मंगलवार, अप्रैल 26, 2016

भूरी बिल्ली- महज़बीं

लगभग 6, 7 साल पहले हमारे मुहल्ले में एक बिल्ली थी.. भूरे रंग की.. क्या निडर बिल्ली थी.. और बहादुर भी थी.. शुरू शुरू में जब हमारे मुहल्ले में आई थी.. तो, उसके आतंक से सारा मुहल्ला परेशान था.. गुर्राती थी सब पर.. कभी - कभी छत पर खेलते बच्चों को पंज्जा भी मार देती थी.. एक बार शाम के वक्त मैं छत पर जा रही थी, जैसे ही मैं लास्ट सीढ़ी पर चढ़ी, उसने दिवार की ओट से निकलकर मुझ पर हमला किया.. मैं तेजी से अब्बा - अब्बा की चीखें मारती हुई नीचे उतरी.. अब्बा जी ने जल्दी से मेरी चीखें सुनकर मुझे अपने पिछे करके, उस बिल्ली को भगाया.. वो अक्सर छत पर बैठी रहती थी.. कभी किसी की छत पर, तो कभी किसी की छत पर, और मौका मिलते ही हमला करती थी.. आए दिन मुहल्ले में कोई न कोई बच्चा, उसके पंज्जो का शिकार हो जाया करता था... और दिन में गली में मटक - मटक कर, ठुमक - ठुमक कर चलती थी.. ऐसे जैसे मॉडल लड़कियां रैंप पर चलतीं हैं.. अगर कोई कुत्ता उसे देखकर उसके पिछे भौंकता हुआ भागता था.. तो भी नहीं डरती थी.. और कुत्ते पर गुर्राती थी.. जबर्दस्त तरीके से, भईया कुत्ता ही डर कर चला जाता था.. सभी गली मुहल्ले के लोग दंग रह जाते थे, यह देखकर.. सब आस - पास के सभी मुहल्लों में, फेमस हो गई थी वो भूरे रंग की निडर बिल्ली... कोई उससे पंगे नहीं लेता था.. कुत्तों ने भी हमारे मुहल्ले में आना जाना कम कर दिया था.. और हमारे घर में रोज दरवाजे पर से, बाईक पर कूदकर ऊपर छत पर जाती थी.. उसके पैरों के पंज्जो से बाईक की गद्दी फट जाती थी.. निशान पड़ जाते थे, मेरे भाई ने परेशान होकर बाईक पर मोटी चादर ढकना शुरू कर दिया था.. ऐसे ही मुहल्ले में उस बिल्ली का आतंक दो तीन साल चला.. हमारे कैलाश अंकल, वो फौजी थे.. अपने बेटे को भी फौजी बनाना चाहते थे.. लेकिन वो बिजनेस में रूची रखता था.. तो उसने बिजनेस ही को अपनी रोजी रोटी का ज़रिया बनाया.. फिर उन्होंने ठानी की अपनी दोनों बेटियों की शादी फौजी लड़कों से ही करूंगा .. भईया शादी ब्याह के मामले में बिरादरीवाद, क्षेत्रवाद तो सुना था.. हमारे कैलाश अंकल एक दूसरे ही तरीके का वाद चला रहे थे.. "फौजीवाद" उनकी बड़ी बेटी ने अपने सहकर्मी से शादी कर ली.. अंकल बड़े परेशान कि, ये फौजीवाद की विरासत आगे