बुधवार, फ़रवरी 15, 2017

बिहार के उर्दू विद्यालयों से जुमे की छुट्टी समाप्त करने की साजिश

बिहार के सभी सरकारी उर्दू विद्यालयों में शुक्रवार को छुट्टी रहती है लेकिन इधर कुछ दिनों से एक सोचे समझे मंसूबे के तहत इस छुट्टी को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।

कभी प्रखंड स्तर पर प्रधानअध्यापक और शिक्षकों की बैठक, कभी कृमि मुक्त अभियान और अब शुक्रवार के दिन वार्षिक मूल्यांकन की तिथि की घोषणा कर के शिक्षा विभाग यह साबित करना चाहता है कि उसके नज़दीक राज्यपाल के उस आदेश की भी कोई अहमियत नहीं है जिसमे न सिर्फ उर्दू विधालयों बल्कि सभी सरकारी विभाग के मुस्लिम कर्मचारियों को शुक्रवार की दिन अपराहन 12:30 से 2:30 तक जुमा की नमाज़ के लिए अनुमति प्रदान की गई है (देखिये सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी संकल्प पत्र संख्या 10298, दिनांक 20 जुलाई 2012).
बिहार शिक्षा परियोजना ने वार्षिक मूल्यांकन की जो समय सारणी जारी की है उसके अनुसार दिनांक 17 मार्च को शुक्रवार से ही परीक्षा शुरू होनी है. ऐसे में सभी उर्दू विधालय भी शुक्रवार के दिन खुले रखने होंगे. 24 मार्च को परीक्षा समाप्ति का दिन भी शुकवार ही है. शुक्रवार के दिन उर्दू स्कूलों को खुला रखने का आदेश शिक्षा विभाग की सांप्रदायिक निति को स्पष्ट करता है.जब की इस से पहले भी जुम्मा को अर्ध वार्शिक परीछा में उर्दू स्कूल को खुला रखा गया है। उर्दू के मोअल्लिम अकलियत प्राइमरी एजुकेशन एसोसिएशन के जिला सेक्रेटरी मास्टर मोहम्मद मोबीन अख्तर, नाराजगी का इजहार करते हुए कहा कि जुम्मा के दिन इम्तिहान लिया जाना न सिर्फ अकलियतों के हुकूक के खिलाफ वर्जि है बल्कि हुकूमत बिहार के फैसले कर भी मनाफी है। कारवानी उर्दू के जिला तर्जुमान अमानुल्लाह खालीद ने कहा कि जुम्मा का दिन सिर्फ उर्दू स्कूल में ही नहीं बल्कि मुसलमानों के लिए एक अहम दिन है इसी की वजह से हर एक सरकारी विभाग में 12:30 बजे से लेकर ढाई बजे तक मुसलमान कर्मचारियों को छुट्टी दी जाती है लेकिन यह एक सोची समझी साजिश के तहत इस छुट्टी को खत्म करने की सरकार की मंशा जाहिर हो रही है। जबकि करवाने उर्दू के जिला सेक्रेटरी मोहम्मद असजद अली ने कहा कि जो अपने आप अकलियतों की सरकार कहती है वही सरकार इस तरह के फैसले ले रहे हैं इससे आम मुसलमानों में हुकूमत के खिलाफ गलत रुझान जा रही है अगर इस तरह के फैसले वापस नहीं लिए गए तो हुकूमत के खिलाफ अकलियतों के दरमियान गलत मैसेज जाएंगे और मुझे उम्मीद है कि माननीय मुख्यमंत्री और बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री इस फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। 

मंगलवार, फ़रवरी 14, 2017

टोला सेवक और शिक्षा स्वयं सेवी का दो दिवसीय "" कमाल ""आधारित उन्मुखीकरण कार्यशाला सम्पन्न

प्रखण्ड संसाधन केँद्र परिहार सीतामढ़ी के सभा कक्ष में टोला सेवक और शिक्षा स्वयं सेवी केन्द्रों के सभी बच्चों के लिए पढ़ने-पढ़ाने, सिखने-सिखाने को लेकर प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन ने दो दिवसीय ग़ैर आवासीय "कमाल " आधारित उन्मुखीकरण कार्य शाला का आयोजन किया गया था जिस का आज समापन हुआ।" कमाल " कंबाइंड एक्टिविटीज फ़ॉर maximized के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का तरीका प्रथम संस्था के बी आर पी संतोष कुमार ने टोला सेवक और शिक्षा स्वयं सेवी प्रशिक्षुओं को दी।कार्यशाला समापन के समय के आर पी वीरेंद्र कुमार, लेखा समन्वयक दुःखा बैठा  प्रशिक्षण में महेंद्र साफी, लालू, पूनम कुमारी मोहम्मद कमरे आलम, हामिद अंसारी, नूरेन, उबैदुल्लाह, संतोष कुमार, रामबाबू ,सरफ़राज़,महबूब रेज़ा, असलम रेज़ा, मुस्तफा दर्ज़ी, ग़ुलाम समदानी, मोहम्मद हामिद, मुस्तफा अहमद,शाहीन परवीन, रिज़वाना खातून, बज़्मे आरा रोक्साना खातून, शहानी फात्मा,सफीना खातून, रुबीना तहसीन आदि कुल 38 प्रतिभागी मौजूद थे।


