गुरुवार, मार्च 23, 2017

प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर लाठीचार्ज घोर तानाशाही की निशानी है - वंशीधर ब्रजवासी

अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हमारे साथियों पर लाठीचार्ज सरकार की दमनकारी नीति और घोर तानाशाही की निशानी है । हम इस दमनात्मक कार्रवाई की घोर निंदा करते हैं । सरकार को चेताना चाहते हैं कि सरकार समान काम के लिए समान वेतन और पुरानी सेवाशर्त के अधीन हमारी सेवा सामंजित करने की घोषणा अविलम्ब करे अन्यथा उग्र आंदोलन झेलने को तैयार रहे । लोकतंत्र मान - मर्यादा और हया शर्म से चलता है ।लेकिन बिहार सरकार को शर्म नाम की चीज नहीं है । 3 माह में सेवा शर्त बनाने की अधिसूचना के डेढ़ वर्ष बाद भी उसका अनुपालन नहीं हुआ । शिक्षक भूखे हैं ।भूखों के आक्रोश को शांत करने के लिए भोजन की व्यवस्था करनी होती है । डण्डा से उन्हें छेड़ना खतरनाक सिद्ध होगा । बिहार सरकार की उल्टी गिनती शुरू होने वाली है । हम सभी आंदोलनकारी साथियों के साथ हैं ।स्थिति की नजाकत को देखते हुए सारे शीर्ष नेता हड़ताल की घोषणा करें या जो भी निर्णय लेंगे , परिवर्तनकारी प्रारम्भिक शिक्षक संघ हर परिस्थिति में आपके साथ रहेगा।
     

Daily chingari चिंगारी چنگاری: आन्दोलन कर रहे नियोजित शिक्षकों पर पुलिस ने किया वाटर कैनन का प्रयोग,रोड़े बाज़ी

Daily chingari चिंगारी چنگاری: आन्दोलन कर रहे नियोजित शिक्षकों पर पुलिस ने किया वाटर कैनन का प्रयोग,रोड़े बाज़ी

आन्दोलन कर रहे नियोजित शिक्षकों पर पुलिस ने किया वाटर कैनन का प्रयोग,रोड़े बाज़ी

बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के द्वारा पटना के गर्दनीबाग में आन्दोलन कर रहे शिक्षकों के द्वारा गेट तोड़ कर विधानसभा घेराव के लिए गेट तोड़ने पर उतारू शिक्षकों पर सरकार की दमनकारी पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग किया तथा रोड़ा चलवाया जिसमें प्रदेश अध्यक्ष पूरण कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए हैं एवं दर्जनों शिक्षक घायल हैं। जिससे शिक्षकों में आक्रोश है।
संघ शिक्षामंत्री से वार्ता का प्रस्ताव को ठुकरा चुका है। राज्य संघ ने वार्ता सिर्फ मुख्यमंत्री से करने की घोषणा कर चुकी है।गेट तोड़ने का प्रयास में सुपौल जिला अध्यक्ष पंकज  को पटना पुलिस ने घायल कर दिया है। उन्हें ईलाज के लिए अस्पताल भेजा गया । स्थिति काफी भयावह है। गर्दनी बाग में लाख से डेर लाख शिक्षक आन्दोलन स्थल पर हैं।
             

मंगलवार, मार्च 21, 2017

इंसाफ इंडिया ने जारी किया हेल्प लाइन नम्बर

इंसाफ इंडिया ने न्याय मानवता और अधिकार के लिए सामाजिक क्षेत्र में राष्ट्र की सेवा देने के लिए सर्वोत्तम तकनीक और सीआरएम सेवाओं का उपयोग करके अपना स्वयं का कॉल सेंटर स्थापित किया है। 02/04/2017 से यह 24 × 7 कामकाज शुरू कर देगा

हमने उच्च कार्य दबाव और सूचना का उचित उपयोग करते हुए  कॉल सेंटर शुरू करने का निर्णय लिया था। अब हम समय पर जरूरतमंद और पीड़ितों को सामाजिक सहायता एवं सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होंगे। आपके अनुकूल समर्थन के लिए आशा है l

कॉल सेंटर हेल्पलाइन: 7677205206

announce that Insaaf India has setup its own call centre using best technology and CRM services to serve nation in social sector for getting justice and rights. It will start functioning 24×7 from 02/04/2017

We decided to start call centre due to high work pressure and proper managment of information. Now we will be able to provide social support services to the needy and victims on time. Hope for your favourable supports.

Call Centre Helpline : 7677205206

गुरुवार, मार्च 16, 2017

दलित प्रदीप चौधरी की पुलिस पिटाई के बाद मौत

झारखंड राज्य के कोडरमा जिले के सतगावां थानान्तर्गत टेहरो गांव के दलित प्रदीप चौधरी की पुलिस पिटाई के बाद मौत हो गई। इनकी गलती यह थी कि 13 मार्च को होली के दिन यह अपनी औकाद भूलकर सतगावां थाना के एक चौकीदार को रंग व गुलाल लगा दिया। ये भूल गए थे कि वर्दीधारी और आम जनता में धरती-आसमान का फर्क होता है, फिर वो डीजीपी हो या चौकीदार। रंग व गुलाल एक दलित के हाथों लगते ही मानो चौकीदार की इज्जत ही चली गयी, बस क्या था, साहब थाने से जाकर अपने साथियों को बुला लाए और तबतक पीटते रहे, जब तक अस्पताल में भर्ती लायक नहीं हो गए और अंततः आज प्रदीप चौधरी ने दम तोड़ दिया।

