गुरुवार, मार्च 16, 2017

दलित प्रदीप चौधरी की पुलिस पिटाई के बाद मौत

झारखंड राज्य के कोडरमा जिले के सतगावां थानान्तर्गत टेहरो गांव के दलित प्रदीप चौधरी की पुलिस पिटाई के बाद मौत हो गई। इनकी गलती यह थी कि 13 मार्च को होली के दिन यह अपनी औकाद भूलकर सतगावां थाना के एक चौकीदार को रंग व गुलाल लगा दिया। ये भूल गए थे कि वर्दीधारी और आम जनता में धरती-आसमान का फर्क होता है, फिर वो डीजीपी हो या चौकीदार। रंग व गुलाल एक दलित के हाथों लगते ही मानो चौकीदार की इज्जत ही चली गयी, बस क्या था, साहब थाने से जाकर अपने साथियों को बुला लाए और तबतक पीटते रहे, जब तक अस्पताल में भर्ती लायक नहीं हो गए और अंततः आज प्रदीप चौधरी ने दम तोड़ दिया।

सोमवार, मार्च 13, 2017

वैशाली पुलिस का कारनामा पीड़िता और उसके परिवार को ही हत्या के आरोप में जेल भेज दिया

Mustaqim Siddiqui
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वैशाली (बिहार) में शर्मा मिर्चा गाँव महुआ बाज़ार से 6 किलोमीटर की दूरी पर है, उसी गाँव का मुमताज़ आलम जो 2500 रूपया प्रतिमाह पर महुआ बाज़ार में एक कपड़े की दूकान पर काम करता था, उस गरीब परिवार की एक बेटी 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थी, दो महीने पूर्व गाँव के कुछ ज़िम्मेदार लोगों ने मुमताज़ आलम को बताया के दूसरे गाँव का एक बहुसंख्य समुदाय का लड़का जो अपराधिक पृष्ठभूमी से है एवं ऑटो चालक भी है उसकी बेटी के चक्कर में उसके घर के पास ऑटो रिक्शा लेकर अक्सर आता जाता है, एक गरीब और मजबूर पिता को यह बात सुन कर बहुत दुख हुआ और दुसरे दिन जब खुद अपनी नजरों से उसने देखा के उसकी बेटी के चक्कर में ऑटो चालक उसके घर के पास ऑटो लाकर खड़ा किया है एवं उसके घर की तरफ टकटकी लगाकर देख रहा है तो गुस्से में उसने ऑटो चालक को अपने घर के पास आने से मना किया और हल्ला हंगामा करके वहाँ से हटने पर मजबूर किया |

दूसरे दिन ऑटो चालक को उसी के समुदाय के लोगों ने आपसी कलह (रंजिश) में हत्या करके मुमताज़ आलम के घर के पीछे 300 फीट की दूरी पर एक झाड़ी में लाकर फेंक दिया, उसके शव को फेकने के आधे घंटे बाद बगल गाँव के लगभग 250 से 300 लोगों ने ऑटो चालक के शव को कंधे पर उठा कर जय श्री राम और जय बजरंगबली का नारा लगाते हुए मुमताज़ आलम के गाँव के मुस्लिम मोहल्ले पर हमला बोल दिया और उसी बीच मुमताज़ आलम की बेटी को श्री राम और बजरंग बली की फौज ने  पकड़ कर सरेआम पूरे गाँव में नंगा घुमाया, सामूहिक रूप से उसके आबरू और इज्ज़त से खिलवाड़ किया |

सुशासन के नाम पर सत्ता पर बैठी नीतीश की संघी मानसिकता वाली पुलिस के सामने पुरे गाँव में एक नाबालिग लड़की को सरेआम नंगा घुमाया जाता रहा लेकिन मदद करने के बजाए महिला पुलिस के आने तक दर्शको के साथ भगवा रंग में रंगी पुलिस दर्शक बनी रही लेकिन हद तो तब हो गई जब बिहार पुलिस ने मुमताज़ आलम एवं उसकी बेटी को सुरक्षा देने के बजाए उन अपराधियों का साथ देते हुए
मुमताज़ आलम, मुमताज़ आलम के छोटे भाई, मुमताज़ आलम की दो बेटियों (जिसमे एक पीड़िता भी शामिल है) को हत्या के आरोप में गिरफतार करके हाजीपुर जेल भेज दिया और आज एक महीने से ज्यादा समय गुज़र जाने के बाद भी इस गाँव में ऐसा भय है कि कोई मुंह खोलने को तैयार नही है, डर और खौफ के कारण पीड़ित परिवार की मदद के लिए कोई आगे आने को तैयार नही |