सोमवार, फ़रवरी 13, 2017

परिहार में कांग्रेस का जन वेदना कार्यक्रम

आज केंन्द्र सरकार के नोट बन्दी से आम जनता को हुई परेशानियों को अवगत कराने के लिए कांग्रेस ने गाँधी उच्च माध्यमिक विद्यालय परिहार के प्रांगण में ""जन वेदना कार्यक्रम ""का आयोजन 11.00बजे से किया है जिस में जिला अध्यक्ष विमल शुक्ला और प्रभारी विधान सभा क्षेत्र परिहार मोहम्मद परवेज़ आलम व सभी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शामिल हो रहे हैं।कांग्रेस के पूर्व प्रखण्ड अध्यक्ष मोहम्मद सऊद आलम ने परिहार के अवाम से जन वेदना कार्यक्रम में हिस्सा लेने का अपील कर कार्यक्रम को सफल बनाने का अनुरोध किया है।

रविवार, फ़रवरी 12, 2017

10 फ़रवरी को उत्थान केंन्द्र और तालिमी मरकज़ के द्वारा दिया गया धरना मील का पत्थर साबित होगा

10 फ़रवरी 2017 को बिहार प्रदेश महादलित टोला सेवक संघ के आह्वान पर बिहार के लग भग 35 जिलों में जिला अध्यक्षों के अध्यक्षता में अपनी एक सूत्री मांग के समर्थन में जिला मुख्यालयों में शांति पूर्ण धरना का आयोजन कर अपनी एक सूत्री माँग "" मानदेय नही वेतन मान चाहिए और उत्थान केंन्द्र और तालिमी मरकज़ के कर्मी को प्राथमिक शिक्षक का दर्जा देकर विद्यालय में समायोजित किया जाए "" सरकार के समक्ष पेश किया और अपनी चट्टानी एकता का अद्भुत मिसाल पेश किया।मालूम हो की बिहार के सिर्फ तीन जिला ने धरना का समर्थन नही किया है।

उत्थान केंन्द्र और तालिमी मरकज़ के कर्मी अपने रौशन मुस्तक़बिल को देखते हुए पूरी तरह मुत्तहिद हो कर एक दिवसीय धरना को सफल करने के लिए रात दिन एक कर दिया था , इस धरना को असफल करने  के लिए  हर संभव प्रयास किया गया मगर धरना पूरी तरह कामयाब रहा।

गुरुवार, फ़रवरी 09, 2017

डी एम भागलपुर ने आठ वर्षीय बच्ची के बलात्कारी को गिरफ्तार करने का दिया आदेश

Mustaqim Siddiqui
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आज भागलपुर में कुछ इंसाफ पसंद लोगों ने 8 वर्ष की ब्लात्कार पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए इंसाफ मार्च निकाल कर ब्लात्कार पीड़िता को भागलपुर डी एम के सामने खड़ा किया पीड़िता खुद से डी एम के कार्यालय में खड़ी होकर अपने उपर हुए जुल्म पर चुप्पी तोड़ी l मालूम हो की देश इस ब्लातकार पर खामोश है लेकिन आजसे पीड़िता ने ब्लात्कारी को सजा दिलाने के लिए इंसाफ पसंदों के साथ आवाज बुलंद कर चुकी है l

डी एम भागलपुर ने पीड़िता , उसके परिवार और इंसाफ मार्च के प्रतिनिधियों के सामने एस पी नौगछीया को फोन करके ब्लात्कारी को अबिलम्ब गिरफतार करने का आदेश दिया , एस पी नौगछीया ने जैसे ही कहा के ब्लात्कारी फरार है यह सुनते ही डी एम साहेब ने सख्त आदेश देते हुए कहा के ब्लात्कारी को किसी भी हाल में अबिलमब गिरफतार किया जाय l

डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन

देश के प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति भारत रत्न विभूषित शिक्षाविद डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन का जन्मदिन है , आपके व्यक्तित्व व कृतित्व से आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा मिले और राष्ट्र के लिये उत्सर्ग होने का भाव सृजित हो , ऐसे प्रयास हम सभी के अभिनंदिनीय होंगे l
राष्ट्रपति बनने पर अपने उदघाटन भाषण में उन्होंने कहा था कि समूचा भारत मेरा घर है और इसके सभी बाशिन्दे मेरा परिवार हैं। 3 मई 1969 को उनका निधन हो गया। वह देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति थे जिनका कार्यालय में निधन हुआ।