दलित प्रदीप चौधरी की पुलिस पिटाई के बाद मौत

झारखंड राज्य के कोडरमा जिले के सतगावां थानान्तर्गत टेहरो गांव के दलित प्रदीप चौधरी की पुलिस पिटाई के बाद मौत हो गई। इनकी गलती यह थी कि 13 मार्च को होली के दिन यह अपनी औकाद भूलकर सतगावां थाना के एक चौकीदार को रंग व गुलाल लगा दिया। ये भूल गए थे कि वर्दीधारी और आम जनता में धरती-आसमान का फर्क होता है, फिर वो डीजीपी हो या चौकीदार। रंग व गुलाल एक दलित के हाथों लगते ही मानो चौकीदार की इज्जत ही चली गयी, बस क्या था, साहब थाने से जाकर अपने साथियों को बुला लाए और तबतक पीटते रहे, जब तक अस्पताल में भर्ती लायक नहीं हो गए और अंततः आज प्रदीप चौधरी ने दम तोड़ दिया।

सोमवार, मार्च 13, 2017

वैशाली पुलिस का कारनामा पीड़िता और उसके परिवार को ही हत्या के आरोप में जेल भेज दिया

Mustaqim Siddiqui
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वैशाली (बिहार) में शर्मा मिर्चा गाँव महुआ बाज़ार से 6 किलोमीटर की दूरी पर है, उसी गाँव का मुमताज़ आलम जो 2500 रूपया प्रतिमाह पर महुआ बाज़ार में एक कपड़े की दूकान पर काम करता था, उस गरीब परिवार की एक बेटी 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थी, दो महीने पूर्व गाँव के कुछ ज़िम्मेदार लोगों ने मुमताज़ आलम को बताया के दूसरे गाँव का एक बहुसंख्य समुदाय का लड़का जो अपराधिक पृष्ठभूमी से है एवं ऑटो चालक भी है उसकी बेटी के चक्कर में उसके घर के पास ऑटो रिक्शा लेकर अक्सर आता जाता है, एक गरीब और मजबूर पिता को यह बात सुन कर बहुत दुख हुआ और दुसरे दिन जब खुद अपनी नजरों से उसने देखा के उसकी बेटी के चक्कर में ऑटो चालक उसके घर के पास ऑटो लाकर खड़ा किया है एवं उसके घर की तरफ टकटकी लगाकर देख रहा है तो गुस्से में उसने ऑटो चालक को अपने घर के पास आने से मना किया और हल्ला हंगामा करके वहाँ से हटने पर मजबूर किया |

दूसरे दिन ऑटो चालक को उसी के समुदाय के लोगों ने आपसी कलह (रंजिश) में हत्या करके मुमताज़ आलम के घर के पीछे 300 फीट की दूरी पर एक झाड़ी में लाकर फेंक दिया, उसके शव को फेकने के आधे घंटे बाद बगल गाँव के लगभग 250 से 300 लोगों ने ऑटो चालक के शव को कंधे पर उठा कर जय श्री राम और जय बजरंगबली का नारा लगाते हुए मुमताज़ आलम के गाँव के मुस्लिम मोहल्ले पर हमला बोल दिया और उसी बीच मुमताज़ आलम की बेटी को श्री राम और बजरंग बली की फौज ने  पकड़ कर सरेआम पूरे गाँव में नंगा घुमाया, सामूहिक रूप से उसके आबरू और इज्ज़त से खिलवाड़ किया |

सुशासन के नाम पर सत्ता पर बैठी नीतीश की संघी मानसिकता वाली पुलिस के सामने पुरे गाँव में एक नाबालिग लड़की को सरेआम नंगा घुमाया जाता रहा लेकिन मदद करने के बजाए महिला पुलिस के आने तक दर्शको के साथ भगवा रंग में रंगी पुलिस दर्शक बनी रही लेकिन हद तो तब हो गई जब बिहार पुलिस ने मुमताज़ आलम एवं उसकी बेटी को सुरक्षा देने के बजाए उन अपराधियों का साथ देते हुए
मुमताज़ आलम, मुमताज़ आलम के छोटे भाई, मुमताज़ आलम की दो बेटियों (जिसमे एक पीड़िता भी शामिल है) को हत्या के आरोप में गिरफतार करके हाजीपुर जेल भेज दिया और आज एक महीने से ज्यादा समय गुज़र जाने के बाद भी इस गाँव में ऐसा भय है कि कोई मुंह खोलने को तैयार नही है, डर और खौफ के कारण पीड़ित परिवार की मदद के लिए कोई आगे आने को तैयार नही |

आज इन्साफ इंडिया की ओर से मुमताज़ आलम से मिलने हाजीपुर जेल हमारे सहयोगी गये थे लेकिन जेल प्रशासन ने मुमताज़ आलम से मिलने नही दिया दोस्तों इन्साफ इंडिया इस मुद्दे को आपके सामने पेश कर आपसे मुमताज़ आलम के परिवार को इन्साफ दिलाने के लिए आवाजें बुलंद करने का अनुरोध कर रही है |

एक गरीब परिवार की लड़की की अस्मत के लुटेरों पर पूरा समाज , समाजिक संगठन , महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, मानवधिकार, जनप्रतिनिधी, पत्रकार , मीडीया संस्थान सभी खामोश हैं, आप से हम अनुरोध करते हैं के आप अपनी चुप्पी तोड़िये, नीतीश सरकार से सवाल पूछिए, मुस्लिम लीडरों से सवाल पूछिए, नीतीश सरकार के कसीदे पढ़ने वाले मुस्लिम उलमा से भी सवाल पूछिए कि जिसके इज्ज़त के साथ खिलवाड़ किया गया है उसे ही अपराधी क्यों बनाया गया है ?

- Mustaqim Siddiqui