गुरुवार, मार्च 16, 2017

दलित प्रदीप चौधरी की पुलिस पिटाई के बाद मौत

झारखंड राज्य के कोडरमा जिले के सतगावां थानान्तर्गत टेहरो गांव के दलित प्रदीप चौधरी की पुलिस पिटाई के बाद मौत हो गई। इनकी गलती यह थी कि 13 मार्च को होली के दिन यह अपनी औकाद भूलकर सतगावां थाना के एक चौकीदार को रंग व गुलाल लगा दिया। ये भूल गए थे कि वर्दीधारी और आम जनता में धरती-आसमान का फर्क होता है, फिर वो डीजीपी हो या चौकीदार। रंग व गुलाल एक दलित के हाथों लगते ही मानो चौकीदार की इज्जत ही चली गयी, बस क्या था, साहब थाने से जाकर अपने साथियों को बुला लाए और तबतक पीटते रहे, जब तक अस्पताल में भर्ती लायक नहीं हो गए और अंततः आज प्रदीप चौधरी ने दम तोड़ दिया।

दलित प्रदीप चौधरी की पुलिस पिटाई के बाद मौत

झारखंड राज्य के कोडरमा जिले के सतगावां थानान्तर्गत टेहरो गांव के दलित प्रदीप चौधरी की पुलिस पिटाई के बाद मौत हो गई। इनकी गलती यह थी कि 13 मार्च को होली के दिन यह अपनी औकाद भूलकर सतगावां थाना के एक चौकीदार को रंग व गुलाल लगा दिया। ये भूल गए थे कि वर्दीधारी और आम जनता में धरती-आसमान का फर्क होता है, फिर वो डीजीपी हो या चौकीदार। रंग व गुलाल एक दलित के हाथों लगते ही मानो चौकीदार की इज्जत ही चली गयी, बस क्या था, साहब थाने से जाकर अपने साथियों को बुला लाए और तबतक पीटते रहे, जब तक अस्पताल में भर्ती लायक नहीं हो गए और अंततः आज प्रदीप चौधरी ने दम तोड़ दिया।

सोमवार, मार्च 13, 2017

वैशाली पुलिस का कारनामा पीड़िता और उसके परिवार को ही हत्या के आरोप में जेल भेज दिया

Mustaqim Siddiqui
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वैशाली (बिहार) में शर्मा मिर्चा गाँव महुआ बाज़ार से 6 किलोमीटर की दूरी पर है, उसी गाँव का मुमताज़ आलम जो 2500 रूपया प्रतिमाह पर महुआ बाज़ार में एक कपड़े की दूकान पर काम करता था, उस गरीब परिवार की एक बेटी 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थी, दो महीने पूर्व गाँव के कुछ ज़िम्मेदार लोगों ने मुमताज़ आलम को बताया के दूसरे गाँव का एक बहुसंख्य समुदाय का लड़का जो अपराधिक पृष्ठभूमी से है एवं ऑटो चालक भी है उसकी बेटी के चक्कर में उसके घर के पास ऑटो रिक्शा लेकर अक्सर आता जाता है, एक गरीब और मजबूर पिता को यह बात सुन कर बहुत दुख हुआ और दुसरे दिन जब खुद अपनी नजरों से उसने देखा के उसकी बेटी के चक्कर में ऑटो चालक उसके घर के पास ऑटो लाकर खड़ा किया है एवं उसके घर की तरफ टकटकी लगाकर देख रहा है तो गुस्से में उसने ऑटो चालक को अपने घर के पास आने से मना किया और हल्ला हंगामा करके वहाँ से हटने पर मजबूर किया |

दूसरे दिन ऑटो चालक को उसी के समुदाय के लोगों ने आपसी कलह (रंजिश) में हत्या करके मुमताज़ आलम के घर के पीछे 300 फीट की दूरी पर एक झाड़ी में लाकर फेंक दिया, उसके शव को फेकने के आधे घंटे बाद बगल गाँव के लगभग 250 से 300 लोगों ने ऑटो चालक के शव को कंधे पर उठा कर जय श्री राम और जय बजरंगबली का नारा लगाते हुए मुमताज़ आलम के गाँव के मुस्लिम मोहल्ले पर हमला बोल दिया और उसी बीच मुमताज़ आलम की बेटी को श्री राम और बजरंग बली की फौज ने  पकड़ कर सरेआम पूरे गाँव में नंगा घुमाया, सामूहिक रूप से उसके आबरू और इज्ज़त से खिलवाड़ किया |