कैसे चलेगी.. दो बच्चों ने तो बगावत कर ली.. अब उनकी एक छोटी बेटी बची थी. तो अंकल ने उसे मना - मुनु कर उसकी शादी एक फौजी ख़ानदान में तय करी.. होने वाला दामाद भी फौजी ही था.. जिस दिन उनकी बेटी की बारात घर पर आई.. तो बारात में आदमियों के साथ फौजी कुत्ते भी तशरीफ लाए.. क्योंकी बारात फौजी ख़ानदान के यहां से आई थी.. इसलिए प्रदर्शन के लिए फौजी कुत्ते भी साथ में आए थे, ताक़ी सबको ये बात अच्छी तरह से पता चल जाए की बारात फौजियों के यहाँ से आई है.. बारत में जो दो तीन कत्ते आए थे भईया कुत्ते नहीं शेर थे.. भारी - भरकम, ऊंची हाइट वाले, खूंखार कुत्ते, मुहल्ले वालों ने सोचा आज अगर भूरी बिल्ली इन कुत्तों के सामने सड़क पर, या तंबू में कैटवॉक करने आ गई, तो उसकी खैर नहीं.. इनसे नहीं बच पाएगी.. नवीन भईया और एक दो लड़के बिल्ली से बहुत प्यार करते थे.. उन्हें बिल्ली पर रहम आया, और उन्होंने बिल्ली को बचाने के लिए ऐसा किया की, नवीन भईया के ऊपर वाले कमरे में बिल्ली के लिए छिछड़े ला कर रख दिये.. जैसे ही भूरी बिल्ली छिछड़े खाने कमरे में घुसी.. उन्होंने कमरा बंद कर दिया.. इस तरह बिल्ली काफी देर कमरे में बंद रही, तोड़ - फोड़ करती रही.. रात के 12 बजे क़रीब न जाने किसने जा कर ऊपर का कमरा खोल दिया.. और बिल्ली वहां से भाग गई.. और गली में निचे उतरकर, कैटवॉक💃💃�👯👯 करने लगी... वो घूम ही रही थी कि बरात में आए कुत्तों की नजर उसपर पड़ी.. बस क्या था बिल्ली उनसे भी नहीं डरी.. पिछे मुड़कर उन फौजी कुत्तों पर गुर्राई.. वो गली के कुत्ते थोड़ा ही थे, जो डर जाते.. एक एक करके झपट्टा  मारा उन तीनों कुत्तों ने..   बिल्ली पर.. बस दो तीन झपट्टों में ही बिल्ली की टैं बोलगई... न हड्डी टूटी न खून निकाला, और तीन ही झपट्टों में सीधे अल्लाह पुर पंहच गई.. अगले दिन हर कोई बिल्ली की अचानक हुई मौत पर हैरान था.. सब यही कह रहे थे कि कितनी निडर बिल्ली थी.. ऐसी बिल्ली कोई दूसरी नहीं देखी.. मर गई मरते - मरते भी नहीं डरी.. और फौजी कुत्तों के सामने कैटवॉक करने आ गई और मौत के घाट उतार दी गई। गली में  एक दो बच्चों ने उस बिल्ली की बॉडी पर गैंदे के फूल की माला डाल दी.. और ले जा कर पार्क में दफना दिया.. आज भी अगर कोई किसी भूरी बिल्ली को देखता है तो, 
वो निडर बिल्ली याद आ जाती है।