आज इन्साफ इंडिया की ओर से मुमताज़ आलम से मिलने हाजीपुर जेल हमारे सहयोगी गये थे लेकिन जेल प्रशासन ने मुमताज़ आलम से मिलने नही दिया दोस्तों इन्साफ इंडिया इस मुद्दे को आपके सामने पेश कर आपसे मुमताज़ आलम के परिवार को इन्साफ दिलाने के लिए आवाजें बुलंद करने का अनुरोध कर रही है |

एक गरीब परिवार की लड़की की अस्मत के लुटेरों पर पूरा समाज , समाजिक संगठन , महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, मानवधिकार, जनप्रतिनिधी, पत्रकार , मीडीया संस्थान सभी खामोश हैं, आप से हम अनुरोध करते हैं के आप अपनी चुप्पी तोड़िये, नीतीश सरकार से सवाल पूछिए, मुस्लिम लीडरों से सवाल पूछिए, नीतीश सरकार के कसीदे पढ़ने वाले मुस्लिम उलमा से भी सवाल पूछिए कि जिसके इज्ज़त के साथ खिलवाड़ किया गया है उसे ही अपराधी क्यों बनाया गया है ?

- Mustaqim Siddiqui

शनिवार, मार्च 11, 2017

उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2017 में जीतने वाले मुस्लिम विधायकों की सूची

1- महबूब अली /सपा/ अमरोहा
2- अबरार अहमद /सपा/ इसौली
3- मौ रिज़वान /सपा/ कुन्दरकी
4- नाहिद हसन /सपा/ कैराना
5- नफीस अहमद /सपा/ गोपालपुर
6- नसीर खान /सपा/ चमरवा
7- नवाबजान /सपा/ ठाकुरद्वारा
8- तसलीम अहमद /सपा/ नजीबाबाद
9- आलम बदी /सपा/ निज़ामाबाद
10- मौ फहीम /सपा/ बिलारी
11- यासिर शाह /सपा/ मटेरा
12- इकराम कुरेशी /सपा/ मुरादाबाद देहात
13- आज़म खान /सपा/ रामपुर
14- अब्दुल्ला आज़म /सपा/ स्वार
15- मौ रेहान /सपा/ लखनऊ कैंट
16- मौ रमज़ान /सपा/ श्रावस्ती
17- इक़बाल महमूद /सपा/ संभल
18- इरफान सोलंकी /सपा/ सीसामऊ
19- रफीक अंसारी /सपा/ मेरठ
20- सोहेल अखतर /कांग्रेस / कानपुर कैंट
21- मसूद अखतर /कांग्रेस / सहारनपुर देहात
22- असलम चौधरी /बसपा / धौलाना
23- मौ मुजतबा /बसपा / प्रतापपुर
24- मौ असलम /बसपा / भिनगा
25- मुखतार अंसारी /बसपा / मऊ
26- गुड्डू जमाली /बसपा / मुबारक पुर
27- सय्यदा खातून /बसपा / डुमरिया गंज

Note /- सपा-19,  कांग्रेस-2,  बसपा-6

गुरुवार, मार्च 09, 2017

इंसाफ इन्डिया और मजलिस ए उलमा का एक शिष्ट मंडल नवादा एस पी से मिला

नवादा सामुहिक ब्लातकार के मामले को लेकर इंसाफ इन्डिया और मजलिस ए उलमा का एक प्रतिनिधी मंडल आज एस पी नवादा से हजरत मौलाना नौशाद ज़ुबैर मलिक की अध्यक्षता में मिलकर निम्न बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण माँगा :

1. घटना के 20 दिन गुज़र जाने के बाद भी सभी ब्लातकारियों की गिरफतारी क्यूँ नही हुई ?

2. अकबरपुर थाना प्रभारी द्वारा सामुहिक ब्लातकार को छुपाने एवं मेडिकल जाँच एक सप्ताह के बाद करवाने का षढ़यंत्र रचने के कारण अभी तक बर्खास्तगी क्यूँ नही हुई ?

3. ब्लातकार पीड़िता के भाई और पिता पर झूटा केस करके परेशान क्यूँ किया जा रहा है ?