सुशासन के नाम पर सत्ता पर बैठी नीतीश की संघी मानसिकता वाली पुलिस के सामने पुरे गाँव में एक नाबालिग लड़की को सरेआम नंगा घुमाया जाता रहा लेकिन मदद करने के बजाए महिला पुलिस के आने तक दर्शको के साथ भगवा रंग में रंगी पुलिस दर्शक बनी रही लेकिन हद तो तब हो गई जब बिहार पुलिस ने मुमताज़ आलम एवं उसकी बेटी को सुरक्षा देने के बजाए उन अपराधियों का साथ देते हुए
मुमताज़ आलम, मुमताज़ आलम के छोटे भाई, मुमताज़ आलम की दो बेटियों (जिसमे एक पीड़िता भी शामिल है) को हत्या के आरोप में गिरफतार करके हाजीपुर जेल भेज दिया और आज एक महीने से ज्यादा समय गुज़र जाने के बाद भी इस गाँव में ऐसा भय है कि कोई मुंह खोलने को तैयार नही है, डर और खौफ के कारण पीड़ित परिवार की मदद के लिए कोई आगे आने को तैयार नही |

आज इन्साफ इंडिया की ओर से मुमताज़ आलम से मिलने हाजीपुर जेल हमारे सहयोगी गये थे लेकिन जेल प्रशासन ने मुमताज़ आलम से मिलने नही दिया दोस्तों इन्साफ इंडिया इस मुद्दे को आपके सामने पेश कर आपसे मुमताज़ आलम के परिवार को इन्साफ दिलाने के लिए आवाजें बुलंद करने का अनुरोध कर रही है |

एक गरीब परिवार की लड़की की अस्मत के लुटेरों पर पूरा समाज , समाजिक संगठन , महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, मानवधिकार, जनप्रतिनिधी, पत्रकार , मीडीया संस्थान सभी खामोश हैं, आप से हम अनुरोध करते हैं के आप अपनी चुप्पी तोड़िये, नीतीश सरकार से सवाल पूछिए, मुस्लिम लीडरों से सवाल पूछिए, नीतीश सरकार के कसीदे पढ़ने वाले मुस्लिम उलमा से भी सवाल पूछिए कि जिसके इज्ज़त के साथ खिलवाड़ किया गया है उसे ही अपराधी क्यों बनाया गया है ?

- Mustaqim Siddiqui

शनिवार, मार्च 11, 2017

उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2017 में जीतने वाले मुस्लिम विधायकों की सूची

1- महबूब अली /सपा/ अमरोहा
2- अबरार अहमद /सपा/ इसौली
3- मौ रिज़वान /सपा/ कुन्दरकी
4- नाहिद हसन /सपा/ कैराना
5- नफीस अहमद /सपा/ गोपालपुर
6- नसीर खान /सपा/ चमरवा
7- नवाबजान /सपा/ ठाकुरद्वारा
8- तसलीम अहमद /सपा/ नजीबाबाद
9- आलम बदी /सपा/ निज़ामाबाद
10- मौ फहीम /सपा/ बिलारी
11- यासिर शाह /सपा/ मटेरा
12- इकराम कुरेशी /सपा/ मुरादाबाद देहात
13- आज़म खान /सपा/ रामपुर
14- अब्दुल्ला आज़म /सपा/ स्वार
15- मौ रेहान /सपा/ लखनऊ कैंट
16- मौ रमज़ान /सपा/ श्रावस्ती
17- इक़बाल महमूद /सपा/ संभल
18- इरफान सोलंकी /सपा/ सीसामऊ
19- रफीक अंसारी /सपा/ मेरठ
20- सोहेल अखतर /कांग्रेस / कानपुर कैंट
21- मसूद अखतर /कांग्रेस / सहारनपुर देहात
22- असलम चौधरी /बसपा / धौलाना
23- मौ मुजतबा /बसपा / प्रतापपुर
24- मौ असलम /बसपा / भिनगा
25- मुखतार अंसारी /बसपा / मऊ
26- गुड्डू जमाली /बसपा / मुबारक पुर
27- सय्यदा खातून /बसपा / डुमरिया गंज

Note /- सपा-19,  कांग्रेस-2,  बसपा-6

गुरुवार, मार्च 09, 2017

इंसाफ इन्डिया और मजलिस ए उलमा का एक शिष्ट मंडल नवादा एस पी से मिला

नवादा सामुहिक ब्लातकार के मामले को लेकर इंसाफ इन्डिया और मजलिस ए उलमा का एक प्रतिनिधी मंडल आज एस पी नवादा से हजरत मौलाना नौशाद ज़ुबैर मलिक की अध्यक्षता में मिलकर निम्न बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण माँगा :

1. घटना के 20 दिन गुज़र जाने के बाद भी सभी ब्लातकारियों की गिरफतारी क्यूँ नही हुई ?

