वे सब दिल्ली बैठते हैं. कौन बार-बार दिल्ली जाकर उनसे बात करेगा.

दरअसल नीतीश अपने किचन कैबिनेट को ये संकेत दे रहे थे कि वे किसी व्यक्ति को अधिकार देंगे जो बीजेपी से अधिकृत तौर पर बात कर सके. 10 दिन पहले नीतीश कुमार जब अपनी पार्टी के दफ्तर में कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे तो इसका संकेत भी दे दिया था कि वो अधिकृत व्यक्ति कौन होगा. तब उनसे किसी कार्यकर्ता ने सवाल पूछा तो नीतीश ने कहा था-पार्टी में मेरे बाद तो आरसीपी बाबू ही हैं न. लोग समझ नहीं पाये लेकिन नीतीश की बातों से उसी दिन साफ हो गया था कि आरसीपी सिंह की ताजपोशी होने वाली है.

बेबस हो गये नीतीश
दरअसल बिहार में इस दफे के चुनाव परिणाम के बाद नीतीश मुख्यमंत्री तो बन गये लेकिन बीजेपी ने उन्हें पूरी तरह से बेबस कर दिया है. बिहार में सरकार बनने से पहले बीजेपी के नेताओं ने नीतीश कुमार से औपचारिक बात की थी. इसमें तय हुआ कि पहले चरण में छोटे मंत्रिमंडल को शपथ दिला दिया जाये. फिर 15 दिनों के अंदर ही मंत्रिमंडल का पूर्ण विस्तार कर लिया जाये. इसी बात पर नीतीश कुमार ने अपने सिर्फ पांच और बीजेपी ने अपने सात मंत्रियों को शपथ दिलायी. लेकिन 15 दिन कौन कहे सवा महीने बीत गये मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ.

नीतीश कुमार खुलकर कह चुके हैं कि बीजेपी ने उनसे मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई बात नहीं की है. इसके कारण ही मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पा रहा है. नीतीश सच बोल रहे हैं. बीजेपी के किसी अधिकृत नेता ने सरकार बनने के बाद उनसे कोई बात नहीं की है. नीतीश के इस बयान के बाद भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल सिर्फ इतना बोले कि सही समय पर मंत्रिमंडल विस्तार हो जायेगा. बीजेपी ने ये नहीं बताया कि आखिरकार मंत्रिमंडल विस्तार होगा कब.

भूपेंद्र यादव तक नहीं कर रहे नीतीश से बात
बिहार की सियासत को जानने वाले ये जानते हैं कि बिहार बीजेपी के सर्वेसर्वा भूपेंद्र यादव हैं. पार्टी और सरकार को लेकर सारे फैसले उनके ही लेवल पर होने हैं. अमित शाह हों या जेपी नड्डा उनके पास फिलहाल बंगाल से बाहर की बात सोंचने का वक्त कम ही है. लेकिन हद तो ये है कि भूपेंद्र यादव भी नीतीश कुमार को भाव नहीं दे रहे हैं. बिहार में सरकार बनने के बाद भूपेंद्र यादव ने भी नीतीश कुमार से कोई बात नहीं की है.

15 दिन पहले भूपेंद्र यादव बिहार आये. दो दिनों तक वे बिहार में रहे. अपनी पार्टी के नेताओं के साथ कई बैठकें की. वैशाली में मंथन शिविर हुआ, पटना में बैठक हुई. लेकिन भूपेंद्र यादव ने अपनी सहयोगी पार्टी जेडीयू के किसी नेता के साथ औपचारिक बातचीत कर हाल-चाल तक नहीं पूछा. उम्मीद जतायी जा रही थी कि भूपेंद्र यादव नीतीश कुमार से मिलेंगे. लेकिन वे जेडीयू का कोई नोटिस लिये बगैर दिल्ली रवाना हो गये. लिहाजा न मंत्रिमंडल विस्तार पर बात हो पायी और न बीजेपी-जेडीयू के बीच फंसे दूसरे मामले सुलझ पाये.

जानकार बताते हैं कि भूपेंद्र यादव ने सरकार में अपने नुमाइंदे यानि दोनों डिप्टी सीएम के जरिये नीतीश को ये मैसेज भिजवा दिया था कि वे चुनाव से पहले बीजेपी द्वारा किये गये वायदे को पूरा करने पर काम करें. लिहाजा सरकार गठन के 28 दिनों बाद कैबिनेट की पहली बैठक कर नीतीश कुमार को उन घोषणाओं को पूरा करने का सरकारी फैसला लेना पड़ा.

अरूणाचल मामले में भी नीतीश की फजीहत
अरूणाचल प्रदेश में बीजेपी ने जेडीयू के 6 विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया. दो सहयोगी पार्टियों के बीच ये मामला सियासी मर्यादाओं के खिलाफ था. लेकिन नीतीश चाह कर भी कुछ नहीं बोल पाये. जेडीयू में ऐसा कोई दूसरा अधिकृत नेता भी नहीं था जो बीजेपी की इस सीनाजोरी पर कुछ बोलता या फिर भाजपा के आला नेताओं से बात करता. लिहाजा जेडीयू की भारी फजीहत हुई. कांग्रेस-आरजेडी से लेकर दूसरी विपक्षी पार्टियों ने जमकर नीतीश का मजाक उड़ाया और उनके पास खामोश बैठने के अलावा कोई रास्ता नहीं था.

अब आरसीपी करेंगे बीजेपी को हैंडल
जेडीयू के जानकारों की मानें तो बीजेपी के सामने बेबस हो गये नीतीश को सिर्फ यही रास्ता सूझा कि पार्टी में एक ऐसे व्यक्ति को खड़ा किया जाये जो उन्हें फजीहत से बचा सके. जो बीजेपी के सेकेंड लाइन के नेताओं से बात कर सके. जो बीजेपी की ज्यादती पर बोल सके और नीतीश कुमार ये कह कर पल्ला झाड सकें कि पार्टी अलग है और सरकार अलग. इस भूमिका के लिए आरसीपी सिंह से बेहतर व्यक्ति कौन हो सकता था.

जेडीयू के नेता जानते हैं कि पिछले पांच सालों से आरसीपी सिंह ही संगठन चला रहे थे. कहने को बिहार में वशिष्ठ नारायण सिंह प्रदेश अध्यक्ष थे लेकिन सारे फैसले आरसीपी सिंह ही रहे थे. आरसीपी पहले से ही पार्टी अध्यक्ष के रोल में थे. अब उन्हें पार्टी अध्यक्ष का औपचारिक जिम्मा सौंपा गया है तो कारण सिर्फ इतना ही है कि वे अधिकृत तौर पर बीजेपी को हैंडल कर सकें.