साथ ही उपर सभी बिंदुओं पर एक मेमोरंडम भी एस पी नवादा को दिया गया l

एस पी नवादा की ओर से कंडिकावार निम्नलिखित उतर दिये गये :

1. जल्द ही सभी ब्लातकारियों को गिरफतार कर लिया जायेगा एवं सभी पर सख्त धारा लगाया गया है l

2. अकबरपुर थाना प्रभारी से नवादा एस पी कार्यलय द्वारा स्पष्टीकरण माँगा गया है और दो दिनों में यदि संतुष्ट स्पष्टीकरण नही आता है तो अकबरपुर थाना प्रभारी पर उचित कारवाई होगी l

3. ब्लातकार पीड़िता के भाई और पिता पर झूटा केस करने के कारण एस पी नवादा ने इंसाफ इन्डिया और मजलिस ए उलमा के प्रतिनिधी मंडल के सामने अकबरपुर थाना प्रभारी को फोन पर कड़ी फटकार लगाई एवं केस खत्म करने का आश्वासन दिया l

दोस्तों यह आपकी , हमारी और हमसब की मेहनत का असर है जो पक्षपात वाली प्रशासन (ब्लातकारियों को धर्म के नाम पर समर्थन वाली प्रशासन) अब थाना प्रभारी पर गाज गिराने के मुड में है , जी वही एस पी आज दबाव में दिखा जो 25/02 को मेरे द्वारा किये गये फोन के जवाब में ब्लातकार की घटना से ही इंकार किया था l

जो भी हो नवादा की ज़मीन गर्मी आने के दस्तक से पहले गर्म हो चुकी है , यदी होली तक कोई उचित कारवाई नही हुई तो नवादा का आंदोलन बिहार का एक इतिहासिक आंदोलन होगा ज़िससे  पुरे बिहार से ब्लातकार मुक्त आंदोलन का डँका बजेगा l

Mustaqim Siddiqui
राष्ट्रीय संयोजक
इंसाफ इन्डिया l

बुधवार, मार्च 08, 2017

ट्रांसक्शन चार्ज के खिलाफ आवाज उठाये

06 अप्रैल 2017 को कृपया बैंक से कोई ट्रांसक्शन ना करे। ताकि बैंक को पब्लिक का पावर पता चल सके। और शायद बैंक चार्जेस हटा दे जो बैंक ने अभी नया लगाया है।
अगर आज एक साथ नहीं आये तो आनेवाले दिनों में बैंक नए चार्जस लगाने से नही डरेगी। पैसा अपना फिर पैसा लेते वक़्त हम किस बात का चार्ज दे? पहले पैसा बैंक में डलवाया फिर निकालने नही दिया और अब पैसे निकालने पे भी चार्ज। अब तो वक़्त आ गया है बैंक को पब्लिक पावर दिखाने का। कृपया 6 अप्रैल को कोई भी ट्रांसक्शन ना करे।  अगर हम सब एक साथ हुए तो बैंको को जुकना ही पड़ेगा।  अगर फिर भी बैंक ना मानी तो 24, 25 ,26 अप्रैल को फिर से पब्लिक पावर दिखाना होगा।

सोमवार, मार्च 06, 2017

सीतामढ़ी ज़िला के 46 तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवक मानदेय भुगतान नहीं होने के कारण भूक मरी के कगार पर

सीतामढ़ी ज़िला के 46 तालिमी मरकज़ के शिक्षा स्वयं सेवी को एक साल से भी ज़्यादा अवधि से जिला साक्षरता द्वारा मानदेय राशि का भुगतान नहीं किया गया है जिस कारण शिक्षा स्वयं सेवी भूकमर के कगार पर पहुँच गए हैं।मानदेय राशि भुगतान को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सीतामढ़ी से लेकर माननीय मुख्यमंत्री बिहार तक गुहार लगाई गई है लेकिन मानदेय भुगतान की दिशा में कोई कार्रवाई होती हुई दिखाई नहीं पड़ रही है।
ज्ञात हो कि 21 फ़रवरी को ज़िला तालिमी मरकज़ एसोसिएशन सीतामढ़ी का सात सदस्यी शिष्टमंडल ज़िला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी से मिल कर मानदेय भुगतान करवाने की अपील की थी।

मालूम हो कि जिला में 29 जुलाई 2016 को योगदान करने वाले 15 शिक्षा स्वयं सेवी का मानदेय राशि भुगतान किया जा रहा है वहीं फरवरी 2016 और 11 जुलाई 2016 में योगदान करने वाले शिक्षा स्वयं सेवी को मानदेय राशि भुगतान से वंचित रखा जा रहा है।