2. अकबरपुर थाना प्रभारी द्वारा सामुहिक ब्लातकार को छुपाने एवं मेडिकल जाँच एक सप्ताह के बाद करवाने का षढ़यंत्र रचने के कारण अभी तक बर्खास्तगी क्यूँ नही हुई ?

3. ब्लातकार पीड़िता के भाई और पिता पर झूटा केस करके परेशान क्यूँ किया जा रहा है ?

साथ ही उपर सभी बिंदुओं पर एक मेमोरंडम भी एस पी नवादा को दिया गया l

एस पी नवादा की ओर से कंडिकावार निम्नलिखित उतर दिये गये :

1. जल्द ही सभी ब्लातकारियों को गिरफतार कर लिया जायेगा एवं सभी पर सख्त धारा लगाया गया है l

2. अकबरपुर थाना प्रभारी से नवादा एस पी कार्यलय द्वारा स्पष्टीकरण माँगा गया है और दो दिनों में यदि संतुष्ट स्पष्टीकरण नही आता है तो अकबरपुर थाना प्रभारी पर उचित कारवाई होगी l

3. ब्लातकार पीड़िता के भाई और पिता पर झूटा केस करने के कारण एस पी नवादा ने इंसाफ इन्डिया और मजलिस ए उलमा के प्रतिनिधी मंडल के सामने अकबरपुर थाना प्रभारी को फोन पर कड़ी फटकार लगाई एवं केस खत्म करने का आश्वासन दिया l

दोस्तों यह आपकी , हमारी और हमसब की मेहनत का असर है जो पक्षपात वाली प्रशासन (ब्लातकारियों को धर्म के नाम पर समर्थन वाली प्रशासन) अब थाना प्रभारी पर गाज गिराने के मुड में है , जी वही एस पी आज दबाव में दिखा जो 25/02 को मेरे द्वारा किये गये फोन के जवाब में ब्लातकार की घटना से ही इंकार किया था l

जो भी हो नवादा की ज़मीन गर्मी आने के दस्तक से पहले गर्म हो चुकी है , यदी होली तक कोई उचित कारवाई नही हुई तो नवादा का आंदोलन बिहार का एक इतिहासिक आंदोलन होगा ज़िससे  पुरे बिहार से ब्लातकार मुक्त आंदोलन का डँका बजेगा l

Mustaqim Siddiqui
राष्ट्रीय संयोजक
इंसाफ इन्डिया l

बुधवार, मार्च 08, 2017

ट्रांसक्शन चार्ज के खिलाफ आवाज उठाये

06 अप्रैल 2017 को कृपया बैंक से कोई ट्रांसक्शन ना करे। ताकि बैंक को पब्लिक का पावर पता चल सके। और शायद बैंक चार्जेस हटा दे जो बैंक ने अभी नया लगाया है।
अगर आज एक साथ नहीं आये तो आनेवाले दिनों में बैंक नए चार्जस लगाने से नही डरेगी। पैसा अपना फिर पैसा लेते वक़्त हम किस बात का चार्ज दे? पहले पैसा बैंक में डलवाया फिर निकालने नही दिया और अब पैसे निकालने पे भी चार्ज। अब तो वक़्त आ गया है बैंक को पब्लिक पावर दिखाने का। कृपया 6 अप्रैल को कोई भी ट्रांसक्शन ना करे।  अगर हम सब एक साथ हुए तो बैंको को जुकना ही पड़ेगा।  अगर फिर भी बैंक ना मानी तो 24, 25 ,26 अप्रैल को फिर से पब्लिक पावर दिखाना होगा।

सोमवार, मार्च 06, 2017

सीतामढ़ी ज़िला के 46 तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवक मानदेय भुगतान नहीं होने के कारण भूक मरी के कगार पर

सीतामढ़ी ज़िला के 46 तालिमी मरकज़ के शिक्षा स्वयं सेवी को एक साल से भी ज़्यादा अवधि से जिला साक्षरता द्वारा मानदेय राशि का भुगतान नहीं किया गया है जिस कारण शिक्षा स्वयं सेवी भूकमर के कगार पर पहुँच गए हैं।मानदेय राशि भुगतान को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सीतामढ़ी से लेकर माननीय मुख्यमंत्री बिहार तक गुहार लगाई गई है लेकिन मानदेय भुगतान की दिशा में कोई कार्रवाई होती हुई दिखाई नहीं पड़ रही है।
ज्ञात हो कि 21 फ़रवरी को ज़िला तालिमी मरकज़ एसोसिएशन सीतामढ़ी का सात सदस्यी शिष्टमंडल ज़िला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी से मिल कर मानदेय भुगतान करवाने की अपील की थी।