बुधवार, अप्रैल 20, 2016

चिंगारी परिहार में प्रकाशित ख़बर का असर,ग्राम एकडंडी में जला ट्रांसफार्मर बदला गया

परिहार  (सीतामढ़ी ):-चिंगारी परिहार में प्रकाशित ख़बर का असर ग्राम एकडंडी में जला ट्रांसफार्मर आज 20/04/2016 को बदल दिया गया ।चिंगारी परिहार में 13/04/2016 को मैंने  "जले ट्रांसफार्मर को बदलने की मांग,अंशन की चेतावनी "शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था विद्युत विभाग ने इसे गंभीरता से लिया और जले हुए ट्रांसफार्मर को बदल दिया ।             मालूम होता कि एक्शन फाॅर जीरो टाॅलरेंस परिहार के संयोजक मो○ सउद आलम, राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह और महा सचिव मो○कमरे आलम ने प्रधान सचिव, निदेशक सह प्रबंध निदेशक अध्यक्ष विद्युत आयोग बिहार पटना को ईमेल शिकायत कर अविलम्ब ग्राम एकडंडी में जले ट्रांसफार्मर को बदलने की मांग की थी अन्यथा अंशन की चेतावनी दे रखी थी।

शुक्रवार, अप्रैल 15, 2016

साधन सेवी को भ्रष्टाचार उजागर करना पड़ा महंगा, किए गए निलंबित

परिहार प्रखणड के विभिन्न विद्यालयों में प्रखणड शिक्षा पदाधिकारी परिहार और प्रधानाध्यापक के स्तर से की गई गड़बड़ी को उजागर करना प्रधान साधन सेवी मो○हैदर अली को महंगा पड़ा ।प्रखणड शिक्षा पदाधिकारी परिहार के इशारे पर विद्यालय के प्रधानाध्यापकों, संघों की बैठक कर गलत गलत आरोपों से सम्बंधित प्रस्ताव पारित कर वरीय पदाधिकारी से शिकायत की गई थी और शिकायत के जाॅच की जिम्मेदारी भ्रष्टाचार में लिप्त प्राथमिकी अभियुक्त प्रखणड शिक्षा पदाधिकारी परिहार को दी गईं थी ।प्रखणड शिक्षा पदाधिकारी परिहार ने बदले की कार्रवाई की और कलम तोड़कर हैदर अली के विरुद्ध लिखा परिणाम सामने है हैदर अली को निलंबित कर दिया गया है।

बुधवार, अप्रैल 13, 2016

परिहार में भूकंप के झटके महसूस किए गए

परिहार /दिल्ली: दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं. बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर ,सीतामढ़ी के परिहार ,पश्चिम बंगाल के कुछ इलाके में भी महसूस किये गये हैं. लोग घरों से बाहर निकल गये हैं. 7.28 मिनट पर दो बार भूकंप के झटके लगे हैं. पूरे असम में बिजली सेवा ठप कर दी गई है. एनडीआरएफ की तरफ से बताया गया है कि कहीं से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है. भारत और म्यांमार की सीमा पर भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है. गुवाहाटी में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं. रिक्टर स्केल पर 6.8 इसकी तीव्रता मापी गई है. कोलकाता में मेट्रो थोड़ी देर के लिए रोक दी गई थी. लोग काफी दहशत में आ गए. भूकंप से जान-माल की नुकसान की कोई खबर नहीं है. नेपाल के पूर्वी इलाके में भी आए भूकंप के झटके. कोलकाता मेट्रो स्टेशन की दीवारों में दरार आ गई है.
इसके झटके पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा, पश्चिम बंगाल, बिहार और देश के अन्य हिस्सों में भी महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकंप शाम में सात बजकर 25 मिनट पर आया और इसकी गहराई 134 किलोमीटर थी. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.8 दर्ज की गयी.
सिक्किम, सिलिगुड़ी, कोलकाता से भूकंप की वजह से कोई जानमाल का नुकसान नहीं है।

जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने की मांग,अंशन की चेतावनी

परिहार  (सीतामढ़ी ):-ग्राम एकडंडी में लगा ट्रांसफार्मर 11/04/2016 को जल जाने से पुरा गाँव विगत कई दिनों से रात होते ही अंधकार में डूब जाता है सिलसिला पाॅवर ग्रीड से लेकर कनिय अभियंता तक शिकायत दर्ज करा दी गई है मगर अभी तक ट्रांसफार्मर नही बदला गया है गर्मी के दिनों में  विद्युत नहीं होने से उपभोक्ताओं में काफी बेचैनी है। एक्शन फाॅर जीरो टाॅलरेंस के संयोजक मो○सउद आलम राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह माह सचिव  मो○कमरे आलम ने प्रेस ब्यान जारी कर अविलम्ब ट्रांसफार्मर बदलने की मांगलिक कार्यपालक अभियंता विद्युत सीतामढ़ी और प्रबंध निदेशक पटना से किया है अन्यथा आंदोलन करने की बात की है।

मंगलवार, अप्रैल 12, 2016

शिक्षक की असामयिक मृत्यु

परिहार  (सीतामढ़ी ):- म0 वि0 बेला मच्छपकौनी के प्रधानाध्यापक श्री हरि नारायण मंडल का आज असामयिक निधन हो गया ।