शनिवार, मार्च 04, 2017

पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन का इंतक़ाल

पूर्व सांसद एवं बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के नेता सैयद शहाबुद्दीन साहब का इंतेक़ाल हो गया है जो अपूरणीय क्षति है,अल्लाह से दुआ है कि महरूम को जन्नत में आला से आला मोकाम दे (आमीन)

सैयद शहाबुद्दीन की उम्र तक़रीबन बिरासी साल थी, वे इंडियन फॉरेन सर्विस के टॉपर थे।आई एफ एस की हैसियत से कई मुल्कों में उन्होनें हिंदुस्तानी सिफारत खानों में खिदमात अंजाम दी थीँ।सर्विस छोड़ कर वह सियासत में आये थे।1979 से1996 तक वह पार्लियामेंट के रुक्न रहे।

गुरुवार, मार्च 02, 2017

दो फिट नौ इंच का परीक्षार्थी पहुँचा परीक्षा देने

सीतामढ़ी जिला के परीक्षा केंन्द्रमदरसा रहमानिया मेहसौल पर दो फिट नौ इंच का परीक्षार्थी मैट्रिक का परीक्षा देने जैसे ही पहुँचा  उस को देखने के लिए चारों तरफ से लोग उमड़ पड़े। उस की उम्र अठारह वर्ष है।परीक्षार्थी का नाम मोहन कुमार यादव है

एटीएम से असफल ट्रांजैक्शन: ...तो प्रतिदिन ₹100 जुर्माना देगा बैंक

कई बार ऐसा होता है कि एटीएम से पैसे निकालते वक्त अकाउंट से पैसे कट तो जाते हैं, लेकिन ट्रांजैक्शन डिक्लाइन हो जाता है। यानी, एटीएम से पैसे निकलते नहीं हैं। ऐसी परिस्थिति में बैंकों को रिजर्व बैंक की ओर से क्या निर्देश दिए गए हैं, इससे वाकिफ होना बहुत जरूरी है। दरअसल, रिजर्व बैंक का सख्त निर्देश है कि अगर तय वक्त पर बैंक ने पैसे वापस नहीं किए तो उसे प्रतिदिन 100 रुपये की दर से जुर्माना देना होगा। आइए जानते हैं क्या हैं नियम...

7 दिन की मोहलत
एटीएम ने पैसे नहीं दिए और अकाउंट से रकम कट गई, लेकिन खुद वापस नहीं हुई तो आपने जिस बैंक अकाउंट का एटीएम कार्ड इस्तेमाल किया, उसके होम ब्रांच में इसकी शिकायत करनी चाहिए। नियम यह है कि आपने जिस दिन शिकायत की, उसके सातवें कार्य दिवस तक अकाउंट बैंक को आपके अकाउंट में पैसे लौटाना होगा। पहले इसकी समय-सीमा 12 दिनों की थी। लेकिन, बाद में रिजर्व बैंक ने इसे घटाकर सात दिन कर दी।

पैसे वापसी के साथ जुर्माना भी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का स्पष्ट निर्देश है कि बैंकों को जुर्माने की रकम ग्राहक के खाते में खुद-ब-खुद डालना होगा। इसके लिए ग्राहक की ओर से दावा ठोकने की जरूरत नहीं होगी। खास बात यह है कि जिस दिन फेल्ड ट्रांजैक्शन के पैसे वापस होंगे, उसी दिन जुर्माने की रकम भी अकाउंट में डालनी होगी।

...तब प्रतिदिन 100 रु. जुर्माना
नियम के मुताबिक, अगर बैंक शिकायत मिलने के सात वर्किंग डेज के अंदर ग्राहक के पैसे लौटाने में असमर्थ रहता है तो उसे हर दिन 100 रुपये के हिसाब से जुर्माना ग्राहक को देना होगा। यानी, अगर वक्त पर आपका पैसा नहीं लौटे तो आप बैंक से जुर्माना वसूलने के अधिकारी हैं।

30 दिन की मियाद
यह जानना काफी महत्वपूर्ण है कि जुर्माना वसूलने का अधिकार आपको तभी मिलता है जब आप एटीएम से पैसे नहीं निकलने के दिन के 30 दिनों के अंदर बैंक में शिकायत दर्ज कर देते हैं। अगर आपने एटीएम से असफल लेनदेन के बाद अकाउंट में पैसे नहीं लौटने की शिकायत 30 दिन के बाद करेंगे तो आप जुर्माने का दावा नहीं ठोक सकते।