शनिवार, दिसंबर 26, 2020

पंचायत चुनाव आम निवार्चन-2021 की तैयारियों की समीक्षा

आगामी पंचायत चुनाव आम निवार्चन-2021 की तैयारियों की समीक्षा वीसी के माध्यम से राज्य निर्वाचन आयुक्त बिहार की अध्यक्षता में की गई। जिसमें मतदाता सूची की तैयारी एवं संबंधित सभी कार्यों की समीक्षा की गई। पंचायत चुनाव आम निवार्चन-2021 के लिए वार्ड वार मतदाता सूची के विखंडीकरण का कार्य चल रहा है। इस बार पंचायत चुनाव आम निवार्चन-2021 ईवीएम के माध्यम से कराया जाना है। क्योंकि एक वार्ड में 8 पोस्ट का चुनाव होना है इसलिए मल्टी पोस्ट इलेक्ट्रॉनिकस वोटिंग मशीन से चुनाव होने हैं  जिसकी मूल रूप से समीक्षा की गई। पंचायत चुनाव को लेकर  कोविड-19 और नए सॉफ्टवेयर के प्रशिक्षण के लिए जिले से एक टीम को प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु पटना भेजा जा रहा है।

गुरुवार, दिसंबर 24, 2020

नियोजित शिक्षकों के लिए तैयार हो गया सॉफ्टवेयर, जानिये कब से करना होगा अप्लाई

 नियोजित शिक्षकों के लिए तैयार हो गया सॉफ्टवेयर, जानिये कब से करना होगा अप्लाई

 बिहार के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है. राज्य सरकार ने उनकी नयी सेवा शर्तों में ट्रांसफर की मंजूरी दी थी. अब शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है. इसी सॉफ्टवेयर के जरिये नियोजित शिक्षकों के ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी की जायेगी.*
*ऑनलाइन करना होगा अप्लाई*
*बिहार के प्राथमिक शिक्षा* *निदेशक डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि नियोजित शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए विभागीय कार्रवाई पूरी कर ली गई है. सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए जो नई सेवा शर्त नियमावली बनायी है उसनमें दिव्यांगों और महिलाओं का ट्रांसफर किया जाना है. वहीं, पुरुष शिक्षकों ट्रांसफर म्युचुअल आधार पर किया जाना है. यानि दो नियोजित शिक्षक आपस में एक-दूसरे के स्कूल में ट्रांसफर ले सकते हैं. शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है.*
*एक सप्ताह में तय होगा अप्लाई का डेट*
*प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने बताया कि इसी सॉफ्टवेर में शिक्षकों को अपने ट्रांसफर के लिए अप्लाई करना होगा. ट्रांसफर के लिए अप्लाई करने की प्रक्रिया कब से शुरू की जाये ये तय करने के लिए विभाग की कमेटी की बैठक एक सप्ताह में होने की उम्मीद है. 10 दिनों के अंदर बैठक कर पूरी प्रक्रिया को परख लिया जायेगा. अगर कोई परेशानी होगी तो उसे भी दूर कर लिया जायेगा. उसके बाद अप्लाई करने का डेट घोषित कर दिया जायेगा.*
*गौरतलब है कि बिहार में नियोजित शिक्षकों के ट्रांसफर का कोई प्रावधान नहीं था. इसके कारण एक लाख से ज्यादा शिक्षकों को भारी परेशानी झेलनी पड रही थी. सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं और दिव्यांग शिक्षकों को ही रही थी. इनकी तादाद लगभग डेढ लाख है. सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए नयी नियमावली में ट्रांसफर की मंजूरी दी है. इसके तहत महिलाओं और दिव्यांगों को अपने सेवाकाल में एक बार अंतर जिला और अंतर नियोजन इकाई ट्रांसफर किया जा सकता है. वहीं, पुरुष शिक्षकों के म्युचुअल ट्रांसफर का प्रावधान किया गया है. सरकार के एलान के बावजूद शिक्षा विभाग ने अब तक इसे अमल में नहीं लाया था. हालांकि अब विभाग कह अपनी तैयारी पूरी कर लेने की बात कह रहा है|
Hey! getting into crypto has never been so easy, sign up on CoinSwitch Kuber using my referral. Hurry, first 3 users will get Rs. 50 worth FREE BTC. Link expires in 24 hours https://coinswitch.co/in/refer?tag=stgB

मंगलवार, अगस्त 18, 2020

एल टी और एच टी वर्क में अनियमितता, नये कनेक्शन के नाम पर अवैध वसूली

परिहार प्रखंड अन्तर्ग ग्राम एकडण्डी सीतामढ़ी में HT और LT वर्क किया जा रहा है जिसमें पोल प्राक्कलन के अनुसार सही दूरी पर नहीं गाड़ा जा रहा है।जिस रूट में 15 से 20 उपभोक्ता है उस रूट में भी पोल नहीं दिया जा रहा है पोल गाड़ने के एवज में 1000 से 1500 रुपये की अवैध उगाही की जा रही है।इतना ही नहीं मनीष राउत
पिता कमलेश राउत ग्राम परिहार सीतामढ़ी , बिल कॉलेक्टिंग एजेंट द्वारा नया कनेक्शन दिलाने के नाम पर 2500 रुपये की अवैध वसूली की जा रही है । कनीय अभियंता विधुत परिहार सीतामढ़ी को जानकारी दी गई मगर इन के द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया ।
https://amzn.to/3h08cxh

बुधवार, जुलाई 15, 2020

गृह विभाग, बिहार सरकार द्वारा कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे बिहार में 16 जुलाई से 31 जुलाई तक लॉकडाउन

बिहार सरकार द्वारा कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे बिहार में 16 जुलाई से 31 जुलाई तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है। तदनुसार  गृह विभाग द्वारा निर्गत पत्र के आलोक में जिलाधिकारी  ने समाहरणालय में बैठक कर लॉक डाउन का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश वरीय अधिकारियों को  दिया है। यद्यपि कोविड-19 के रोकथाम हेतु गृह मंत्रालय भारत सरकार द्धारा 29 जून 2020 के  निर्गत पत्र को संदर्भित किया गया है।

लॉकडाउन की अवधि में निम्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है-
1/भारत सरकार के कार्यालय बंद रहेंगे।
अपवाद
रक्षा, केंद्रीय सैन्य पुलिस बल ट्रेजरी जनोपयोगी (पेट्रोलियम सीएनजी एलपीजी पीएनजी) आपदा प्रबंधन ,विद्युत उत्पादन एवं ट्रांसमिशन इकाई ,पोस्ट ऑफिस एनआईसी अर्ली वार्निंग एजेंसी।

2/राज्य सरकार के कार्यालय, इसकी स्वायत्त संस्थाएं, निगम आदि बंद रहेंगे।
अपवाद
क/ पुलिस होमगार्ड सिविल डिफेंस अग्नि एवं आपातकालीन सेवाएं आपदा प्रबंधन निर्वाचन एवं जेल।

ख/जिला प्रशासन एवं कोषागार आईटी सेवाएं , वेलट्रन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग।

ग/विद्युत ,जलापूर्ति, स्वच्छता, स्वास्थ्य, बाढ़ ,असैनिक आपूर्ति, जल संसाधन ,कृषि पशुपालन।

घ/म्युनिसिपल निकाय
 
ड़/वन विभाग के कार्यालय-चिड़ियाघर, नर्सरी, पार्क ,प्लांटेशन,वन्य जीव सुरक्षा, वन्यजीव अभयारण्य।

च/समाज कल्याण कार्यालय

क्रमांक संख्या क एवं ख कर्मियों की न्यूनतम संख्या के आधार पर कार्यालय चलेंगे वहीं दूसरी ओर अन्य कार्यालय में कार्यरत कर्मियों के 33% से अधिक की  उपस्थिति नहीं होगी। 

3/हॉस्पिटल एवं इससे संबंधित मेडिकल प्रतिष्ठान सरकारी/प्राइवेट खुले रहेंगे।

4/वाणिज्यिक एवं निजी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
अपवाद
क/दुकान, जन वितरण प्रणाली की दुकान, ग्रॉसरी ,फल ,सब्जी ,दूध, मिल्क बूथ ,मीट, मछली ,पशु चारा, कृषि इनपुट आदि।