रविवार, अप्रैल 10, 2016

कोर्ट से जमानत पर रिहा व्यक्ति को 10 घंटे तक थाना हाजत में बंद रखा

परिहार  (सीतामढ़ी ):-थाना कांड संख्या 162/12 के अभियुक्त मो○मुस्तफा उर्फ जुम्मन जो कोर्ट से जमानत करा चुके थे उनको 10/4/2016 रात्रि को केस के अनुसंधानकर्ता सब इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार सिंह पुलिस जवानों के साथ घर पर धावा डाल कर गिरफ्तार कर लिया और परिहार थाना हाजत में 10घंटे तक बंद रखने के बाद दिन के 11.00 बजे छोड़ा।
            गिरफ्तारी के समय अभियुक्त ने अनुसंधानकर्ता को कहा भी कि मैं कोर्ट से जमानत करा चुका हूँ और आत्म समर्पण -पत्र थाने को दे चुका हूँ इतना ही नहीं आत्म समर्पण पत्र की छाया प्रति भी पेश किया लेकिन कोई असर नहीं हुआ और थाना हाजत में अकारण 10घंटे तक बंद रखा गिरफ्तारी में पुलिस मेनुअल का भी ख्याल नही रखा गया नियमत: गिरफ्तारी गवाह के समक्ष की जाती है मगर ऐसा नही किया गया ।अनुसंधानकर्ता ने पुलिस मेनुअल का उल्लंघन के साथ आम नागरिक को प्राप्त मानवाधिकार का हनन भी किया गया है क्योंकि अकारण थाना हाजत में बंद रखना मानवाधिकार का खुला उल्लंघन है।

गुरुवार, अप्रैल 07, 2016

परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ प्रखंड इकाई - परिहार ने किया प्रारंभिक शिक्षक संघ से इस्तीफा की मांग

  परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के संयोजक मो○जौहर अली ने प्रारंभिक शिक्षक संघ के पदाधिकारीओ से इस्तीफा की मांग करते हुए कहा है कि एक तरफ बिहार सरकार शिक्षा विभाग शिक्षकों के वेतन पर इतनी सख्त हो चुकी है कि आलाधिकारीयो को भी फटकार सुननी पड़ रही है वहीं हमारे सीतामढ़ी के परिहार प्रखंड में बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संघ अपने बहुल संख्या का राग अलाप कर पूरी तरह गंदी राजनीति कर रहे हैं । पदाधिकारियो के  कोशिशों के बाद पूरे जिले में नियोजित शिक्षकों का वेतन जारी किया जा रहा है वहीं परिहार के शिक्षकों को वेतन से दूर रखा जा रहा है, क्योंकि शिक्षकों के वेतन से सम्बंधित नेगेटिव सूची अब तक जिले को नहीं सौंपी गई है जिससे परिहार प्रखंड के शिक्षकों को वेतन मिलने में देरी होने की समस्या उत्पन्न हो रही है।
    आगे सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि आप कैसी राजनीति कर रहे हैं।एक तरफ शिक्षकों के साथ भुखमरी की स्थिति  है वहीं दूसरी ओर आप सभी शिक्षकों से चंदा के नाम पर प्रति माह दो - दो सौ रूपये की उगाही कर रहे हैं ? और अब तक कई वर्षों का हिसाब भी  नहीं दे रहे हैं।यदि आपसे शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है तो आप अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे। मैं  दो दिनों के अंदर वेतन भुगतान करवा दूंगा ।
ये शिक्षक संघ के नेता अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि ये संघ को कमाई का रास्ता समझते हैं।परिहार प्रखंड के तमाम शिक्षकों को वेतन भुगतान के लिए ऐसे शिक्षक संघ का कड़ा विरोध करनी चाहिए ।

सोमवार, अप्रैल 04, 2016

ट्रक से कुचल कर मोटरसाइकल सवार की घटना स्थल पर मौत

सीतामढ़ी परिहार से भिस्वा जाने वाली सड़क में हाई स्कूल के निकट संध्या 7बजे ट्रक से कुचल कर मोटरसाइकल सवार की मौत घटना स्थल पर ही हो गई मृतक मोहम्मद कौसर अली अंसारी पिता अब्दुल कादिर अंसारी इन्दरवा का रहने वाला था।