सोमवार, फ़रवरी 27, 2017

28 फ़रवरी को नेहरू भवन डुमरा में सेमिनार एवं मुशायरा का होगा आयोजन

उर्दू ज़ुबान  के विकास के लिए ज़िला स्तरीय सेमिनार एवं मुशायरा का आयोजन सरकारी निदेशाधीन ज़िला उर्दू भाषा कोषांग समाहरणालय सीतामढ़ी के तत्वधान में 28 फ़रवरी 2017 को नेहरू भवन डुमरा सीतामढ़ी में श्री राजीव रौशन (भा0प्र0से0) ज़िला पदाधिकारी की अध्यक्षता में किया गया है।प्रोग्राम का आगाज़ दिन के 10:00 बजे होगा जो रात के 8:00 बजे तक चलेगा।

क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक ने शिक्षा पदाधिकारी को अपने आदेश को स्थगित रखने का दिया आदेश

क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक तिरहुत प्रमंडल मुजफ्फरपुर ने ज़िला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी को अपने आदेश को स्थगित रखने का दिया आदेश दिया है।मालूम हो कि जिला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी ने सुकेश्वर राम और वीरेन्द्र कुमार ठाकुर, पंचायत शिक्षक का शिक्षा मित्र के रूप में किये गए नियोजन का अवधि विस्तार न होने के कारण इनका सेवा समाप्त का निदेश प्रखण्ड विकास पदाधिकारी परिहार और पंचायत सचिव ग्राम पंचायत राज, बेतहा को पत्रांक 1871 दिनांक 12.07.2016 के द्वारा दिया था जिस के विरुद्ध उक्त दोनों शिक्षक ने क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक मुज़फ्फर को आवेदन दे कर न्याय की गुहार लगाई थी उसी पर यह निदेश जारी किया गया है।

क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक ने अपने पत्र में लिखा है विभागीय पत्रांक 1219 दिनांक 08.08.2006 से स्पष्ट है कि विधिवत रूप से नियोजित शिक्षा मित्र जिनका अवधि विस्तार पंचायत चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने के कारण नही हो पाया, किन्तु अगर वे कार्यरत है तो नियोजित एवं कार्यरत माने जाएंगे तथा वे दिनांक 01.07.2006 से पंचायत प्रारंभिक शिक्षक के रूप में नियोजित माने जायेंगें।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि आपका पत्रांक 1871 दिनांक 12.07.2016 द्वारा दिया गया निदेश विभाग द्वारा दिए निदेश के अनुरूप नहीं है तथा इसकी समीक्षा करना उचित है साथ ही उप निदेशक ने यह भी कहा है कि विभागीय पत्र में दिए गए निदेश के अनुसार ही इन पंचायत शिक्षकों के मामलों की समीक्षा कर कार्रवाई करें और कृत कार्रवाई से सूचित करने का आदेश दिया है।

रविवार, फ़रवरी 26, 2017

नवादा की बलात्कार पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए इन्साफ इंडिया के बैनर तले 28 फ़रवरी को इन्साफ मार्च

बिहार के नवादा ज़िला के अकबरपुर थाना के फरहा गाँव में 17 साल की लड़की के साथ सामुहिक ब्लातकार के बाद उसकी हत्या की कोशिश की गई थी और सर पर धारदार हथियार से हमला के बाद गला काटने का प्रयास किया गया इस तरह के घटना की पूर्णावृति न हो और पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए इन्साफ इंडिया ने 28 फ़रवरी को इन्साफ मार्च का आयोजन किया है ।


गुरुवार, फ़रवरी 23, 2017

प्रत्येक परिवार को मिले दस हजार रुपये राष्ट्रीय लाभांश - आर्थिक न्याय

जिस प्रकार 68 प्रतिशत लोगों को राशन दिया जा रहा है उसी प्रकार देश के प्रत्येक परिवार को दस हजार रुपये प्रति माह राष्ट्रीय लाभांश के रूप में दिया जाये क्योंकि देश की पूरी प्राकृति सम्पदा के असल मालिक देश के लोग हैं इसलिए राष्ट्रीय लाभ में प्रत्येक नागरिक का बराबर का हक़ होनी चाहिए।