ख/बैंक, बीमा ऑफिस ,एटीएम, आईटी सर्विस आदि।

ग/प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया।

घ/संचार, इंटरनेट सेवा, ब्रॉडकास्टिंग एवं केबल सर्विस, आईटी आदि।

ड़/  ई-कॉमर्स

च/पैट्रोल पंप ,एलपीजी पैट्रोलियम।

छ/विद्युत उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण इकाई एवं सेवा।

ज/कोल्ड स्टोरेज एवं वेयरहाउस सर्विस

झ/प्राइवेट सिक्योरिटी सर्विस

ट/आतिथ्य सेवाएं होटल/ मोटल/ लॉज।
 रेस्टोरेंट्स ढावा होम डिलीवरी के लिए खुलेंगे

ठ/मरम्मत एवं मेंटेनेंस गतिविधि- मोबाइल रिपेयर  ,मरम्मति से संबंधित दुकान।

      अन्य सभी प्रतिष्ठान वर्क फ्रॉम होम कार्य करेंगे।

5/औद्योगिक प्रतिष्ठान खुलेंगे

6/सभी ट्रांसपोर्ट सर्विस निलंबित रहेंगे।
अपवाद
वायु एवं रेल सेवा कार्यरत
सभी आवश्यक सेवा से संबंधित वाहन चलेंगे।
सभी सरकारी वाहन एवं प्राइवेट वाहन जो सरकारी कार्यालयों में कार्यरत हैं  चलेंगे।

7/सभी निर्माण गतिविधियां एवं उससे संबंधित दुकान चालू रहेंगे

8/सभी कृषि गतिविधियां एवं उससे जुड़े दुकान खुलेंगे।

9/सभी शैक्षणिक प्रशिक्षण शोध कोचिंग संस्थान आदि बंद रहेंगे। ऑनलाइन एवं दूरस्थ शिक्षा चालू रहेंगे।

 *10 सभी धर्मस्थल सार्वजनिक पूजा के लिए बंद रहेंगे। इन स्थलों पर कोई धार्मिक भीड़ इकट्ठा नहीं किया जा* *सकता* ।

11/सभी सामाजिक राजनीतिक खेल मनोरंजन एकेडमी सांस्कृतिक धार्मिक समारोह/जमाव पर प्रतिबंध है।........*
=================
                                                         
==================
*सजग रहे,सतर्क रहें,मास्क पहनकर ही बाहर निकले,सदैव सामाजिक दूरी का पालन करे,किसी भी प्रकार के लक्षण महसूस होने पर जिला प्रशसन के नंबर 06226...250316 पर सम्पर्क करें। हमेशा सरकार के दिशा निर्देशों का जरूर पालन करे। हम सब मिलकर ही कोरोना संक्रमण के चेन को रोक सकते है।*
==================
*# DPRO,sitamarhi*

शनिवार, जुलाई 11, 2020

मुख्यमंत्री गली नाली पक्कीकरण निश्चय योजनाओं में अनियमितता


ग्राम पंचायत परिहार उत्तरी प्रखंड परिहार ज़िला सीतामढ़ी के वार्ड नं 05 में सात निश्चय योजना के अन्तर्गत गली नाली पक्कीकरण कार्य किया गया है जिस में कनीय अभियंता की मिली भगत से प्राक्कलन के अनुरूप कार्य नहीं किया गया है ।सोलिंग में पुराने ईंट और ढलाई में लोकल सैंड,6mm सरिया का इस्तेमाल किया गया है।ढलाई की मोटाई भी प्राक्कलन के मुताबिक नहीं की गई है।कार्य स्थल पर योजना से संबंधित सूचना पट  भी प्रदर्शित नहीं किया गया है।घटिया निर्माण कार्य के कारण बरसात का पानी रोड पर ही लगा रहता है।घटिया निर्माण कार्य कर सरकारी राशि का गबन किया गया है जो आर्थिक अपराध के श्रेणी में आता है।राशि निकासी के पश्चात भी आधा अधूरा कार्य किया गया है यही हाल सम्पूर्ण पंचायत का है।

गुरुवार, जुलाई 02, 2020

बाहर से आये श्रमिक भाइयो को जिले में ही रोजगार उपलब्ध करवाने को लेकर जिला प्रशासन कृतसंकल्पित - ज़िला पदाधिकारी

 *211 श्रमिक भाइयो का डीआरसीसी के काउंसिलिंग सेटर में हुआ रजिस्ट्रेशन* 
   सीतामढ़ी। (मो अरमान अली)कोरोना महामारी संकटकाल में बाहर के प्रदेशो से आये सभी श्रमिक भाइयो को जिले में ही रोजगार उपलब्ध करवाने को लेकर जिला प्रशासन कृतसंकल्पित है।  नवप्रवर्तन योजना,क्लस्टर योजना,मनरेगा,जल-जीवन-हरियाली सहित केंद्र एवम राज्य सरकार की कई योजनाओ के तहत आप सभी को रोजगार उपलब्ध करवाने हेतू काफी तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है।उक्त बातें जिलाधिकारी ने डीआरसीसी में प्रवासी श्रमिक भाइयो के साथ आयोजित बैठक में कही।उन्होंने कहा कि आप लोगो के लिए डीआरसीसी में डिस्ट्रीक्ट लेवल काउंसिलिंग सेन्टर बनाया गया है।आप सभी इच्छुक श्रमिक भाइयो का रजिस्ट्रेशन भी करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी पंजीकृत श्रमिक भाइयो को इस सेन्टर में उनके रोजगार को लेकर उन्हें परामर्श भी दिया जाएगा,साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाकर उनके कौशल के हिसाब से उन्हें रोजगार भी उपलब्ध  करवाया जाएगा। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत भी प्रवासी श्रमिको को लाभान्वित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि लगभग 29 हजार श्रमिको का स्किल सर्वे किया गया है। आज 211  श्रमिको ने डीआरसीसी में अपना पंजीकरण करवाया। इनमें अधिकतर रेडीमेट गारमेंट्स ,सिलाई,कढ़ाई आदि में दक्ष है। कलाम हुसैन,सफी अहमद, मोहम्द चाँद, नूर मोहम्मद आदि काफी खुश नजर आ रहे थे।ख़लीलुजमा जो सूरत में रेडीमेट गारमेंट्स फैक्ट्री में जेनरल मैनेजर थे,उन्होंने कहा कि मैं अपना अनुभब एवम कौशल का उपयोग अब अपने ही जिले में करूंगा। गौरतलब हो कि उन्हें क्लस्टर में भी शामिल किया गया है।उन्होंने कहा कि अपनो के बीच अपने ही घर में काम करना काफी अच्छा लगेगा।उन्होंने कहा कि अब हमारा हुनर अपने ही राज्य के विकास में काम आएगा, इससे हमलोगों को खुशी के साथ गर्व भी होगा। इस अवसर पर डीडीसी प्रभात कुमार,निदेशक डीआरडीए,मुमुक्ष चौधरी,डीपीआरओ परिमल कुमार महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र,जिला नियोजन पदाधिकारी,रजिया इदरीसी,प्रबंधक डीआरसीसी पूनम पाल सहित कई अधिकारी एवम काफी संख्या में प्रवासी श्रमिक उपस्थित थे।

मंगलवार, जून 02, 2020

सीतामढ़ी में मिले नौ और कोरोना वायरस संक्रमित

सीतामढ़ी में मिले नौ और कोरोना वायरस संक्रमित

सीतामढ़ी में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. मंगलवार की रात सीतामढ़ी में 9 नए कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की पुष्टि हुई है. जिला प्रशासन ने बताया कि सीतामढ़ी में अब तक कुल 61 मामले सामने आए हैं.

डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को 9 और कोरोना वायरस के नए संक्रमण मामले आए हैं. यह सभी प्रवासी श्रमिक है जो सोनबरसा के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे थे. सभी कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें कोविड-19 हेल्थ केयर में भेज दिया गया है, जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनका इलाज किया जाएगा.
 