डॉ. ज़ाकिर हुसैन (अंग्रेज़ी: Zakir Hussain, जन्म: 8 फ़रवरी, 1897 - मृत्यु: 3 मई, 1969) भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे। उनका राष्ट्रपति कार्यकाल 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक रहा। डॉ. जाकिर हुसैन मशहूर शिक्षाविद् और आधुनिक भारत के दृष्टा थे। ये बिहार के राज्यपाल (कार्यकाल- 1957 से 1962 तक) और भारत के उपराष्ट्रपति (कार्यकाल- 1962 से 1967 तक) भी रहे। उन्हें वर्ष 1963 मे भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1969 में असमय देहावसान के कारण वे अपना राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।केवल 23 वर्ष की अवस्था में वे 'जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय' की स्थापना दल के सदस्य बने। वे अर्थशास्त्र में पी.एच.डी की डिग्री के लिए जर्मनी के बर्लिन विश्वविद्यालय गए और लौट कर जामिया के उप कुलपति के पद पर भी आसीन हुए। 1920 में उन्होंने 'जामिया मिलिया इस्लामिया' की स्थापना में योगदान दिया तथा इसके उपकुलपति बने। इनके नेतृत्व में जामिया मिलिया इस्लामिया का राष्ट्रवादी कार्यों तथा स्वाधीनता संग्राम की ओर झुकाव रहा। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति बने तथा उनकी अध्यक्षता में ‘विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग’ भी गठित किया गया। इसके अलावा वे भारतीय प्रेस आयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, यूनेस्को, अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा सेवा तथा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से भी जुड़े रहे। 1962 ई. में वे भारत के उपराष्ट्रपति बने।
कार्यक्षेत्र
डॉ. ज़ाकिर हुसैन भारत के राष्ट्रपति बनने वाले पहले मुसलमान थे। देश के युवाओं से सरकारी संस्थानों का वहिष्कार की गाँधी की अपील का हुसैन ने पालन किया। उन्होंने अलीगढ़ में मुस्लिम नेशनल यूनिवर्सिटी (बाद में दिल्ली ले जायी गई) की स्थापना में मदद की और 1926 से 1948 तक इसके कुलपति रहे। महात्मा गाँधी के निमन्त्रण पर वह प्राथमिक शिक्षा के राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष भी बने, जिसकी स्थापना 1937 में स्कूलों के लिए गाँधीवादी पाठ्यक्रम बनाने के लिए हुई थी। 1948 में हुसैन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति बने और चार वर्ष के बाद उन्होंने राज्यसभा में प्रवेश किया। 1956-58 में वह संयुक्त राष्ट्र शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति संगठन (यूनेस्को) की कार्यकारी समिति में रहे। 1957 में उन्हें बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया और 1962 में वह भारत के उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए। 1967 में कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में वह भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुने गये और मृत्यु तक पदासीन रहे।
अनुशासनप्रिय व्यक्तित्त्व
डॉ. ज़ाकिर हुसैन बेहद अनुशासनप्रिय व्यक्तित्त्व के धनी थे। उनकी अनुशासनप्रियता नीचे दिये प्रसंग से समझा जा सकता है। यह प्रसंग उस समय का है, जब डॉ. जाकिर हुसैन जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति थे। जाकिर हुसैन बेहद ही अनुशासनप्रिय व्यक्ति थे। वे चाहते थे कि जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र अत्यंत अनुशासित रहें, जिनमें साफ-सुथरे कपड़े और पॉलिश से चमकते जूते होना सर्वोपरि था। इसके लिए डॉ. जाकिर हुसैन ने एक लिखित आदेश भी निकाला, किंतु छात्रों ने उस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। छात्र अपनी मनमर्जी से ही चलते थे, जिसके कारण जामिया विश्वविद्यालय का अनुशासन बिगड़ने लगा। यह देखकर डॉ. हुसैन ने छात्रों को अलग तरीके से सुधारने पर विचार किया। एक दिन वे विश्वविद्यालय के दरवाज़े पर ब्रश और पॉलिश लेकर बैठ गए और हर आने-जाने वाले छात्र के जूते ब्रश करने लगे। यह देखकर सभी छात्र बहुत लज्जित हुए। उन्होंने अपनी भूल मानते हुए डॉ. हुसैन से क्षमा मांगी और अगले दिन से सभी छात्र साफ-सुथरे कपड़ों में और जूतों पर पॉलिश करके आने लगे। इस तरह विश्वविद्यालय में पुन: अनुशासन कायम हो गया।
लखनऊ

बुधवार, फ़रवरी 08, 2017

तालिमी मरकज़ मोतीहारी का निर्णय 10 फ़रवरी के धरना मे लेंगें हिस्सा

जिला मोतीहारी तालिमी मरकज़ संघ के सचिव मोहम्मद इरशाद आलम के इत्तलाः के मुताबिक 07 फ़रवरी को जिला कमिटी की बैठक जिला अध्यक्ष मोहम्मद रुस्तम की अध्यक्षता में हुई जिस में निर्णय लिया गया कि 10 तारीख को होने वाले धरना में ज़िला के सभी तालिमी मरकज़ के साथी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें।साथ ही पूरे बिहार के तालिमी मरकज़ से अपील किया गया है कि किसी के बहकावे में न आयें।
राब्ते के लिए अपना नम्बर भी जारी किया है।
Md Rustam 9955763764
or Md Irshad alam 9507092321

मंगलवार, फ़रवरी 07, 2017

साक्षर भारत कर्मियों ने मुख्य कार्यक्रम समन्वयक नागेन्द्र पासवान का किया भव्य स्वागत