गरीब लोगो के लिए निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन

निकहत प्रवीण 
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(3-4-2016)
बिहार की राजधानी पटना के राजा बाजार मे स्थित डिवाइन हॉस्पीटल की ओर से फुलवारी शरीफ खलीलपुरा के फैसल गार्डन कैंपस मे 3 अप्रैल 2016 को सुबह 8 से 1 बजे तक गरीब लोगो के लिए निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मे डिवाइन हॉस्पीटल के डायरेक्टर डॉ अनिल कुमार के अतिरिक्त डॉ निशीकान्त कुमार( संयुक्त प्रतिस्थापन सर्जन, पारस एच0 एम0 आर0 आई,पटना), डॉ नीरज भट्ट (सलाहकार सर्जन, पारस, एच0 एम0 आर0 आई,पटना), डॉ फरीद आलम (किडनी रोग विशेषज्ञ, पूर्व रजिस्ट्रार, आई0 जी0 आई0 एम0 एस, पटना), डॉ अरशद एस-हक (दंत चिकित्सक),श्रीमती मंजु सिन्हा (सामाजिक काउंसलर) जैसे अन्य कई डॉक्टरो ने भाग लिया। कार्यक्रम के संचालक मौ0 मोशिर आलम ने बताया कि इस शिविर मे लगभग 500 से भी ज्यादा लोगो ने हिस्सा लिया लोग पुरे उत्साह के साथ हमारी टिम पर भरोसा कर यहाँ तक आए ये हमारे लिए बड़ी बात है कुछ मूलभूत जांच के बाद सभी के बीच उनकी जरुरतो के मुताबीक आइरन, विटामीन,और एंटीबायोटिक दवाओं का वितरण किया गया ताकि उन्हे स्वस्थ रखने मे हम थोड़ा कामयाब हो सके। 

रविवार, मार्च 27, 2016

पूर्ण वेतनमान के लिए 28 मार्च को मशाल जुलूस

  जिले के सभी शिक्षक शिक्षिका को सूचित किया जाता है कि पूर्ण वेतनमान एवं अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर आधारित माँगों को लेकर दिनांक 28/03/16 समय 05: pm में राज्य संघ के आह्वान पर जिला मुख्यालय में मशाल जुलूस का आयोजन किया गया है, यह जुलूस अम्बेदकर स्थल डुमरा से कार्गील चौक सीतामढी तक जाएगी! इस कार्यक्रम में आप सभों का सहभागिता महत्वपूर्ण है!अर्थात इस महा आंदोलन में हजारों- हजार के संख्यां में भाग लेकर इस आयोजन को सफल बनावें।

हमदम

गुल खिलेगा बाग़बां अपना होगा ।
गोद में सर निगहबान अपना होगा ।।
        आसमान में चाॅद रात अपनी होगी।
       बात हम दोनों की और रूत अपना होगा।
प्यार मोहब्बत की बातें होंगी    ।
जहां में अमर प्रेम अपना होगा  ।।
                                        

                                  मोहम्मद कमरे आलम

मंगलवार, मार्च 22, 2016

बिहार दिवस जल दिवस और फगुआ की हार्दिक शुभकामनाएँ

22 मार्च बिहार दिवस जल दिवस और फगुआ पूर्व के  अवसर पर आप सभी बिहारवासियो को हार्दिक शुभकामनाएं ।
हमें बिहारी होने पर गर्व है क्योंकि  बिहार की ऐतिहासिक व गौरवमयी धरती ने हमारे देश को कई महापुरुष दिये हैं, हमलोगो को बिहार की मान व सम्मान बनाये रखने की जरुरत है!!
                 बिहार जिंदाबाद         

फगुआ की शुभकामनाएँ

फागुन में हर्ष उल्लास के साथ फगुआ की खुशियाँ मनाए।

मोहम्मद कमरे आलम

शनिवार, मार्च 19, 2016

आज होगा रेड क्रोस के दस सदस्यों का चुनाव

सीतामढ़ी रेड क्रोस सोसायटी के कार्यकारिणी के दस सदस्यों का चुनाव सोसायटी के 1594 सदस्यों के द्वारा चुनाव के माध्यम से होगा निर्वाचित सदस्यों में से ही आम सभा के जरिए सभापति, उप सभापति और कोषाध्यक्ष का चुनाव होगा ।
             सोसायटी के दस सदस्यों के लिए 16उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं ।