बुधवार, फ़रवरी 22, 2017

क्यों और किसके लिए

मेहजबीं

रब ने इंसान को
खूबसूरत दिल - दिमाग
हाथ पैर जिस्म अता किया।
दिल दिया तमाम मख़लूक़ से
मुहब्बत करने के लिए
इंसान ने मुहब्बत की
मिसालें पैदा की
मुहब्बत के सच्चे
अफसाने लिखे।
और दिमाग सोचने के लिए
सुलझा हुआ रहने के लिए
चीज़ों को इज़ाद करने के लिए।
हाथ पैर दिये अपने कामों को
अंजाम देने के लिए
मेहनत करके
हलाल रिज़्क़ खाने के लिए।
और बहुत हद तक
इस इंसान ने इन बख़्शी गई
नियामतों का
माअकूल इस्तेमाल किया।

धीरे-धीरे तरक्की याफ़ता हुआ
पक्के घर बनाए
इमारतें बनाई
मशीनें बनाई
साईकिल, बस, कार
रेल, हवाई जहाज बनाए
बिजली इज़ाद की
पेट्रोल, डीज़ल, कोयला
तेल, ढूंढ निकाले।
जैसे-जैसे
साज़ो सामान, ऐशो-आराम
फ़राहम करता गया
वैसे-वैसे
बाज़ार की दलदल में फंसता गया।
मुहब्बत, ईमानदारी
वफ़ा, बाकिरदारी पिछे छूटती गई।
लालच, दग़ाबाज़ी, ख़ुदग़र्ज़ी,
ज़ालमाना सलूक़, बदकिरदारी,
बदअख़लाक़ी उसकी खासियत बन गई।
मुहब्बत, रिश्तों की
बुनयादें भी इन्हीं चीजों पर
रखी जाने लगी।
लूट-खसोट, फ़रेब
धोखाधड़ी, बेईमानी
खून - खच्चर आम होने लगा।

साम्राज्यवाद, पूंजीवाद, दासप्रथा
रंगभेद, नस्लवाद ग़ैरबराबरी (असमानता)
जैसे लफ्ज़ो ने
यहीं से जन्म लेना शुरू किया
और फिर इनकी मुखालिफ़त में
मार्क्सवाद, गाँधीवाद, समाजवाद
जैसे लफ्ज़ो ने भी
अपना वजूद कायम किया।
तक़रार का ज़िरह का
सिलसिला आगे बढ़ता ही गया
इस इंसान का कलेजा
पत्थर का होता गया
धड़कता दिल संग(पत्थर )  हो गया।
बारूद, तोप, मिसाइल, बन्दूक,
बम बना बैठा
अपने मुफाद के लिए
इन्हें चला बैठा
क़तले आम मचा बैठा।
पहली दूसरी जंग की
ख़ौफ़नाक दास्तान तहरीर की
मक्कारी जालसाज़ी की तर्ज़ पर
अमेरिका सबका सरदार बन बैठा
वो इसी नाअहली को
अपनी आन बान शान समझ बैठा ।

नताईज़
इन  ज़ुल्म - ओ - सितम का
यह निकला
ईंट का ज्वाब पत्थर से देकर ही
मज़लूम को चैन मिला।
इन्हीं दबाए कूचलो में से
जो अपने आप को
मुसलमान कहता है
ख़ुदा के सबसे नज़दीक समझता है
वो भी अपने जिस्म पर
बम बांध मैदान में कूद पड़ा
इंसानियत तबाह करने को
बदला ऊतारने को
बेअक्ल, नासमझ,
ज़ाहिल, ज़ालिमों से बदला लेने का
यही रास्ता मिला था?
आख़िर यह बेमायनी जंग क्यों
और किसके लिए?
बदला ऊतरा या नहीं
इसका कलेजा
ठंडा हुआ कि नहीं
हा मगर यह ज़ालिमों को
सबक सिखाने के फेर में
खुद ज़लिम बन गया
इंसानियत के दायरे से
बाहर हो गया
अपनी पहचान मजहब को
धुंधला बदनाम कर दिया।