आपको बता दें कि सीतामढ़ी में जिला प्रशासन द्वारा अब तक कुल 61 मामलों की पुष्टि की गई है. इनमें से 20 लोग ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं, जबकि 39 लोगों का इलाज जारी है. अकेले मंगलवार को ही 12 लोग ठीक होकर अपने घर लौटे हैं तो वहीं 9 संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं और एक व्यक्ति की मौत भी हुई है. हालांकि राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़े और जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी में आंकड़ों का अंतर है.सीतामढ़ी में मिले नौ और कोरोना वायरस संक्रमित


सीतामढ़ी में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. मंगलवार की रात सीतामढ़ी में 9 नए कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की पुष्टि हुई है. जिला प्रशासन ने बताया कि सीतामढ़ी में अब तक कुल 61 मामले सामने आए हैं.

डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को 9 और कोरोना वायरस के नए संक्रमण मामले आए हैं. यह सभी प्रवासी श्रमिक है जो सोनबरसा के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे थे. सभी कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें कोविड-19 हेल्थ केयर में भेज दिया गया है, जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनका इलाज किया जाएगा.
 
आपको बता दें कि सीतामढ़ी में जिला प्रशासन द्वारा अब तक कुल 61 मामलों की पुष्टि की गई है. इनमें से 20 लोग ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं, जबकि 39 लोगों का इलाज जारी है. अकेले मंगलवार को ही 12 लोग ठीक होकर अपने घर लौटे हैं तो वहीं 9 संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं और एक व्यक्ति की मौत भी हुई है. हालांकि राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़े और जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी में आंकड़ों का अंतर है.
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1282457992126744&id=100010876661518

बुधवार, मई 27, 2020

कार्यकाल पूरा कर चुके प्रखण्ड बी आर पी संसाधन केन्द्र परिहार को विरमित कर विद्यालय भेजा जाए

प्रखण्ड परिहार सीतामढ़ी में प्रखण्ड संसाधन केन्द्र परिहार में वर्ष 2013 में चार बीर आर पी क्रमशः मोहम्मद हैदर अली अंसारी, कौशलेंद्र कुमार कर्मेंदु ,उमाशंकर और कैसर नोमानी का चयन पाँच वर्ष के लिए किया गया था । बी आर पी कैसर नोमानी का स्थानांतरण 2015 में रुन्नीसैदपुर हो गया वहीं मोहम्मद हैदर अली अंसारी और उमाशंकर का पदोन्नति प्रधानाध्यापक के पद पर वर्ष 2016 में हो जाने से बी आर पी का तीन पद रिक्त हो गया था रिक्त तीन पदों के विरुद्ध दो पदों पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ,सर्व शिक्षा अभियान सीतामढ़ी ने मोहम्मद मारूफ आलम (नियोजित शिक्षक) और मोहम्मद शमीम अंसारी का मनोनयन बी आर पी के पद पर कर दिया ।
BRP का चयन पाँच वर्ष के लिए ही किये जाने का प्रावधान था चयन वर्ष 2013 में हुआ जिस का कार्यकाल 2018 में ही पूर्ण हो चुका है।

कार्यकाल पूर्ण होने के बावजूद BRP से कार्य लिया जा रहा है जबकि कई बार राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना ने पत्र निकाल कर कार्यकाल पूर्ण कर चुके BRP को कार्यमुक्त कर मूल विद्यालय में योगदान कराने का आदेश दिया था परन्तु आदेश का अनुपालन अभी तक नहीं हो पाया है।
मोहम्मद नौशाद आलम शिक्षक मध्य विद्यालय मसहा परिहार ने समाहर्ता सीतामढ़ी ,ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान सीतामढ़ी और जिला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी को लिखित आवेदन देकर कार्यकाल पूरा कर चुके BRP को हटाने और नए BRP को योगदान कराने की माँग अगस्त 2019 में ही की थी जिस पर कार्रवाई अभी तक लम्बित है।
मालूम हो कि राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना ने पत्रांक 4282 दिनांक 13.08.2018 को नव चयनित BRP की सूची ज़िला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान को भेज कर नव चयनित BRP को योगदान करा पूर्व BRP को विरमित कर मूल पदस्थापित विद्यालय में भेजने का आदेश दिया था साथ ही रिक्ति की सूची संलग्न प्रपत्र के माध्यम से माँग की थी परन्तु सीतामढ़ी ज़िला में नव चयनित BRP का योगदान कराया ही नहीं गया।
          अंकनीय है कि पदोन्नति और स्थानांतरण से हुए रिक्त BRP पदों पर जिन शिक्षकों को मनोनित किया गया वह BRP के वांछित योग्यता को भी पूर्ण नहीं करते हैं। वर्ष 2013 में BRP के पदों पर चयन हेतू स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक ज़िला संवर्ग का होना आवश्यक था परन्तू पदोन्नति से हुए रिक्त पदों पर जिन शिक्षकों को BRP के पद पर मनोनीत किया गया उसमें मोहम्मद शमीम अंसारी स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक नहीं हैं तो दूसरी ओर मोहम्मद मारूफ आलम स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक नहीं होने के साथ ही नियोजित शिक्षक हैं फिर भी तमाम नियमों को ताक पर रख गलत तरीके से BRP के पदों पर मनोनीत किया गया। राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना के निर्गत पत्रांक Quality/ EFE/332/2015 - 2016 दिनांक 18/08/2018 में स्पष्ट उल्लेख है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी, ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी या प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा BRP/CRCC के चयन सम्बंधी मार्गदर्शिका 2017 के प्रतिकुल निकाला गया कोई भी आदेश तत्काल प्रभाव से निष्प्रभावी होगा
Hey! getting into crypto has never been so easy, sign up on CoinSwitch Kuber using my referral. Hurry, first 3 users will get Rs. 50 worth FREE BTC. Link expires in 24 hours https://coinswitch.co/in/refer?tag=stgB

बुधवार, अप्रैल 25, 2018

डॉक्टर कफ़ील रातोंरात हीरो से विलेन बना दिए गए और फिर भुला दिए गए। हम उन्हें इंसाफ़ दिला सकें या नहीं, कम से कम उनकी चिट्ठी तो पढ़ ही सकते हैं। जेल में बंद डॉ. कफ़ील अहमद खान का का ख़त

डॉक्टर कफ़ील रातोंरात हीरो से विलेन बना दिए गए और फिर भुला दिए गए। हम उन्हें इंसाफ़ दिला सकें या नहीं, कम से कम उनकी चिट्ठी तो पढ़ ही सकते हैं।


जेल में बंद डॉ. कफ़ील अहमद खान का का ख़त

( दस अगस्त 2017 को बीआरडी मेडिकल कालेज  गोरखपुर में हुए आक्सीजन कांड में बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग के प्रवक्ता एवं एनएचएम के नोडल प्रभारी रहे डॉ. कफील अहमद खान को दो सितम्बर 2017 को गिरफ्तार किया गया था. वह सात महीने से अधिक समय से जेल में बंद हैं. डॉ. कफ़ील के खिलाफ पुलिस ने 409, 308, 120 बी आईपीसी के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है.  उनकी जमानत गोरखपुर के विशेष न्यायाधीश (प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट )- 3 की अदालत से खारिज हो चुकी है. अब उनकी जमानत याचिका हाईकोर्ट में है. डॉ. कफील की पत्नी डॉ. शबिस्ता खान का कहना है कि उनके पति दिल के मरीज हैं लेकिन उनका ठीक से इलाज नहीं कराया जा रहा है. उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि उनके पति को एक षडयंत्र के तहत चिकित्सा सुविधा न देकर जान से मार डालने की साजिश की जा रही है. डॉ. कफ़ील की पत्नी डॉ.  शबिस्ता खान और भाई अदील अहमद खान आदिल खान ने 21 अप्रैल को नई दिल्ली में मीडिया के सामने अपनी बात रखी. डॉ. शबिस्ता खान ने डॉ. कफ़ील द्वारा 17 अप्रैल को जेल से लिखा एक पत्र भी जारी किया जिसमे डॉ. कफ़ील ने 10 अगस्त की रात के घटना क्रम और अपने द्वारा बच्चों की जान बचाने के लिए किये गए प्रयास की चर्चा की है. साथ ही जेल में दी जा रही यातना का भी जिक्र किया है. अंग्रेजी में लिखे इस पत्र को हम हिंदी में अनुवाद कर यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं. पत्र का हिंदी में अनुवाद उमा राग और गीतेश सिंह ने किया है. सं.)