बुधवार, मार्च 16, 2016

शेखपुरा के मुजफ्फर इलियास ने दिव्यांगो के लिये बनाया भवाइस शाफ्ट वेयर

"कौन कहता है कि अश्मा में सुराग हो नहीं सकता,
एक पत्थर तो तबियत से ऊछालों यारों ।।"
     कुछ ऐसा ही किया है सीवान के हसनपुरा प्रखंड के शेखपुरा निवासी मीर मोहम्मद के पुत्र मुजफ्फर इलियास ने...
सीवान के इस  लाडले ने  एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है जो अंधा व दिव्यांग  जिसका हाथ नही है वह भी कंप्यूटर आसानी से चला सकते हैं, मुजफ्फर इलियास वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी के बी-टेक फाइनल इयर के छात्र है, दिव्यांगो  व अंधे के लिए भवाईस शाफ्ट वेयर
बनाकर  एक मिशाल कायम की है, या यू कहे कि दिव्यांगो  व अंधे के लिये अनमोल तोहफा पेश किया है, इलियास ने दिव्यांगो  के लिए विशेष सॉफ्टवेयर का निर्माण करने के बाद कहा है इस शाफ्ट वेयर से अंधे और हाथों से दिव्यांग  भी कंप्यूटर को बोल कर ऑपरेट कर सकेंगे , हालांकि इलियास ने इस सॉफ्टवेयर का कोई नाम नही दिया हैं, वही मुजफ्फर इलियास का पिता मीर मोहम्मद सलाउद्दीन पेशे से ट्रक ड्राईवर है और उन्होंने बेटे की प्रतिभा को देखते हुए उसे उच्च शिक्षा दिलाने में भरपूर सहयोग किया, तीन भाई बहन के बीच के मुजफ्फर इलियास जनपत श्री वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी में बी-टेक के छात्र है,बड़ी बहन राशिदा खातून की शादी हो चुकी जबकि छोटा भाई रेहान राजा अभी पढ़ाई कर रहा हैं, मुजफ्फर इलियास बी-टेक मकैनिकल से के रहे कंप्यूटर से उनका वास्ता भी नही है ,लेकिन दिव्यांग लोगो की परेशानी देखते हुए उनके लिए विशेष सॉफ्टवेयर बनाने में सफलता हासिल की हैं,इस काम में उनके गुरु जानो ने भरपूर सहयोग किया श्री इलियास ने बताया की जो आदमी देख भी नही सकता है वह आसानी से कंप्यूटर चला सकता हैं, जिन लोगो के हाथ नही है वह भी किसी कीबोर्ड और माउस के बगैर कंप्यूटर चला सकते है,वही विश्वविधालय परबंधन ने भी हर संभव मदद का एलान किया हैं, इलियास के इस बड़ी उपलब्धि पर सीवान के कई प्रबुद्ध लोगो ने बधाई दे ते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है ।  मुजफ्फर इलियास को बधाई ।

सोमवार, मार्च 14, 2016

झपट्टा गिरोह का सदस्य पकड़ा गया

Edited by MD QAMRE ALAM

Report Md Dulare

परिहार (सीतामढ़ी ):इन्दरवा निवासी अताउररहमान की पत्नी अशरफुन्निशा सोमवार को स्टेट बैंक की परिहार शाखा से 25,000 रु निकासी की।झपट्टा गिरोह का स्दस्य ताक लगाये बैठा था ।अशरफुन्निशा के मोबाईल पर उसके बेटा का फोन आता है मौका का फायदा उठा अज्ञात लड़का झपट्टा मार भागने लगता है महिला चिल्लाती है तब दौड़ कर लोगों ने बैंक के बाहर भाग रहे लड़के को पकड़ा उसके पास से राशि बराम किया और पुलिस को सूचना दी सूचना पर पुलिस उसे गिरफ्तार कर थाने ले आई पुछ-ताछ मे उसने अपना नाम राहुल तिवारी पिता अमित तिवारी घर डोमटोली जयनगर मधुबनी बताया है इनके साथ दो और लोग थे जो भागने मे कामयाब हो गय