प्रखण्ड लोक शिक्षा समिति रुन्नी सैदपुर साक्षर भारत के कर्मियों ने लोक शिक्षा समिति के प्रांगण में एक सभा का आयोजन प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी रुन्नी सैदपुर माधवेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में कर मुख्य कार्यक्रम समन्यवक सीतामढ़ी नागेन्द्र पासवान के कार्य भार सँभालने के उपलक्ष्य में भव्य स्वागत किया और अपनी एक सूत्री माँग पत्र सौंपा।की साक्षर भारत कर्मी को केंद्रीय कर्मी का दर्ज़ा देने की घोषणा की जाय।
मौके पर कार्यक्रम समन्यवक नवीन कुमार, राम किशोर सिंह, कल्पना कुमारी, अशोक कुमार तालिमी मरकज के मो• शाहिद रेजा आदि मौजूद थे।

तालिमी मरकज़ और उत्थान केंन्द्र के कर्मियों की आवाज़ को अब बिहार सरकार दबा नही पाएगी - मोहम्मद कमरे आलम

बिहार प्रदेश के हर कोने से उठ रही तालिमी मरकज़ और उत्थान केंन्द्र के कर्मियों की आवाज़ को अब बिहार सरकार दबा नही पाएगी।सरकार को राज्य कर्मी का दर्जा के साथ वेतन मान देना होगा।तालिमी मरकज़, उत्थान केँद्र के एकता अखंडता को मैं दिल से सलाम करता हूँ।

MD Qamre Alam Ekdandi parihar sitamarhi Bihar

सोमवार, फ़रवरी 06, 2017

तालिमी मरकज़ और उत्थान केंन्द्र के कर्मी को राज्य कर्मी का दर्जा व वेतनमान देने की माँग को लेकर जिला स्तरीय बैठक आयोजित

जिला तालिमी मरकज़ संघ सीतामढ़ी के बैनर तले आज सीतामढ़ी जिला के तमाम तालिमी मरकज़ रेज़ाकारों की अहम्  बैठक डुमरा हवाई अड्डा के ग्राउंड में तालिमी मरकज़ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद एजाज़ कौसर खान की सदारत में आयोजित की गई। बैठक में इत्तफ़ाक़ राय से तजवीज़.पास किया गया की बिहार सरकार तालिमी मरकज़ और उत्थान केंन्द्र के कर्मी को राज्य कर्मी घोषित करे और वेतनमान दे। बैठक में ये भी तय हुआ कि अपनी उक्त माँगों के समर्थन में तमाम तालिमी मरकज़ रज़ाकारों का हस्ताक्षरित माँग पत्र मुख्यमंत्री को भेजा जाए। बैठक में सीतामढ़ी जिला के सभी ब्लॉक सदूर और तमाम रजाकार और प्रदेश कमिटी के नायब सदर मोहतरमा नुजहत जहाँ ,जॉइन्ट सेक्रेटरी मोहम्मद सगीर अंसारी मौजूद थे बैठक में खास कर जिला कमिटी को फयाल बनाने पर खासा जोड़ दिया गया।
जिला सदर ने मज़बूत जिला कमिटी बनाने व रेज़ाकारों की समस्याओं को जल्द अज़ जल्द हल निकालने का वादा किया।उन्होंने कहा कि नये साथियों के मानदेय भुगतान के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे।

रविवार, फ़रवरी 05, 2017

आठ साला बलात्कार पीड़िता को इन्साफ दिलाने के लिए इन्साफ इंडिया ने तय किया दौड़ा कार्यक्रम

6 फरवरी 2017 से 11 फरवरी 2017 तक प्रथम चरण में लगातार बिहार के अलग अलग 12 ज़िलों का दौरा l

8 साल की रेप पिड़ीता को इंसाफ दिलाने समाजिक संगठनों , समाजिक कार्यकर्ताओं , कानून विशेषज्ञयों , ज़िम्मादार नागरिकों , छात्र संगठनों , निर्वाचित प्रतिनिधियों का सहयोग लेना और सरकार पर दबाव बनाना चुंके बिहार सरकार एवं सरकारी तंत्र इस कांड में उपेक्षा कर रही है l

शनिवार, फ़रवरी 04, 2017

जानवरों और परिंदों से मोहब्बत करो

एक बार आप मुहम्मद साहब(सल्ल्लाह अलैहे व सल्लम) किसी सफर में जा रहे थे एक ऐसे मक़ाम पर पड़ाव किया जहानं परपरिंदों ने अंडा दिया था एक आदमी ने वह अंडा उठा लिया, चिड़िया बेक़रार हो कर पर् मार रही थी आप मुहम्मद साहब(सलल्लह् अलैहे व सल्लम) ने फ़रमाया किस ने इसका अंडा छीन कर तकलीफ पहुँचाई है उन साहब ने कहा या रसूलल्लाह मुझ से यह हरहत हुइ है आप मुहम्मद साहब सल्ल्लाह अलैहे व सल्लम ने कहा अंडे को वहीँ रख दो।