बिना बेल 8 महीने से जेल, क्या मैं वाकई कुसूरवार हूँ ?

सलाखों के पीछे इन 8 महीनों की न-काबिले बर्दाश्त यातना, बेइज्ज़ती के बावजूद आज भी वो एक एक दृश्य मेरी आँखों के सामने उतना ही ताज़ा है जैसे यह सब कुछ ठीक यहाँ अभी मेरी आँखों के सामने घटित हो रहा हो. कभी कभी मैं ख़ुद से यह सवाल करता हूँ कि क्या वाकई मैं कुसूरवार हूँ ? और मेरे दिल की गहराइयों से जो जवाब फूटता है वह होता है- नहीं! बिलकुल नहीं !

मेरे भाग्य में लिखे उस 10 अगस्त की रात को जैसे ही मुझे वह व्हाट्स एप सन्देश मिला तो मैंने वही किया जो एक डॉक्टर को, एक पिता को, एक ज़िम्मेदार नागरिक को करना चाहिए था. मैंने हर उस ज़िन्दगी को बचाने की कोशिश की जो अचानक लिक्विड ऑक्सीजन  की सप्लाई रुक जाने के कारण ख़तरे में अया गयी थी. मैंने अपना हर वो संभव प्रयास किया जो मैं उन मासूम बच्चों की जिंदगियों को बचाने के लिए कर सकता था.

मैंने पागलों की तरह सबको फ़ोन किया, गिड़गिड़ाया, बात की, यहाँ-वहाँ भागा, गाड़ी चलाई, आदेश दिया, चीखा-चिल्लाया, सांत्वना दी, खर्च किया, उधार लिया, रोया, मैंने वो सब कुछ किया जो इंसानी रूप से किया जाना संभव था .

मैंने अपने संस्थान के विभागाध्यक्ष को फ़ोन किया. सहकर्मियों, बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य, एक्टिंग प्राचार्य, गोरखपुर के डीएम, गोरखपुर के स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल डायरेक्टर, गोरखपुर के सीएमएस/एसआईसी, बीआरडी मेडिकल कालेज के सीएमएस/एसआईसी को फ़ोन किया और अचानक लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई रुक जाने के कारण पैदा हुई गंभीर स्थिति के बारे में सबको अवगत करवाया और यह भी बताया की किस तरह से ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने से नन्हें बच्चों की जिंदगियां खतरे में हैं. (मेरे पास की गयी उन सभी फ़ोन कॉल के रिकॉर्ड मौजूद हैं )

सैकड़ों मासूम बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए मैंने मोदी गैस, बाला जी, इम्पीरियल गैस, मयूर गैस एजेंसी से जम्बो आक्सीजन सिलिंडर्स मांगे. आस-पास के सभी अस्पतालों के फ़ोन नम्बर इकठ्ठे किये और उनसे जम्बो आक्सीजन सिलिंडर्स की गुज़ारिश की.

मैंने उन्हें नकद में कुछ भुगतान किया और उन्हें विश्वास दिलाया की बाकी की राशि डिलीवरी के समय दे दी जाएगी. हमने प्रतिदिन के हिसाब से 250 सिलेंडरों की व्यवस्था की जब तक कि लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो गयी. एक जंबो सिलिंडर की कीमत रु. 216 थी.

हॉस्पिटल में एक क्यूबिकल से दूसरे क्यूबिकल, वार्ड 100 से वार्ड 12, इमरजेंसी वार्ड, जहाँ ऑक्सीजन सप्लाई होनी थी उस पॉइंट से लेकर वहीँ तक जहाँ उसकी डिलीवरी होनी थी, मैं दौड़-भाग करता रहा ताकि बिना किसी दिक्कत के ऑक्सीजन की सप्लाई बनी रह सके.
बीआरडी मेडिकल कालेज

अपनी गाड़ी से मैं आस-पास के अस्पतालों से सिलिंडर्स लेने गया. लेकिन जब मुझे अहसास हुआ कि यह प्रयास भी अपर्याप्त है तब मैं एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) गया और उसके डीआईजी से मिला और सिलेंडरों की कमी की वजह से उत्पन्न हुई आपद स्थिति के बारे में बताया. उन्होंने तुरंत स्थिति को समझा और सहयोग किया. उन्होंने जल्द ही सैनिकों के एक समूह और एक बड़े ट्रक की व्यवस्था की जिससे कि बीआरडी मेडिकल कालेज में खाली पड़े सिलिंडरों को गैस एजेंसी तक जल्द से जल्द लाया जा सके और फिर उन्हें भरवाकर वापस बीआरडी  पहुंचाया जा सके. उन्होंने 48 घंटों तक यह काम किया.

उनके इस हौसले से हमें हौसला मिला. मैं एसएसबी को सलाम करता हूँ और उनकी इस मदद के लिए उनका आभारी हूँ. जय हिन्द .

मैंने अपने सभी जूनियर और सीनियर डाक्टरों से बात की, अपने स्टाफ को परेशान न होने के निर्देश दिए और कहा कि हिम्मत न हारें, और परेशान बेबस माता-पिताओं पर क्रोध न करें. कोई छुट्टी या ब्रेक न लें. हमें बच्चों की जिंदगियां बचाने के लिए एक टीम की तरह काम करना होगा.

मैंने उन बेहाल माता-पिताओं को ढांढस बंधाया जो अपने बच्चों को गँवा चुके थे. उन माता-पिताओं को समझाया जो अपने बच्चों को खो देने के कारण क्रोधित थे. वहाँ स्थिति बहुत तनावपूर्ण थी. मैंने उन्हें बताया कि लिक्विड ऑक्सीजन खत्म हो गया है पर हम जम्बो सिलिंडरों की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं.

मैं कई लोगों पर चीखा-चिल्लाया ताकि लोग अन्य सब बातों से ध्यान हटाकर बच्चों की जिंदगियों को बचाने में ध्यान केन्द्रित करें. मैं ही नहीं बल्कि मेरी टीम के कई लोग उस स्थिति में यह देखकर रो दिए कि किस तरह से प्रशासन की लापरवाही से गैस सप्लायर्स को पैसे न मिलने के कारण आज यह आपद स्थिति पैदा हो गयी जिसकी वजह से इतनी सारी मासूम जिंदगियां दांव पर लग गयी हैं. हम लोगों ने अपनी इन कोशिशों को तब तक जारी रखा जब तक 13/8/17 को सुबह 1:30 बजे लिक्विड ऑक्सीजन टैंक अस्पताल में पहुँच नहीं गया.

मेरी ज़िन्दगी में उथल-पुथल उस वक्त शुरू हुई जब 13/8/17 की सुबह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी महाराज अस्पताल पहुंचें. और उन्होंने कहा – “ तो तुम हो डॉक्टर कफ़ील जिसने सिलिंडर्स की व्यवस्था की. मैंने कहा –“ हाँ सर ”. वो नाराज़ हो गए और कहने लगे “तुम्हें लगता है कि सिलिंडरों की व्यवस्था कर देने से तुम हीरो बन गए, मैं देखता हूँ इसे .”