मालूम हो कि जिला में 29 जुलाई 2016 को योगदान करने वाले 15 शिक्षा स्वयं सेवी का मानदेय राशि भुगतान किया जा रहा है वहीं फरवरी 2016 और 11 जुलाई 2016 में योगदान करने वाले शिक्षा स्वयं सेवी को मानदेय राशि भुगतान से वंचित रखा जा रहा है।

शनिवार, मार्च 04, 2017

पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन का इंतक़ाल

पूर्व सांसद एवं बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के नेता सैयद शहाबुद्दीन साहब का इंतेक़ाल हो गया है जो अपूरणीय क्षति है,अल्लाह से दुआ है कि महरूम को जन्नत में आला से आला मोकाम दे (आमीन)

सैयद शहाबुद्दीन की उम्र तक़रीबन बिरासी साल थी, वे इंडियन फॉरेन सर्विस के टॉपर थे।आई एफ एस की हैसियत से कई मुल्कों में उन्होनें हिंदुस्तानी सिफारत खानों में खिदमात अंजाम दी थीँ।सर्विस छोड़ कर वह सियासत में आये थे।1979 से1996 तक वह पार्लियामेंट के रुक्न रहे।

गुरुवार, मार्च 02, 2017

दो फिट नौ इंच का परीक्षार्थी पहुँचा परीक्षा देने

सीतामढ़ी जिला के परीक्षा केंन्द्रमदरसा रहमानिया मेहसौल पर दो फिट नौ इंच का परीक्षार्थी मैट्रिक का परीक्षा देने जैसे ही पहुँचा  उस को देखने के लिए चारों तरफ से लोग उमड़ पड़े। उस की उम्र अठारह वर्ष है।परीक्षार्थी का नाम मोहन कुमार यादव है

एटीएम से असफल ट्रांजैक्शन: ...तो प्रतिदिन ₹100 जुर्माना देगा बैंक

कई बार ऐसा होता है कि एटीएम से पैसे निकालते वक्त अकाउंट से पैसे कट तो जाते हैं, लेकिन ट्रांजैक्शन डिक्लाइन हो जाता है। यानी, एटीएम से पैसे निकलते नहीं हैं। ऐसी परिस्थिति में बैंकों को रिजर्व बैंक की ओर से क्या निर्देश दिए गए हैं, इससे वाकिफ होना बहुत जरूरी है। दरअसल, रिजर्व बैंक का सख्त निर्देश है कि अगर तय वक्त पर बैंक ने पैसे वापस नहीं किए तो उसे प्रतिदिन 100 रुपये की दर से जुर्माना देना होगा। आइए जानते हैं क्या हैं नियम...

7 दिन की मोहलत
एटीएम ने पैसे नहीं दिए और अकाउंट से रकम कट गई, लेकिन खुद वापस नहीं हुई तो आपने जिस बैंक अकाउंट का एटीएम कार्ड इस्तेमाल किया, उसके होम ब्रांच में इसकी शिकायत करनी चाहिए। नियम यह है कि आपने जिस दिन शिकायत की, उसके सातवें कार्य दिवस तक अकाउंट बैंक को आपके अकाउंट में पैसे लौटाना होगा। पहले इसकी समय-सीमा 12 दिनों की थी। लेकिन, बाद में रिजर्व बैंक ने इसे घटाकर सात दिन कर दी।

पैसे वापसी के साथ जुर्माना भी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का स्पष्ट निर्देश है कि बैंकों को जुर्माने की रकम ग्राहक के खाते में खुद-ब-खुद डालना होगा। इसके लिए ग्राहक की ओर से दावा ठोकने की जरूरत नहीं होगी। खास बात यह है कि जिस दिन फेल्ड ट्रांजैक्शन के पैसे वापस होंगे, उसी दिन जुर्माने की रकम भी अकाउंट में डालनी होगी।

...तब प्रतिदिन 100 रु. जुर्माना
नियम के मुताबिक, अगर बैंक शिकायत मिलने के सात वर्किंग डेज के अंदर ग्राहक के पैसे लौटाने में असमर्थ रहता है तो उसे हर दिन 100 रुपये के हिसाब से जुर्माना ग्राहक को देना होगा। यानी, अगर वक्त पर आपका पैसा नहीं लौटे तो आप बैंक से जुर्माना वसूलने के अधिकारी हैं।

30 दिन की मियाद
यह जानना काफी महत्वपूर्ण है कि जुर्माना वसूलने का अधिकार आपको तभी मिलता है जब आप एटीएम से पैसे नहीं निकलने के दिन के 30 दिनों के अंदर बैंक में शिकायत दर्ज कर देते हैं। अगर आपने एटीएम से असफल लेनदेन के बाद अकाउंट में पैसे नहीं लौटने की शिकायत 30 दिन के बाद करेंगे तो आप जुर्माने का दावा नहीं ठोक सकते।