गुरुवार, फ़रवरी 02, 2017

तालिमी मरकज़ के शिक्षा स्वयं सेवक राजनीती का शिकार न बने

बिहार प्रदेश के सभी तालिमी मरकज़  साथियों  व्हाट एप्प पर बिना मतलब बहस ,इल्ज़ाम तराशी से कुछ हासिल होने वाला हो तो बतलाये ।इस फालतू के बहस से कुछ हासिल होने को नही है लिहाज़ा खामखा के बहस से बचा जाये।
तालिमी मरकज़ हों या उत्थान केंन्द्र के साथी सभों की ख्वाहिश है कि उनको सरकार राज्य कर्मी घोषित कर वेतनमान दे मगर ज़रा सोचें क्या सरकार ये माँग  तालिमी मरकज़ और उत्थान केंन्द्र को देने जा रही है ?
सोचने वाली बात ये है कि जब सरकार तालिमी मरकज़ और उत्थान केंन्द्र के कर्मी को निविदा कर्मी और नियोजित मानने को तैयार नही -------
ऐसे हालात में हमारे तालिमी मरकज़ के साथी ये भ्रम पाले हुए हैं कि सरकार निश्चय यात्रा के खात्मा पर तश्त में पेश कर बहुत बड़ी चीज पेश करने जा रही है इस लिए सरकार के सामने सांकेतिक तौर पर भी बैठक कर अपनी कोई माँग न रखें। और तरह तरह के मिसाल पेश कर डराया जा रहा है जो ग़ैर मुनासिब है।
आप ये कान खोल कर सुन लें आप की सेवा 60 साल होगी ये संकल्प में नही बल्कि सरकार का ये कहना है कि 60 साल तक सेवा लेगी।

आपने जो अपने ख्वाब व ख्याल में पाल रखा है क्या वह बिना क़ुर्बानी के हासिल किया जा सकता है  ?
मैं तालिमी मरकज़ के लोगों से खास कर कहना चाहता हूँ कि  "दूसरे का नुकसान कैसे हो इस पर अमल न करें बल्कि अपना फायदा कैसे हासिल किया जा सकता है इस पर अमल करें याद रखें दूसरे की तनक़ीद(मूल्यांकन)करने वाला कभी कामयाब नहीं होता हमेशा घाटे में रहता है। अक्लमंदी इसी में है कि उत्थान केंन्द्र के बैनर तले नही, तालिमी मरकज़ के बैनर तले ही हस्ताक्षर युक्त मेमोरेंडम सरकार को जानी ही चाहिए यह भी याद रखें सरकार के पास अगर प्रस्ताव नही होता है तो किसी मामले पर विचार (ग़ौर)नही किया जाता है।
लिहाज़ा तालिमी मरकज़ वर्किंग कमिटी के ज़िम्मेदारान और जिला सदूर आपस में ग़ौर व फ़िक्र ज़रूर करें।आज तालिमी मरकज़ के लोगों को समझाया जा रहा है कि सरकार तालिमी मरकज़ को बिना कुछ किये ही सारी सुविधा दे चुकी जो शिक्षा मित्र को लड़ने के बाद मिला कितने मासूम हैं ये लोग कुछ समझते भी हैं या नहीं ?तालिमी मरकज़ को मिलनी चाहिए वह तो अभी तक कुछ मिला ही नहीं ।जो ये कहते हैं तालिमी मरकज़ को स्थायी बिना लड़ाई के ही दिया गया वह लोगों को धोखा दे रहे हैं लड़ाई का ही नतीजा है कि आज तालिमी मरकज़ का वजूद बाकी है वरना तो सरकार ने तालिमी मरकज़ का वजूद मिटा ही दिया था।आप के अवलोकन के लिए कुछ एहतेजाज की अखबार कटिंग पेश कर रहा हूँ।

अगले भाग का इंतज़ार करें

आपका
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इन्साफ पशंदों बिहार के बीहड़ से बलात्कार पीड़िता की माँ इन्साफ की आवाज़ लगा रही है

मुस्तकीम सिद्दीकी
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मैं काजल की माँ हूँ , मैं नेत्रहीन एवं मजदूर हूँ , मैं बिहड़ में रहती हूँ , मेरी 8 साल की बेटी का ब्लात्कार कोसी नदी की तट पर सूर्य की रौशनी में मेरी झोपड़ी के सामने मकई के खेत के पास हुआ है , मैं गरीब हूँ , मैं कमजोर हूँ , मैं अकेली हूँ l

ब्लातकार करने वाला ठाकुर , दबंग और ज़मींदार है l ब्लात्कारी शक्तीशाली एवं राजनीतिक पकड़ वाला है , ब्लात्कारी एवं उसका पुरा समुदाय मेरी बेटी की ब्लातकार को झुटा साबित करने की लिये शासन एवं प्रशासन का साथ ले रहा है l

आजतक पुलिस हमारे घर पर जाँच पड़ताल के लिये नही आई , आजतक पुलिस ब्लात्कार के ज़गह पर बहे खुन को उठा कर नही ले गई , आजतक पुलिस ब्लात्कारी को गिरफतार नही कीl

बिहार सरकार , जनप्रतिनिधी एवं पुलिस ब्लात्कारी का साथ दे रही है , मैं समाज के ज़िम्मादार नागरिक , स्वंय सेवी संगठन , समाजिक संगठन , मानवधिकार संगठन, समाजिक कार्यकर्ता से अपील करती हूँ के एक नेत्रहीन, गरीब , मजदुर , असहाय माँ की 8 साल की बेटी के ब्लात्कारी को सजा दिलाने आगे आयें l

बुधवार, फ़रवरी 01, 2017

तालिमी मरकज़ और उत्थान केँद्र के कर्मी को राज्य कर्मी घोषित करे सरकार - एक्शन फ़ॉर जीरो टॉलरेंस