योगी जी नाराज़ थे क्योंकि यह ख़बर किसी तरह मीडिया तक पहुँच गयी थी, लेकिन मैं अपने अल्लाह की कसम खाकर कहता हूँ कि मैंने उस रात तक इस सम्बन्ध में किसी मीडिया कर्मी से कोई बात नहीं की थी. मीडियाकर्मी पहले से ही उस रात वहाँ मौजूद थे.

इसके बाद पुलिस ने हमारे घरों पर आना शुरू कर दिया, हम पर चीखना-चिल्लाना, धमकी देना, मेरे परिवार को डराना. कुछ लोगों ने हमें यह चेतावनी भी दी कि मुझे एनकाउंटर में मार दिया जायेगा. मेरा परिवार, मेरी माँ, मेरी बीवी, बच्चे सब किस कदर डरे हुए थे इसे बयान करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं.

अपने परिवार को इस दुःख और अपमान से उबारने के लिए मैंने सरेंडर कर दिया, यह सोचकर कि जब मैंने कुछ ग़लत नहीं किया है तो मुझे न्याय ज़रूर मिलेगा.

पर कई दिन, हफ्ते और महीने बीत चुके हैं. अगस्त 2017 से अप्रैल 2018 आ गयी, दीवाली आई, दशहरा आया, क्रिसमस आया, नया साल आया, होली आई, हर तारीख़ पर मुझे लगता था कि शायद मुझे बेल मिल जाएगी. और तब मुझे अहसास हुआ कि न्याय प्रक्रिया भी दबाव में काम कर रही है (वो ख़ुद भी यही महसूस करते हैं)

150 से भी ज़्यादा कैदियों के साथ एक तंग बैरक में फ़र्श पर सोते हुए जहाँ रात में लाखों मच्छर और दिन में हज़ारों मख्खियाँ भिनभिनाती हैं, जीने के लिए खाने को हलक के नीचे उतारना पड़ता है, खुले में लगभग नग्नावस्था में नहाना पड़ता है, जहाँ टूटे हुए दरवाजों वाले शौचालयों में गंदगी पड़ी रहती है, अपने परिवार से मिलने के लिए जहाँ बस रविवार, मंगलवार, वृहस्पतिवार, का इंतज़ार रहता है.

ज़िन्दगी नर्क बन गयी है. सिर्फ़ मेरे लिए ही नहीं बल्कि मेरे पूरे परिवार के लिए. उन्हें न्याय की तलाश में यहाँ-वहाँ भागना पड़ रहा है, पुलिस स्टेशन से कोर्ट तक, गोरखपुर से इलाहाबाद तक पर सब व्यर्थ साबित हो रहा है.

मैं अपनी बेटी के पहले जन्मदिन में भी शामिल नहीं हो सका  जो अब 1 साल 7 महीने की हो गयी है. बच्चों के डॉक्टर होने के नाते भी यह बहुत दुःख देने वाली बात है कि मैं उसे बढ़ते हुए नहीं देख पा रहा. बच्चों का डॉक्टर होने के नाते मैं अक्सर अभिभावकों से बढ़ते हुए बच्चों की उम्र के कई महत्वपूर्ण पड़ावों के प्रति उन्हें सचेत किया करता था और अब मैं ख़ुद ही नहीं जानता कि मेरी बेटी ने कब चलना, बोलना, शुरू किया ? तो अब मुझे फिर से वही सवाल सता रहा है कि क्या मैं वाकई में गुनाहगार हूँ ? नहीं ! नहीं ! नहीं !

मैं 10 अगस्त 2017 को छुट्टी पर था जिसकी अनुमति मुझे मेरे विभागाध्यक्ष ने दी थी. छुट्टी पर होने के बावजूद मैं अस्पताल में अपना कर्तव्य निभाने पहुंचा. क्या ये मेरा गुनाह है ? मुझे हेड आफ डिपार्टमेंट,मेडिकल कालेज का वाइस चांसलर, 100 नम्बर वार्ड का प्रभारी बताया गया जबकि मैं 8/8/16 को ही स्थाई सदस्य के रूप में बीआरडी से जुड़ा था, और विभाग में सबसे जूनियर डॉक्टर था. मैं एनआरएचएम के नोडल अधिकारी और बाल रोग विभाग में लेक्चरर के रूप में कार्यरत था, जहाँ मेरा काम सिर्फ छात्रों को पढ़ना और बच्चों का इलाज करना था.

मैं किसी भी रूप में लिक्विड ऑक्सीजन/जम्बो सिलिंडर के ख़रीद/ फ़रोख्त/ ऑर्डर देने/ सप्लाई/ देखरेख/ भुगतान आदि से जुड़ा हुआ नहीं रहा हूँ. अगर पुष्पा सेल्स ने अचानक लिक्विड आक्सीजन की सप्लाई रोक दी तो उसके लिए मैं ज़िम्मेदार कैसे हो गया ? एक ऐसा व्यक्ति जो चिकित्सा से नहीं जुड़ा हो, वो भी बता सकता है कि एक डॉक्टर का काम इलाज करना है न कि ऑक्सीजन खरीदना.

पुष्पा सेल्स द्वारा अपनी 68 लाख की बकाया राशि के लिए लगातार 14 बार रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद भी अगर कोई इस सन्दर्भ में लापरवाही बरती गई और कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो इसके लिए गोरखपुर के डीएम , डीजी मेडिकल एजुकेशन, और स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी दोषी हैं. यह पूरी तरह से एक उच्च स्तरीय  प्रशासकीय फेल्योर है कि जिन्होंने स्थिति की गंभीरता को नहीं समझा.

हमें जेल में डालकर उन्होंने हमें बलि के बकरे की तरह इस्तेमाल किया ताकि सच हमेशा-हमेशा के लिए गोरखपुर जेल की सलाखों के पीछे दफ्न रहे.

जब मनीष (आक्सीजन सप्लायर पुष्पा सेल्स के निदेशक मनीष भंडारी) को बेल मिली तो हमें उम्मीद की एक किरण नज़र आई कि शायद हमें भी न्याय मिलेगा और हम बाहर आ पायेंगें और अपने परिवार के साथ रह पायेंगें और फिर अपना काम करेंगें. पर नहीं, हम अभी भी इंतजार कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट कहता है कि बेल अधिकार होता है और जेल अपवाद. यह न्याय प्रक्रिया के हनन का क्लासिकल उदाहरण है.

मैं आशा करता हूँ कि वो समय ज़रूर आएगा जब मैं आज़ाद हो जाऊंगा और अपने परिवार और अपनी बेटी के साथ आज़ादी की ज़िन्दगी जी पाउँगा. सच बाहर ज़रूर आएगा और न्याय होकर रहेगा.

एक बेबस और दुखी पिता/ पति/ भाई/ बेटा/ और दोस्त

डॉ. कफ़ील खान, 18/4/18
साभार  samkaleenjanmat.in

राजकिशोर जी की फेसबुक पोस्ट

बुधवार, अप्रैल 11, 2018

बा ख़बर होशियार, होशियार,होशियार सहारा इण्डिया परिवार में राशि जमा कर्ता होशियार


बा ख़बर होशियार, होशियार,होशियार सहारा इण्डिया परिवार में राशि जमा कर्ता होशियार  सहारा इण्डिया में राशि जमा करने वाले जमाकर्ता होशियार हो जायें क्योंकि समय पूरा हो जाने पर maturity amount का भुगतान नहीं किया जाता है री इन्वेस्ट या प्रतीक्षा करने का मशवरा दिया जाता है इसलिए अपनी रक़म जमा करने में विवेक का प्रयोग करें ताकि समय आने पर अफसोस न करना पड़े।

Hey! getting into crypto has never been so easy, sign up on CoinSwitch Kuber using my referral. Hurry, first 3 users will get Rs. 50 worth FREE BTC. Link expires in 24 hours https://coinswitch.co/in/refer?tag=stgB

