मुस्तकीम सिद्दीकी की क़लम से
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जनप्रतिनिधियों समेत हजारों लोगों ने ब्लातकारी का समर्थन किया l
देश की 18 साल की एक बेटी निर्भया के साथ बलात्कार हुआ था तो सरकारें हिल गई थी , आनन् फानन में नए नए कठोर कानुन बनाये गये थे , अद्ध्यादेश लाये गये थे , कुछ ही दिनों में सारे बलात्कारियों की गिरफ्तारी हो गई थी , फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में केस की सुनवाई शुरू हुई थी, बलात्कारी के तरफ से लड़ने वाले वकील की पिटाई हुई थी और जल्द ही बलात्कारियों को फांसी की सजा सुनाई गयी थी | दुसरी तरफ एक मासूम 8 साल की देश की बेटी के साथ बलात्कार होता है , तो बलात्कारी के समर्थन में छेत्र के जनप्रतिनिधी , प्रमुख , मुखीया , पंचायत प्रतिनिधी समेत 1300 लोग जिला पुलिस अधिक्षक (एसपी) , पुलिस महानिरीक्षक (आई जी) समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को हस्ताक्षर करके बलात्कारी का समर्थन करते हैं या दुसरे शब्दों में बलात्कार का समर्थन करते हैं और ख़ास बात यह है के यह बिहार की घटना है, जी हाँ उसी बिहार की घटना है जहाँ शराब मुक्त बिहार के लिए मानव श्रृंखला बना कर इतिहास रचा गया , विश्व रिकोर्ड बनाया गया और जिस दिन यह विश्व रिकॉर्ड बनाया जा रहा था उसी दिन बलात्कारी का समर्थन करने वाले शराब मुक्त बिहार का भी समर्थन कर रहे थे यानी शराब मुक्त बिहार को बलात्कार युक्त बिहार बनाने की इच्छा व्यक्त कर रहे थे |
अब सवाल यह उठता है के निर्भया के मामले में देशव्यापी आन्दोलन करने वाले आज चुप्पी क्यूँ साधे हुए हैं ? सवाल यह भी उठता है के बलात्कारी या दुसरे शब्दों में बलात्कार का समर्थन करने वाले जनप्रतिनिधीयों ने ऐसा क्यूँ किया ? तो जनाब एक तरफ जहां निर्भया का बलात्कारी छोटे जाती , अनपढ़ और गवांर था, निर्भया का बलात्कारी का परिवार गरीब था , वहीं निर्भया उच्च जाती की बिटिया थी , निर्भया पारामेडिकल की स्टूडेंट थी , निर्भया का बलात्कार दिल्ली के सडकों पर रात के अंधेरों में हुआ था वहीं दुसरी तरफ 8 साल की मासूम का बलात्कारी उच्च जाती , भूस्वामी , दबंग , राजनितिक पकड़ रखने वाला एवं आर्थिक रूप से बहुत मालदार है वहीं पीडिता एवं उसका परिवार पसमांदा , गरीब , अनपढ़ , कमजोर एवं अल्पसंख्यक वर्ग से है एवं पीडिता का बलात्कार कोसी नदी के तट पर ,दिन दहाडे, सूरज की रोशनी में , मकई के पौधों से घिरे एक झोपडी के समीप हुआ है | और सबसे अहम बात यह है के इस 8 साल की मासूम जिस धर्म से आती है उसके रखवाले हर बात पर हिकमत और मसलेहत की बातें करके बुजदिल बना चुकी है और यही वजह है के जहां 1300 लोगों ने बलात्कारी के बचाव में सारे पुलिस आला अधिकारियों को हस्ताक्षर माध्यम से निर्दोष साबित करने की कोशिश की है वहीं हमारे शरियत बचाव वाले इज्ज़त और हुरमत बचाव को कोई एहमियत नही देते , जी हाँ एहमियत नही देते चुनके मैंने ऐसे कई शरियत बचाव आन्दोलन वालों को फ़ोन करके संज्ञान लेने कहा था , सरकार पर दबाव बनाने की गुज़ारिश की थी , पुलिस को कारवाई करने के लिए फ़ोन करने की गुज़ारिश की थी लेकिन आजतक एक वफद तो दूर एक अलफ़ाज़ भी मुंह से नही निकले |
इन्साफ इंडिया की ओर से मैं शुक्रगुजार हूँ, बहुत आभारी हूँ अपने मित्र एवं साथी मुकाश कुमार भाई का , अनजनी विशु भाई का , गौतम प्रीतम भाई का , अजित कुमार सोनू भाई का , प्रियंका आनंद बहन का , अद्या कुमारी बहन का जिसने मेरी एक काल पर अपने घरों से निकल कर सैकड़ो किलोमीटर नदी नाले को पार करते हुए न्याय एवं अधिकार के लिए पिडीता के घर पर पहुंच कर बुलंद आवाज़ उठा कर 72 घंटों में आरोपी को गिरफ्तार नही करने पर चरमबद्ध तरीके से आन्दोलन करने की चेतौनी देकर तैयारी कर रहे हैं|