एक्शन फ़ॉर जीरो टॉलरेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संयोजक राकेश कुमार सिंह और मोहम्मद सऊद आलम ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर बिहार सरकार से तालिमी मरकज़ और उत्थान केँद्र के कर्मी को राज्य कर्मी घोषित कर वेतनमान देने की माँग किया है ।उन्होंने कहा कि तालिमी मरकज़ और उत्थान केँद्र के कर्मी का नियोजन जिस लक्ष्य के लिए किया गया था उसी कार्य की पूर्ति के लिए किया जाये।अन्य कार्य में लगाया जाना अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति समुदाय के साथ धोखा है।

ब्लात्कार पीड़िता और उसका परिवार 13 फरवरी को करेगा इन्साफ की फरियाद

Mustaqim Siddiqui राष्ट्रीय संयोजक इन्साफ इंडिया
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भागलपुर ब्लातकार  8 साला पीड़िता एवं उसका परिवार 13 फरवरी 2017 को दिल्ली में भारत के इंसाफ पसंद नागरिक , समाजिक कार्यकर्ता , मानवधिकार कार्यकर्ताओं,  न्यायधिशों , नेताओं एवं समाजिक संगठनों से संसद के सामने खड़े होकर फर्याद करेगी , यह कोई भीड़ की आवाज नही होगी , कोई रैली नही होगी , यह कोई धरना नही करेगी बल्के एक 7/8 साल की लड़की अपने असमत के लुटेरों को सजा दिलाने के लिए अकेली आवाज उठायेगी l

इस बेटी की इज्ज़त की गैरत किसी को नही है , इस लिये देश खामोश है , हम भी खामोश हैं , चुंके बिहड़ में रहने वाले 8 साल की लड़की की असमत के लुटेरों को बिहार सरकार का साथ है , अब यह लड़की बिहड़ से उठ कर संसद के गलियारों के सामने से आवाज देगी ज़िसे गैरत होगा वह साथ आयेगा l

दोस्तों बिहड़ में रहनी वाली फुलन देवी का ब्लात्कारी भी ठाकुर था , दबंग था , असर और रसुख वाला था , इस 8 साल की लड़की का ब्लात्कारी भी ठाकुर है , दबंग है , असर और रसुख वाला है  ,फुलन देवी ने चंबल के घने जंगलों से आवाज दी थी और खुद इंसाफ किया था , 8 साल की यह लड़की संसद के स्तंभ के सामने से खड़ी होकर आवाज देगी l इंसाफ देश करेगा l

ज़िसे इस आवाज को दबाना है , दबा कर देख ले l ज़िसे इस 8 साल की बच्ची को खामोश करना है , खामोश कर ले l ज़िसे ब्लातकारियों को बचाना है बचा ले l

मंगलवार, जनवरी 31, 2017

मजीबुर रहमान (खान साहब)उर्फ भुटकुन मालिक हक़ीक़ी से जा मिले

इंतेहाई दुःख के साथ अर्ज़ कर रहा हूँ कि जनाब मोहम्मद माजिबुर रहमान (खान साहब)उर्फ़ भुटकुन वल्द मोहम्मद इमामुद्दीन एकडंडी परिहार सीतामढ़ी आज शाम लग भग 3:37 बजे अपने मालिक हक़ीक़ी से जा मिले (इन्ना लिल्लाहि व इन्ना अलैहे राजेऊन )।मरने वाले में मालिक ने कई औसाफ़ से नवाजा था ये मिलान सार और बा हिम्मत और फराख दिल इंसान थे।म
जनाज़े की नमाज़  01 .02.2017 को बाद नमाज़ ज़ुहर अदा की जाएगी।
खैर खाहों से गुज़ारिश है मरहूम के मग़फ़रत के लिए दुआ कर दें
अल दाई
मोहम्मद कमरे आलम

शराब मुक्त बिहार को बलात्कार युक्त बिहार बनाने की कोशिश, बलात्कारी को बचाने की कोशिश

मुस्तकीम सिद्दीकी की क़लम से
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जनप्रतिनिधियों समेत हजारों लोगों ने ब्लातकारी का समर्थन किया l

देश की 18 साल की एक बेटी निर्भया के साथ बलात्कार हुआ था तो सरकारें हिल गई थी , आनन् फानन में नए नए कठोर कानुन बनाये गये थे , अद्ध्यादेश लाये गये थे , कुछ ही दिनों में सारे बलात्कारियों की गिरफ्तारी हो गई थी , फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में केस की सुनवाई शुरू हुई थी, बलात्कारी के तरफ से लड़ने वाले वकील की पिटाई हुई थी और जल्द ही बलात्कारियों को फांसी की सजा सुनाई गयी थी |  दुसरी तरफ एक मासूम 8 साल की देश की बेटी के साथ बलात्कार होता है , तो बलात्कारी के समर्थन में छेत्र के जनप्रतिनिधी , प्रमुख , मुखीया , पंचायत प्रतिनिधी समेत 1300  लोग जिला पुलिस अधिक्षक (एसपी) , पुलिस महानिरीक्षक (आई जी) समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को हस्ताक्षर करके बलात्कारी का समर्थन करते हैं या दुसरे शब्दों में बलात्कार का समर्थन करते हैं और ख़ास बात यह है के यह बिहार की घटना है, जी हाँ  उसी बिहार की घटना है जहाँ शराब मुक्त बिहार के लिए मानव श्रृंखला बना कर इतिहास रचा गया , विश्व रिकोर्ड बनाया गया और जिस दिन यह विश्व रिकॉर्ड बनाया जा रहा था उसी दिन बलात्कारी का समर्थन करने वाले शराब मुक्त बिहार का भी समर्थन कर रहे थे यानी शराब मुक्त बिहार को बलात्कार युक्त बिहार बनाने की इच्छा व्यक्त कर रहे थे |