शुक्रवार, अप्रैल 06, 2018

सहारा इण्डिया परिहार सीतामढ़ी से maturity amount का भुगतान नहीं, जमाकर्ता परेशान


परिहार सीतामढ़ी(बिहार)।सहारा इण्डिया परिहार शाखा द्वारा maturity amount का भुगतान नहीं किया जाता है इतना ही नहीं maturity amount के भुगतान में सहारा इंडिया के मुख्य कार्यालय द्वारा भी असमर्थता जताई जाती है और कहा जाता है कि सहारा इंडिया के तमाम एसेट्स पर पाबंदी लगी हुई है जब तक पाबंदी नही हटती भुगतान मुमकिन नहीं।मालूम हो कि ग्राम एकडण्डी परिहार निवासी श्रीमति रूमाना परवीन ने सहारा इंडिया के सहारा यूनिक स्कीम के तहत मात्र 5000/रुपये की राशि फिक्स्ड डिपॉजिट 2008 में की थीं जिसकी maturity 2018 के जनवरी में पूरी हो गई मगर आज तक maturity anount का भुगतान मुमकिन नहीं हो सका जिसको लेकर ईमेल शिकायत सहारा इंडिया के मुख्य कार्यालय से की गई मगर ईमेल शिकायत का कोई जवाब नही दिया गया और न ही भुगतान की दिशा में कोई कार्रवाई ही की गई तब दूरभाष से मुख्य कार्यालय सम्पर्क किया गया तो बताया गया कि पाबन्दी के कारण भुगतान मुमकिन नहीं पाबंदी हटने का इंतज़ार करें या पुनः रिइंवेस्ट कर दें  लोगों ने बड़े अरमान से कुछ राशि बचत कर सहारा इंडिया में जमा किया था कि समय पर काम आएगा मगर सभी अरमान पर सहारा इंडिया ने पानी फेर दिया कितने लोगों के बेटी की शादी टूट गई।सहारा इंडिया के द्वरा maturity amount का भुगतान नही किया जाना जमाकर्ताओं को परेशानी में डाल रखा है।

हेड ऑफिस को भेजा गया ईमेल

--------------------------------------------------------

प्रिय महोदय,

मैं सहारा इंडिया के शाखा परिहार ज़िला सीतामढ़ी अन्तर्गत स्कीम के तहत @RS 5000/ पाँच हज़ार रुपये सहारा यूनिक स्कीम के तहत 04 जनवरी 2008 को फिक्स्ड डिपॉजिट की थी जिसका एकाउंट नम्बर 20232300186 है  जिसका maturity माह जनवरी 2018 में ही पूरा हो गया मगर अभी तक maturity amount का भुगतान नहीं किया जा रहा है मैं तीन महीने से शाखा का चक्कर काट कर थक चुकी हूँ।

अतः मेरे maturity amount का भुगतान करवाया जाए।

धन्यवाद

रूमाना परवीन

Account number 202*********

(सहारा यूनिक)

Village Ekdandi ,Po.Parihar

Distt. Sitamarhi pin 843324 Bihar

मोबाइल *********

maturity amount का भुगतान नहीं होने के कारण मैं जीवन बीमा का parimium amount समय पर जमा नही कर पाई परिणाम स्वरूप क़र्ज़ लेकर प्रीमियम जमा की हूँ।आखिर सहारा इंडिया में राशि जमा करने का लाभ किया हुआ

प्रिय महोदय,

मैं सहारा इंडिया के शाखा परिहार ज़िला सीतामढ़ी अन्तर्गत स्कीम के तहत @RS 5000/ पाँच हज़ार रुपये सहारा यूनिक स्कीम के तहत 04 जनवरी 2008 को फिक्स्ड डिपॉजिट की थी जिसका एकाउंट नम्बर 202323001** है  जिसका maturity माह जनवरी 2018 में ही पूरा हो गया मगर अभी तक maturity amount का भुगतान नहीं किया जा रहा है मैं तीन महीने से शाखा का चक्कर काट कर थक चुकी हूँ।

अतः मेरे maturity amount का भुगतान करवाया जाए।

धन्यवाद

रूमाना परवीन

Account number 202323001**

(सहारा यूनिक)

Village Ekdandi ,Po.Parihar

Distt. Sitamarhi pin 843324 Bihar

मोबाइल ××××××××××

रविवार, अप्रैल 01, 2018

अनुसूचित जाति अत्याचार अधिनियम को निष्प्रभावी बनाने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संविधान विरोधी फैसला के विरोध में मशाल जुलूस निकाला गया

अनुसूचित जाति अत्याचार अधिनियम को निष्प्रभावी बनाने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संविधान विरोधी फैसला के विरोध में अनुसूचित जाति कर्मचारी संघ के आह्वान पर 2 अप्रैल को भारत बन्द करने हेतु  आज 1 अप्रैल को नागेन्द्र कुमार पासवान के नेतृत्व में अम्बेडकर स्मारक डुमरा से हजारों की संख्या में मसाला जुलुस शङ्कर चौक बड़ी बाजार हनुमान चौक विश्वनाथपुर चौक होते हुए अम्बेडकर स्थल पर समाप्त हुआ।इसमें प्रमुख रूप से रघुनंदन बैठा मनोज कुमार, सरोज कुमार, महेंद्र राम, अंजनी बैठा, समोद कुमार , हरिनारायण राउत, रामप्रीत राम आदि ने प्रमुखता से भाग लिया

मंगलवार, मार्च 27, 2018

तालिमी मरकज़ में नियोजित सामाजिक तथा आर्थिक रूप से अत्यन्त पिछड़े मुस्लिम समुदाय(community) के सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवी को बहाल रखा जाए

तालिमी मरकज़ में नियोजित सामाजिक तथा आर्थिक रूप से अत्यन्त पिछड़े मुस्लिम समुदाय(community) के सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवी को बहाल रखा जाए


महाशय,
निवेदन पूर्वक कहना है कि आपके द्वारा वर्ष 2008 में बिहार के मुस्लिम समुदाय के आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक पिछड़ेपन को देखते हुए मुस्लिम समुदाय(community) के सभी बच्चों को प्रारम्भिक शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय(community) के प्रत्येक गाँव/टोला में वैकल्पिक तथा नवाचारी शिक्षा के अंतर्गत (मुस्लिम समुदाय के 06 से 10 वर्ष के बच्चों के लिए ग़ैर आवासीय सेतु कार्यक्रम ) तालिमी मरकज़  प्रारंभ किया गया था जिस में शिक्षा स्वयं सेवी के रूप में आर्थिक तथा सामाजिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय के सामान्य वर्ग के आवेदक का भी नियोजन किया गया था और इस आशय का मार्गदर्शिका भी तत्कालीन राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना द्वारा पत्रांक 1087 दिनांक 11.03.2008 और पत्रांक AIE/ 92/2008-09/5344 दिनांक 13.10.2008 निर्गत किया गया था निदेशक के पत्रांक और तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका के आलोक में सम्पूर्ण बिहार में अनेक्चर 1 में सम्मिलित मुस्लिम जातियों के साथ - साथ आर्थिक रूप से कमज़ोर अत्यन्त मुस्लिम समुदाय(community) के सामान्य कोटि के आवेदकों की बहाली शिक्षा स्वयं सेवक के पद पर की गई थी, परन्तु बाद के दिनों में 19/20 महीना बाद ""तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका"" में संशोधन कर उक्त योजना को सिर्फ मुस्लिम समुदाय के अनेक्चर - 1 जाति में सम्मिलित मुस्लिम के लिए आरक्षित कर दिया गया और पत्रांक TM/AIE/92/2008-09/3982 दिनांक 14.08.2009 के माध्यम से नया संशोधित तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका निर्गत कर दी गई।उक्त योजना का संचालन  09 दिसम्बर 2012 तक बिहार शिक्षा परियोजन परिषद पटना के अधीन था वर्तमान में यह योजना 10 दिसम्बर 2012 से जन शिक्षा, जन शिक्षा निदेशालय, शिक्षा विभाग बिहार पटना के अधीन संचालित किया जा रहा है और तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी से दलित महादलित अल्पसंख्यक एवं अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना से जोड़ कर कार्य लिया जा रहा है।
इधर जन शिक्षा निदेशालय द्वारा संशोधित मार्गदर्शिका को आधार बना कर शिक्षा स्वयं सेवी के रूप में नियोजित सामान्य वर्ग के निर्धन पिछड़े मुस्लिम को चयन मुक्त करने की बात की जा रही है और जिला सीतामढ़ी में बहाल निर्धन मुस्लिम समुदाय के कमजोर सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवियों से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी द्वारा स्पष्टीकरण की माँग कर चयन मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जो मुस्लिम समुदाय(community) के साथ अन्याय है। सच्चर कमिटी ने भी अपने रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि मुसलमानों की शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति दलितों से भी बदतर हो चुकी है यह टिपण्णी एंटायर मुसलमानों के लिए की गई है न कि अनेक्चर - 1 में सम्मिलित मुस्लिम के लिए मात्र। हक़ीक़त यह है कि सामान्य कोटि के मुसलमानों की हालत, स्थिति अनेक्चर - 1 में सम्मिलित मुस्लिमों से भी दयनीय, बदतर है और योजना का सही हक़दार सामान्य कोटि के सामाजिक, आर्थिक ,शैक्षणिक रूप से पिछड़े मुसलमान भी हैं।