आवाज़ सुनो

बुधवार, मार्च 09, 2016

रेड क्रोस सोसायटी के कार्यकारिणी के लिए नामांकन जारी

रेड क्रोस सोसायटी सीतामढ़ी के कार्यकारिणी सदस्यों के लिए नामांकन 03/03/2016 से ही  निर्वाचन पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी  सीतामढ़ी सदर के यहाँ जारी है नामांकन की अंतिम तिथि 09/03/2016 समय 3:00बजे तक है।चुनाव 19/03/2016 को होना है

मो○रेयाज अहमद नामांकन देकर अनुमंडल कार्यालय सीतामढ़ी सदर से निकलते हुए साथ में मोहम्मद कमरे आलम, मोहम्मद युसूफ रेजाअहमद 

मो○रेयाज अहमद 

मंगलवार, मार्च 08, 2016

प्रधानमंत्री को अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के कुलपति की सलाह

परिहार ।अलीगढ़/: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) अलीगढ़ के वाइस चांसलर (VC) जमीरुद्दीन शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारी नुकसान भुगतने की धमकी दी है. आज वाइस चांसलर अलीगढ़ में जमीरुद्दीन शाह एक संगोष्ठी में शिरकत कर रहे थे.

लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायार्ड )जमीरुद्दीन शाह ने कम्युनल हार्मोनी एंड कंपोजिट कल्चर ऑफ़ इंडिया कार्यक्रम में बात करते हुए नये विवाद को जन्म दिया. उन्होंने संगोष्ठी में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगर कहीं पर भी अल्पसंख्यक दर्जे के मामले में दखल दिया तो उनको और भारत को भी बड़ा नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि अगर अल्पसंख्यक दर्जा नहीं मिला तो देश के मुसलमानों को ठेस पहुंचेगी. मुसलमानों को ठेस पहुंची तो भी तय है कि मोदी तथा देश को भी गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा.