अब सवाल यह उठता है के निर्भया के मामले में देशव्यापी आन्दोलन करने वाले आज चुप्पी क्यूँ साधे हुए हैं ? सवाल यह भी उठता है के बलात्कारी या दुसरे शब्दों में बलात्कार का समर्थन करने वाले जनप्रतिनिधीयों ने ऐसा क्यूँ किया ? तो जनाब एक तरफ जहां निर्भया का बलात्कारी छोटे जाती , अनपढ़ और गवांर था, निर्भया का बलात्कारी का परिवार गरीब था , वहीं निर्भया उच्च जाती की बिटिया थी , निर्भया पारामेडिकल की स्टूडेंट थी , निर्भया का बलात्कार दिल्ली के सडकों पर रात के अंधेरों में हुआ था वहीं दुसरी तरफ 8 साल की मासूम का बलात्कारी उच्च जाती , भूस्वामी , दबंग , राजनितिक पकड़ रखने वाला एवं आर्थिक रूप से बहुत मालदार है वहीं पीडिता एवं उसका परिवार पसमांदा , गरीब , अनपढ़ , कमजोर एवं अल्पसंख्यक वर्ग से है एवं पीडिता का बलात्कार कोसी नदी के तट पर ,दिन दहाडे, सूरज की रोशनी में , मकई के पौधों से घिरे एक झोपडी के समीप हुआ है | और सबसे अहम बात यह है के इस 8 साल की मासूम जिस धर्म से आती है उसके रखवाले हर बात पर हिकमत और मसलेहत की बातें करके बुजदिल बना चुकी है और यही वजह है के जहां 1300 लोगों ने बलात्कारी के बचाव में सारे पुलिस आला अधिकारियों को हस्ताक्षर माध्यम से निर्दोष साबित करने की कोशिश की है वहीं हमारे शरियत बचाव वाले इज्ज़त और हुरमत बचाव को कोई एहमियत नही देते , जी हाँ एहमियत नही देते चुनके मैंने ऐसे कई शरियत बचाव आन्दोलन वालों को फ़ोन करके संज्ञान लेने कहा था , सरकार पर दबाव बनाने की गुज़ारिश की थी , पुलिस को कारवाई करने के लिए फ़ोन करने की गुज़ारिश की थी लेकिन आजतक एक वफद तो दूर एक अलफ़ाज़ भी मुंह से नही निकले |

इन्साफ इंडिया की ओर से मैं शुक्रगुजार हूँ, बहुत आभारी हूँ अपने मित्र एवं साथी मुकाश कुमार भाई का , अनजनी विशु भाई का , गौतम प्रीतम भाई का , अजित कुमार सोनू भाई का , प्रियंका आनंद बहन का , अद्या कुमारी बहन का जिसने मेरी एक काल पर अपने घरों से निकल कर सैकड़ो किलोमीटर नदी नाले को पार करते हुए न्याय एवं अधिकार के लिए पिडीता के घर पर पहुंच कर बुलंद आवाज़ उठा कर 72 घंटों में आरोपी को गिरफ्तार नही करने पर चरमबद्ध तरीके से आन्दोलन करने की चेतौनी देकर तैयारी कर रहे हैं|

सोमवार, जनवरी 30, 2017

हमने अपने अस्लाफ के कारनामों को भुला दिया है

आज हम अपने अस्लाफ के कारनामों और क़ुर्बानियों से नावाक़फ़ीयत रखते हैं हमें अपने अस्लाफ के कारनामों की जानकारी नही उसी का नतीजा है कि हम अपना दफाह सही तरीके से नही कर पाते।और आसानी से बातिल ताक़त हम को ग़द्दार ए वतन साबित करने की कोशिश करते रहते हैं और हम जानकारी न होने की वजह से अपनी बात गहराई से रख नही पाते।आज ज़रूरत इस बात की है कि हम अपने तांबनाक तारीख़ का गहराई से मुतालः करें और वक़्तन फवक्तान अपने अस्लाफ को याद कर उनको खेराज ए अक़ीदत पेश किया करें साथ ही उनके कारनामों, क़ुर्बानियों से नौ जवान नस्ल को रौशनाश कराने का काम करें।

                  मुल्क की आज़ादी के लिए जिस क़ौम के आबा व अजदाद ने बड़ी से बड़ी कुर्बानिया दीं उस की नस्ल को नाम नेहाद देश भक्त की नस्ल ग़द्दार ए वतन कहती हैं आज हमें मुत्तहिद होकर अपने हक़ की लड़ाई खुद लड़नी होगी अगर आप ये सोचते हैं कि आपके हक़ की लड़ाई कोई दूसरा बुलंद करेगा तो आप खुली हुई आँखों से ख्वाब देख रहे हैं।आज़ादी की लम्बी लड़ाई में जिन मुस्लिम रहनुमाओं, उलमाओं ने ने शहादत दी थी उन्हें हम ही ने फरामोश कर दिया है और उम्मीद दूसरों से लगाये बैठें हैं कि वे याद करें ,सोचने वाली बात है कहीं ऐसा होता है ? अपने माजी से फरामोशी ही हमारी पस्ती का सबब बन गई है। 