       "" अंकनिय है कि उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग बिहार के संकल्प के मुख्य विंदू "2" शिक्षा के अवसर में स्पष्ट उल्लेख है कि उच्च जाति के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग सरकार के विद्यालय ,चर्चा केंद्र, प्रयास केंद्र, मकतब मदरसा ,नवाचारी केंद्र, तालिमी मरकज़ का लाभ ले सकते हैं।""
राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना के पत्रांक 5344 दिनांक 13/10/2008 के तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका में स्पष्ट था कि आर्थिक तथा सामाजिक रूप से अत्यंत पिछड़े मुस्लिम समुदाय (community)से शिक्षा स्वयं सेवी का चयन किया जाएगा।न की अत्यंत पिछड़े मुस्लिम वर्ग (category) से उसके बाद भी सभी चयनित शिक्षा स्वयं सेवियों से स्पष्टीकरण की माँग किया जाना अन्याय पूर्ण कार्रवाई है।
""
ऐसे ही एक मामले को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सुपौल ने पत्रांक 146 दिनांक17/07/2014 से तत्कालीन निदेशक जन शिक्षा बिहार पटना से मार्गदर्शन की माँग किये थे जिसके आलोक में तत्कालीन निदेशक जन शिक्षा ने अपने पत्रांक 1355 दिनांक 01/09/204 के द्वारा लिखा था कि तालिमी मरकज़ और उत्थान केन्द्र में शिक्षा स्वयं का नियोजन बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना द्वारा पूर्व में निर्गत मार्गदर्शिका के आधार पर करना था।शिक्षा स्वयं सेवियों के सम्बंध में संदर्भित मार्गदर्शिका में निर्देश था कि संबंधित समुदाय के शिशिक्षुओं की जाति के शिक्षा स्वयं सेवियों को प्राथमिकता दी जाय। ""यह मात्र प्राथमिकता है।"" पत्र में उन्होंने स्पष्ट उल्लेख किया है कि ज़िलों में इंटरमीडिएट योग्यता प्राप्त उम्मीदवार की अनुपलब्धता के कारण तत्कालीन निदेशक के पत्रांक 2336 दिनांक23/12/2014 द्वारा पूर्व की मार्गदर्शिका में विस्तार करते हुए इस आशय का पत्र निर्गत किया गया था कि इंटर मीडिएट उम्मीदवार नही मिलने की स्थिति में मौलवी योग्यता धारी का चयन शिक्षा स्वयं सेवी के रूप में किया जा सकता है एवं एकेडमिक रूप से योग्य उम्मीदवार नही मिलने की स्थिति में उस पंचायत के अधीन निकट टोला के योग्य उम्मीदवार का चयन किया जा सकता है।यह निर्देश शिक्षा स्वयं सेवियों की जातिगत योग्यता के सम्बंध में नही था।

अतः विनम्र निवेदन है कि तालिमी मरकज़ में नियोजित निर्धन सामान्य कोटि के शिक्षा स्वयं सेवक को बहाल रखा जाय ।ज़िला सीतामढ़ी में शुरू किए गए स्पष्टीकरण चयन मुक्ति की प्रक्रिया पर त्वरित अंकुश लगाने का आदेश निर्गत करने की कृपा की जाए और ""तालिमी मरकज़ मार्गदर्शिका "" में संशोधन कर आरक्षित को अनारक्षित मुस्लिम किया जाय ताकि योजना का सही लाभ मुसलमानों को सही तरीके से आपकी मंशा के मुताबिक़ मिलता रहे और योजना का सही मक़सद परिलक्षित हो।

                                  विश्वास भाजन
                           मोहम्मद कमरे आलम
                               एकडण्डी, परिहार, सीतामढ़ी
                              पिन 843324               मोबाइल 9199320345
                                   mdqamarealam6@gmail.com

सोमवार, मार्च 19, 2018

प्रखण्ड परिहार के छात्र-छात्राओं को वित्तीय वर्ष 2015 -16 का छः महीने का बकया छात्र वृति की राशि आज तक नहीं मिली


प्रखण्ड परिहार सीतामढ़ी के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को वित्तीय वर्ष 2015 -16 का बकया छः महीने का छात्र वृति की राशि आज तक नहीं मिली ।मालूम हो कि 2015 -16 में विधानसभा चुनाव के अवसर पर सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को पोशाक और बारह महीने में से छः महीने की छात्र वृति राशि का भुगतान किया गया था और कहा गया था कि छह महीने की छात्र वृति की राशि बाद में दिया जाइएगा मगर परिहार प्रखंड को आजतक बकाया छः महीने की राशि आवंटित नही की गई और छात्रों को छात्र वृति से वंचित रखा गया जानकर का कहना है कि सीतामढ़ी के 17 प्रखण्डों को बकाया छः महीने की राशि आवंटित की गई मगर परिहार को वंचित कर दिया गया।

गुरुवार, मार्च 15, 2018

पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत ज़िला तालिमी मरकज़ संघ सीतामढ़ी ने अम्बेडकर स्थल पर दिया धरना

पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत ज़िला तालिमी मरकज़ संघ सीतामढ़ी ने अम्बेडकर स्थल पर शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय भुगतान बन्द कर दिए जाने के विरुद्ध एक दिवसीय  धरना ज़िला अध्यक्ष एजाज़ कौसर उर्फ नेहाल खान की अध्यक्षता में दिया।उन्होंने कहा कि बिना किसी कारण के निदेशक जन शिक्षा, पटना के मौखिक आदेश पर सामान्य कोटि के निर्धन शिक्षा स्वयं सेवियों का मानदेय बन्द कर ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता सीतामढ़ी ने शिक्षा स्वयं सेवियों के साथ अन्याय किया है वैसे भी ये मानव अधिकार का भी हनन है उन्होंने कहा कि अगर एक सप्ताह के अन्दर बकाया मानदेय का भुगतान नहीं किया जाता है तो संघ चरणबद्ध आन्दोलन,आमरण अनशन करेगी।धरना में लग - भग सभी शिक्षा स्वयं सेवी उपस्थित थे।