सोमवार, मार्च 07, 2016

काम नही लोगों की सोच छोटी होती है

8 मार्च महिला दिवस पर विशेष लेख
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निकहत प्रवीन
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कभी भगवान मेरे सपने में आएं और पुछे की क्या वरदान दुँ तो मै ज्ञान का वरदान मागुँगी, ये वाक्य है राजधानी दिल्ली के आजादपुर में रहने वाली सुनीता कुमारी के, जिन्होंने तीसरी कक्षा के बाद आगे की पढ़ाई नही की लेकिन अब जब उनकी उम्र तकरीबन 34 साल हो गई है और दिल्ली शहर में वो रोज  अन्य लड़कियों को नौकरी पर जाते हुए देखती हैं तो उन्हे अहसास होता है कि काश बचपन में मैंने अपनी पढ़ाई पर ठीक तरह से ध्यान दिया होता तो आज लोगों के बीच मेरी भी पहचान नौकरी करने वाली औऱ लड़कियों की तरह होती न की काम करने वाली की ।
सुनीता वर्ष 2002 मे अपने पति और तीन बेटियों के साथ इस शहर मे रोजगार की तलाश मे आई क्योंकि गाँव में होने वाली खेती से परिवार का खर्च पुरा नही हो पा रहा था कारणवश सुनीता और उसके परिवार ने दिल्ली शहर का रुख किया और शहर में एक अच्छा जीवन जीने के लिए सुनीता ने किस तरह अपने पति का साथ दिया इस बारे मे सुनीता विस्तार से बताती हैं “ मै कानपुर जिला उन्नाव के गांव चंदरी खेड़ा की रहने वाली हूँ परिवार में बस मैं और मेरा भाई है माँ – बाप पढ़े लिखे नही थे पर उन्होंने हम दोनो भाई बहनो को जिंदगी की सारी सुख सुविधाएँ देने के साथ साथ पढ़ने का भी समान अवसर दिया लेकिन मैंने हमेशा पढ़ाई को हल्के में लिया और किसी तरह जब तीसरी कक्षा पास कर गई तो आगे पढ़ाई नही की तब खेल कुद और घर के कामों में ही मेरा मन लगता था 16 साल की थी जब मेरी शादी हुई और शादी के ठीक एक साल बाद पहली बेटी पुष्पा का जन्म हुआ ।
वो सही समय याद करने की कोशिश करते हुए कहती है “ ठीक तरह से याद नही पर इतना याद है कि शादी के 6 साल के भीतर मैं तीन बेटियों की माँ बन चुकी थी पति की खेती बाड़ी से होने वाली आमदनी से जब घर खर्च चलाना और बच्चों की परवरिश करना मुशकिल लगने लगा तो अपनी जेठानी के कहने पर दिल्ली आने का फैसला किया । यहाँ आकर भी लगा कि सिर्फ पति की कमाई से घर नही चल पाएगा तो मैंने काम करने का फैसला किया हालांकि मैं जानती थी कि ज्यादा पढ़ी लिखी न होने के कारण मुझे कोई अच्छी नौकरी तो मिल नही पाएगी इसलिए अपनी जेठानी की मदद से पहले दो घरो मे खाना बनाने और साफ सफाई का काम शुरु किया जिससे 700 रु महिने के कमा लेती थी ज्यादा कुछ तो नही पर इससे मेरे घर का किराया निकल जाता था पति ने भी 2000 रु महिने पर एक कोचिंग मे चपरासी की नौकरी शुरु कर दी थी । इस समय वह किराने की दुकान पे काम करते हैं और लोगो के आर्डर पर घर जाकर सामान भी पहुँचाते हैं, मैं अब भी काम कर रही हूँ फर्क सिर्फ इतना है कि पहले कम पैसे कमाती थी क्योंकि कम घरों मे काम करती थी औऱ अब ज्यादा घरों मे काम करना पड़ता हैं न करु तो इस महंगाई मे घर कैसे चलेगा बड़ी बेटी की तो शादी कर दी लेकिन बाकी दोनो बेटियाँ सरकारी स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं हाँ ये अच्छी बात है कि वो दोनो मेरे जैसी नही बल्कि मन लगाकर पढ़ रही है इसलिए मुझे भी उनके लिए मेहनत करना अच्छा लगता है वो जहाँ तक पढ़ना चाहें जरुर पढ़ाऊंगी बेटियों के सपने पुरे हो गए तो समझुंगी मेरी तपस्या पुरी हुई। माँ की इस तपस्या को बेटियाँ पुरा करना चाहती हैं या नहीं इस बारे मे सुनीता की सबसे छोटी बेटी शालिनी कहती है“ हम जानते हैं माँ हमारे लिए ही सुबह से लेकर शाम तक लोगों के घरों में काम करती हैं और हमे सारी सुख सुविधाएँ देने मे लगी है, ताकि भविष्य में कभी हमें ऐसा काम न करना पड़े शायद इसलिए माँ बार बार हमें मन लगाकर पढ़ने को कहती हैं मेरा भी सपना है कि पढ़ लिख कर या तो सरकारी नौकरी करु या अच्छी फैशन डिजाइनर बनुँ क्योंकि मुझे सिलाई करना बहुत पसंद है। बेटी के सपने और सुनीता की मेहनत से पति खुश है या नही इस सवाल के जवाब मे सुनीता के पति कहते है "जिसे ऐसी बहादुर पत्नी और बेटियाँ मिली हो वो खुश कैसे नही होगा हाँ शुरु -शुरु मे थोड़ा अफसोस होता था कि मेरा कोई बेटा नही है तो बुढ़ापा कैसे कटेगा लेकिन मेरी पत्नी ने जिस तरह अब तक मेरा साथ दिया औऱ कम पढ़ी लिखी होने के बाद भी  बेटियों को जो संस्कार दिए है उसपर मुझे गर्व है ये और बात है कि कुछ लोग मुझे इस बात का ताना देते हैं कि मेरी पत्नी लोगों के घरों में काम करती है उनके जुठे बर्तन साफ करती है जबकि औरों की पत्नियाँ अच्छे दफ्तरों में जाती हैं तो मैं ऐसे लोगों को बस एक ही जवाब देता हूँ कि काम नही लोगों की सोच छोटी होती है। मुझे हमेशा अपनी पत्नी पे गर्व था और रहेगा"।
सुनीता के पति की ये बाते उन तमाम लोगों के लिए एक सीख है जो कम पढ़ी लिखी महिलाओं को समाज का एक अलग हिस्सा समझते हैं, महिला दिवस के अवसर पर सुनीता की मेहनत औऱ उसकी पति की सोंच को हम सबका सलाम ।

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