"" जो अपनों को भुला देते हैं उनको याद रखनी चाहिए उनको दुनिया भुला देती है ""

 " फज़ूल समझ कर बुझा दिया है जिन चरागों को,ऐसा चराग़ जलाओ तो रौशनी होगी "।।

रविवार, जनवरी 29, 2017

मोहम्मद कमरे आलम का पैग़ाम तालिमी मरकज़ सदूर(अध्यक्षों) के नाम

जिस क़ौम के अकाब्रिनों ने अपने क़ौम से ये तलक़ीन की के तुम्हारी सफे ऐसी हों जैसे शीशा पिलाई हुई दीवार आज वही क़ौम इंतेशार का शिकार हो गई है ।जिस के अकाबरीन ने कहा कभी भी अपने से अपना नाम किसी औहदे के लिए मत पेश करो आज उसी क़ौम के लोग किसी की क़यादत मानने के लिए तैयार नहीं, अपने आप को खुद शाख्ता आर्गेनाइजेशन के सदूर बन बैठते हैं।अपने अस्लाफ के बातों से मुन्किर होकर अपने फ़लाह व बहबूद की बात करना बेमानी होगी। टोला सेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने बतलाया 28 जनवरी को पटना में टोला सेवक संघ की बैठक आहूत की गई थी जिस में तालिमी मरकज़ के प्रदेश स्तरीय साथियों को भी आमंत्रित किया गया था, बैठक में एक साथ तालिमी मरकज़ के चार- चार प्रदेश अध्यक्ष पहुँच गए और अपनी अपनी दावेदारी पेश करने लगे कि मैं ही तालिमी मारकज का प्रदेश अध्यक्ष हूँ ।यह देखकर  प्रदेश अध्यक्ष टोला सेवक संघ का कहना है मैं तो असमंजस में पड़ गया कि ये क्या हो रहा है ? तालिमी मरकज़ के खुद शाख्ता सादूरों अगर आप को अपने वक़ार की कोई फ़िक्र नही है तो न सही मगर क़ौम के वक़ार की तो फ़िक्र करें।
             तालिमी मरकज़ का वजूद 2009 में हुआ आज तक आप लोगों( सदूर )से ये नही हुआ कि तालिमी मरकज़ संघ का रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रेशन विभाग बिहार पटना से करवा इस की तशकील बिहार के हर जिले में करें ।और आप तमाम लोग आपस में लड़ कर तमाम तालिमी मरकज़ के साथी को शर्मिंदा कर रहे हैं।आप तमाम तालिमी मरकज़ सदूर तालिमी मरकज़ अध्यक्ष की दावेदारी छोड़ आपस में इत्तेहाद क़ायम करें और जितने भी प्रदेश सतही( किसी भी ग्रुप के हों) कमिटी के ओहदेदारान हैं एक जगह मिल बैठ कर बात करें और तालिमी मरकज़ के वजूद कैबिनेट पर बात करें और जो इत्तफ़ाक़ राय सामने आती है उस पर अमल करें,और प्रदेश सतह पर एक मज़बूत कमिटी की तशकील की जाए जिस में बिहार के हर जिले की नुमाइंदगी हो।और यह कमिटी नुमाइंदा कमिटी हो जिस में कोई फ़िलहाल अध्यक्ष, सचिव आदि आदि कुछ भी न हो बल्कि प्रदेश समन्वयक व मेम्बरों पर मुश्तमिल हो।ये काम हो जाने के बाद बिहार के हर एक जिला में इत्तफ़ाक़ राय से वहाँ के तालिमी मरकज़ साथियों की राय से ब्लॉक सतह की कमिटी पूरी तरह से तशकील दे दी जाय।ब्लॉक सतही कमिटी के बाद जिला सतही कमिटी का इंतखाब के बाद ही प्रदेश कमिटी का इंतखाब होनी चाहिए तभी जाकर आर्गेनाइजेशन में मज़बूती आएगी वरना कमिटी का वजूद कागज़ी ही रहेगा।

लेख जारी रहेगा अगले भाग का इंतज़ार करें

तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वंय सेविका तबस्सुम आरा की मौत, घोषित अनुग्रह अनुदान की राशि अविलम्ब दी जाय

बहुत ही अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है की जानकारी के मुताबिक बेगुसराय के गढपुरा प्रखण्ड के तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वंय सेविका मोहतरमा तबस्सुम आरा जौजे मोहम्मद महबूब की मौत ईलाज के दौरान आज ही पटना में हो गई है। मरहूमा उत्क्रमित विद्यालय प्राणपुर में कार्यरत थी, अल्लाह मरहूमा की मगफिरत फरमाये और जन्नत मे आला मुकाम अता फरमाये (आमीन )

       मैं बिहार सरकार के शिक्षा विभाग से माँग करता हूँ कि घोषित अनुदान चार लाख की राशि मरहूमा के आश्रित को अविलंब निर्गत करें और एक आश्रित को नौकरी दे।