सियासत भी
इस खून खराबे से
अब पाक नहीं
मारती है फेंकती है
मासूमों पर बम
हर रोज़ कहीं न कहीं
इन सियासी लोगों के हैं चेहरे कई।
मजहब को तलवार की तरह
इस्तेमाल करते हैं
इन्हीं की वजह
से लोग आपस में भिड़ते हैं।
यहाँ- वहाँ धड़ से सर
ज़मीन पर गिरते हैं
चारों तरफ
मय्यतों का ढेर दिखाई देता है।
क्या सोचते होंगे
शमशान और कब्रिस्तान?
उन्हें भी तो
कभी ताअतील (छुट्टी ) चाहिए।
ऐसे भी मुर्दे हैं
जिन्हें कफ़न - दफ़न
शमशान कब्रिस्तान मय्यसर नहीं
उनके सर धड़ का
कोई अता - पता ही नहीं
जनाज़े की नमाज़ कैसे पढ़ी जाए
अर्थी कैसे सजाई जाए?
जब जनाज़े का ही कुछ पता नहीं।
लामहदूद मख़लूक़
बिना किसी कुसूर के
मौत के घाट उतार दी जाती है।
चिथड़े - चिथड़े उड़ा दिये जाते हैं
चुन दे इन चिथड़ों को कोई
बुन दे उन जिस्मों को फिर से कोई
कोई है
कोई है
कोई है?

मंगलवार, फ़रवरी 21, 2017

तालिमी मरकज़ एसोसिएशन ने डीईओ सीतामढ़ी को सौंपा दस सूत्री माँग पत्र

तालिमी मरकज़ एसोसिएशन सीतामढ़ी के चेयरमैन एजाज़ कौसर "नेहाल खान" के नेतृत्व में सात सदस्यी प्रतिनिधि मंडल ने जिला शिक्षा पदाधिकारी सीतामढ़ी से मिल कर दस सूत्री माँग पत्र सौंपा।माँग पत्र के माध्यम से एसोसिएशन ने माँग किया है कि जिला के तीन सौ पंचानवे तालिमी मरकज़ शिक्षा स्वयं सेवी का मानदेय अविलम्ब भुगतान करने का आदेश दिया जाये, विभिन्न चरणों में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके तालिमी मरकज़ रज़ाकारों का प्रशिक्षण प्रमाण - पत्र निर्गत करने का आदेश सम्बंधित पदाधिकारी को दिया जाये, ज़िला अंतर्गत लम्बित 46 तालिमी मरकज़ स्वयं सेवी का मानदेय अविलम्ब भुगतान करने का आदेश दिया जाये, सभी कार्यरत स्वयं सेवी का सेवा- पुस्तिका संधारण का आदेश निर्गत किया जाय साथ ही परिचय पत्र निर्गत किया जाय, बन्द कर दिये गए तालिमी मरकज़ को पुनः संचालित किया जाये और मुस्लिम बहुल इलाकों में नये तालिमी मरकज़ खोलने हेतु स्वीकृति का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाए प्रतिनिधि मंडल में मोहम्मद कमरे आलम वाईस चेयरमैन, नेक मोहम्मद अंसारी सेक्रेटरी, मोहम्मद सगीर, मोहम्मद अनवर आलम जॉइंट सेक्रेटरी, सलमान सागर मिडिया प्रभारी, हैदर अली शामिल थे।


सोमवार, फ़रवरी 20, 2017

कच्चे घरों के पक्के लोग, भूके मर रहे सच्चे लोग

""अब न सहेंगे अन्याय, जनता मांगे आर्थिक न्याय ""
देश में ग़रीबी और अमीरी का अन्तर भयावह स्थिति में है।जिसे सही नही कहा जा सकता अगर सरकार आर्थिक आधार पर नीतियों का निर्धारण नही करती है तो ग़रीबी में पैदा होने वाला आदमी ग़रीबी में ही मरता रहेगा।
जहाँ ग़रीबों की आबादी है वहाँ लोग बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित है, चलने के लिए अच्छी सड़क, ईलाज के लिए स्पताल, पढ़ाई के लिए अच्छा विद्यालय नही।आज सरकारी स्कूलों के लिए सरकार की जो नीति है वह यह है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सिर्फ अपना नाम लिखना आ जाये।सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा पर हमेशा नया नया प्रयोग कर शिक्षा को बर्बाद करती रहती है।आज से 20/25 साल पूर्व विद्यालय के खुलने का समय 10:30 और बन्द होने का समय 4:00 बजे था उस समय सरकारी स्कूलों में पढाई भी अच्छी होती थी और विद्यालय भी अपने निर्धारित समय पर खुलता और बन्द होता था आज विद्यालय के खुलने का समय 9:00 बजे और बन्द होने का 4:00 बजे है मगर न विद्यालय समय पर खुलता है और न ही समय पर बन्द होता है और न सही से पढाई ही होती है आखिर क्यों ? क्या इस के तह में जाने की ज़रूरत नही है  ?
जब विद्यालय के खुलने का समय 10:00 बजे था तो तब शिक्षक इत्मीनान से घर से भरपेट खाना खा कर विद्यालय जाते थे और मन लगा कर बच्चों को पढ़ाते थे आज विद्यालय के खुलने का समय 9:00 बजे है शिक्षकों को इत्मीनान नही विद्यालय पहुँचने की हड़- बड़ी है खाने का ठिकाना नही लिहाज़ा भूखे पेट विद्यालय पहुँचते हैं भूके पेट सिर्फ शिक्षक ही नही बच्चे भी पहुँचते हैं भूका शिक्षक बच्चों को किया ख़ाक पढ़ायेगा और भूका छात्र क्या पढ़ेगा ? इस दुनिया की सारी कोशिशें पेट भरने के लिए ही होती है और नीति निर्धारक यहीं ग़लती कर बैठते हैं और नीति निर्धारकों की ग़लती का खामियाजा औरों को भुगतना पड़ता है।

कच्चे घरों के पक्के लोग, भूखे मर रहे सच्चे लोग ।
देखो हक़ ग़रीबों का खा रहे,  उचक्के   लोग।।

शनिवार, फ़रवरी 18, 2017

आवासीय ज़मीन को भीठ/धनहर श्रेणी में दर्ज करने का आरोप

सीतामढ़ी प्रखंड परिहार थाना बेला थाना न० 79 इण्डो नेपाल सड़क निर्माण के लिए अधिगृहित भूमि को जिला भू - अर्जंन पदाधिकारी ने आवासीय जमीन को भीठ औऱ धनहर श्रेणी में दिखाया गया है जो भू धारी के साथ अन्याय है।
स्थल निरीक्षण कराकर मुआवजा दिलाने की माँग समाहर्ता सीतामढ़ी से की गई है।

शुक्रवार, फ़रवरी 17, 2017

तालिमी मरकज़ एसोसिएशन सीतामढ़ी का पुनर्गठन

16 फ़रवरी को तालिमी मरकज़ एसोसिएशन सीतामढ़ी का 21 सदस्य कमिटी का पुनर्गठन डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन एजाज़ कौसर नेहाल खान के ज़रिये अमल में आया है जो इस तरह है ।
1.एजाज़ कौसर नेहाल खान - चेयरमैन
2.नेक मोहम्मद अंसारी - सेक्रेटरी
3.मोहम्मद फ़ारूक़ अंसारी - वाईस-चेयरमैन
4.मोहम्मद कमरे आलम - वाईस-चेयरमैन
5.मोहम्मद इम्तेयाज़ अहमद- सेक्रेटरी जेनेरल
6.मोहम्मद अनवर - जॉइंट सेक्रेटरी
7.सगीर अंसारी - कोषाध्यक्ष
8.मोहम्मद मोसिम - कॉररेस्पोंडेंट
9.ग़ुलाम गॉस- कॉररेस्पोंडेंट
10.सनाउल्लाह कुरैसी - मीडिया इंचार्ज
11.रहमत अली -कॉडिनेटर
12.नेयाज अशरफ -एडवाइजर
13.मोहम्मद मुर्तुज़ा -
14.मोहम्मद मुर्तुज़ा -
15.मोहम्मद मनीर आलम
16.वाज़हुल कमर
17.सर्फे आलम
18.मोहम्मद यासीन
19.मोहम्मद हैदर अली
20.शाहिद अली अंसारी
21.हैदर अली

गुरुवार, फ़रवरी 16, 2017

14 अप्रैल अम्बेदकर ज्यंति-सह-मुख्यमंत्री सम्मान समारोह को सफल बनायें - ब्रह्मानंद दास

ब्रह्मानंद दास प्रदेश अध्यक्ष बिहार राज्य महादलित टोला सेवक संघ पटना बिहार ने
14 अप्रैल अम्बेदकर ज्यंति सह मुख्यमंत्री सम्मान समारोह को सफल बनाने के लिए  सभी टोला सेवक/तालिमी मरकज़ के साथियों से अपील किया है।उन्होंने तालिमी मरकज़ और उत्थान केन्द्रों के कर्मियों से कहा कि अपने-अपने जिला में संगठन को मजबूती प्रदान करें और जिस प्रकार हस्ताक्षर अभियान और शांति पूर्ण धरना को सफल किया उसी प्रकार 14 अप्रैल के कार्यक्रम को सफल बनायें, राज्य कमिटी आप तमाम टोला सेवक और तालिमी मरकज़ साथियों से ऐसा आशा रखती है।